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Gupta Guha Kali Sadhana – Unlock Divine Power with Sacred Soil

गुप्त काली विद्या – बरगद के पेड़ की मिट्टी से करें काली सिद्धि!

Gupta Guha Kali Sadhana – गुप्त काली विद्या तंत्र शास्त्र का एक अत्यंत प्रभावशाली एवं रहस्यमयी साधना पद्धति है। इस साधना में विशेष रूप से बरगद के पेड़ की मिट्टी का प्रयोग किया जाता है। बरगद का वृक्ष प्राचीन काल से ही तांत्रिक साधनाओं में महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि इसमें दिव्य शक्तियाँ विद्यमान होती हैं।

गुहा काली, जिन्हें गुप्त काली के रूप में जाना जाता है, अत्यंत प्रभावशाली तांत्रिक देवी हैं। यह साधना विशेष रूप से उन साधकों के लिए लाभदायक होती है जो त्वरित सिद्धि प्राप्त करना चाहते हैं। इस प्रयोग में बरगद की मिट्टी को विशिष्ट विधि से तैयार किया जाता है, जिससे तांत्रिक ऊर्जा सक्रिय होती है।

गुहा काली प्रयोग के लाभ

  1. शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
  2. नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करता है।
  3. जीवन में समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है।
  4. साधक की मानसिक और आत्मिक शक्ति बढ़ती है।
  5. आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।
  6. कार्यों में सफलता दिलाता है।
  7. भय एवं तनाव को समाप्त करता है।
  8. आकस्मिक दुर्घटनाओं से बचाव करता है।
  9. पारिवारिक समस्याओं का समाधान करता है।
  10. व्यापार और नौकरी में उन्नति करता है।
  11. ग्रह दोषों को शांत करता है।
  12. स्वास्थ्य लाभ दिलाने में सहायक है।
  13. गुप्त शत्रुओं से रक्षा करता है।
  14. कोर्ट-कचहरी के मामलों में विजय दिलाता है।
  15. साधक के व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाता है।

Tara sadhana shivir

मुहूर्त

गुप्त काली साधना के लिए अमावस्या, मंगलवार, शनिवार और काली चौदस का दिन सर्वोत्तम माना जाता है। विशेष रूप से मध्यरात्रि के समय यह साधना अधिक प्रभावी होती है।

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विधि

  1. सबसे पहले बरगद के वृक्ष के नीचे जाकर वहाँ की मिट्टी एकत्र करें।
  2. इसे स्वच्छ वस्त्र में लपेटकर अपने साधना कक्ष में रखें।
  3. अमावस्या की रात्रि को इस मिट्टी को पंचगव्य से शुद्ध करें।
  4. एक काले वस्त्र पर इस मिट्टी को स्थापित करें।
  5. “ॐ क्रीं गुहा कालिके क्रीं नमः” मंत्र का 1001 बार जाप करें।
  6. साधना के दौरान किसी प्रकार का व्यवधान न हो, इसका ध्यान रखें।
  7. अंत में मिट्टी को अपने घर के मुख्य द्वार पर छिड़क दें।

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सामान्य प्रश्न

  1. क्या यह साधना हर कोई कर सकता है? – हां, लेकिन केवल योग्य साधकों को ही यह प्रक्रिया करनी चाहिए।
  2. इस साधना को करने का सर्वोत्तम समय क्या है? – अमावस्या, मंगलवार और शनिवार की रात्रि को करना श्रेष्ठ होता है।
  3. क्या इस साधना में विशेष स्थान की आवश्यकता होती है? – हां, इसे एकांत और पवित्र स्थान पर किया जाना चाहिए।
  4. क्या किसी विशेष नियम का पालन आवश्यक है? – हां, सात्विक भोजन और ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य है।
  5. क्या इस साधना से त्वरित लाभ मिलता है? – नियमित साधना करने से शीघ्र ही प्रभाव दिखाई देने लगते हैं।
  6. क्या बरगद के वृक्ष की मिट्टी का कोई और उपयोग है? – हां, यह नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने में सहायक होती है।
  7. क्या इस साधना को करने के बाद कोई सुरक्षा उपाय आवश्यक हैं? – हां, साधना के बाद हनुमान ॐ हं हनुमंते नमः मंत्र का जाप करें।

Green Tara Miraculous Remedy – Attract Wealth & Prosperity

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ग्रीन तारा का अचूक उपाय – गरीबी और दरिद्रता होगी समाप्त!

ये तिब्बती बौद्ध धर्म की अत्यंत शक्तिशाली देवी हैं। वे करुणा, समृद्धि और संकटमोचन का प्रतीक मानी जाती हैं। ग्रीन तारा की साधना करने से व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है और दरिद्रता समाप्त होती है। यह साधना विशेष रूप से आर्थिक कष्टों को दूर करने के लिए की जाती है।

ग्रीन तारा मंत्र “ॐ ह्रीं स्त्रीं हरित तारे तुतारे क्लीं नमः” अत्यंत प्रभावशाली है। इसका नियमित जप करने से जीवन की कठिनाइयाँ दूर होती हैं। यह उपाय न केवल आर्थिक समस्याओं का समाधान करता है, बल्कि मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान करता है।


मुहूर्त: कब करें यह उपाय?

इस उपाय को शुभ मुहूर्त में करने से शीघ्र फल मिलता है।

  • शुभ दिन – शुक्रवार या पूर्णिमा तिथि
  • शुभ समय – ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) या संध्या काल
  • शुभ नक्षत्र – पुष्य, रेवती, मृगशिरा
  • विशेष पर्व – बुद्ध पूर्णिमा, नवरात्रि, दीपावली

सही समय पर साधना करने से देवी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है और साधक को मनोवांछित फल मिलता है।

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ग्रीन तारा साधना के लाभ

  • इस उपाय से धन की कमी दूर होती है। व्यापार और नौकरी में तरक्की मिलती है।
  • मंत्र जप से जीवन में दरिद्रता समाप्त होती है और समृद्धि आती है।
  • अगर कर्ज के बोझ से दबे हैं, तो यह साधना करने से शीघ्र राहत मिलती है।
  • व्यापारियों के लिए यह उपाय विशेष लाभकारी है। यह धन वृद्धि और ग्राहक आकर्षण में सहायक होता है।
  • ग्रीन तारा की साधना से तनाव और चिंता दूर होती है। जीवन में शांति बनी रहती है।
  • इस उपाय से परिवार में धन, सुख और सौहार्द बना रहता है।
  • शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है।
  • जीवन में आने वाली अनचाही रुकावटें दूर होती हैं।
  • इस साधना से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
  • दांपत्य जीवन में प्रेम और सौहार्द बढ़ता है।
  • विद्यार्थियों की एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
  • संपत्ति और अनाज की वृद्धि होती है।
  • कार्यक्षेत्र में सफलता और पदोन्नति मिलती है।
  • कुंडली में मौजूद नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
  • शुद्ध हृदय से साधना करने पर ग्रीन तारा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

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साधना विधि: ग्रीन तारा का अचूक उपाय

  1. किसी भी मंदिर के पास से ताजी हरी घास तोड़ें।
  2. उसे धागे से बाँधकर एक थाली में रखें।
  3. सामने अगरबत्ती जलाएँ और एकांत में बैठें।
  4. २० मिनट तक “ॐ ह्रीं स्त्रीं हरित तारे तुतारे क्लीं नमः” मंत्र का जप करें।
  5. इस क्रिया को लगातार ७ दिन तक करें।
  6. ८वें दिन किसी भूखे व्यक्ति को भोजन दान करें।
  7. अंत में हरी घास को जल में विसर्जित कर दें।

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सामान्य प्रश्न

१. ग्रीन तारा कौन हैं?

