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Hanuman Flag Remedy for Peace, Wealth & Success

Hanuman Flag Remedy for Peace, Wealth & Success

हनुमानी पताका का ऐसा उपाय | घर में आयेगी सुख-शांति और समृद्धि

Hanuman Flag Remedy – हनुमान जी को शक्ति, सुरक्षा और संकट निवारण का प्रतीक माना गया है। अगर जीवन में क्लेश, अशांति और आर्थिक रुकावटें हैं तो हनुमानी पताका का यह विशेष उपाय अत्यंत प्रभावशाली है। इस उपाय के साथ जब “ॐ हं हनुमंते सर्व विघ्न नष्टम् शांतिम् देही देही नमः” मंत्र का जाप किया जाता है, तो नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और घर में सुख-शांति एवं समृद्धि का वास होता है। यह 20 मिनट और 9 दिन की सरल साधना है, जो घर के किसी भी कोने में की जा सकती है। यह उपाय ना केवल भौतिक स्तर पर लाभ देता है, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक ऊर्जा भी प्रदान करता है।


२० मिनट और ९ दिन की चमत्कारी साधना

हनुमानी पताका साधना का सरल और प्रभावी स्वरूप

हनुमानी पताका की यह साधना केवल 20 मिनट प्रतिदिन की जाती है। इसे लगातार 9 दिन तक करना होता है, बिना किसी दिन का अंतराल। साधक को एक पवित्र स्थान चुनना चाहिए, जहाँ नियमित रूप से पूजा होती हो। प्रति दिन प्रातः या संध्या के समय यह उपाय करें, जब वातावरण शांत हो। साधना करते समय लाल वस्त्र पहनें और ध्यानपूर्वक मंत्र का जाप करें – ॐ हं हनुमंते सर्व विघ्न नष्टम् शांतिम् देही देही नमः

प्रत्येक दिन एक नई लाल पताका को हनुमान जी के सामने अर्पित करें। नौवें दिन सभी पताकाएं किसी मंदिर में जाकर चढ़ा दें या अपने घर की छत पर बांधें। यह उपाय घर में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।


हनुमानी पताका उपाय के प्रमुख लाभ

हनुमान ध्वज से मिलने वाले दिव्य परिणाम

  1. घर में हर प्रकार की अशांति का नाश होता है।
  2. धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
  3. परिवार में प्रेम और सौहार्द बना रहता है।
  4. शत्रु और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।
  5. मानसिक तनाव और भय समाप्त होते हैं।
  6. हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  7. व्यापार और कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है।
  8. बुरी नजर और टोने-टोटके से सुरक्षा मिलती है।
  9. संतान सुख और पारिवारिक सुख में वृद्धि होती है।
  10. घर में हर कोने में सकारात्मक ऊर्जा भरती है।
  11. रुके हुए कार्य पूर्ण होने लगते हैं।
  12. रोग-शोक से मुक्ति मिलती है।
  13. साधना से आत्मबल और साहस बढ़ता है।
  14. घर में लक्ष्मी जी का वास होता है।
  15. जीवन में स्थिरता और संतुलन आता है।

हनुमानी पताका साधना के नियम

हनुमान पूजा में आवश्यक अनुशासन

  • साधना के समय और स्थान को निश्चित रखें।
  • प्रतिदिन स्नान करके ही साधना करें।
  • लाल वस्त्र और आसन का प्रयोग करें।
  • हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने ही करें उपाय।
  • साधना के समय पूर्ण एकाग्रता रखें।
  • किसी भी दिन साधना न छोड़ें।
  • मन में श्रद्धा और विश्वास बनाए रखें।
  • व्रत रह सकें तो उत्तम, अन्यथा सात्विक भोजन लें।
  • गुस्सा, कटु भाषा और अपवित्रता से दूर रहें।

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सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त और समय

कब करें हनुमानी पताका उपाय

हनुमान जी की पूजा में मंगलवार और शनिवार विशेष शुभ माने जाते हैं। आप इस उपाय की शुरुआत मंगलवार या शनिवार को करें। प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में या संध्या के समय यह उपाय अधिक प्रभावी होता है। पूर्णिमा, अमावस्या, हनुमान जयंती, राम नवमी, या ग्रहण के समय यह उपाय करना अत्यधिक फलदायी होता है।

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हनुमानी पताका लगाने की विधि

स्टेप बाय स्टेप संपूर्ण उपाय

  1. लाल रंग की 9 पताकाएं लें, जिनपर हनुमान जी का नाम या चित्र अंकित हो।
  2. एक लाल वस्त्र बिछाकर उस पर हनुमान जी की मूर्ति या चित्र रखें।
  3. घी का दीपक जलाएं और चंदन, सिंदूर, फूल चढ़ाएं।
  4. हाथ में पताका लेकर आंखें बंद करें और मंत्र का उच्चारण करें –
    ॐ हं हनुमंते सर्व विघ्न नष्टम् शांतिम् देही देही नमः
  5. यह मंत्र 20 मिनट जपें।
  6. हर दिन एक नई पताका हनुमान जी को अर्पित करें।
  7. 9वें दिन सभी पताकाएं छत या किसी मंदिर में बांधें।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

हनुमानी पताका उपाय से जुड़ी सामान्य शंकाएं

प्र1. क्या यह उपाय केवल मंगलवार को ही करना है?
उत्तर: नहीं, आरंभ मंगलवार या शनिवार को करें। लेकिन 9 दिन प्रतिदिन करना आवश्यक है।

प्र2. क्या महिलाएं यह साधना कर सकती हैं?
उत्तर: हाँ, श्रद्धा और नियमपूर्वक करें तो स्त्रियां भी कर सकती हैं।

प्र3. क्या पुराने घर में यह उपाय करना उचित है?
उत्तर: हाँ, लेकिन शुद्धता और निष्ठा होनी चाहिए।

प्र4. क्या कोई विशेष मंत्र आवश्यक है?
उत्तर: हाँ, मुख्य मंत्र है – ॐ हं हनुमंते सर्व विघ्न नष्टम् शांतिम् देही देही नमः

प्र5. क्या इस उपाय के साथ और कोई पूजा करनी चाहिए?
उत्तर: यदि संभव हो तो सुंदरकांड या हनुमान चालीसा पढ़ना उत्तम रहेगा।

प्र6. क्या इसे साल में कई बार किया जा सकता है?
उत्तर: हाँ, हर माह या संकट काल में किया जा सकता है।

प्र7. क्या पताका कहीं से भी खरीदी जा सकती है?
उत्तर: हाँ, लेकिन उस पर हनुमान जी का चित्र या नाम होना चाहिए।

प्र8. क्या इस उपाय से तुरंत लाभ मिलेगा?
उत्तर: परिणाम व्यक्ति की श्रद्धा, नियत और भक्ति पर निर्भर करते हैं। कुछ लाभ तुरंत मिलते हैं।


अंत मे

हनुमानी पताका साधना – दिव्य जीवन की ओर एक कदम

यह साधना केवल एक उपाय नहीं, बल्कि हनुमान जी से जुड़ने का दिव्य माध्यम है। जब आप श्रद्धा से 20 मिनट प्रतिदिन इस उपाय को करते हैं, तो आपका जीवन ऊर्जा से भर जाता है। यह उपाय आपके घर को मंदिर के समान बना देता है।
हनुमान जी की कृपा से आप जीवन में प्रत्येक बाधा को पार कर पाएंगे।

हनुमान जी को नम्र भाव से नमन करें। उनकी पताका से घर में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन निश्चित है।


Kinnari Attraction Ritual – Remove Love Obstacles

Kinnari Attraction Ritual - Remove Love Obstacles

प्रेम संबंधों में अड़चन? किन्नरी साधना से पाएं समाधान!

क्या आपके प्रेम संबंधों में बार-बार अड़चनें आ रही हैं? क्या वह व्यक्ति जिससे आप प्रेम करते हैं, आपसे दूर होता जा रहा है या आपको समझ नहीं पा रहा? या फिर आप अपने जीवन में सच्चे प्रेम की तलाश में हैं पर हर बार निराशा ही हाथ लगती है?

