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Ratiraj Chetak Mantra – Unlock Confidence & Energy

रतिराज चेटक मंत्र: जीवन में पौरुष, आकर्षण और शारीरिक ऊर्जा का अद्भुत स्रोत

रतिराज चेटक मंत्र आपके विवाहित जीवन में खुशियों और संतुलन को बनाए रखने में सहायक है। यह मंत्र यौन कमजोरी से मुक्ति, आत्मविश्वास में वृद्धि, शारीरिक ताकत, और आकर्षक व्यक्तित्व पाने का सरल उपाय है। यह आपकी आंतरिक चुंबकीय शक्ति को जागृत कर चेहरे पर तेज और पौरुष को बढ़ाता है। इसके नियमित जप से शारीरिक और मानसिक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे आप एक ऊर्जावान और संतुलित जीवन व्यतीत कर सकते हैं।


मंत्र व उसका अर्थ

रतिराज चेटक मंत्र, “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं विटपाय क्लीं स्वाहा,” आपकी आंतरिक और बाहरी ऊर्जा को जागृत करने वाला एक अद्भुत मंत्र है।

  • ‘ॐ’: यह ब्रह्मांडीय ध्वनि है, जो ऊर्जा का स्रोत है।
  • ‘ह्रां’: यह आत्मविश्वास और साहस को जागृत करता है।
  • ‘ह्रीं’: यह आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति प्रदान करता है।
  • ‘ह्रूं’: यह आपके भीतर की चुंबकीय ऊर्जा को सक्रिय करता है।
  • ‘विटपाय’: यह सुख-समृद्धि और संतुलन लाने वाला तत्व है।
  • ‘क्लीं’: यह आकर्षण और संबंध सुधारने का प्रतीक है।
  • ‘स्वाहा’: यह आपके संकल्प को पूर्णता प्रदान करता है।

यह मंत्र जीवन के हर पहलू में उन्नति और संतुलन लाने का मार्ग प्रशस्त करता है।

मंत्र जप के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

  • मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और सही होना चाहिए।
  • शांत और एकाग्रचित्त होकर मंत्र का जप करें।
  • मंत्र को मानसिक शांति और आत्मविश्वास के साथ जपें।

जप काल में इन चीजों का सेवन ज्यादा करें

  • दूध और घी
  • बादाम और अखरोट
  • हरी सब्जियां
  • ताजे फल
  • आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां

रतिराज चेटक मंत्र के लाभ

  1. यौन कमजोरी से मुक्ति।
  2. शारीरिक ताकत में वृद्धि।
  3. चेहरे पर तेज और आभा।
  4. आत्मविश्वास में सुधार।
  5. आकर्षक व्यक्तित्व।
  6. चुंबकीय शक्ति का विकास।
  7. मानसिक शांति।
  8. विवाह संबंधों में सुधार।
  9. ऊर्जा का संचार।
  10. कार्यक्षमता में बढ़ोतरी।
  11. पौरुष प्राप्ति।
  12. नकारात्मकता से मुक्ति।
  13. जीवन में उत्साह।
  14. स्वास्थ्य में सुधार।
  15. ध्यान और एकाग्रता में वृद्धि।
  16. जीवन में संतुलन।
  17. सफलता का मार्ग प्रशस्त।

पूजा सामग्री के साथ मंत्र विधि

सामग्री:

  • शुद्ध जल
  • एक लाल आसन
  • गाय का घी
  • दीपक और रूई
  • फूल और अगरबत्ती
  • पीला वस्त्र

विधि:

  1. शुद्ध स्नान कर लें।
  2. एकांत स्थान पर लाल आसन बिछाएं।
  3. पूजा सामग्री को सजाकर रखें।
  4. दीप जलाएं और अगरबत्ती से वातावरण को शुद्ध करें।
  5. ध्यान लगाकर मंत्र का जप प्रारंभ करें।

मंत्र जप का दिन, अवधि, और मुहूर्त

  • दिन: शुक्रवार या पूर्णिमा
  • अवधि: 20 मिनट रोज, 18 दिन तक
  • मुहूर्त: प्रातःकाल या संध्याकाल

मंत्र जप के नियम

  1. उम्र 20 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।
  2. स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं।
  3. ब्लू और ब्लैक कपड़े न पहनें।
  4. धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार का सेवन न करें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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जप में सावधानियां

  • मन को भटकने न दें।
  • शुद्ध और पवित्र स्थान का चयन करें।
  • मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और सही ढंग से करें।
  • जप के दौरान नकारात्मक विचारों से बचें।

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मंत्र से संबंधित प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: क्या यह मंत्र सभी के लिए है?

उत्तर: हां, 20 वर्ष से ऊपर के स्त्री-पुरुष दोनों इसका उपयोग कर सकते हैं।

प्रश्न 2: क्या मंत्र के साथ अन्य पूजा आवश्यक है?

उत्तर: नहीं, यह मंत्र अपने आप में पर्याप्त है।

प्रश्न 3: मंत्र का प्रभाव कब दिखाई देगा?

उत्तर: नियमित जप से 18 दिनों के भीतर सकारात्मक परिणाम मिलने लगते हैं।

प्रश्न 4: क्या विशेष रंग का उपयोग करना आवश्यक है?

उत्तर: हां, लाल या पीला वस्त्र पहनें। ब्लू और ब्लैक न पहनें।

प्रश्न 5: क्या यह मंत्र आर्थिक लाभ देता है?

उत्तर: हां, यह आपकी ऊर्जा और आत्मविश्वास को बढ़ाकर आपको सफल बनाता है।

प्रश्न 6: क्या इसे अकेले करना चाहिए?

उत्तर: हां, एकांत में जप करना अधिक प्रभावी होता है।

प्रश्न 7: क्या जप के दौरान व्रत रखना चाहिए?

उत्तर: यह अनिवार्य नहीं, लेकिन व्रत लाभकारी हो सकता है।

प्रश्न 8: क्या यह मंत्र हर समस्या का समाधान है?

उत्तर: यह जीवन में संतुलन और ऊर्जा लाने में सहायक है।

प्रश्न 9: क्या कोई इसे रोक सकता है?

उत्तर: नकारात्मक विचार और अनुचित आचरण इसका प्रभाव कम कर सकते हैं।

प्रश्न 10: क्या महिलाएं इसका उपयोग कर सकती हैं?

उत्तर: हां, महिलाएं भी इस मंत्र का उपयोग कर सकती हैं।

प्रश्न 11: क्या इसका उपयोग विवाह संबंध सुधार सकता है?

उत्तर: हां, यह विवाह संबंधों में मधुरता लाता है।

प्रश्न 12: क्या मंत्र का प्रभाव स्थायी है?

उत्तर: नियमित जप और सकारात्मक जीवनशैली से इसका प्रभाव स्थायी रहता है।

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