ग्रीन तारा तिब्बती बौद्ध धर्म की देवी हैं, जो करुणा और समृद्धि की प्रतीक हैं।

२. इस उपाय से कितना समय में फल मिलेगा?

अगर श्रद्धा और नियमपूर्वक किया जाए तो ८ दिन में सकारात्मक परिणाम दिखने लगते हैं।

३. इस साधना के दौरान क्या सावधानी रखनी चाहिए?

मंत्र जप के दौरान ध्यान एकाग्र रखें और सात्विक भोजन ग्रहण करें।

४. क्या यह उपाय घर पर किया जा सकता है?

हाँ, इसे मंदिर या घर के शुद्ध स्थान पर किया जा सकता है।

५. अगर कोई दिन छूट जाए तो क्या करें?

अगर कोई दिन छूट जाए तो साधना दोबारा से शुरू करें।

६. क्या यह उपाय केवल शुक्रवार को करना अनिवार्य है?

नहीं, लेकिन शुक्रवार को करने से अधिक लाभ होता है।

७. क्या किसी विशेष रंग के वस्त्र पहनने चाहिए?

हरा या सफेद रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।


गरीबी और दरिद्रता होगी समाप्त

ग्रीन तारा की साधना से धन-संपत्ति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। यदि श्रद्धा और नियमपूर्वक इस उपाय को किया जाए, तो जीवन में किसी भी प्रकार की दरिद्रता समाप्त हो जाती है। यह उपाय सरल होने के साथ-साथ अत्यंत प्रभावशाली भी है।

“ॐ ह्रीं स्त्रीं हरित तारे तुतारे क्लीं नमः” मंत्र का नित्य जाप करें और जीवन में धन, सौभाग्य और सफलता को आमंत्रित करें।

Black Tara Ritual: Ultimate Protection from Dark Energies!

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ब्लैक तारा प्रयोग: शत्रु और काला जादू से मुक्ति

Black Tara Ritual ब्लैक तारा देवी तंत्र शक्ति की एक प्रमुख स्वरूप हैं, जो शत्रु बाधा, नकारात्मक ऊर्जा, और काले जादू से मुक्ति दिलाने में अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती हैं। यह साधना उन लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी है, जो जीवन में बार-बार आने वाली बाधाओं, दुष्ट शक्तियों, या असाधारण भय से मुक्ति चाहते हैं।

शुभ मुहूर्त

  • यह साधना कृष्ण पक्ष की अष्टमी, अमावस्या, या शनिवार को प्रारंभ करना उत्तम माना जाता है।
  • मध्यरात्रि (१२:०० – १:३० बजे) या ब्रह्ममुहूर्त (४:०० – ५:३० बजे) में यह प्रयोग विशेष फलदायी होता है।

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साधना विधि

  1. सामग्री:
    • किसी भी नदी की शुद्ध मिट्टी
    • ११ काली मिर्च
    • जल (गंगाजल हो तो उत्तम)
    • हल्दी, कुमकुम
    • थाली या पीतल का पात्र
  2. विधि:
    • एकांत में, स्वच्छ स्थान पर बैठकर मानसिक शुद्धि करें।
    • नदी की मिट्टी में ११ काली मिर्च और जल मिलाकर अंडाकार शिवलिंग बना लें।
    • इसे थाली में स्थापित करें और हल्दी व कुमकुम चढ़ाएं।
    • अब, ब्लैक तारा मंत्र का २० मिनट तक जाप करें: ॥ ॐ ह्रीं स्त्रीं श्याम तारे क्लीं हुं फट् ॥
    • यह प्रक्रिया ११ दिन तक लगातार करें।
    • १२वें दिन, किसी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन दान करें और उस मिट्टी के शिवलिंग को किसी पवित्र नदी या जलस्रोत में विसर्जित कर दें।

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ब्लैक तारा प्रयोग के लाभ

  1. शत्रुओं से सुरक्षा प्राप्त होती है।
  2. काला जादू और तांत्रिक बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
  3. जीवन में अचानक आने वाली अड़चनों का समाधान होता है।
  4. दुष्ट आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जाओं से रक्षा होती है।
  5. कोर्ट-कचहरी और कानूनी विवादों में सफलता मिलती है।
  6. व्यापार में आ रही रुकावटें दूर होती हैं।
  7. मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
  8. पारिवारिक कलह और मतभेद समाप्त होते हैं।
  9. आत्मबल और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  10. नींद से जुड़ी समस्याओं का निवारण होता है।
  11. आकस्मिक दुर्घटनाओं से रक्षा होती है।
  12. दुश्मनों की चालें निष्फल हो जाती हैं।
  13. ग्रहों के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
  14. आध्यात्मिक जागरण और साधना में सफलता मिलती है।
  15. इच्छित कार्यों में शीघ्र सफलता मिलती है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. क्या यह साधना बिना गुरु के की जा सकती है?
    • हां, यह साधना गुरु के बिना भी की जा सकती है, परंतु पूरी श्रद्धा और विधि का पालन करना आवश्यक है।
  2. इस प्रयोग को करने का सर्वश्रेष्ठ समय कौन सा है?
    • इसे रात्रि १२ बजे या ब्रह्ममुहूर्त में करना सर्वोत्तम माना जाता है।
  3. क्या महिलाएं इस साधना को कर सकती हैं?
    • हां, लेकिन मासिक धर्म के दौरान इसे न करें।
  4. क्या इस प्रयोग को घर में किया जा सकता है?
    • हां, लेकिन एकांत और शुद्ध स्थान पर करें।
  5. क्या इस साधना से शत्रु नष्ट हो जाएंगे?
    • यह साधना शत्रुओं को दुर्बल कर देती है और उनकी नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव समाप्त कर देती है।
  6. यदि किसी दिन साधना छूट जाए तो क्या करें?
    • पुनः अगले दिन विधि अनुसार शुरू करें, लेकिन इसे लगातार करने का प्रयास करें।
  7. क्या साधना के दौरान किसी विशेष प्रकार का भोजन लेना चाहिए?
    • हां, सात्त्विक भोजन करें और मांसाहार, मद्यपान से बचें।
  8. क्या इस प्रयोग को गोपनीय रखना चाहिए?
    • हां, इसे किसी को न बताएं और पूर्ण गोपनीयता में करें।

अंत मे

ब्लैक तारा साधना तांत्रिक बाधाओं, शत्रु बाधा, और नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति पाने का अत्यंत प्रभावशाली तरीका है। इसे श्रद्धा और विधि के अनुसार करने पर जीवन में सुख-समृद्धि, आत्मबल, और सुरक्षा प्राप्त होती है।

यदि आप इस साधना को करते हैं, तो अपने अनुभव अवश्य साझा करें।


White Tara 21 Secret Cardamom for Wealth, Health & Protection

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श्वेत तारा 21 इलायची का गुप्त प्रयोग – धन, स्वास्थ्य और रक्षा के लिए!