तो अब समय आ गया है एक प्राचीन, दिव्य और रहस्यमयी साधना का — “किन्नरी आकर्षण प्रयोग”
किन्नरी साधना प्रेम, सौंदर्य, आकर्षण और सम्मोहन की एक अत्यंत शक्तिशाली विधा है, जो विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो प्रेम संबंधों में सकारात्मक परिवर्तन लाना चाहते हैं।

इस साधना में हम जाप करते हैं —
“ॐ ह्रीं किन्नरेश्वर आकर्षय आकर्षयी क्लीं नमः”
यह मंत्र प्रेम संबंधों में गहराई लाने, आकर्षण बढ़ाने और रिश्तों की उलझनों को दूर करने के लिए अद्भुत कार्य करता है।


किन्नरी साधना के चमत्कारी लाभ

  1. प्रेम संबंधों में मजबूती और भावनात्मक जुड़ाव बढ़े।
  2. आकर्षण शक्ति में तीव्र वृद्धि हो।
  3. अपने प्रेमी/प्रेमिका को पुनः आकर्षित करें।
  4. रूठे प्रेमी को मनाने में मदद करें।
  5. सच्चे प्रेम की प्राप्ति के लिए मार्ग प्रशस्त हो।
  6. रिश्तों में गलतफहमियों को दूर करें।
  7. विवाह में आने वाली बाधाएं हटें।
  8. सौंदर्य और आभा में वृद्धि हो।
  9. आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी हो।
  10. ऑफिस या सामाजिक जीवन में आकर्षण का केंद्र बनें।
  11. जीवन में सुख, शांति और प्रेम बढ़े।
  12. विरोधियों की दृष्टि प्रेम संबंधों से हटे।
  13. टेलीपैथिक कनेक्शन या भावनात्मक समझ बढ़े।
  14. अनकहे प्रेम का इज़हार आसान हो।
  15. मानसिक शांति और संतुलन बना रहे।

शुभ मुहूर्त (Auspicious Muhurth)

  • पूर्णिमा, शुक्रवार, या वसंत पंचमी जैसे प्रेम-ऊर्जा से युक्त दिन अत्यंत श्रेष्ठ हैं।
  • साधना सूर्योदय के बाद या रात्रि 9 से 12 बजे के बीच करें।
  • स्त्रियाँ रजस्वला अवस्था में साधना न करें।

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साधना विधि (Vidhi – 11 दिनों की 25 मिनट प्रतिदिन की साधना)

आवश्यक सामग्री:

  • पीला वस्त्र
  • गुलाबी या सफेद पुष्प
  • किन्नरी की फोटो या प्रतीक
  • इत्र (अत्तर)
  • कुमकुम, दीपक, और घी

विधि:

  1. एकांत व पवित्र स्थान पर उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  2. अपने सामने किन्नरी रूप की तस्वीर रखें।
  3. दीपक जलाएं, इत्र लगाएं और पुष्प अर्पित करें।
  4. कुछ क्षण मौन होकर अपनी इच्छा स्पष्ट करें।
  5. अब “ॐ ह्रीं किन्नरेश्वर आकर्षय आकर्षयी क्लीं नमः” मंत्र का जाप करें — 👉 कम से कम 11 माला प्रति दिन
  6. जाप के बाद दोनों हथेलियों से ऊर्जा को हृदय पर लाएं।
  7. यह साधना लगातार 11 दिनों तक करें।

विशेष:
इस अवधि में ब्रह्मचर्य व संयम का पालन करें, और अनावश्यक वाद-विवाद से दूर रहें।

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प्रमुख प्रश्नोत्तर

1. क्या यह साधना पुरुष व स्त्री दोनों कर सकते हैं?
हाँ, यह साधना दोनों के लिए प्रभावशाली है।

2. क्या इस मंत्र का प्रभाव तुरंत दिखाई देता है?
प्रभाव 3 से 11 दिन के भीतर दिखने लगता है, विशेषकर भावनात्मक स्तर पर।

3. क्या यह साधना एक बार से अधिक बार की जा सकती है?
हाँ, आवश्यकता अनुसार महीने में एक बार दोहराई जा सकती है।

4. क्या यह काला जादू या वशीकरण है?
नहीं, यह प्रेममयी ऊर्जा को जाग्रत करने वाली साधना है — पूर्णतः सकारात्मक।

5. क्या साधना के दौरान कुछ विशेष खानपान का पालन करना होता है?
सात्विक भोजन करें, मांस-मद्य त्यागें।

6. क्या साधना बीच में छोड़ सकते हैं?
नहीं, इसे बीच में न रोकें। अधूरी साधना से लाभ नहीं होगा।

7. क्या यह शादीशुदा लोगों के लिए भी है?
हाँ, वैवाहिक प्रेम बढ़ाने में भी यह सहायक है।

8. क्या इस साधना से प्रेम-विवाह में सफलता मिल सकती है?
हाँ, कई साधकों को इससे प्रेम विवाह में सफलता मिली है।

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अंतिम शब्द

यदि आप सच्चे प्रेम की तलाश में हैं, या किसी खास व्यक्ति के दिल में अपना स्थान बनाना चाहते हैं — तो किन्नरी आकर्षण प्रयोग आपके लिए वरदान है। यह साधना सिर्फ प्रेम को आकर्षित नहीं करती, बल्कि उसे दिव्यता में भी रूपांतरित करती है।

आज ही शुरू करें यह 11 दिवसीय साधना और प्रेममय जीवन की ओर पहला कदम बढ़ाएं।

🔔 मंत्र स्मरण करें —
“ॐ ह्रीं किन्नरेश्वर आकर्षय आकर्षयी क्लीं नमः”

Hanuman Sadhana For Money Attraction & Success

Hanuman Sadhana For Money Attraction & Success

हनुमान सिंदूर और लाल फूल से करें धन वृद्धि का चमत्कारी उपाय

Hanuman Sadhana For Money – धन की कमी, कार्यों में अड़चन और भाग्य के रुक जाने से जब जीवन थम जाए तो एक चमत्कारी उपाय है—हनुमान सिंदूर और लाल फूल से किया जाने वाला धन वृद्धि प्रयोग। यह उपाय अत्यंत शक्तिशाली, सिद्ध और गुप्त तांत्रिक परंपरा से लिया गया है, जो विशेषतः उन लोगों के लिए है जिन्हें निरंतर संघर्ष और कर्ज की समस्या बनी रहती है।

यह प्रयोग न केवल आर्थिक रूप से मजबूत करता है, बल्कि शत्रु बाधा, व्यवसाय में नुकसान, ग्रह दोष और आत्मबल की कमी को भी दूर करता है। यह साधना 20 मिनट की नित्य प्रक्रिया पर आधारित है और इसे लगातार 11 दिन करने से इसका असर स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगता है।

हनुमान जी के सिंदूर में दिव्य ऊर्जा समाहित होती है। यह सिंदूर जब विशिष्ट मंत्र और लाल फूलों के साथ अर्पित किया जाता है, तो वह साधक की साधना को शीघ्र फलदायक बना देता है।

यह साधना विशेषतः मंगलवार या शनिवार से आरंभ करें और नियमपूर्वक 11 दिन तक करें। यह प्रयोग सरल, सटीक और तुरंत फल देने वाला है। इसका लाभ आम व्यक्ति से लेकर व्यापारी, विद्यार्थी, गृहस्थ, साधक—सभी को होता है।


साधना की अवधि: 20 मिनट का दैनिक प्रयोग और 11 दिन की सिद्ध साधना

इस प्रयोग में केवल 20 मिनट प्रतिदिन का समय पर्याप्त है। आप प्रातः या रात्रि के समय शांत स्थान पर इस क्रिया को कर सकते हैं। इस प्रयोग को लगातार 11 दिन करना अनिवार्य है।

साधना सामग्री:

  1. हनुमान जी का चित्र या मूर्ति (बैठे हुए या उगते सूर्य की दिशा में)
  2. सिंदूर (विशेषतः मंदिर से प्राप्त)
  3. 11 लाल फूल
  4. एक पीतल की थाली
  5. घी का दीपक
  6. कपूर
  7. गुलाबजल

मंत्र:

“ॐ हं रक्त वर्णे हनुमंते कार्य सिद्धिम् देही देही नमः”
इस मंत्र का जाप प्रत्येक दिन कम से कम २० मिनट मंत्र जप अवश्य करें।


प्रयोग की विधि (Vidhi)

  1. प्रातः स्नान के बाद पवित्र होकर लाल वस्त्र पहनें।
  2. हनुमान जी के सामने दीपक जलाएं।
  3. थाली में सिंदूर रखें, उसमें गुलाबजल की कुछ बूंदें मिलाएं।
  4. 11 लाल फूल हनुमान जी को अर्पित करें।
  5. हर फूल अर्पण करते समय मंत्र का जाप करें।
  6. इसके बाद आंखें बंद करके 5 मिनट ध्यान करें।
  7. अंत में कपूर से आरती करें और प्रसाद स्वरूप कुछ मिश्री या गुड़ अर्पित करें।

शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)

  • मंगलवार, शनिवार या पूर्णिमा से प्रारंभ करें
  • ब्रह्म मुहूर्त (4:00 AM – 6:00 AM) सर्वोत्तम
  • अमावस्या, हनुमान जयंती या ग्रहण काल भी विशेष सिद्धि हेतु श्रेष्ठ

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इस प्रयोग के चमत्कारी लाभ (Benefits)

