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Bhuvaneshwari Beej Mantra – Magic of Hreem

भुवनेश्वरी बीज मंत्र: जाप के नियम, सावधानियाँ और विशेष आहार

भुवनेश्वरी बीज (Beej) मंत्र “॥ह्रीं॥” देवी भुवनेश्वरी को समर्पित एक अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है। देवी भुवनेश्वरी, सृष्टि की अधिष्ठात्री मानी जाती हैं और उनके बीज मंत्र का जाप करने से साधक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, शांति और समृद्धि का संचार होता है।

मंत्र व अर्थ: भुवनेश्वरी बीज मंत्र

“॥ह्रीं॥”

“ह्रीं” शब्द में देवी भुवनेश्वरी की शक्ति संचित है। “ह्रीं” में छिपी हर ध्वनि एक विशेष ऊर्जा का संचार करती है जो साधक के मन, आत्मा और पूरे शरीर को जाग्रत कर देती है। यह मंत्र देवी की कृपा और आशीर्वाद को आकर्षित करता है, जिससे साधक का जीवन सुखमय और समृद्ध बनता है।

भुवनेश्वरी बीज मंत्र जाप के अद्भुत फायदे

  1. मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है।
  2. आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  3. नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा मिलती है।
  4. ध्यान में एकाग्रता आती है।
  5. आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है।
  6. शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  7. संबंधों में मधुरता आती है।
  8. आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  9. भय और असुरक्षा दूर होती है।
  10. कष्ट और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
  11. घर में सुख-शांति का माहौल बनता है।
  12. नकारात्मक विचार दूर होते हैं।
  13. जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है।
  14. शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
  15. देवी की कृपा से नए अवसर प्राप्त होते हैं।
  16. साधक को देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

जप के समय विशेष आहार

भुवनेश्वरी बीज मंत्र का जाप करते समय साधक के आहार में शुद्धता और सात्विकता होनी चाहिए, जिससे शरीर और मन को शक्ति और शांति मिले। यहां जप के समय उपयुक्त आहार और उन खाद्य पदार्थों की सूची दी गई है जिनका सेवन लाभकारी माना गया है:

1. फल

  • सेब, केला, अनार, नारंगी, पपीता, और मौसमी जैसे ताजे फलों का सेवन करें। ये मन को शांत रखते हैं और शरीर में ऊर्जा का संचार करते हैं।

2. सूखे मेवे

  • बादाम, काजू, किशमिश, अंजीर जैसे सूखे मेवे ऊर्जा प्रदान करते हैं और शरीर को मजबूत बनाते हैं, जो जप के दौरान मन को स्थिर रखते हैं।

3. दूध और दुग्ध उत्पाद

  • गाय का दूध, दही और घर में बने मक्खन का सेवन करें। यह सात्विक आहार माना जाता है जो साधना में मन को एकाग्र करता है।

4. हरी सब्जियाँ

  • लौकी, तोरी, पालक, और अन्य ताजे हरे पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें। ये शरीर को शुद्ध रखती हैं और मानसिक स्पष्टता देती हैं।

5. खिचड़ी और हल्का भोजन

  • मूंग दाल और चावल की खिचड़ी एक सुपाच्य और हल्का भोजन है, जिसे जप के दौरान सेवन किया जा सकता है। इससे शरीर में हल्कापन बना रहता है।

6. शुद्ध पानी और हर्बल चाय

  • जप के समय हाइड्रेशन बनाए रखें। गुनगुना पानी और तुलसी, अदरक से बनी हर्बल चाय का सेवन करें।

इन सात्विक आहारों का सेवन भुवनेश्वरी बीज मंत्र जाप के दौरान साधक को मानसिक और शारीरिक संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है, जिससे साधना में सिद्धि और शांति प्राप्त होती है।

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मंत्र जप के नियम

  1. आयु: 18 वर्ष के ऊपर।
  2. जप समय: प्रतिदिन 10 मिनट।
  3. उपयुक्त कपड़े: ब्लू और ब्लैक कपड़े न पहनें।
  4. परहेज: धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार का सेवन न करें।
  5. आचरण: ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  6. स्त्री और पुरुष: दोनों जप कर सकते हैं।

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मंत्र जप सावधानियाँ

  • जप का उचित दिन: मंगलवार, पूर्णिमा या नवरात्रि में।
  • उचित समय: सूर्योदय या सूर्यास्त के समय।

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भुवनेश्वरी बीज मंत्र – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: भुवनेश्वरी बीज मंत्र क्या है?

उत्तर: भुवनेश्वरी बीज मंत्र “॥ह्रीं॥” एक शक्तिशाली मंत्र है जो देवी भुवनेश्वरी की कृपा प्राप्त करने में सहायक है।

प्रश्न 2: भुवनेश्वरी बीज मंत्र का जाप कौन कर सकता है?

उत्तर: कोई भी 18 वर्ष से अधिक का व्यक्ति, चाहे स्त्री हो या पुरुष, इस मंत्र का जाप कर सकता है।

प्रश्न 3: इस मंत्र का जाप किस समय करना चाहिए?

उत्तर: सूर्योदय और सूर्यास्त का समय मंत्र जाप के लिए उत्तम माना गया है।

प्रश्न 4: क्या मंत्र जाप के दौरान कोई विशेष कपड़े पहनने चाहिए?

उत्तर: हाँ, मंत्र जाप के दौरान ब्लू और ब्लैक कपड़े न पहनें; सफेद या हल्के रंगों के वस्त्र उपयुक्त हैं।

प्रश्न 5: क्या मंत्र जाप में धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार की मनाही है?

उत्तर: हाँ, इनसे परहेज करना चाहिए क्योंकि ये साधना में रुकावट डालते हैं।

प्रश्न 6: क्या मंत्र जाप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक है?

उत्तर: हाँ, ब्रह्मचर्य का पालन मंत्र की शक्ति को बढ़ाता है।

प्रश्न 7: मंत्र का जाप कितने समय के लिए करें?

उत्तर: शुरुआत में 10 मिनट रोज जाप करना उचित है।

प्रश्न 8: क्या इस मंत्र का जाप विशेष दिनों पर करना चाहिए?

उत्तर: पूर्णिमा और नवरात्रि जैसे विशेष दिनों पर जाप करना अधिक लाभकारी है।

प्रश्न 9: इस मंत्र का जाप किस प्रकार के आहार के साथ करना चाहिए?

उत्तर: हल्का और सात्विक आहार जैसे फल, सूखे मेवे, और दूध का सेवन करें।

प्रश्न 10: क्या इस मंत्र से कोई मनोकामना पूरी हो सकती है?

उत्तर: हाँ, भक्तिपूर्वक जाप से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

प्रश्न 11: मंत्र जाप में कौन सी सावधानियाँ बरतनी चाहिए?

उत्तर: नियमितता, ब्रह्मचर्य, और सकारात्मक मानसिकता बनाए रखें।

प्रश्न 12: क्या इस मंत्र का जाप घर पर किया जा सकता है?

उत्तर: हाँ, इसे घर के शुद्ध और शांत स्थान पर किया जा सकता है।

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