हर तरह की भौतिक अड़चन दूर करने के लिए इलायची का प्रयोग अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। यह न केवल आध्यात्मिक बल्कि भौतिक समस्याओं का भी समाधान करता है। इलायची के इन रहस्यमय प्रयोगों से जीवन में धन, स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ी समस्याएँ दूर हो सकती हैं।

७ दिन की साधना से जीवन में चमत्कारिक बदलाव

इलायची के प्रयोग को यदि 7 दिनों तक नियमित रूप से किया जाए, तो व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आने लगते हैं। यह साधना विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद होती है, जो लगातार आर्थिक, स्वास्थ्य या सुरक्षा संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

इलायची के अद्भुत लाभ

  1. धन वृद्धि और व्यापार में सफलता।
  2. आर्थिक रुकावटें दूर करना।
  3. कर्ज से मुक्ति पाना।
  4. बीमारियों से छुटकारा।
  5. मानसिक शांति और तनाव मुक्ति।
  6. बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा।
  7. विवाह संबंधित समस्याओं का समाधान।
  8. शत्रु बाधा से मुक्ति।
  9. ग्रहदोषों का शमन।
  10. संतान सुख प्राप्ति।
  11. कार्य में सफलता और तरक्की।
  12. आध्यात्मिक ऊर्जा का विकास।

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मुहूर्त – सही समय पर करें प्रयोग

इलायची के प्रयोग का प्रभाव तभी बढ़ता है जब इसे सही समय पर किया जाए।

  • शुभ तिथि: पूर्णिमा, अमावस्या, गुरुवार और शुक्रवार।
  • शुभ समय: प्रातः 4:30 से 6:00 बजे एवं रात्रि 9:00 से 11:00 बजे।
  • शुभ नक्षत्र: रोहिणी, पुष्य, मृगशिरा।
  • अनुष्ठान काल: ७ दिनों तक लगातार।

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विधि – कैसे करें इलायची का प्रयोग?

  1. प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. पूजा स्थान पर शुद्ध घी का दीपक जलाएँ।
  3. 3 इलायची लें और उस पर ‘ॐ स्त्रीं श्वेत तारे तुतारे नमः’ मंत्र का ५४० बार जाप करें।
  4. एक इलायची को जल में प्रवाहित करें, दूसरे को अपने मंदिर में रखें और तीसरे को खा लें।
  5. यह प्रक्रिया ७ दिनों तक करें।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. इलायची का यह प्रयोग कब तक करना चाहिए?
७ दिन तक करने से लाभ मिलने लगता है, लेकिन इसे नियमित रूप से भी किया जा सकता है।

2. क्या यह प्रयोग किसी भी दिन कर सकते हैं?
शुभ मुहूर्त में करने से अधिक प्रभावी होता है।

3. क्या इस प्रयोग के कोई साइड इफेक्ट हैं?
नहीं, यह पूरी तरह सुरक्षित है।

4. क्या इसे घर में कर सकते हैं?
हाँ, यह साधना घर में की जा सकती है।

5. क्या यह व्यापार में लाभ दिला सकता है?
हाँ, यह व्यापार में उन्नति लाने में सहायक है।

6. क्या गर्भवती महिलाएँ इसे कर सकती हैं?
हाँ, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या हो तो पहले सलाह लें।

7. अगर कोई दिन भूल जाएँ तो क्या करें?
अगर कोई दिन छूट जाए तो अगले दिन से फिर से शुरू करें।

Kamaleshwari Sadhana with soil – Prosperity & Success

Kamaleshwari Sadhana with soil - Prosperity & Success

कमलेश्वरी साधना: तीन पवित्र मिट्टियाँ और हल्दी से साधना। समृद्धि और सफलता का रहस्य ।

Kamaleshwari Sadhana with soil यह एक अत्यंत गोपनीय और शक्तिशाली तांत्रिक साधना है, इसमे किसी भी तीन पेड़ों की मिट्टी और तीन हल्दी के टुकड़ो का उपयोग किया जाता है। यह साधना माँ कमलेश्वरी के तांत्रिक स्वरूप से जुड़ी हुई है और भौतिक अड़चनों को दूर करने, धन-वैभव, सफलता और समृद्धि प्राप्त करने के लिए की जाती है।

11 दिन की साधना का परिचय

यह साधना विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो आर्थिक कठिनाइयों, व्यापारिक बाधाओं या अन्य भौतिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसे पूर्ण विधि-विधान से करने पर तांत्रिक शक्तियाँ जाग्रत होती हैं, जिससे व्यक्ति की बाधाएँ समाप्त होती हैं। इसमे किसी भी तीन पेड़ों की मिट्टी का प्रयोग किया जाता है। साथ ही, तीन हल्दी के टुकड़ो का समावेश साधना को और प्रभावी बनाता है।

अद्भुत लाभ

  1. भौतिक अड़चनें समाप्त होती हैं।
  2. व्यापार और धन में वृद्धि होती है।
  3. ऋण और कर्ज से मुक्ति मिलती है।
  4. शत्रुओं से रक्षा होती है।
  5. सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  6. तांत्रिक अवरोध समाप्त होते हैं।
  7. रोग-निवारण और स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  8. मनोवैज्ञानिक समस्याएँ दूर होती हैं।
  9. आध्यात्मिक जागृति होती है।
  10. परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
  11. संपत्ति वृद्धि के योग बनते हैं।
  12. मनचाही सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।

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शुभ मुहूर्त

इस साधना को करने के लिए अमावस्या, पूर्णिमा, अष्टमी या शुक्रवार की रात्रि सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। गुरु पुष्य योग, रवि पुष्य योग, दीपावली या नवरात्रि के विशेष दिन भी अनुकूल होते हैं।

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विधि

  1. स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठे।
  3. एक लकड़ी के पट्टे पर लाल वस्त्र बिछाकर माँ कमलेश्वरी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  4. तीन मिट्टियाँ और तीन हल्दियों को एक ताम्र पात्र में रखकर तांत्रिक मंत्रों से अभिमंत्रित करें।
  5. दीपक प्रज्वलित कर 540 बार निम्न मंत्र का जाप करें:
    ॐ ऐं श्रीं कमलेश्वरी क्लीं वषट्
  6. इस क्रिया को 11 दिनों तक निरंतर करें।
  7. 12वें दिन इन अभिमंत्रित मिट्टियों को प्रवाहित कर दें और हल्दी को सुरक्षित रखें।

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सामान्य प्रश्न और उत्तर

  1. क्या यह साधना सभी के लिए है?
    हाँ, लेकिन इसे श्रद्धा और नियमों के साथ करना आवश्यक है।
  2. क्या इसे घर में कर सकते हैं?
    हाँ, इसे घर में कर सकते हैं, लेकिन एकांत स्थान श्रेष्ठ होगा।
  3. क्या विशेष नियमों का पालन करना होगा?
    हाँ, ब्रह्मचर्य और सात्विकता का पालन आवश्यक है।
  4. यदि किसी दिन जाप न कर सकें तो?
    साधना को पुनः प्रारंभ करना होगा।
  5. क्या स्त्रियाँ भी यह साधना कर सकती हैं?
    हाँ, लेकिन विशेष दिनों में इसे रोककर बाद में जारी रखें।
  6. इसका प्रभाव कितने दिनों में दिखता है?
    नियमित रूप से करने पर 11 से 40 दिनों में शुभ फल दिखने लगते हैं।
  7. क्या इसे गुरु दीक्षा के बिना कर सकते हैं?
    हाँ, लेकिन यदि गुरु कृपा प्राप्त हो तो प्रभाव शीघ्र मिलेगा।

Mystical Protection – How Black Thread Changes Your Destiny!

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कन्या के हाथ का काला धागा! कैसे बदल सकता है आपकी किस्मत?

