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Bhooteswar Chetak Mantra- Unlocking the Mystical Powers

भूतेश्वर चेटक मंत्र: भगवान शिव का अलौकिक स्वरूप

भूतेश्वर चेटक मंत्र भगवान शिव का एक रहस्यमयी और शक्तिशाली स्वरूप है। यह मंत्र भूतकाल की गलतियों से मुक्ति, पापों का नाश, बाधाओं से छुटकारा और नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने में सहायक है। इस मंत्र के जप से व्यक्ति अपनी जीवन यात्रा में संतुलन प्राप्त करता है और आत्मा को शुद्धि मिलती है। भूतेश्वर चेटक मंत्र का उच्चारण भूतकालीन कर्मों से मुक्ति और जीवन में नई शुरुआत का प्रतीक है। शिव के इस स्वरूप की साधना से न केवल सांसारिक समस्याओं का समाधान होता है बल्कि आध्यात्मिक उन्नति भी होती है।


विनियोग मंत्र व उसका अर्थ

विनियोग मंत्र

“ॐ भूतेश्वराय चेटकाय नमः।”

अर्थ

इस मंत्र में शिव के भूतेश्वर रूप को समर्पण किया गया है। इसका अर्थ है कि साधक भगवान शिव को अपना जीवन, कर्म और आत्मा समर्पित कर उनकी कृपा प्राप्त करता है।


दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र व उसका अर्थ

दिग्बंधन मंत्र

“ॐ भूतेश्वराय नमः। दिशायै नमः। सर्वदिग्बंधनं कुरु।”

अर्थ

यह मंत्र दसों दिशाओं में सुरक्षा प्रदान करने के लिए है। इसका जप करने से साधक की चारों ओर नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है और वह सुरक्षित महसूस करता है।


भूतेश्वर चेटक मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ

मंत्र

“ॐ हुयः आः भूतेश्वरः आगच्छ आगच्छ हुं फट् “

संपूर्ण अर्थ

यह मंत्र भगवान शिव के भूतेश्वर स्वरूप को समर्पित है। “भूतेश्वर” का अर्थ है भूतों, पिशाचों और अदृश्य शक्तियों के स्वामी। इस मंत्र के द्वारा भगवान शिव को आह्वान किया जाता है कि वे साधक के जीवन में प्रकट होकर सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जाओं, बाधाओं और समस्याओं को समाप्त करें।

  • “ॐ”: यह ध्वनि ब्रह्मांडीय ऊर्जा और सकारात्मकता का स्रोत है। यह शिव को प्रणाम और ध्यान का प्रतीक है।
  • “हुयः”: यह ध्वनि अनिष्ट शक्तियों के नाश और शुभता के आह्वान का प्रतीक है।
  • “आः”: आत्मा की शुद्धि और शक्ति का सूचक है।
  • “भूतेश्वरः”: यह भगवान शिव के उस रूप का संकेत है जो अदृश्य शक्तियों का स्वामी है।
  • “आगच्छ आगच्छ”: इसका अर्थ है “आओ, आओ,” जिससे शिव का आह्वान किया जाता है।
  • “हुं फट्”: यह नकारात्मक शक्तियों को नष्ट करने और शिव की शक्ति का तेज प्रकट करने का मन्त्र है।

यह मंत्र साधक के जीवन से भूत-प्रेत दोष, पापों का भार, और नकारात्मक ऊर्जा को हटाने में सहायक है। मंत्र के नियमित जप से साधक को मानसिक शांति, आध्यात्मिक ऊर्जा और जीवन में संतुलन प्राप्त होता है। भगवान शिव के भूतेश्वर स्वरूप की कृपा से साधक अपने भूतकाल की भूलों से मुक्त होकर जीवन में नई शुरुआत कर सकता है।


जप काल में सेवन के लिए चीजें

भूतेश्वर चेटक मंत्र जप के दौरान निम्न चीजों का सेवन लाभदायक होता है:

  • शुद्ध जल
  • फल (खट्टे फल न लें)
  • ताजे दूध से बनी मिठाइयां
  • हल्का भोजन (सात्विक आहार)
  • तुलसी के पत्ते का सेवन