  1. व्यापार में अचानक लाभ
  2. जमी हुई रकम की वापसी
  3. कर्ज से मुक्ति
  4. नौकरी में प्रमोशन
  5. मानसिक शांति
  6. परिवारिक कलह का समाधान
  7. कोर्ट केस में विजय
  8. शत्रु बाधा का नाश
  9. आय में निरंतर वृद्धि
  10. गृह में सकारात्मक ऊर्जा का संचार
  11. संतान सुख में सुधार
  12. विवाह में आ रही अड़चन का निवारण
  13. धन स्थायी रूप से बढ़ना
  14. ग्रह दोषों का शमन
  15. साधक का आत्मबल और तेज बढ़ना

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प्रमुख प्रश्न और उत्तर

Q1: क्या यह प्रयोग महिलाएं भी कर सकती हैं?
हाँ, यह प्रयोग स्त्रियों के लिए भी लाभकारी है, परंतु मासिक धर्म के समय इसे न करें।

Q2: क्या सिंदूर किसी भी प्रकार का हो सकता है?
नहीं, यह मंदिर से प्राप्त पवित्र सिंदूर ही होना चाहिए, जिसमें हनुमान जी की ऊर्जा होती है।

Q3: 11 दिन में अगर एक दिन छूट जाए तो?
प्रयोग को फिर से शुरू करें। निरंतरता आवश्यक है।

Q4: मंत्र जाप किस प्रकार करना है?
माला से करें, एकाग्र होकर करें और मानसिक रूप से हनुमान जी का ध्यान करें।

Q5: अगर कोई लाल फूल न मिले तो क्या विकल्प है?
गुलाब या गुड़हल का फूल सर्वोत्तम है। यदि न मिले तो ताजे फूलों का उपयोग करें।

Q6: क्या इस साधना से तुरंत लाभ मिलता है?
कुछ लाभ तुरंत दिखते हैं, परंतु स्थायी परिणाम हेतु संयम और आस्था आवश्यक है।

Q7: क्या साधना पूरी होने के बाद कुछ विशेष करना है?
11वें दिन हनुमान मंदिर में जाकर सिंदूर और फूल अर्पण करें, और प्रसाद बांटें।

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अंत में

हनुमान जी की यह साधना अत्यंत प्रभावशाली, सिद्ध और तुरंत फल देने वाली है। सिंदूर और लाल फूल के माध्यम से जब श्रद्धा, नियम और मंत्र के साथ कार्य किया जाए, तो वह निश्चित रूप से धन, सफलता और कार्य सिद्धि का द्वार खोल देती है।

यह प्रयोग उन लोगों के लिए अत्यंत उपयोगी है जो निरंतर प्रयास के बावजूद जीवन में इच्छित सफलता नहीं प्राप्त कर पा रहे। यह एक सरल लेकिन शक्तिशाली तांत्रिक रहस्य है, जिसे यदि सच्चे मन से अपनाया जाए, तो चमत्कारिक परिणाम मिलते हैं।


Kartikeya Protection Mantra – Protect Yourself from Hidden Enemies

Kartikeya Protection Mantra - Protect Yourself from Hidden Enemies

गुप्त शत्रु परेशान कर रहे हैं? कार्तिकेय मंत्र और मिट्टी से करें रक्षा!

Kartikeya Protection Mantra – क्या आपको ऐसा लगता है कि कोई अदृश्य शक्ति आपके जीवन में बाधाएं पैदा कर रही है? क्या सफलता के मार्ग में बार-बार अनजानी रुकावटें आ रही हैं? यह गुप्त शत्रु, ईर्ष्यालु व्यक्ति या नकारात्मक ऊर्जा का संकेत हो सकता है। ऐसे समय में भगवान कार्तिकेय का एक दिव्य प्रयोग आपकी रक्षा कर सकता है। मिट्टी (पृथ्वी तत्व) का उपयोग और शक्तिशाली बीज मंत्रों का जप, आपके चारों ओर एक अदृश्य सुरक्षा कवच बना देता है।

भगवान कार्तिकेय को युद्ध और विजय के देवता माना जाता है। वे राक्षसों और शत्रुओं का नाश करने वाले दिव्य योद्धा हैं। उनका आह्वान करने से आत्मबल, तेज, और आत्मरक्षा की अद्भुत शक्ति प्राप्त होती है। यह प्रयोग विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जिन्हें बार-बार नजर, टोना, तांत्रिक बाधा या अदृश्य शत्रु परेशान कर रहे हैं।

इस लेख में हम एक गुप्त कार्तिकेय मंत्र, उसका अर्थ, प्रयोग की विधि, लाभ, शुभ मुहूर्त और सामान्य प्रश्नों के उत्तर प्रस्तुत कर रहे हैं। यह प्रयोग मात्र 25 मिनट का है, और 7 दिनों तक नियमित करने से चमत्कारी परिणाम प्राप्त होते हैं।


मंत्र और अर्थ

मंत्र:
🔸 ॐ ह्रीं क्रीं स्कंदाय क्रीं हुं फट् ।

मंत्र का अर्थ:
यह एक शक्तिशाली मंत्र है।

  • “ॐ” ब्रह्मांडीय ऊर्जा का आह्वान है।
  • “ह्रीं” शक्ति और भुवनेश्वरी का बीज है।
  • “क्रीं” कार्यसिद्धि व क्रियाशक्ति काली का प्रतीक है।
  • “स्कंदाय” भगवान स्कंद (कार्तिकेय) को समर्पित है।
  • “हुं” रक्षात्मक ऊर्जा का बीज है।
  • “फट्” शत्रु संहार व बंधन तोड़ने वाला तंत्र बीज है।

इस मंत्र का जप हमारे चारों ओर एक तेजस्वी दिव्य कवच बनाता है जो गुप्त शत्रुओं से रक्षा करता है।


अद्भुत लाभ (Benefits)

  1. अदृश्य शत्रुओं से रक्षा मिलती है।
  2. नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
  3. भयमुक्ति और आत्मबल में वृद्धि होती है।
  4. गुप्त रोगों का शमन होता है।
  5. शारीरिक सुरक्षा के लिए दिव्य कवच बनता है।
  6. नजरदोष, टोने-टोटके का प्रभाव समाप्त होता है।
  7. मनोबल, साहस और कार्यक्षमता बढ़ती है।
  8. कोर्ट-कचहरी के मामलों में विजय मिलती है।
  9. ऑफिस या बिजनेस में शत्रु शांत होते हैं।
  10. ग्रह बाधाएं व कालसर्प योग का प्रभाव कम होता है।
  11. शत्रु स्वयं दूर भागने लगते हैं।
  12. आत्मा की शक्ति में जागृति आती है।
  13. हनुमान, भैरव जैसे रक्षक देवताओं का सहयोग मिलता है।
  14. तांत्रिक व टोने से रक्षा होती है।
  15. नियमित प्रयोग से स्थायी सुरक्षा प्राप्त होती है।

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शुभ मुहूर्त (Muhurta)

यह प्रयोग किसी भी मंगलवार, रविवार या कार्तिक मास की षष्ठी तिथि से प्रारंभ करें।

  • सूर्योदय से पूर्व ब्रह्ममुहूर्त (4:30 से 6:00 AM) सर्वोत्तम माना गया है।
  • यदि संभव न हो, तो दिन के किसी भी शांत समय में किया जा सकता है।

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प्रयोग विधि (Vidhi)

🔹 सामग्री:

  • स्वच्छ मिट्टी (बगीचे, पीपल वृक्ष या देवस्थान की)
  • लाल कपड़ा
  • घी का दीपक
  • कार्तिकेय यंत्र (यदि उपलब्ध हो)

🔹 स्थान चयन:
घर में किसी एकांत पवित्र स्थान पर यह प्रयोग करें।

🔹 विधि:

  1. मिट्टी को लाल कपड़े पर रखें।
  2. दीपक जलाकर भगवान कार्तिकेय का आह्वान करें।
  3. अब 25 मिनट तक लगातार निम्न मंत्र का जप करें:
    ॐ ह्रीं क्रीं स्कंदाय क्रीं हुं फट्
  4. मंत्र जप के बाद मिट्टी को अपने घर के मुख्य द्वार या पूजा स्थान पर रख दें।
  5. यह प्रक्रिया लगातार 7 दिनों तक करें।
  6. 8वें दिन मिट्टी को पीपल के नीचे respectfully विसर्जित करें।

Hanumani Sindur for protection


महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर

1. क्या यह प्रयोग स्त्री कर सकती है?
हाँ, यह प्रयोग पुरुष और स्त्रियाँ दोनों कर सकते हैं, बशर्ते पवित्रता रखी जाए।

2. क्या रजस्वला स्त्रियाँ यह कर सकती हैं?
नहीं, मासिक धर्म के दौरान यह प्रयोग न करें।

3. क्या मिट्टी किसी भी स्थान की ली जा सकती है?
देवस्थान, पीपल वृक्ष या अपने घर के आंगन की शुद्ध मिट्टी सर्वोत्तम मानी जाती है।

4. अगर कोई एक दिन चूक गया तो क्या करें?
उस दिन के बाद अगला दिन पुनः पहला दिन मानकर 7 दिन पूरे करें।