Mystical Protection – ॐ ह्रीं स्त्रीं तारे तुतारे क्लीं शं नमः – यह मंत्र तारा देवी की कृपा पाने के लिए अत्यंत प्रभावशाली है। यदि इस मंत्र के साथ कन्या के हाथ से अभिमंत्रित काले धागे का प्रयोग किया जाए, तो यह दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदल सकता है।

७ दिन की साधना

यह साधना ७ दिनों तक प्रतिदिन करनी होती है। प्रातः स्नान कर पवित्र स्थान पर बैठकर ५४० बार इस मंत्र का जाप करें। साधना काल में सात्विक भोजन ग्रहण करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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चमत्कारी लाभ

  1. बुरी नजर से रक्षा करता है।
  2. धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।
  3. नौकरी और व्यापार में सफलता मिलती है।
  4. ग्रह बाधाओं को शांत करता है।
  5. आत्मविश्वास बढ़ाता है।
  6. नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
  7. शत्रु बाधा समाप्त करता है।
  8. वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ाता है।
  9. मानसिक शांति और स्थिरता देता है।
  10. संतान सुख में वृद्धि करता है।
  11. भाग्य को जाग्रत करता है।
  12. आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।

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शुभ मुहूर्त

अमावस्या, पूर्णिमा, बुधवार या शुक्रवार को इस साधना का आरंभ करें। ब्रह्म मुहूर्त या संध्या समय उत्तम रहता है।

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विधि

कन्या के हाथ से काले धागे को लेकर ५४० बार इस मंत्र का जप करे। ७ दिन मंत्र जप करने के बाद ८वे दिन इसे दाएं हाथ या गले में धारण करें। इस दौरान मंत्र जाप करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उत्तर

1. क्या इस साधना को कोई भी कर सकता है?
हाँ, यह साधना कोई भी कर सकता है, चाहे स्त्री हो या पुरुष। बस श्रद्धा और नियम का पालन आवश्यक है।

2. धागे को कब और कैसे बदलना चाहिए?
यदि धागा टूट जाए, फीका पड़ जाए या नकारात्मक ऊर्जा ग्रहण कर ले, तो इसे बहते जल में प्रवाहित कर नया धागा धारण करें।

3. क्या महिलाएं इस साधना को कर सकती हैं?
हाँ, महिलाएं भी इसे कर सकती हैं, लेकिन मासिक धर्म के दौरान साधना स्थगित करनी चाहिए और शुद्धि के बाद पुनः आरंभ करें।

4. क्या यह किसी विशेष राशि के लिए है?
नहीं, यह सभी राशियों के लिए प्रभावी है। किसी भी जातक को यह लाभ दे सकता है, बस पूर्ण श्रद्धा और नियम जरूरी हैं।

5. क्या इसे किसी अन्य को दिया जा सकता है?
नहीं, यह व्यक्तिगत साधना से सिद्ध किया जाता है। इसे किसी अन्य को न दें, क्योंकि यह आपकी ऊर्जा से जुड़ा होता है।

6. क्या इसे ताबीज में रख सकते हैं?
हाँ, इसे ताबीज में रखकर गले या बाजू में धारण कर सकते हैं। यह नकारात्मक ऊर्जा से बचाव करता है।

7. क्या यह तुरंत प्रभावी होता है?
साधना पूर्ण श्रद्धा और नियम से करने पर प्रभाव शीघ्र मिलता है। कुछ लोगों को तुरंत लाभ मिलता है, तो कुछ को समय लगता है।

Tara Mahavidya Sadhana Shivir – Wealth Protection Prosperity

Tara Mahavidya Sadhana Shivir - Wealth Protection Prosperity

तारा महाविद्या साधना शिविर 2025: आर्थिक, आध्यात्मिक और तांत्रिक बाधाओं से मुक्ति का मार्ग

तारा महाविद्या साधना शिविर एक दिव्य अवसर है, जिसमें साधक देवी तारा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। यह विशेष साधना शिविर 26 – 27 अप्रैल 2025 को दिव्ययोग आश्रम में आयोजित किया जा रहा है। इसमे ऑनलाईन व ऑफलाईन साधको के द्वारा दो दिन मे १२५००० मंत्र के साथ इस साधना को पूर्ण कराया जाता है। इस साधना शिविर में भाग लेने से जीवन में आने वाली बाधाओं से मुक्ति, अकस्मात धन प्राप्ति, आर्थिक समृद्धि, परिवार की सुरक्षा, शत्रु बाधा निवारण तथा आध्यात्मिक उन्नति संभव है। साधना मार्ग में रुचि रखने वाले साधक इस शिविर में भाग लेकर स्वयं को तांत्रिक, नकारात्मक शक्तियों एवं नजर दोष से सुरक्षित कर सकते हैं।


शिविर के लाभ

तारा महाविद्या साधना शिविर में भाग लेकर साधकों को अनेक लाभ प्राप्त होंगे:

  1. परिवार की सुरक्षा और समृद्धि
  2. अकस्मात धन प्राप्ति
  3. नौकरी और व्यापार में स्थायित्व
  4. शत्रु बाधा निवारण
  5. तंत्र एवं नकारात्मक शक्तियों से रक्षा
  6. नजर बाधा से मुक्ति
  7. आर्थिक सुरक्षा
  8. आध्यात्मिक उन्नति
  9. ग्रह दोष निवारण
  10. स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का निवारण
  11. विवाह संबंधी बाधाओं का समाधान
  12. जीवन में सफलता और उन्नति
  13. दुर्भाग्य से मुक्ति
  14. सकारात्मक ऊर्जा एवं आत्मविश्वास वृद्धि
  15. अचानक आने वाली समस्याओं का निवारण
  16. मन की एकाग्रता और शांति
  17. सिद्धि प्राप्ति की ओर अग्रसरता
  18. देवी तारा की विशेष कृपा प्राप्ति
  19. तंत्र साधना में उन्नति

कौन इस साधना शिविर में भाग ले सकता है?

  • जो साधना और अध्यात्म में रुचि रखते हैं।
  • जो जीवन की समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं।
  • जो शेयर मार्केट, लॉटरी, सट्टा, गेंबलिंग के क्षेत्र मे हो।
  • जो आर्थिक, स्वास्थ्य और मानसिक समस्याओं से परेशान हैं।
  • जो तंत्र बाधाओं से मुक्ति चाहते हैं।
  • स्त्री एवं पुरुष दोनों भाग ले सकते हैं।
  • उम्र 20 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।

साधना शिविर में भाग लेने के नियम

  1. उम्र 20 वर्ष से अधिक हो।
  2. स्त्री-पुरुष दोनों भाग ले सकते हैं।
  3. नीले और काले कपड़े न पहनें।
  4. धूम्रपान, मद्यपान एवं मांसाहार का त्याग करें।
  5. साधना काल में ब्रह्मचर्य का पालन करें।

तारा महाविद्या साधना शिविर में प्राप्त होने वाली दिव्य सामग्री

दिव्ययोग आश्रम की ओर से सभी साधकों को निम्नलिखित सिद्ध साधना सामग्री प्रदान की जाएगी:

  • तारा माला
  • तारा यंत्र
  • तारा पारद गुटिका
  • देवी आसन
  • रक्षा सूत्र
  • कौड़ी
  • सफेद, काली व लाल चिरमी दाना
  • तारा कवच
  • साधना विधि
  • मंत्र दिक्षा

TARA SADHANA SHIVIR BOOING

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तारा महाविद्या साधना शिविर से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर

इस साधना शिविर में भाग लेने के लिए कोई विशेष योग्यता चाहिए?

उत्तर: नहीं, इस साधना में भाग लेने के लिए किसी विशेष योग्यता की आवश्यकता नहीं है। बस श्रद्धा और नियमों का पालन अनिवार्य है।

क्या इस शिविर में ऑनलाइन भाग लिया जा सकता है?

उत्तर: हां, जो साधक व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो सकते, वे ऑनलाइन भाग ले सकते हैं।

क्या यह साधना सभी के लिए उपयुक्त है?

