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Bhukti Mukti Yakshini Mantra for Solvation

भुक्ति मुक्ति यक्षिणी मंत्र – जीवन में समृद्धि और मोक्ष प्राप्त करने का मार्ग

भुक्ति मुक्ति यक्षिणी मंत्र एक शक्तिशाली तांत्रिक मंत्र है जो साधक को भौतिक और आध्यात्मिक दोनों लाभ प्रदान करता है। “भुक्ति” का अर्थ भौतिक सुख और समृद्धि से है, जबकि “मुक्ति” का तात्पर्य आध्यात्मिक मुक्ति या मोक्ष से है। यक्षिणी एक देवी या तांत्रिक शक्ति है जो अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूर्ण करती है और उन्हें जीवन के सभी कष्टों से मुक्त करती है। यह मंत्र साधना करने वाले व्यक्ति को सांसारिक समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति, दोनों प्राप्त करने में सहायता करता है।

भुक्ति मुक्ति यक्षिणी मंत्र

मंत्र:
ॐ ऐं ह्रीं भुक्ति मुक्ति यक्षिणे नमः

अर्थ: इस मंत्र में “ॐ” सार्वभौमिक ध्वनि का प्रतीक है, “ऐं” ज्ञान की देवी सरस्वती का बीज मंत्र है, “ह्रीं” शक्ति का बीज मंत्र है, “भुक्ति मुक्ति” का अर्थ है समृद्धि और मुक्ति की प्राप्ति, “यक्षिणे” का तात्पर्य यक्षिणी देवी से है, और “नमः” का अर्थ है नम्रतापूर्वक प्रणाम करना। इस प्रकार, यह मंत्र देवी यक्षिणी से जीवन की सभी बाधाओं को दूर करने और सुख-समृद्धि प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करता है।

भुक्ति मुक्ति यक्षिणी मंत्र के लाभ

  1. भौतिक समृद्धि की प्राप्ति।
  2. आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष।
  3. मानसिक शांति और स्थिरता।
  4. जीवन के सभी कष्टों का निवारण।
  5. शत्रुओं से सुरक्षा।
  6. धन और संपत्ति की प्राप्ति।
  7. रिश्तों में सुधार।
  8. बाधाओं का नाश।
  9. सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह।
  10. घर में शांति और समृद्धि।
  11. आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि।
  12. मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार।
  13. व्यापार और करियर में उन्नति।
  14. नकारात्मक शक्तियों से रक्षा।
  15. जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता।
  16. इच्छाओं की पूर्ति।
  17. साधक के चारों ओर सुरक्षा का घेरा।

भुक्ति मुक्ति यक्षिणी मंत्र विधि

मंत्र जप का दिन, अवधि, और मुहूर्त

भुक्ति मुक्ति यक्षिणी मंत्र की साधना किसी भी शुभ मुहूर्त में की जा सकती है, जैसे कि पूर्णिमा, अमावस्या या नवरात्रि के विशेष दिन। यह साधना कम से कम ११ दिनों तक की जाती है और अधिकतम २१ दिनों तक की जा सकती है। साधक को सूर्योदय के समय या रात के समय मंत्र जप करना चाहिए, क्योंकि ये समय तांत्रिक साधनाओं के लिए विशेष रूप से उपयुक्त होते हैं।

मंत्र जप सामग्री

  1. पीला वस्त्र पहनें (नीला या काला वस्त्र न पहनें)।
  2. हल्दी या चंदन की माला।
  3. घी का दीपक जलाएं।
  4. यक्षिणी की प्रतिमा या चित्र के सामने जप करें।
  5. फूल, धूप, और मिठाई का प्रसाद अर्पित करें।

मंत्र जप संख्या

रोज़ ११ माला (११८८ मंत्र) का जप करना चाहिए। साधक को लगातार ११ से २१ दिनों तक यह जप करना आवश्यक होता है।

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मंत्र जप के नियम

  1. मंत्र जप करने वाले की उम्र २० वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
  2. स्त्री और पुरुष दोनों ही यह साधना कर सकते हैं।
  3. नीले और काले कपड़े न पहनें।
  4. धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार का त्याग करें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  6. मंत्र जप के समय संयम और शुद्धता बनाए रखें।

जप सावधानियां

मंत्र जप करते समय ध्यान केंद्रित और मन को शांत रखना आवश्यक है। मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और सही होना चाहिए। साधना के दौरान कोई भी तांत्रिक बाधा न आए, इसके लिए सुरक्षा चक्र बनाया जाना चाहिए। जप के बाद यक्षिणी देवी की आरती करें और अंत में दीपक बुझा दें।

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भुक्ति मुक्ति यक्षिणी मंत्र से संबंधित प्रश्न उत्तर

1. क्या भुक्ति मुक्ति यक्षिणी मंत्र केवल तांत्रिक साधना के लिए है?

उत्तर: नहीं, यह मंत्र सामान्य साधकों द्वारा भी किया जा सकता है, बशर्ते साधक शुद्धता और अनुशासन का पालन करें।

2. मंत्र जप करने के लिए कौन सा समय सर्वोत्तम है?

उत्तर: मंत्र जप का सबसे उपयुक्त समय सूर्योदय के समय या रात में होता है।

3. क्या यह मंत्र सभी प्रकार के लाभ प्रदान करता है?

उत्तर: हां, यह मंत्र भौतिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकार के लाभ प्रदान करता है।

4. क्या मंत्र जप में कोई विशेष माला का उपयोग करना आवश्यक है?

उत्तर: हां, हल्दी या चंदन की माला का उपयोग करना सर्वोत्तम होता है।

5. क्या कोई भी व्यक्ति यह मंत्र जप सकता है?

उत्तर: हां, उम्र २० वर्ष से ऊपर का कोई भी व्यक्ति, स्त्री या पुरुष यह मंत्र जप सकता है।

6. मंत्र जप के दौरान कौन-कौन सी चीजों से बचना चाहिए?

उत्तर: धूम्रपान, मद्यपान, मांसाहार, और नीले या काले वस्त्र पहनने से बचना चाहिए।

7. क्या मंत्र जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक है?

उत्तर: हां, मंत्र जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य है।

8. मंत्र जप कितने दिनों तक करना चाहिए?

उत्तर: मंत्र जप कम से कम ११ दिन और अधिकतम २१ दिनों तक करना चाहिए।

9. मंत्र जप के बाद क्या करना चाहिए?

उत्तर: मंत्र जप के बाद देवी यक्षिणी की आरती करें और फिर प्रसाद चढ़ाएं।

10. क्या इस मंत्र से सुरक्षा का घेरा बनता है?

उत्तर: हां, यह मंत्र साधक के चारों ओर सुरक्षा का घेरा बनाता है।

11. क्या यह मंत्र जीवन की सभी बाधाओं को दूर करता है?

उत्तर: हां, यह मंत्र साधक के जीवन की सभी बाधाओं को दूर करता है।

12. क्या यह मंत्र मानसिक शांति प्रदान करता है?

उत्तर: हां, भुक्ति मुक्ति यक्षिणी मंत्र मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है।

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