5. क्या मंत्र का उच्चारण आवश्यक है?
हाँ, मंत्र का सही उच्चारण ही परिणाम देता है। यदि संभव हो, गुरु से सीखें।

6. क्या यह प्रयोग केवल संकट में ही करें?
नहीं, आप इसे नित्य सुरक्षा के लिए मासिक रूप से भी कर सकते हैं।

7. क्या इस मंत्र का अन्य कार्यों में उपयोग होता है?
हाँ, यह मंत्र तांत्रिक प्रयोगों, रक्षा कवच निर्माण, और बलवृद्धि हेतु भी उपयोगी है।


अंत मे

यदि आपके जीवन में बार-बार असफलता, बाधाएं या अदृश्य शत्रुओं की उपस्थिति महसूस हो रही है, तो भगवान कार्तिकेय का यह गुप्त मंत्र और मिट्टी प्रयोग आपके लिए संजीवनी सिद्ध हो सकता है। मात्र 25 मिनट प्रतिदिन और सात दिन की यह साधना, आपकी रक्षा के लिए दिव्य कवच का निर्माण करती है। यह प्रयोग न केवल सुरक्षा देता है, बल्कि आपके आत्मविश्वास, तेज और कार्यसिद्धि में भी वृद्धि करता है।


Lakshmi Lotus Water Ritual for Abundance & Luck

Lakshmi Lotus Water Ritual for Abundance & Luck

कमल के जल का एक बूँद – आपकी किस्मत बदल सकती है!

माँ लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए “कमल जल अभ्यास” एक अद्भुत साधना है। यह विधि सिर्फ २० मिनट व ११ दिन तक करने से धन, समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि करती है। इस साधना में कमल के जल का उपयोग करके माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।

कमल जल साधना का महत्व

कमल का फूल माँ लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है। इसके जल का उपयोग करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। यह साधना विशेष मुहूर्त में करने से अधिक फलदायी होती है।

२० मिनट व ११ दिन की साधना विधि

  1. समय: प्रातः ब्रह्म मुहूर्त (4:30-6:00 AM) या सायंकाल (5:00-7:00 PM)।
  2. स्थान: पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  3. सामग्री: कमल का फूल या ताजा जल, लक्ष्मी यंत्र/मूर्ति, दीपक।
  4. मंत्र: “ॐ ऐं श्रीं कमलेश्वरी क्लीं नमः” – 20 मिनट तक जपें।
  5. अर्पण: कमल जल से माँ लक्ष्मी का अभिषेक करें।

कमल जल साधना के लाभ

  1. धन प्राप्ति में वृद्धि
  2. नौकरी/व्यवसाय में सफलता
  3. कर्ज से मुक्ति
  4. घर में सुख-शांति
  5. मान-सम्मान में वृद्धि
  6. नकारात्मक ऊर्जा का नाश
  7. स्वास्थ्य लाभ
  8. विवाह में आ रुकावटें दूर
  9. संतान सुख की प्राप्ति
  10. शत्रु बाधा समाप्त
  11. मानसिक शांति
  12. आकस्मिक धन लाभ
  13. वास्तु दोष निवारण
  14. सकारात्मक ऊर्जा का संचार
  15. भक्ति भाव में वृद्धि

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शुभ मुहूर्त

  • शुक्ल पक्ष (विशेषतः शुक्रवार, गुरुवार या पूर्णिमा)
  • अक्षय तृतीया, दीपावली, नवरात्रि
  • शुभ नक्षत्र: पुष्य, रोहिणी, उत्तराफाल्गुनी

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सावधानियाँ व FAQs

1. क्या यह साधना किसी भी समय की जा सकती है?

हाँ, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त या संध्या काल सर्वोत्तम है।

2. कमल का जल न मिले तो क्या करें?

गुलाब जल या शुद्ध जल में कमल की पंखुड़ी डालकर उपयोग करें।

3. क्या महिलाएं यह साधना कर सकती हैं?

हाँ, कोई प्रतिबंध नहीं है।

4. क्या बिना मंत्र जप के केवल जल अर्पण करने से लाभ होगा?

मंत्र जप से ही पूर्ण फल मिलता है।

5. क्या यह साधना गर्भवती महिलाएं कर सकती हैं?

हाँ, लेकिन डॉक्टर से सलाह लें।

6. क्या इस साधना में किसी गुरु की आवश्यकता है?

नहीं, स्वयं कर सकते हैं।

7. क्या ११ दिन के बाद भी जारी रख सकते हैं?

हाँ, नियमित अभ्यास अधिक लाभ देता है।

Past life reports

अंत मे

कमल जल साधना एक सरल व प्रभावी उपाय है जो आपकी किस्मत बदल सकता है। नियमित अभ्यास से माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करें और जीवन में समृद्धि लाएँ।


Panchmukhi Hanuman Vermilion – Destroy Bad Luck Fast!

Panchmukhi Hanuman Vermilion - Destroy Bad Luck Fast!

पंचमुखी हनुमान और सिंदूर का महासंयोग: दुर्भाग्य मिटेगा

हिंदू धर्म में पंचमुखी हनुमान का विशेष महत्व है। पांच मुख वाले हनुमान जी की उपासना से भक्तों के सभी संकट दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यदि पंचमुखी हनुमान के साथ सिंदूर का प्रयोग किया जाए, तो इसका प्रभाव अद्भुत होता है। सिंदूर को शुभता, साहस और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है, जो हनुमान जी को अत्यंत प्रिय है।


पंचमुखी हनुमान प्रयोग: 20 मिनट व 9 दिन का अभ्यास

इस साधना को करने के लिए सुबह या शाम का समय (ब्रह्म मुहूर्त या सूर्यास्त के बाद) शुभ माना जाता है।

विधि:

  1. स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. हनुमान की मूर्ति, फोटो या यंत्र स्थापित करें।
  3. सिंदूर से हनुमान जी का तिलक लगाएं।
  4. “ॐ हं केशरी नंदन हं शं नमः” मंत्र को २० मिनट तक जाप करें।
  5. 9 दिन तक लगातार इस प्रयोग को करें।

लाभ (Benefits)

  1. दुर्भाग्य और काले जादू का नाश।
  2. शत्रुओं पर विजय।
  3. आत्मविश्वास में वृद्धि।
  4. नौकरी और व्यापार में सफलता।
  5. कर्ज से मुक्ति।
  6. मानसिक शांति।
  7. भय और चिंता दूर होना।
  8. स्वास्थ्य लाभ।
  9. वाहन और संपत्ति की सुरक्षा।
  10. कानूनी विवादों में जीत।
  11. संतान सुख की प्राप्ति।
  12. विवाह में आ रही बाधाएं दूर।
  13. नेगेटिव एनर्जी से सुरक्षा।
  14. आध्यात्मिक उन्नति।
  15. मोक्ष की प्राप्ति।

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मुहूर्त (Shubh Time)

  • मंगलवार और शनिवार विशेष फलदायी।
  • चैत्र और कार्तिक मास में करने से अधिक लाभ।
  • अमावस्या या पूर्णिमा को भी प्रयोग कर सकते हैं।

Tara sadhana shivir


सामान्य प्रश्न

1. क्या महिलाएं यह प्रयोग कर सकती हैं?

हां, कोई प्रतिबंध नहीं है।

2. क्या बिना सिंदूर के यह साधना की जा सकती है?

हां, लेकिन सिंदूर से अधिक फल मिलता है।

3. क्या यह प्रयोग रात में कर सकते हैं?

शाम के बाद करना उत्तम है, परंतु गहरी रात न करें।

4. मंत्र जाप कितनी बार करें?

कम से कम २० मिनट या अधिक करने से लाभ बढ़ता है।

5. क्या यह प्रयोग बच्चे कर सकते हैं?

१६ वर्ष के ऊपर सभी कर सकते है

6. क्या इस साधना में किसी गुरु की आवश्यकता है?

नहीं, स्वयं कर सकते हैं।

7. क्या यह प्रयोग किसी भी उम्र में किया जा सकता है?