उत्तर: हां, यह साधना स्त्री-पुरुष सभी के लिए उपयुक्त है। केवल 20 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति ही भाग ले सकते हैं।

तारा महाविद्या साधना से क्या सिद्धियां प्राप्त हो सकती हैं?

उत्तर: इस साधना से आध्यात्मिक शक्ति, तंत्र बाधा निवारण, आर्थिक समृद्धि एवं मानसिक शांति प्राप्त की जा सकती है।

शिविर के दौरान क्या पहनना उचित रहेगा?

उत्तर: सफेद, पीले या लाल रंग के वस्त्र पहनना श्रेष्ठ रहेगा। नीले और काले रंग के वस्त्र वर्जित हैं।

क्या इस शिविर में रात्रि में भी साधना होती है?

उत्तर: हां, यह एक विशेष साधना शिविर है, जिसमें रात्रि साधना का भी आयोजन किया जाएगा।

क्या साधकों को विशेष मंत्र दीक्षा दी जाएगी?

उत्तर: हां, शिविर में विशेष मंत्र दीक्षा दी जाएगी, जिससे साधक साधना को प्रभावी रूप से कर सकें।

क्या शिविर में भाग लेने के लिए किसी वस्तु की आवश्यकता होगी?

उत्तर: नहीं, दिव्ययोग आश्रम की ओर से सभी आवश्यक सामग्री प्रदान की जाएगी।

क्या यह साधना जीवन की समस्याओं का समाधान कर सकती है?

उत्तर: हां, यह साधना विशेष रूप से समस्याओं के निवारण के लिए बनाई गई है।

क्या साधकों को यह साधना घर पर भी करनी होगी?

उत्तर: हां, साधना पूर्ण करने के बाद इसे घर पर भी जारी रखा जा सकता है।

क्या यह साधना तंत्र बाधा और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा कर सकती है?

उत्तर: हां, यह साधना विशेष रूप से तंत्र बाधा और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा के लिए प्रभावी मानी जाती है।

शिविर में भाग लेने के लिए पंजीकरण कैसे करें?

उत्तर: शिविर में भाग लेने के लिए दिव्ययोग आश्रम से संपर्क करें।


तारा महाविद्या साधना शिविर आपके जीवन को एक नई दिशा देने का दिव्य अवसर है। इस अनमोल साधना शिविर का हिस्सा बनें और देवी तारा की कृपा से अपने जीवन की समस्याओं का समाधान प्राप्त करें।

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Chaitra Navratri Special: Invoke Maa Durga for Success

Chaitra Navratri Special: Invoke Maa Durga for Success

मां दुर्गा की कृपा से कैसे पाएं जीवन में सफलता | चैत्र नवरात्रि विशेष

Chaitra Navratri Special मां दुर्गा शक्ति, साहस और विजय की प्रतीक हैं। उनकी कृपा से जीवन में सफलता, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। चैत्र नवरात्रि का समय मां दुर्गा की साधना का सर्वोत्तम अवसर होता है। यह नौ दिन साधना, तप और आत्मशुद्धि के लिए विशेष माने जाते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि मां दुर्गा की कृपा से जीवन में सफलता कैसे प्राप्त की जा सकती है।


लाभ

  • मां दुर्गा की साधना से मन शांत होता है। व्यक्ति आत्मबल से भर जाता है और जीवन की हर चुनौती का सामना कर सकता है।
  • मां लक्ष्मी भी मां दुर्गा का ही रूप हैं। उनकी कृपा से धन, वैभव और व्यापार में वृद्धि होती है।
  • जीवन में आने वाली सभी बाधाएँ, कष्ट और संकट मां दुर्गा की कृपा से दूर हो जाते हैं।
  • यदि कोई शत्रु मानसिक, शारीरिक या आध्यात्मिक रूप से कष्ट पहुंचा रहा हो, तो मां दुर्गा की साधना से उनकी शक्ति निष्फल हो जाती है।
  • मां दुर्गा की पूजा से शारीरिक और मानसिक रोगों से छुटकारा मिलता है। स्वास्थ्य उत्तम होता है।
  • मां की उपासना से आत्मविश्वास और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।
  • घर में मां दुर्गा की कृपा से प्रेम, शांति और सद्भाव बना रहता है।
  • यदि विवाह में विलंब हो रहा हो या वैवाहिक जीवन में समस्याएं आ रही हों, तो मां दुर्गा की कृपा से समाधान मिलता है।
  • विद्यार्थियों और नौकरीपेशा लोगों के लिए मां दुर्गा की साधना विशेष फलदायी होती है।
  • नवरात्रि में मां दुर्गा की उपासना करने से आध्यात्मिक प्रगति होती है। साधना की शक्ति बढ़ती है।
  • मां दुर्गा की कृपा से तंत्र-मंत्र, बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव होता है।
  • जिन्हें संतान प्राप्ति में कठिनाई आ रही हो, वे मां दुर्गा की आराधना करें।
  • मां दुर्गा की कृपा से पति-पत्नी के बीच प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
  • मां दुर्गा की उपासना से साहस और पराक्रम बढ़ता है।
  • जो कोई भी सच्चे मन से मां दुर्गा की भक्ति करता है, उसकी हर इच्छा पूरी होती है।

नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा के नियम

  • व्रत का पालन करें और सात्विक भोजन करें।
  • ब्रह्ममुहूर्त में स्नान कर मां दुर्गा की पूजा करें।
  • नौ दिनों तक लाल या पीले वस्त्र पहनें।
  • माता को हलवा, पूरी और फल का भोग लगाएं।
  • कन्या पूजन अवश्य करें।
  • दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
  • अनुष्ठान में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
  • नकारात्मक विचारों से बचें और अहिंसा का पालन करें।

चैत्र नवरात्रि में पूजा का शुभ मुहूर्त

नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना का विशेष महत्व है। इस दिन मां दुर्गा का आह्वान किया जाता है। घटस्थापना का मुहूर्त प्रातः काल होता है।

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मां दुर्गा की पूजा विधि

  1. प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  2. पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
  3. चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें।
  4. दीप जलाएं और धूप-अगरबत्ती अर्पित करें।
  5. मंत्रों का जाप करें और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
  6. मां को फल, फूल और प्रसाद अर्पित करें।
  7. अंत में आरती करें और परिवार के साथ प्रसाद ग्रहण करें।

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चैत्र नवरात्रि में पूछे जाने वाले 8 महत्वपूर्ण प्रश्न

1. चैत्र नवरात्रि क्यों मनाई जाती है?

यह भगवान राम के जन्म का काल है और इस दौरान मां दुर्गा की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।

2. क्या नवरात्रि में व्रत रखना आवश्यक है?

नहीं, लेकिन यदि कोई व्रत नहीं रख सकता तो सात्विक आहार ग्रहण कर सकता है।

3. क्या नवरात्रि में बाल कटवाना वर्जित है?

जी हां, नवरात्रि के दौरान बाल कटवाना और नाखून काटना वर्जित माना जाता है।

4. नवरात्रि में कौन सा रंग शुभ होता है?

लाल, पीला और गुलाबी रंग विशेष शुभ माना जाता है।

5. क्या नवरात्रि में प्याज-लहसुन खाना सही है?

नहीं, सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए।

6. मां दुर्गा की पूजा में कौन से फूल अर्पित करें?

गेंदे, गुलाब और कमल के फूल अर्पित करने से मां प्रसन्न होती हैं।

7. क्या पुरुष भी कन्या पूजन कर सकते हैं?

जी हां, कन्या पूजन का कोई प्रतिबंध नहीं है। सभी इसे कर सकते हैं।

8. नवरात्रि के बाद क्या करना चाहिए?