भूतेश्वर चेटक मंत्र के लाभ

  1. भूतकालीन पापों से मुक्ति।
  2. बुरी शक्तियों का नाश।
  3. जीवन में नई ऊर्जा का संचार।
  4. मानसिक शांति और स्थिरता।
  5. आर्थिक समस्याओं का समाधान।
  6. आध्यात्मिक उन्नति।
  7. परिवार में सुख-शांति।
  8. रोगों से छुटकारा।
  9. बुरी आदतों का अंत।
  10. बाधाओं का निवारण।
  11. भूत-प्रेत दोष से मुक्ति।
  12. आत्मा की शुद्धि।
  13. सकारात्मक ऊर्जा का विस्तार।
  14. संबंधों में सुधार।
  15. निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि।
  16. भाग्य की बाधाओं का समाधान।
  17. शिव की कृपा का अनुभव।
  18. जीवन में संतुलन की प्राप्ति।

पूजा सामग्री के साथ मंत्र विधि

सामग्री

  • शुद्ध जल
  • बिल्व पत्र
  • श्वेत पुष्प
  • धूप, दीप
  • लाल चंदन
  • सफेद कपड़ा

विधि

  1. सबसे पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  2. पूजा स्थान को साफ करें और शिवलिंग या शिव प्रतिमा को स्थापित करें।
  3. दीप जलाकर शिव को समर्पित करें।
  4. मंत्र का उच्चारण करते हुए बिल्व पत्र चढ़ाएं।
  5. ध्यान करें और मन को शांत रखें।

दिन, अवधि, और मुहूर्त

  • दिन: सोमवार या अमावस्या तिथि।
  • अवधि: 20 मिनट।
  • मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त या सूर्यास्त का समय।
  • अवधि: 18 दिन तक नियमित जप करें।

नियम

  1. जप के दौरान 20 वर्ष से अधिक आयु के साधक जप कर सकते हैं।
  2. पुरुष और स्त्री दोनों इस मंत्र का जप कर सकते हैं।
  3. काले या नीले कपड़े न पहनें।
  4. धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार से बचें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करें।

Kamakhya sadhana shivir


सावधानियां

  1. मन को एकाग्र रखें।
  2. मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और सही तरीके से करें।
  3. पूजा स्थान को शुद्ध और शांत रखें।
  4. नकारात्मक विचारों से बचें।
  5. अधूरी साधना न करें।

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मंत्र से संबंधित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न 1: भूतेश्वर चेटक मंत्र कब जपना चाहिए?

उत्तर: इस मंत्र का जप सोमवार या अमावस्या तिथि को शुभ माना जाता है।

प्रश्न 2: मंत्र का जप कितने दिनों तक करना चाहिए?

उत्तर: 18 दिन तक नियमित जप करें।

प्रश्न 3: क्या स्त्रियां यह मंत्र जप सकती हैं?

उत्तर: हां, स्त्री और पुरुष दोनों इसे जप सकते हैं।

प्रश्न 4: मंत्र जप के लिए विशेष सामग्री क्या चाहिए?

उत्तर: बिल्व पत्र, श्वेत पुष्प, और लाल चंदन मुख्य सामग्री हैं।

प्रश्न 5: क्या काले कपड़े पहन सकते हैं?

उत्तर: नहीं, काले और नीले कपड़े वर्जित हैं।

प्रश्न 6: क्या इस मंत्र से आर्थिक लाभ हो सकता है?

उत्तर: हां, यह मंत्र आर्थिक समस्याओं का समाधान करता है।

प्रश्न 7: मंत्र का सही उच्चारण क्या है?

उत्तर: “ॐ हुयः आः भूतेश्वरः आगच्छ आगच्छ हुं फट्।”

प्रश्न 8: क्या यह मंत्र बाधा मुक्ति में सहायक है?

उत्तर: हां, यह मंत्र बाधाओं को दूर करता है।

प्रश्न 9: क्या मांसाहार कर सकते हैं?

उत्तर: नहीं, मंत्र जप के दौरान मांसाहार वर्जित है।

प्रश्न 10: मंत्र जप का समय क्या है?

उत्तर: ब्रह्म मुहूर्त या सूर्यास्त।

प्रश्न 11: क्या यह मंत्र भूत-प्रेत दोष दूर करता है?

उत्तर: हां, यह मंत्र भूत-प्रेत दोष से मुक्ति दिलाता है।

प्रश्न 12: क्या मंत्र जप के बाद विशेष पूजा करनी चाहिए?

उत्तर: हां, शिवलिंग पर जल चढ़ाकर प्रार्थना करें।


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