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Lakshmi Yakshini Mantra – Wealth & Prosperity

लक्ष्मी यक्षिणी मंत्र – धन-संपत्ति और समृद्धि प्राप्ति का रहस्य

लक्ष्मी यक्षिणी मंत्र एक दिव्य शक्ति मंत्र माना जाता है जो व्यक्ति की धन-संपत्ति, समृद्धि और सभी प्रकार के भौतिक लाभों की प्राप्ति में सहायक होती हैं। लक्ष्मी यक्षिणी मंत्र जप करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है, कार्य सिद्ध होते हैं और धन-संपत्ति की कमी नहीं रहती। इस मंत्र का सही विधि से और पूरी श्रद्धा के साथ जप करने से देवी लक्ष्मी यक्षिणी की कृपा प्राप्त होती है।

लक्ष्मी यक्षिणी मंत्र विनियोग

विनियोग मंत्र का उपयोग मंत्र जप से पहले किया जाता है ताकि देवता और मंत्र के उद्देश्य का सही ढंग से आह्वान किया जा सके। लक्ष्मी यक्षिणी मंत्र का विनियोग इस प्रकार हो सकता है:

विनियोग:

ॐ अस्य श्री लक्ष्मी यक्षिणी मंत्रस्य, महर्षिः — ऋषि, देवता — लक्ष्मी यक्षिणी, छन्दः — अनुष्टुप्, विनियोगः — कार्य सिद्धि, धन लाभ, समृद्धि प्राप्ति हेतु जपे विनियोगः।

यह विनियोग मंत्र से पहले जप करते समय मंत्र की शक्ति, देवता और उद्देश्य का ध्यान करते हुए उसका आवाहन किया जाता है।

लक्ष्मी यक्षिणी मंत्र व उसका अर्थ

मंत्र:
॥ॐ ऐं ह्रीं श्रीं लक्ष्मी यक्षिणे कार्य सिद्धिम् हुं फट्ट॥

अर्थ:

  • ॐ: सृष्टि की प्राथमिक ध्वनि, जो सभी सकारात्मक ऊर्जाओं का स्रोत है।
  • ऐं: ज्ञान की देवी सरस्वती का बीज मंत्र है, जो समृद्धि और बुद्धि का आह्वान करता है।
  • ह्रीं: शक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है।
  • श्रीं: देवी लक्ष्मी का बीज मंत्र, जो धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति कराता है।
  • लक्ष्मी यक्षिणे: लक्ष्मी यक्षिणी को संबोधित करते हुए, धन और समृद्धि के लिए आह्वान किया जाता है।
  • कार्य सिद्धिम्: कार्यों की सफलता के लिए प्रार्थना की जाती है।
  • हुं: बुरी शक्तियों का नाश करने वाला शक्तिशाली बीज मंत्र है।
  • फट्ट: अचानक नकारात्मकता को नष्ट करने और सकारात्मकता को लाने वाला बीजाक्षर है।

यह मंत्र लक्ष्मी यक्षिणी की कृपा से धन, समृद्धि और कार्य सिद्धि के लिए जपा जाता है।

लक्ष्मी यक्षिणी मंत्र के लाभ

  1. धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
  2. व्यापार और नौकरी में सफलता मिलती है।
  3. व्यक्तिगत और पारिवारिक समस्याएं दूर होती हैं।
  4. जीवन में स्थिरता और शांति आती है।
  5. मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  6. ऋण मुक्त होने में सहायता मिलती है।
  7. रिश्तों में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
  8. घर-परिवार में सुख और समृद्धि का वास होता है।
  9. सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
  10. मन की इच्छाओं की पूर्ति होती है।
  11. नया व्यवसाय शुरू करने में सफलता मिलती है।
  12. स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  13. यात्रा में सफलता और लाभ मिलता है।
  14. जीवन में बुरी शक्तियों का नाश होता है।
  15. मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

मंत्र विधि

लक्ष्मी यक्षिणी मंत्र का जप किसी शुभ दिन से प्रारंभ करें। शुक्रवार या पूर्णिमा का दिन सर्वोत्तम माना जाता है। मंत्र जप 11 से 21 दिनों तक करें। जप के लिए सूर्योदय या सूर्यास्त का समय सबसे उचित होता है। इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें और शुद्धता बनाए रखें।