हां, कोई आयु सीमा नहीं है।

अंत में

पंचमुखी हनुमान और सिंदूर का संयोग अद्वितीय है। इस प्रयोग से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि आती है। 9 दिन के अभ्यास से ही चमत्कारिक परिणाम देखने को मिलते हैं।

Hanumani Sindur for protection


Hanuman Jayanti Pujan Shivir for Life Transformation

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हनुमान जयंती पूजन शिविर : एक दिव्य अनुभव की ओर पहला कदम

हनुमान जयंती पूजन शिविर 12 अप्रैल 2025 को दिव्ययोग आश्रम में आयोजित किया जा रहा है। यह पूजन शिविर भक्तों को भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करने का एक सशक्त अवसर प्रदान करता है। इस विशेष आयोजन में भाग लेकर साधक जीवन के विविध क्षेत्रों में दिव्य ऊर्जा, सुरक्षा और सफलता का अनुभव कर सकते हैं।

यह हनुमान जयंती पूजन शिविर विशेष रूप से उन साधकों के लिए है जो आध्यात्मिक प्रगति, मानसिक बल, और संकट नाशक शक्तियों की प्राप्ति चाहते हैं।


हनुमान जयंती पूजन शिविर की तिथि और स्थान

  • 📅 तिथि: 12 अप्रैल 2025
  • 🕉️ स्थान: दिव्ययोग आश्रम

हनुमान जयंती पूजन शिविर से मिलने वाले दिव्य लाभ

  • संकटमोचन हनुमान का पूजन करने से सभी प्रकार के भय समाप्त होते हैं।
  • शिविर में पूजन से आपके चारों ओर एक दिव्य सुरक्षा कवच बनता है।
  • हनुमान जी की शक्ति से मनोबल और आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • पूजन शिविर में विशेष ध्यान और मंत्र जाप साधना कराई जाती है।
  • शिविर में सिद्ध मंत्रों और यंत्रों से धन बाधा समाप्त होती है।
  • पूजन से पारिवारिक तनाव, कलह आदि समाप्त होते हैं।
  • हनुमानी सिंदूर से बुरी नजर का प्रभाव दूर होता है।
  • हनुमान जयंती पूजन शिविर से मानसिक शांति की अनुभूति होती है।
  • साधना से चित्त की स्थिरता और आत्मा की प्रगति होती है।
  • हनुमान जी की कृपा से शत्रुओं का नाश होता है।
  • इस पूजन से दुर्भाग्य और रुकावटें समाप्त होती हैं।
  • हनुमान जी का स्मरण और पूजन पुरानी बाधाओं से मुक्त करता है।
  • शनि, मंगल आदि दोषों का शमन होता है।
  • मंत्र जाप की सटीक विधि से सिद्धि प्राप्त होती है।
  • शिविर में विशेष आयुर्वेदिक दिशा-निर्देश भी दिए जाते हैं।
  • हनुमान जी की आराधना से संयम की शक्ति प्राप्त होती है।
  • भक्ति भाव से की गई पूजा हर इच्छित फल देती है।
  • साधना से मन, शरीर और आत्मा का संतुलन प्राप्त होता है।

कौन भाग ले सकता है हनुमान जयंती पूजन शिविर में?

  • 20 वर्ष से अधिक आयु के स्त्री-पुरुष।
  • हनुमान जी के भक्त, साधक या जीवन में समाधान चाहने वाले।
  • जो व्यक्ति जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना चाहते हैं।

ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यम उपलब्ध

आप दिव्ययोग आश्रम में आकर या ऑनलाइन माध्यम से इस हनुमान जयंती पूजन शिविर में भाग ले सकते हैं। ऑनलाइन जुड़ने वालों को लाइव वीडियो लिंक, मंत्र जाप गाइड और विशेष पूजन सामग्री भेजी जाएगी।


हनुमान जयंती पूजन शिविर में भाग लेने के नियम

  • केवल 20 वर्ष से ऊपर के साधकों को प्रवेश मिलेगा।
  • स्त्री व पुरुष – दोनों इस पूजन शिविर में भाग ले सकते हैं।
  • नीले या काले वस्त्र पहनना वर्जित है। सफेद, केसरिया या लाल वस्त्र पहनें।
  • शिविर के दौरान धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार पूर्णतः वर्जित है।

पूजन उपरांत प्रदान की जाने वाली दिव्य वस्तुएं

हनुमान जयंती पूजन शिविर के अंत में निम्न दिव्य वस्तुएं प्रदान की जाएंगी:

  • ✅ सिद्ध हनुमान यंत्र
  • ✅ हनुमान कवच
  • ✅ दिव्य हनुमानी सिंदूर

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हनुमान जयंती पूजन शिविर से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न व उत्तर

🔸 प्रश्न 1: क्या यह पूजन केवल पुरुषों के लिए है?

उत्तर: नहीं, स्त्रियाँ भी इस पूजन शिविर में पूर्ण श्रद्धा से भाग ले सकती हैं।

🔸 प्रश्न 2: क्या मुझे शिविर में आने के लिए साधना का अनुभव होना जरूरी है?

उत्तर: नहीं, यह शिविर सभी साधकों के लिए खुला है, चाहे वे नए हों या अनुभवी।

🔸 प्रश्न 3: क्या ऑनलाइन जुड़ने पर भी सिद्ध वस्तुएं मिलेंगी?

उत्तर: हां, आपको सिद्ध यंत्र, कवच और सिंदूर डाक द्वारा भेजा जाएगा।

🔸 प्रश्न 4: पूजन के लिए क्या कोई विशेष सामग्री लानी होगी?

उत्तर: नहीं, सारी आवश्यक सामग्री आश्रम द्वारा प्रदान की जाएगी।

🔸 प्रश्न 5: क्या शिविर का लाइव रिकॉर्डिंग भी मिलेगा?

उत्तर: हां, ऑनलाइन भाग लेने वालों को यूट्यूब पर लाईव दिखाया जायेगा। (YouTube Channel Name: Divyayogaashram)

🔸 प्रश्न 6: क्या मैं किसी और के लिए पंजीकरण कर सकता हूँ?

उत्तर: हां, आप अपने परिवार या मित्र के लिए पंजीकरण कर सकते हैं।

🔸 प्रश्न 7: क्या बच्चों को साथ लाना उचित रहेगा?

उत्तर: नहीं, यह शिविर केवल 20 वर्ष से ऊपर के साधकों के लिए है।

🔸 प्रश्न 8: क्या यह शिविर शुल्क आधारित है?

उत्तर: हां, शिविर हेतु नाममात्र सहयोग राशि निर्धारित है।

🔸 प्रश्न 10: शिविर की अवधि कितनी है?

उत्तर: यह एक दिवसीय पूर्ण पूजन शिविर है, सुबह से शाम तक।

🔸 प्रश्न 11: क्या भोजन की व्यवस्था है?

उत्तर: आश्रम में शुद्ध सात्विक भोजन और जल की व्यवस्था रहेगी।

🔸 प्रश्न 12: पंजीकरण कैसे करें?

उत्तर: आप वेबसाइट या दिए गए नंबर पर कॉल करके अपना स्थान सुरक्षित कर सकते हैं।


📞 सम्पर्क करें और पंजीकरण करवाएं

📱 7710812329 8652439844
📍 स्थान: दिव्ययोग आश्रम E Store


Lakshmi Ritual with Soil for Debt Relief

Lakshmi Ritual with Soil for Debt Relief

कुएं की मिट्टी से करें ये टोटका | दरिद्रता भागेगी पल भर में

Lakshmi Ritual with Soil – “ॐ ऐं श्रीं ऋण मुक्तेश्वरी क्लीं हुं फट्” — यह दिव्य मंत्र मात्र उच्चारण से कर्ज मुक्ति और लक्ष्मी प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। लेकिन यदि इसमें कुएं की पवित्र मिट्टी का प्रयोग जोड़ दिया जाए, तो इसका प्रभाव सौगुना बढ़ जाता है।

कुएं की मिट्टी को शास्त्रों में विशेष महत्व दिया गया है। यह सिर्फ धरती का अंश नहीं, बल्कि पंचतत्वों में से एक विशेष ऊर्जा केंद्र होती है। यदि आप लंबे समय से दरिद्रता, ऋण, व्यापार में घाटा या आर्थिक बाधाओं से जूझ रहे हैं, तो यह टोटका आपके लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो सकता है।

इस प्रयोग के पीछे की आध्यात्मिक शक्ति

कुआं एक स्थिर जल स्त्रोत है, जो चंद्र ऊर्जा से जुड़ा होता है। चंद्रमा मन, जल और भावनाओं का कारक है। कुएं की मिट्टी इस ऊर्जा को स्थिर रूप में धारण करती है। जब इसमें विशेष मंत्र का जाप और लक्ष्मी साधना जोड़ी जाती है, तो यह घर में स्थायी धन, सुख और समृद्धि का द्वार खोल देती है।


कुएं की मिट्टी टोटके के लाभ

  1. दरिद्रता का नाश करता है।
  2. पुराने ऋण शीघ्र उतर जाते हैं।
  3. धन आगमन के नए स्रोत खुलते हैं।
  4. व्यापार में रुकावटें दूर होती हैं।
  5. ग्रह दोषों का प्रभाव कम होता है।
  6. घर की नेगेटिविटी समाप्त होती है।
  7. लक्ष्मी की स्थायी कृपा बनी रहती है।
  8. घर में क्लेश और झगड़े कम होते हैं।
  9. मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है।
  10. परिवार में प्रेम और सहयोग बढ़ता है।
  11. बेरोजगारी की समस्या से मुक्ति मिलती है।
  12. संतान के भविष्य में आर्थिक सुधार आता है।
  13. कोर्ट-कचहरी के मामलों में राहत मिलती है।
  14. शेयर मार्केट या निवेश में लाभ मिलता है।
  15. घर की वास्तु दोष भी शांत होते हैं।

शुभ मुहूर्त (Muhurth) कब करें ये टोटका?