व्रत का समापन कन्या पूजन और हवन के साथ करना चाहिए।

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अंत मे

मां दुर्गा की कृपा से जीवन में हर संकट का नाश होता है और सफलता प्राप्त होती है। चैत्र नवरात्रि में मां की पूजा करने से जीवन में शुभता और समृद्धि आती है। मां दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए नियमपूर्वक पूजा करें और मन को पवित्र रखें।

6 Word Lakshmi Mantra- Remove Career Obstacles

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क्या आपके करियर में अटका है कुछ? जानिए किस देवी से मिलेगा आपके प्रयासों में सफलता!

करियर में सफलता पाने के लिए देवी महालक्ष्मी का आशीर्वाद सबसे शक्तिशाली माना जाता है। यह ६ अक्षर का मंत्र (ॐ ऐं श्रीं क्रीं दुं नमः) धन, समृद्धि और उन्नति का प्रतीक है। इस मंत्र के जाप से नौकरी, व्यापार और करियर के सभी रुकावटें दूर होती हैं।

महालक्ष्मी मंत्र का अर्थ

ॐ ऐं श्रीं क्रीं दुं नमः

इस मंत्र का हर अक्षर देवी लक्ष्मी के एक रूप को दर्शाता है:

  • – ब्रह्मांड की ऊर्जा
  • ऐं – सरस्वती का बीज मंत्र (ज्ञान)
  • श्रीं – लक्ष्मी का बीज मंत्र (धन)
  • क्रीं – काली शक्ति (सफलता)
  • दुं – दुर्गा का रक्षक स्वरूप
  • नमः – समर्पण

इस मंत्र का नियमित जाप करने से करियर में तरक्की, नौकरी में प्रमोशन और व्यापार में लाभ मिलता है।


महालक्ष्मी मंत्र के अद्भुत लाभ

  1. करियर में तेजी से प्रगति – नौकरी या बिजनेस में सफलता मिलती है।
  2. आर्थिक समस्याओं का समाधान – धन की कमी दूर होती है।
  3. मानसिक शांति – तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है।
  4. नौकरी में स्थिरता – जॉब सुरक्षित रहती है।
  5. व्यापार में वृद्धि – नए ग्राहक और लाभ प्राप्त होते हैं।
  6. सकारात्मक ऊर्जा – आत्मविश्वास बढ़ता है।
  7. शत्रुओं पर विजय – कार्यस्थल के दुश्मनों से बचाव होता है।
  8. यश और प्रतिष्ठा – समाज में इज्जत बढ़ती है।
  9. सही निर्णय लेने की क्षमता – बुद्धि तेज होती है।
  10. कर्ज से मुक्ति – आर्थिक बोझ कम होता है।
  11. सफल इंटरव्यू – नई नौकरी के अवसर मिलते हैं।
  12. प्रोजेक्ट सफलता – काम में बाधाएं दूर होती हैं।
  13. सौभाग्य वृद्धि – भाग्य चमकता है।
  14. स्वास्थ्य लाभ – मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य सुधरता है।
  15. आध्यात्मिक उन्नति – जीवन में संतुलन आता है।

महालक्ष्मी मंत्र जाप के नियम

करियर सफलता के लिए आवश्यक नियम

  • सुबह ब्रह्म मुहूर्त (4-6 बजे) में जाप करें।
  • लाल या पीले कपड़े पहनकर बैठें।
  • मंत्र की माला (540 बार) का जाप करें।
  • शुद्ध मन से देवी लक्ष्मी का ध्यान करें।
  • शुक्रवार को विशेष पूजा करें।
  • मीठा भोग (खीर, लड्डू) चढ़ाएं।

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महालक्ष्मी मंत्र जाप का सही मुहूर्त

करियर उन्नति के लिए शुभ समय

  • शुक्रवार – लक्ष्मी जी का दिन, सबसे शुभ।
  • अमावस्या या पूर्णिमा – विशेष फलदायी।
  • सुबह 5-7 बजे – ब्रह्म मुहूर्त।
  • संध्या काल (6-7 बजे) – शाम का समय भी उत्तम।

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महालक्ष्मी मंत्र जाप की विधि

करियर सफलता पाने की सरल विधि

  1. स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  2. लाल आसन पर बैठकर दीपक जलाएं।
  3. “ॐ ऐं श्रीं क्रीं दुं नमः” मंत्र का 540 बार जाप करें।
  4. अंत में देवी लक्ष्मी से करियर सफलता की प्रार्थना करें।
  5. मंत्र जाप के बाद अन्न दान करें।

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महालक्ष्मी मंत्र से जुड़े प्रश्नोत्तर

करियर संबंधित सामान्य प्रश्न

Q1. क्या यह मंत्र हर कोई जप सकता है?
हां, यह मंत्र सभी के लिए फलदायी है।

Q2. कितने दिनों तक जाप करना चाहिए?
कम से कम 40 दिन नियमित जाप करें।

Q3. क्या महिलाएं इस मंत्र का जाप कर सकती हैं?
हां, यह मंत्र सभी के लिए समान रूप से लाभकारी है।

Q4. मंत्र जाप के लिए कौन सी माला उपयोगी है?
कमल गट्टे या रुद्राक्ष की माला सर्वोत्तम है।

Q5. क्या बिना गुरु के इस मंत्र का जाप कर सकते हैं?
हां, इस मंत्र को बिना गुरु के भी जपा जा सकता है।

Q6. इस मंत्र का जाप कब तक करना चाहिए?
जब तक करियर में सफलता न मिल जाए।

Q7. क्या इस मंत्र से नौकरी मिल सकती है?
हां, नियमित जाप से नौकरी के नए अवसर मिलते हैं।

Q8. मंत्र जाप के बाद क्या करें?
दान-पुण्य करें और सकारात्मक सोचें।


अंत में

अगर आपका करियर अटका हुआ है, तो महालक्ष्मी मंत्र आपकी सभी समस्याओं का समाधान है। नियमित जाप से धन, यश और सफलता मिलेगी। आज ही इस मंत्र का अभ्यास शुरू करें और करियर में नई ऊंचाइयों को छूएं!

Worship 9 Goddesses in Navratri for a Successful Life

Worship 9 Goddesses in Navratri for a Successful Life

नवरात्रि स्पेशल 9 देवी 9 रास्ते आपके जीवन की परेशानियों से छुटकारे के

Worship 9 Goddesses – नवरात्रि शक्ति की उपासना का पावन पर्व है। इन नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। हर देवी का एक विशेष स्वरूप, मंत्र और साधना विधि होती है। नवरात्रि में उपवास, पूजा और हवन से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। यह समय आध्यात्मिक उन्नति और मनोकामना पूर्ति के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।

नौ देवियों की पूजा से जीवन की हर समस्या का समाधान संभव है। प्रत्येक देवी किसी न किसी जीवन समस्या से मुक्ति का प्रतीक है। सही विधि और नियमों का पालन करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है। नवरात्रि का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि मानसिक और शारीरिक शुद्धि के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है।


9 देवी और उनके विशेष मार्ग जीवन की परेशानियों से मुक्ति के

माता शैलपुत्री स्थिरता और आत्मविश्वास प्रदान करने वाली देवी

माता शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं। इनकी पूजा से आत्मविश्वास और मन की स्थिरता प्राप्त होती है। यदि जीवन में अस्थिरता और मानसिक तनाव बना रहता है, तो माता शैलपुत्री की आराधना करनी चाहिए।

मंत्र और साधना विधि

🔸 ओम देवी शैलपुत्र्यै नमः मंत्र का जाप करें।
🔸 सफेद वस्त्र धारण करें और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं।