लक्ष्मी यक्षिणी मंत्र जप की सामग्री

मंत्र जप के लिए एक विशेष स्थान चुनें। वहां लक्ष्मी यक्षिणी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। गुलाबी या सफेद रंग के वस्त्र पहनें। सामग्री में स्फटिक या कमलगट्टे की माला, देसी घी का दीपक, और चंदन का धूप शामिल करें। गुलाब के फूलों का प्रयोग करें।

मंत्र जप संख्या

प्रत्येक दिन 11 माला (1188 मंत्र) जप करें। यह 11 से 21 दिनों तक लगातार करें। इस मंत्र का जप मध्यम स्वर में करें। ध्यान एकाग्र और मन शांत रखें।

लक्ष्मी यक्षिणी मंत्र जप के नियम

  1. 20 वर्ष से ऊपर के स्त्री-पुरुष कोई भी कर सकते हैं।
  2. ब्लू और ब्लैक कपड़े न पहनें।
  3. धूम्रपान, पद्यपान और मांसाहार का सेवन न करें।
  4. मंत्र जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  5. मंत्र जप के समय शरीर और मन शुद्ध रखें।

Dhanada Yakshini mantra

मंत्र जप के दौरान सावधानियां

मंत्र जप में पूरी निष्ठा और श्रद्धा होनी चाहिए। ध्यान में कोई अवरोध न हो। मोबाइल फोन और अन्य डिवाइस से दूर रहें। नकारात्मक विचारों से बचें। मन में किसी प्रकार की शंका या संदेह न रखें।

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लक्ष्मी यक्षिणी मंत्र से संबंधित प्रश्न उत्तर

प्रश्न 1: क्या लक्ष्मी यक्षिणी मंत्र स्त्रियाँ जप सकती हैं?
उत्तर: हाँ, स्त्रियाँ और पुरुष दोनों ही जप सकते हैं।

प्रश्न 2: इस मंत्र को किस समय जपना चाहिए?
उत्तर: सूर्योदय या सूर्यास्त के समय मंत्र जप सर्वोत्तम माना जाता है।

प्रश्न 3: क्या मंत्र जप के दौरान कोई विशेष रंग के कपड़े पहनने चाहिए?
उत्तर: हाँ, गुलाबी या सफेद रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।

प्रश्न 4: लक्ष्मी यक्षिणी मंत्र जप की न्यूनतम अवधि कितनी होनी चाहिए?
उत्तर: कम से कम 11 दिन तक जप करना चाहिए।

प्रश्न 5: क्या मंत्र जप के दौरान किसी प्रकार का आहार निषेध होता है?
उत्तर: हाँ, मांसाहार, धूम्रपान और पद्यपान का निषेध है।

प्रश्न 6: क्या लक्ष्मी यक्षिणी मंत्र से धन वृद्धि होती है?
उत्तर: हाँ, यह मंत्र धन-संपत्ति और समृद्धि प्रदान करता है।

प्रश्न 7: क्या इस मंत्र से ऋण से मुक्ति मिलती है?
उत्तर: हाँ, मंत्र जप से ऋण मुक्ति में सहायता मिलती है।

प्रश्न 8: क्या इस मंत्र से व्यापार में लाभ होता है?
उत्तर: हाँ, व्यापार और नौकरी में सफलता मिलती है।

प्रश्न 9: क्या मंत्र जप के दौरान किसी प्रकार की शारीरिक क्रियाएँ निषेध होती हैं?
उत्तर: हाँ, ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य है।

प्रश्न 10: लक्ष्मी यक्षिणी मंत्र जप के दौरान किस प्रकार की माला का उपयोग करना चाहिए?
उत्तर: स्फटिक या कमलगट्टे की माला का उपयोग करें।

प्रश्न 11: क्या लक्ष्मी यक्षिणी मंत्र से मानसिक शांति प्राप्त होती है?
उत्तर: हाँ, यह मंत्र मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ाता है।

प्रश्न 12: क्या इस मंत्र के जप से आध्यात्मिक उन्नति होती है?
उत्तर: हाँ, लक्ष्मी यक्षिणी मंत्र से आध्यात्मिक और मानसिक उन्नति प्राप्त होती है।

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