  • वार: शुक्रवार या पूर्णिमा
  • नक्षत्र: रोहिणी, हस्त या अनुराधा
  • चंद्र स्थिति: चंद्रमा शुभ भाव में हो (2nd, 5th, 9th, 11th house)
  • समय: प्रातः 6 से 8 बजे या रात्रि 9 से 11 बजे
  • तिथि: अक्षय तृतीया, दीपावली, या वैशाख मास के शुक्रवार

यह प्रयोग यदि धनवृद्धि और ऋण मुक्ति के विशेष संयोग में किया जाए, तो परिणाम तत्काल मिलते हैं।

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विधि (Vidhi) — कुएं की मिट्टी से लक्ष्मी टोटका

  1. शुक्रवार प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. एक तांबे या मिट्टी के पात्र में कुएं की शुद्ध मिट्टी भरें।
  3. उसी पात्र में 7 लाल फूल, 5 इलायची, और थोड़ी सी हल्दी मिलाएं।
  4. फिर उसमें 1 चुटकी चावल (अक्षत) और 1 सिक्का रखें।
  5. अब सामने दीपक जलाएं और निम्न मंत्र का ५४० बार जाप करें:

“ॐ ऐं श्रीं ऋण मुक्तेश्वरी क्लीं हुं फट्”

  1. मंत्र जाप के पश्चात उस मिट्टी को अपने घर के उत्तर-पूर्व कोने में स्थापित करें।
  2. 11 दिन तक प्रतिदिन दीपक जलाकर मंत्र का ५४० बार जाप करें।

इस प्रयोग से आपकी आर्थिक स्थिति में चमत्कारी सुधार देखा जाएगा। दरिद्रता और बाधाएं एक-एक करके समाप्त होती जाती हैं। कुएं की मिट्टी से बना यह टोटका देवी लक्ष्मी को आकर्षित करता है और जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।

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कुएं की मिट्टी टोटके से जुड़े सामान्य प्रश्न

1. क्या यह मिट्टी किसी भी कुएं की हो सकती है?
नहीं, यह मिट्टी पुराने, प्राकृतिक और पवित्र कुएं से ली जानी चाहिए। नल या टंकी से ली गई मिट्टी असरकारी नहीं होती।

2. क्या यह प्रयोग किराए के घर में किया जा सकता है?
हां, लेकिन मिट्टी को एक छोटे मिट्टी के पात्र में रखकर मंदिर कोने में रखें।

3. यदि मिट्टी सूख जाए तो क्या असर होता है?
कोई दिक्कत नहीं, मिट्टी सूखने के बाद भी अपनी ऊर्जा बनाए रखती है।

4. क्या इस प्रयोग को कोई भी कर सकता है?
हां, स्त्री-पुरुष सभी कर सकते हैं, लेकिन स्त्रियाँ मासिक धर्म के समय न करें।

5. क्या मिट्टी को फेंकना पड़ेगा बाद में?
नहीं, इसे किसी तुलसी के पौधे या पीपल के नीचे respectfully विसर्जित करें।

6. मंत्र जाप का महत्व क्या है?
मंत्र जाप कुएं की मिट्टी की ऊर्जा को सक्रिय करता है और लक्ष्मी को आकर्षित करता है।

7. क्या किसी विशेष साधक से यह कराना जरूरी है?
नहीं, यदि श्रद्धा और विधिपूर्वक किया जाए तो यह साधारण व्यक्ति भी कर सकता है।


Hanumani Sindoor Ritual to Transform Misfortune into Fortune

हनुमानी सिंदूर – दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने की रहस्‍यमयी विधि

Hanumani Sindoor Ritual – जब हनुमानी सिंदूर बनता है वरदान – श्री हनुमान जी को समर्पित सिंदूर एक दिव्य तांत्रिक औषधि है, जिसे शुभता, शक्ति और रक्षा के लिए उपयोग किया जाता है। यह सिंदूर वह है जो हनुमान जी स्वयं अपने शरीर पर लगाते थे—शुद्ध प्रेम, भक्ति और बल का प्रतीक। जब इसे तंत्र-सम्मत विधि से मंत्र सिद्ध करके प्रयोग किया जाता है, तो यह दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने का सामर्थ्य रखता है। इस प्रयोग में हनुमान जी का अत्यंत प्रभावशाली बीज मंत्र ‘ॐ हं हनुमंते क्लीं फ्रौं नमः’ का जप किया जाता है।


हनुमानी सिंदूर प्रयोग का रहस्य

हनुमानी सिंदूर शक्ति, साहस, उन्नति और अदृश्य सुरक्षा के लिए किया जाने वाला एक अत्यंत प्रभावशाली प्रयोग है। यह प्रयोग विशेष रूप से तब किया जाता है जब जीवन में बार-बार असफलताएं, नकारात्मक ऊर्जा, शत्रु बाधा, या अदृश्य डर अनुभव हो रहा हो। इस प्रयोग से व्यक्ति के चारों ओर एक शक्तिशाली दिव्य कवच निर्मित हो जाता है, जो उसे हानि पहुँचाने वाली सभी शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करता है।


20 मिनट और 11 दिन का विशेष अभ्यास

यह प्रयोग केवल 20 मिनट प्रतिदिन का है, लेकिन इसे 11 दिनों तक पूरी श्रद्धा व नियम से करना अनिवार्य है। हर दिन एक ही समय पर साधना करें। मंत्र ॐ हं हनुमंते क्लीं फ्रौं नमः

विधि: हनुमानी सिंदूर प्रयोग कैसे करें

  1. प्रातःकाल या संध्या के समय शुद्ध स्नान कर लें।
  2. एक लाल कपड़े पर हनुमान जी की मूर्ति/चित्र स्थापित करें।
  3. सामने घी का दीपक जलाएं और गुग्गुल धूप दें।
  4. एक चुटकी शुद्ध सिंदूर (जो हनुमान जी को चढ़ाया गया हो) लें।
  5. उस पर थोड़ा चन्दन व गुलाब जल मिलाएं।
  6. दाहिने हाथ की अनामिका से वह सिंदूर अपने मस्तक पर तिलक रूप में लगाएं।
  7. अब इस मंत्र का ५४० बार जाप करें:
    ॐ हं हनुमंते क्लीं फ्रौं नमः
  8. जाप के बाद श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  9. प्रार्थना करें कि सभी दुर्भाग्य दूर हों और जीवन में ऊर्जा, साहस व सफलता आए।

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हनुमानी सिंदूर प्रयोग के चमत्कारी लाभ

  1. दुर्भाग्य और दरिद्रता का अंत होता है।
  2. नकारात्मक ऊर्जा और तंत्र बाधा समाप्त होती है।
  3. आत्मबल और मनोबल में अद्भुत वृद्धि होती है।
  4. ग्रह दोष, विशेषकर मंगल और राहु-केतु दोष शांति होती है।
  5. कोर्ट-कचहरी, मुकदमे और शत्रु बाधा में विजय मिलती है।
  6. व्यापार और नौकरी में तरक्की के द्वार खुलते हैं।
  7. आत्मविश्वास और व्यक्तित्व में आभा का संचार होता है।
  8. बच्चों की रक्षा और सफलता में सहायक होता है।
  9. बुरी नजर, भय, सपना दोष आदि समाप्त होते हैं।
  10. भूमि, संपत्ति व वाहन संबंधित विवादों का समाधान होता है।
  11. घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
  12. अनावश्यक भय, मानसिक अशांति और बेचैनी समाप्त होती है।
  13. विवाह में विलंब हो तो शीघ्र योग बनते हैं।
  14. शारीरिक बल और ऊर्जा में वृद्धि होती है।
  15. साधक को हनुमान जी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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हनुमानी सिंदूर प्रयोग के लिए शुभ मुहूर्त

  • मंगलवार: यह हनुमान जी का प्रिय दिन है, इसलिए किसी भी मंगलवार से शुरुआत करें।
  • अमावस्या व पूर्णिमा: विशेष रूप से प्रभावशाली दिन माने जाते हैं।
  • हनुमान जयंती या नरसिंह चतुर्दशी जैसे पर्व भी शुभ अवसर हैं।
  • भरणी, कृत्तिका और पुष्य नक्षत्र वाले दिन विशेष प्रभावशाली होते हैं।

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सबसे अधिक पूछे जाने वाले प्रश्न

1. क्या यह प्रयोग स्त्रियाँ भी कर सकती हैं?
हाँ, श्रद्धा और नियम से कोई भी कर सकता है।

2. क्या सिंदूर केवल मंदिर से ही लेना चाहिए?
हाँ, शुद्ध हनुमान मंदिर से प्राप्त सिंदूर सर्वश्रेष्ठ होता है।