जीवन में लाभ
  • आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  • मनोबल मजबूत होता है।
  • मानसिक तनाव और भय से मुक्ति मिलती है।

माता ब्रह्मचारिणी संयम और धैर्य की शक्ति देने वाली देवी

माता ब्रह्मचारिणी की उपासना से धैर्य और संयम बढ़ता है। जो लोग जीवन में बार-बार असफल हो रहे हैं, उन्हें इनकी आराधना अवश्य करनी चाहिए।

मंत्र और साधना विधि

🔸 ओम देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः मंत्र का जाप करें।
🔸 फल, मिश्री और पंचामृत का भोग लगाएं।

जीवन में लाभ
  • निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।
  • पढ़ाई और करियर में सफलता मिलती है।
  • मानसिक शांति प्राप्त होती है।

माता चंद्रघंटा – नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने वाली देवी

माता चंद्रघंटा की कृपा से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है। इनकी पूजा से भय, तनाव और मानसिक परेशानियों से राहत मिलती है।

मंत्र और साधना विधि

🔸 ओम देवी चंद्रघंटायै नमः मंत्र का जाप करें।
🔸 सुगंधित पुष्प और दूध अर्पित करें।

जीवन में लाभ
  • आत्मरक्षा की शक्ति मिलती है।
  • मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  • नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।

माता कूष्मांडा – आरोग्य और सकारात्मक ऊर्जा देने वाली देवी

माता कूष्मांडा ब्रह्मांड की सृजनकर्ता मानी जाती हैं। इनकी उपासना से रोग, कष्ट और मानसिक अवसाद दूर होते हैं।

मंत्र और साधना विधि

🔸 ओम देवी कूष्मांडायै नमः मंत्र का जाप करें।
🔸 मिष्ठान्न और कुम्हड़ा (कद्दू) का भोग अर्पित करें।

जीवन में लाभ
  • रोगों से मुक्ति मिलती है।
  • सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
  • मानसिक और शारीरिक बल प्राप्त होता है।

माता स्कंदमाता परिवारिक सुख-शांति और संतान प्राप्ति की देवी

माता स्कंदमाता की कृपा से संतान सुख और पारिवारिक शांति प्राप्त होती है। जिन लोगों को संतान प्राप्ति में बाधा आ रही हो, उन्हें इनकी पूजा करनी चाहिए।

मंत्र और साधना विधि

🔸 ओम देवी स्कंदमातायै नमः मंत्र का जाप करें।
🔸 पीले फूल और केले का भोग अर्पित करें।

जीवन में लाभ
  • संतान सुख प्राप्त होता है।
  • पारिवारिक जीवन सुखमय होता है।
  • ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है।

माता कात्यायनी – वैवाहिक जीवन की समस्याओं को दूर करने वाली देवी

माता कात्यायनी की उपासना से विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं। वैवाहिक जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ाने के लिए इनकी पूजा करें।

मंत्र और साधना विधि

🔸 ओम देवी कात्यायन्यै नमः मंत्र का जाप करें।
🔸 शहद और लाल पुष्प अर्पित करें।

जीवन में लाभ
  • विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
  • दांपत्य जीवन सुखमय बनता है।
  • प्रेम संबंधों में मजबूती आती है।

माता कालरात्रि – भय और शत्रुओं का नाश करने वाली देवी

माता कालरात्रि की पूजा से शत्रुओं का नाश होता है। किसी भी प्रकार की बुरी शक्ति से रक्षा के लिए इनकी आराधना करनी चाहिए।

मंत्र और साधना विधि

🔸 ओम देवी कालरात्र्यै नमः मंत्र का जाप करें।
🔸 गुड़ और लौंग अर्पित करें।

जीवन में लाभ
  • भय और शत्रु बाधा से मुक्ति मिलती है।
  • आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है।
  • बुरी शक्तियों से सुरक्षा मिलती है।

माता महागौरी – आर्थिक समस्याओं से छुटकारा दिलाने वाली देवी

माता महागौरी की कृपा से धन-वैभव की प्राप्ति होती है। आर्थिक संकट से बचने के लिए इनकी पूजा करनी चाहिए।

मंत्र और साधना विधि

🔸 ओम देवी महागौर्यै नमः मंत्र का जाप करें।
🔸 सफेद फूल और नारियल अर्पित करें।

जीवन में लाभ
  • आर्थिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
  • जीवन में समृद्धि आती है।
  • मानसिक शांति प्राप्त होती है।

माता सिद्धिदात्री – मनोकामना पूर्ण करने वाली देवी

माता सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों की देवी हैं। इनकी पूजा से इच्छित फल की प्राप्ति होती है।

मंत्र और साधना विधि

🔸 ओम देवी सिद्धिदात्र्यै नमः मंत्र का जाप करें।
🔸 कमल पुष्प और चने का भोग अर्पित करें।

जीवन में लाभ
  • मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  • आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
  • जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

प्रमुख लाभ जो नवरात्रि में देवी उपासना से प्राप्त होते हैं

  1. नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा
  2. आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि
  3. धन-समृद्धि में वृद्धि
  4. पारिवारिक कलह से मुक्ति
  5. मानसिक शांति प्राप्ति
  6. स्वास्थ्य में सुधार
  7. शिक्षा और करियर में उन्नति
  8. आध्यात्मिक उन्नति
  9. वैवाहिक जीवन में सुख-शांति
  10. ग्रह दोषों से मुक्ति
  11. कर्ज और आर्थिक संकट से राहत
  12. शत्रु बाधा से रक्षा
  13. संतान प्राप्ति में सफलता
  14. आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति
  15. इच्छाओं की पूर्ति

नवरात्रि में पूजा के नियम और सावधानियां

  • नवरात्रि में ब्रह्मचर्य का पालन करें
  • सात्विक भोजन करें
  • सूर्योदय से पहले स्नान करें और देवी का ध्यान करें
  • लाल या पीले वस्त्र धारण करें
  • हवन और मंत्र जाप करें
  • किसी की निंदा या अपमान न करें
  • व्रत का पूर्ण विधि-विधान से पालन करें

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नवरात्रि पूजन का शुभ मुहूर्त

नवरात्रि का आरंभ और समापन विशेष तिथियों पर होता है। शुभ मुहूर्त में पूजा करने से देवी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है। प्रत्येक दिन का विशेष समय पूजा के लिए श्रेष्ठ होता है।

  • घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
  • दुर्गा अष्टमी का विशेष समय
  • नवमी पूजन का महत्व

Bricks donation for bagalamukhi temple


नवरात्रि पूजन की संपूर्ण विधि

कलश स्थापना और प्रथम दिन की पूजा

मिट्टी के कलश में जौ बोकर जल स्थापित करें। माता शैलपुत्री की आराधना करें।

नौ दिनों की विशेष साधना

प्रत्येक दिन देवी के एक विशेष रूप की पूजा करें। मंत्र जाप और हवन करें।

कन्या पूजन और विसर्जन

अष्टमी या नवमी को कन्या पूजन करें। देवी का आशीर्वाद प्राप्त करें।

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नवरात्रि से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर

1. क्या नवरात्रि में उपवास रखना अनिवार्य है

नहीं, यह व्यक्तिगत आस्था पर निर्भर करता है। उपवास से शरीर और मन शुद्ध होते हैं।

2. नवरात्रि में कौन से रंग के वस्त्र पहनने चाहिए

लाल, पीले, नारंगी और सफेद रंग के वस्त्र शुभ माने जाते हैं।

3. नवरात्रि में हवन क्यों किया जाता है

हवन से वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

4. नवरात्रि में कौन से भोग अर्पित करने चाहिए

प्रतिदिन देवी के अनुसार विशेष भोग चढ़ाना शुभ माना जाता है।

5. क्या नवरात्रि में बाल कटवाना अशुभ होता है

जी हां, नवरात्रि में बाल कटवाना और नाखून काटना वर्जित माना जाता है।

6. नवरात्रि में क्या मांसाहार खाना चाहिए

नहीं, इस दौरान सात्विक भोजन का पालन करना चाहिए।

7. क्या नवरात्रि में देवी का अभिषेक किया जा सकता है

हां, गंगाजल और दूध से अभिषेक करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

8. नवरात्रि में रात्रि जागरण क्यों किया जाता है

रात्रि जागरण से आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है और देवी कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।


अंत में

नवरात्रि का पर्व देवी शक्ति की साधना और आत्मशुद्धि का श्रेष्ठ समय है। देवी की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। सच्चे मन से उपासना करने पर सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। नियमों का पालन कर, सही विधि से पूजा करने से शुभ फल शीघ्र प्राप्त होते हैं।

Chaitra Navratri Worship – Which Goddess for Your Problems?