3. क्या इस प्रयोग में व्रत आवश्यक है?
नहीं, परंतु सात्विकता और नियम का पालन करें।

4. अगर जाप संख्या छूट जाए तो?
उसी दिन पूरी कर लें, या अगले दिन दोहरा लें।

5. क्या इसे बार-बार किया जा सकता है?
हाँ, हर संकट या विशेष कामना हेतु दोहराया जा सकता है।

6. क्या मंत्र को बिना तिलक के जप सकते हैं?
संभव है, पर तिलक से ऊर्जा और प्रभाव कई गुना बढ़ता है।

7. क्या यह प्रयोग बच्चों के लिए भी कर सकते हैं?
हाँ, माता-पिता उनके लिए संकल्प लेकर कर सकते हैं।


विशेष सुझाव और निष्कर्ष

हनुमानी सिंदूर का प्रयोग कोई आम क्रिया नहीं, बल्कि एक रहस्यपूर्ण तांत्रिक ऊर्जा से जुड़ी साधना है। यह न केवल बाह्य संकटों को दूर करता है, बल्कि आपके अंदर छिपे आत्मबल को जाग्रत करता है। जब ‘ॐ हं हनुमंते क्लीं फ्रौं नमः’ मंत्र के साथ यह प्रयोग किया जाता है, तो यह ऊर्जा आपको संपूर्ण जीवन में सफलता, विजय और दिव्यता प्रदान करती है। यह प्रयोग हर उस व्यक्ति के लिए अत्यंत उपयोगी है जो अपने जीवन में बदलाव चाहता है।

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अगर आप चाहते हैं कि दुर्भाग्य आपका पीछा छोड़ दे, तो हनुमानी सिंदूर का यह रहस्यमयी प्रयोग अवश्य करें। 11 दिन की साधना और 20 मिनट की भक्ति से जीवन में सुख, सफलता और समृद्धि का आगमन होता है।


Tara Ritual for Wealth, Abundance & Prosperity

Tara Ritual for Wealth, Abundance & Prosperity

धनवर्षा का गुप्त मंत्र – तारा देवी की कृपा से घर में आएगी बरकत!

Tara Ritual for Wealth क्या आप आर्थिक तंगी से परेशान हैं? क्या लाख प्रयासों के बाद भी धन नहीं टिकता? तंत्रशास्त्र में तारा देवी को समस्त सिद्धियों और धन-लाभ की देवी माना गया है। उनका यह गुप्त बीज मंत्र – “ॐ ह्रीं स्त्रीं तारेश्वरी नमः” – अपार ऐश्वर्य, संपत्ति और समृद्धि को आकर्षित करता है। यदि श्रद्धा और नियमपूर्वक इसका प्रयोग किया जाए, तो जीवन में धनवर्षा सुनिश्चित है।

यह मंत्र ना केवल आर्थिक समस्याओं को दूर करता है, बल्कि दुर्भाग्य, ऋण और दरिद्रता से भी मुक्ति दिलाता है। देवी तारा तंत्र की दस महाविद्याओं में प्रमुख हैं और इनका यह गुप्त साधनात्मक प्रयोग बेहद प्रभावशाली सिद्ध होता है। आइए जानें इसका रहस्य, विधि, लाभ और महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर।

तारा साधना से जुड़े रहस्य और गहराई

ये देवी केवल धन की देवी नहीं, बल्कि चेतना को जागृत करने वाली दिव्य शक्ति हैं। उनका यह गुप्त मंत्र ना सिर्फ आर्थिक जीवन को सुधारता है, बल्कि साधक के कर्म और आत्मा को भी ऊर्जावान बनाता है। यह साधना कोई सामान्य प्रयोग नहीं, बल्कि तंत्र और मनोविज्ञान का शक्तिशाली समन्वय है। यदि आपने बार-बार प्रयास कर हार मान ली है, तो एक बार यह तारा प्रयोग अवश्य करें। संभव है, यही साधना आपके जीवन की दिशा बदल दे।

तारा देवी गुप्त मंत्र: “ॐ ह्रीं स्त्रीं तारेश्वरी नमः”

यह मंत्र अत्यंत शक्तिशाली है। “ह्रीं” बीज मंत्र ऊर्जा का, “स्त्रीं” तारा बीज का और “तारेश्वरी” का अर्थ है तारा देवी। यह मंत्र देवी को शीघ्र प्रसन्न करता है।


अद्भुत लाभ जो बदल सकते हैं आपका भाग्य

  1. निरंतर धन प्राप्ति के द्वार खुलते हैं।
  2. नौकरी या व्यापार में स्थिरता आती है।
  3. घर में अन्न, वस्त्र, संपत्ति की कमी नहीं रहती।
  4. कर्ज या ऋण से छुटकारा मिलता है।
  5. रुकावटें स्वतः समाप्त हो जाती हैं।
  6. गुप्त शत्रु शांत हो जाते हैं।
  7. मन, बुद्धि और आत्मा में तेज बढ़ता है।
  8. लक्ष्मीजी स्थायी रूप से घर में वास करती हैं।
  9. व्यापार में तेजी से ग्रोथ होती है।
  10. आकस्मिक धन लाभ के योग बनते हैं।
  11. कोर्ट-कचहरी के मामलों में विजय मिलती है।
  12. जीवन में शुभ अवसर तेजी से आते हैं।
  13. पैतृक संपत्ति में लाभ मिलता है।
  14. मानसिक चिंता और भय दूर होता है।
  15. दान-पुण्य के मार्ग में सहजता आती है।

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शुभ मुहूर्त और तारा देवी साधना का समय

  • अमावस्या, पूर्णिमा, गुरुवार और रात्रि 10 बजे के बाद तारा साधना के लिए श्रेष्ठ माने गए हैं।
  • विशेष रूप से चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ महीने में यह प्रयोग अत्यधिक फलदायी होता है।
  • यदि बुधवार या शुक्रवार से ७ दिन तक रात्रि में यह मंत्र कम से कम ५४० बार जाप किया जाए, तो त्वरित परिणाम मिलते हैं।

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प्रयोग की विधि – कैसे करें तारा देवी का धनवर्षा मंत्र प्रयोग?

  1. स्नान कर साफ वस्त्र पहनें (पीला या नीला रंग सर्वोत्तम)।
  2. घर में या पूजन स्थल पर उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठें।
  3. सामने देवी तारा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  4. नीले फूल, धूप, दीपक और मिश्री अर्पित करें।
  5. कम से कम ५४० बार इस मंत्र का जाप करें –
    “ॐ ह्रीं स्त्रीं तारेश्वरी नमः”
  6. जाप के लिए रुद्राक्ष या क्रिस्टल माला का प्रयोग करें।
  7. यह प्रक्रिया लगातार 7,11, 21 या 40 दिनों तक करें।
  8. हर दिन के अंत में तारा स्तुति तारा चालीसा पढ़ें।
  9. जाप के बाद धन प्राप्ति की भावना को मन में रखें।
  10. साधना पूर्ण होने पर गरीबों को भोजन व वस्त्र दान करें।

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सबसे ज़्यादा पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1. क्या यह साधना कोई भी कर सकता है?
हाँ, श्रद्धा और विश्वास से किया गया साधक सफल होता है।

Q2. क्या इस मंत्र का प्रभाव तुरंत दिखाई देता है?
यह व्यक्ति की निष्ठा और मानसिक ऊर्जा पर निर्भर करता है, कुछ लोगों को त्वरित परिणाम मिलते हैं।

Q3. क्या स्त्रियाँ यह साधना कर सकती हैं?
बिलकुल, स्त्रियाँ विशेष रूप से इस साधना में सफलता प्राप्त करती हैं।

Q4. अगर नियम टूट जाए तो क्या होगा?
जहां गलती हो, वहां क्षमा याचना कर पुनः साधना शुरू करें।

Q5. क्या इस मंत्र का जाप दिन में किया जा सकता है?
रात्रि समय अधिक प्रभावशाली है, लेकिन दिन में भी किया जा सकता है।

Q6. क्या यह साधना किसी गुरु के बिना की जा सकती है?
हाँ, लेकिन यदि गुरु मार्गदर्शन दे सकें तो परिणाम और शीघ्र मिलते हैं।

Q7. क्या तारा देवी को कुछ विशेष भोग अर्पित करना चाहिए?
नीला वस्त्र, मिश्री, नारियल और नीले फूल विशेष प्रिय हैं।


Gupta Guha Kali Sadhana – Unlock Divine Power with Sacred Soil

गुप्त काली विद्या – बरगद के पेड़ की मिट्टी से करें काली सिद्धि!

Gupta Guha Kali Sadhana – गुप्त काली विद्या तंत्र शास्त्र का एक अत्यंत प्रभावशाली एवं रहस्यमयी साधना पद्धति है। इस साधना में विशेष रूप से बरगद के पेड़ की मिट्टी का प्रयोग किया जाता है। बरगद का वृक्ष प्राचीन काल से ही तांत्रिक साधनाओं में महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि इसमें दिव्य शक्तियाँ विद्यमान होती हैं।

गुहा काली, जिन्हें गुप्त काली के रूप में जाना जाता है, अत्यंत प्रभावशाली तांत्रिक देवी हैं। यह साधना विशेष रूप से उन साधकों के लिए लाभदायक होती है जो त्वरित सिद्धि प्राप्त करना चाहते हैं। इस प्रयोग में बरगद की मिट्टी को विशिष्ट विधि से तैयार किया जाता है, जिससे तांत्रिक ऊर्जा सक्रिय होती है।

गुहा काली प्रयोग के लाभ

  1. शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
  2. नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करता है।
  3. जीवन में समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है।
  4. साधक की मानसिक और आत्मिक शक्ति बढ़ती है।
  5. आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।
  6. कार्यों में सफलता दिलाता है।
  7. भय एवं तनाव को समाप्त करता है।
  8. आकस्मिक दुर्घटनाओं से बचाव करता है।
  9. पारिवारिक समस्याओं का समाधान करता है।
  10. व्यापार और नौकरी में उन्नति करता है।
  11. ग्रह दोषों को शांत करता है।
  12. स्वास्थ्य लाभ दिलाने में सहायक है।
  13. गुप्त शत्रुओं से रक्षा करता है।
  14. कोर्ट-कचहरी के मामलों में विजय दिलाता है।
  15. साधक के व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाता है।

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मुहूर्त

गुप्त काली साधना के लिए अमावस्या, मंगलवार, शनिवार और काली चौदस का दिन सर्वोत्तम माना जाता है। विशेष रूप से मध्यरात्रि के समय यह साधना अधिक प्रभावी होती है।

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विधि

  1. सबसे पहले बरगद के वृक्ष के नीचे जाकर वहाँ की मिट्टी एकत्र करें।
  2. इसे स्वच्छ वस्त्र में लपेटकर अपने साधना कक्ष में रखें।
  3. अमावस्या की रात्रि को इस मिट्टी को पंचगव्य से शुद्ध करें।
  4. एक काले वस्त्र पर इस मिट्टी को स्थापित करें।
  5. “ॐ क्रीं गुहा कालिके क्रीं नमः” मंत्र का 1001 बार जाप करें।
  6. साधना के दौरान किसी प्रकार का व्यवधान न हो, इसका ध्यान रखें।
  7. अंत में मिट्टी को अपने घर के मुख्य द्वार पर छिड़क दें।

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सामान्य प्रश्न

  1. क्या यह साधना हर कोई कर सकता है? – हां, लेकिन केवल योग्य साधकों को ही यह प्रक्रिया करनी चाहिए।
  2. इस साधना को करने का सर्वोत्तम समय क्या है? – अमावस्या, मंगलवार और शनिवार की रात्रि को करना श्रेष्ठ होता है।
  3. क्या इस साधना में विशेष स्थान की आवश्यकता होती है? – हां, इसे एकांत और पवित्र स्थान पर किया जाना चाहिए।
  4. क्या किसी विशेष नियम का पालन आवश्यक है? – हां, सात्विक भोजन और ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य है।
  5. क्या इस साधना से त्वरित लाभ मिलता है? – नियमित साधना करने से शीघ्र ही प्रभाव दिखाई देने लगते हैं।
  6. क्या बरगद के वृक्ष की मिट्टी का कोई और उपयोग है? – हां, यह नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने में सहायक होती है।
  7. क्या इस साधना को करने के बाद कोई सुरक्षा उपाय आवश्यक हैं? – हां, साधना के बाद हनुमान ॐ हं हनुमंते नमः मंत्र का जाप करें।

Green Tara Miraculous Remedy – Attract Wealth & Prosperity

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ग्रीन तारा का अचूक उपाय – गरीबी और दरिद्रता होगी समाप्त!

ये तिब्बती बौद्ध धर्म की अत्यंत शक्तिशाली देवी हैं। वे करुणा, समृद्धि और संकटमोचन का प्रतीक मानी जाती हैं। ग्रीन तारा की साधना करने से व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है और दरिद्रता समाप्त होती है। यह साधना विशेष रूप से आर्थिक कष्टों को दूर करने के लिए की जाती है।

ग्रीन तारा मंत्र “ॐ ह्रीं स्त्रीं हरित तारे तुतारे क्लीं नमः” अत्यंत प्रभावशाली है। इसका नियमित जप करने से जीवन की कठिनाइयाँ दूर होती हैं। यह उपाय न केवल आर्थिक समस्याओं का समाधान करता है, बल्कि मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान करता है।


मुहूर्त: कब करें यह उपाय?

इस उपाय को शुभ मुहूर्त में करने से शीघ्र फल मिलता है।

  • शुभ दिन – शुक्रवार या पूर्णिमा तिथि
  • शुभ समय – ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) या संध्या काल
  • शुभ नक्षत्र – पुष्य, रेवती, मृगशिरा
  • विशेष पर्व – बुद्ध पूर्णिमा, नवरात्रि, दीपावली

सही समय पर साधना करने से देवी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है और साधक को मनोवांछित फल मिलता है।

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ग्रीन तारा साधना के लाभ

  • इस उपाय से धन की कमी दूर होती है। व्यापार और नौकरी में तरक्की मिलती है।
  • मंत्र जप से जीवन में दरिद्रता समाप्त होती है और समृद्धि आती है।
  • अगर कर्ज के बोझ से दबे हैं, तो यह साधना करने से शीघ्र राहत मिलती है।
  • व्यापारियों के लिए यह उपाय विशेष लाभकारी है। यह धन वृद्धि और ग्राहक आकर्षण में सहायक होता है।
  • ग्रीन तारा की साधना से तनाव और चिंता दूर होती है। जीवन में शांति बनी रहती है।
  • इस उपाय से परिवार में धन, सुख और सौहार्द बना रहता है।
  • शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है।
  • जीवन में आने वाली अनचाही रुकावटें दूर होती हैं।
  • इस साधना से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
  • दांपत्य जीवन में प्रेम और सौहार्द बढ़ता है।
  • विद्यार्थियों की एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
  • संपत्ति और अनाज की वृद्धि होती है।
  • कार्यक्षेत्र में सफलता और पदोन्नति मिलती है।
  • कुंडली में मौजूद नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
  • शुद्ध हृदय से साधना करने पर ग्रीन तारा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

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साधना विधि: ग्रीन तारा का अचूक उपाय

  1. किसी भी मंदिर के पास से ताजी हरी घास तोड़ें।
  2. उसे धागे से बाँधकर एक थाली में रखें।
  3. सामने अगरबत्ती जलाएँ और एकांत में बैठें।
  4. २० मिनट तक “ॐ ह्रीं स्त्रीं हरित तारे तुतारे क्लीं नमः” मंत्र का जप करें।
  5. इस क्रिया को लगातार ७ दिन तक करें।
  6. ८वें दिन किसी भूखे व्यक्ति को भोजन दान करें।
  7. अंत में हरी घास को जल में विसर्जित कर दें।

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सामान्य प्रश्न

१. ग्रीन तारा कौन हैं?

ग्रीन तारा तिब्बती बौद्ध धर्म की देवी हैं, जो करुणा और समृद्धि की प्रतीक हैं।

२. इस उपाय से कितना समय में फल मिलेगा?

अगर श्रद्धा और नियमपूर्वक किया जाए तो ८ दिन में सकारात्मक परिणाम दिखने लगते हैं।

३. इस साधना के दौरान क्या सावधानी रखनी चाहिए?

मंत्र जप के दौरान ध्यान एकाग्र रखें और सात्विक भोजन ग्रहण करें।

४. क्या यह उपाय घर पर किया जा सकता है?

हाँ, इसे मंदिर या घर के शुद्ध स्थान पर किया जा सकता है।

५. अगर कोई दिन छूट जाए तो क्या करें?

अगर कोई दिन छूट जाए तो साधना दोबारा से शुरू करें।

६. क्या यह उपाय केवल शुक्रवार को करना अनिवार्य है?

नहीं, लेकिन शुक्रवार को करने से अधिक लाभ होता है।

७. क्या किसी विशेष रंग के वस्त्र पहनने चाहिए?

हरा या सफेद रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।


गरीबी और दरिद्रता होगी समाप्त

ग्रीन तारा की साधना से धन-संपत्ति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। यदि श्रद्धा और नियमपूर्वक इस उपाय को किया जाए, तो जीवन में किसी भी प्रकार की दरिद्रता समाप्त हो जाती है। यह उपाय सरल होने के साथ-साथ अत्यंत प्रभावशाली भी है।

“ॐ ह्रीं स्त्रीं हरित तारे तुतारे क्लीं नमः” मंत्र का नित्य जाप करें और जीवन में धन, सौभाग्य और सफलता को आमंत्रित करें।