Chaitra Navratri Worship - Which Goddess for Your Problems?

चैत्र नवरात्रि 2025: किस देवी से मिलेगी आपकी समस्या का हल?

चैत्र नवरात्रि एक विशेष आध्यात्मिक अवसर है, जब भक्त मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना करते हैं। इस पावन समय में देवी शक्ति की आराधना करने से जीवन की कठिनाइयों का समाधान मिलता है। यह पर्व आत्मशुद्धि, सकारात्मक ऊर्जा और इच्छापूर्ति का प्रतीक है। सही देवी की उपासना से मनचाहा फल प्राप्त किया जा सकता है।

अद्भुत लाभ

  • नवरात्रि के व्रत और पूजा से घर-परिवार से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।
  • मां दुर्गा की कृपा से जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार होता है।
  • नवरात्रि के दौरान देवी की साधना करने से जीवन के सभी संकट दूर हो सकते हैं।
  • मां लक्ष्मी की कृपा से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
  • व्रत और सात्विक आहार से शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान बना रहता है।
  • मां दुर्गा की उपासना से मन को शांति मिलती है और ध्यान शक्ति बढ़ती है।
  • सही मंत्र और पूजा विधि से किए गए अनुष्ठान से पुराने कर्मों के दोष समाप्त होते हैं।
  • घर में मां की पूजा करने से पारिवारिक जीवन में सौहार्द बना रहता है।
  • मां दुर्गा की कृपा से विरोधी शक्तियां परास्त होती हैं और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
  • सही देवी की उपासना से करियर और व्यापार में प्रगति होती है।
  • मां सरस्वती की पूजा से शिक्षा में सफलता मिलती है और बुद्धि प्रखर होती है।
  • नवरात्रि में मां पार्वती की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम और सामंजस्य बना रहता है।
  • जो लोग संतान सुख की कामना करते हैं, उनके लिए यह पर्व विशेष फलदायी होता है।
  • नवरात्रि में विशेष पूजा करने से ग्रह दोष शांत होते हैं।
  • यह पर्व आत्मा को शुद्ध करने और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।

नियम और अनुशासन

1. व्रत का पालन करें

चैत्र नवरात्रि में व्रत रखने से देवी कृपा प्राप्त होती है।

2. सात्विक भोजन ग्रहण करें

इस दौरान सात्विक आहार लेने से मन और शरीर शुद्ध रहता है।

3. नियमित पूजा करें

प्रतिदिन देवी की आराधना करने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

4. अपवित्र वस्त्र न पहनें

पूजा के दौरान स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

5. क्रोध और नकारात्मक विचारों से बचें

नवरात्रि के दौरान शुद्ध विचार रखना आवश्यक होता है।

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चैत्र नवरात्रि 2025 शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि 2025 की घटस्थापना 30 मार्च 2025, रविवार को होगी। प्रतिपदा तिथि 29 मार्च 2025 को शाम 4:27 बजे से शुरू होकर 30 मार्च 2025 को दोपहर 12:49 बजे तक रहेगी।:

घटस्थापना मुहूर्त: प्रातः मुहूर्त: सुबह 6:13 बजे से 10:22 बजे तक। दोपहर 12:01 बजे से 12:50 बजे तक।

महाअष्टमी पूजन: चैत्र नवरात्रि 2025 की महाअष्टमी तिथि 5 अप्रैल 2025, शनिवार को है। इस दिन देवी दुर्गा के आठवें स्वरूप, महागौरी की पूजा की जाती है।

अष्टमी तिथि प्रारंभ: 4 अप्रैल 2025 को शाम 7:26 बजे।

अष्टमी तिथि समाप्त: 5 अप्रैल 2025 को शाम 7:26 बजे तक।​

चैत्र नवरात्रि 2025 की राम नवमी तिथि 6 अप्रैल 2025, रविवार को है। इस दिन भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है, जो भक्तों के लिए अत्यंत शुभ और मंगलकारी माना जाता है।​

राम नवमी 2025 के शुभ मुहूर्त:

गोधूलि मुहूर्त: शाम 6:41 बजे से 7:03 बजे तक।

पूजा का शुभ समय: सुबह 11:08 बजे से दोपहर 1:39 बजे तक।

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:04 बजे से 12:54 बजे तक।​

ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 4:41 बजे से 5:29 बजे तक।​

विजय मुहूर्त: दोपहर 2:30 बजे से 3:20 बजे तक।​

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चैत्र नवरात्रि पूजन विधि

1. कलश स्थापना करें

शुद्ध स्थान पर मिट्टी की वेदी बनाकर कलश स्थापित करें।

2. मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित करें

देवी की प्रतिमा या चित्र को पूजा स्थान पर रखें।

3. घी का दीपक जलाएं

नित्य प्रातः और संध्या समय दीपक जलाएं।

4. नवरात्रि कथा का पाठ करें

नौ दिनों तक दुर्गा सप्तशती या देवी महात्म्य का पाठ करें।

5. विशेष भोग अर्पित करें

मां को प्रसन्न करने के लिए उचित भोग अर्पित करें।

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चैत्र नवरात्रि से जुड़े सामान्य प्रश्न

1. चैत्र नवरात्रि क्यों मनाई जाती है?

यह देवी शक्ति की उपासना और आध्यात्मिक उन्नति के लिए मनाई जाती है।

2. क्या नवरात्रि में व्रत अनिवार्य है?

नहीं, लेकिन व्रत करने से विशेष लाभ मिलते हैं।

3. कौन-सी देवी किस समस्या का समाधान देती हैं?

  • मां शैलपुत्री: स्वास्थ्य समस्या – ॐ ह्रीं शैलपुत्रे नमः
  • मां ब्रह्मचारिणी: शिक्षा और करियर – ॐ ह्रीं ब्रह्मचारिणी नमः
  • मां चंद्रघंटा: भय और शत्रु नाश – ॐ ह्रीं चंद्रघंटा नमः
  • मां कूष्मांडा: धन-समृद्धि – ॐ ह्रीं कूष्मांडा नमः
  • मां स्कंदमाता: संतान सुख – ॐ ह्रीं स्कंदमाता नमः
  • मां कात्यायनी: विवाह समस्या – ॐ ह्रीं कात्यायनी नमः
  • मां कालरात्रि: नकारात्मक ऊर्जा से बचाव – ॐ ह्रीं कालरात्रि नमः
  • मां महागौरी: शांति और सुख – ॐ ह्रीं महागौरी नमः
  • मां सिद्धिदात्री: इच्छापूर्ति – ॐ ह्रीं सिद्धिदात्री नमः

4. क्या नवरात्रि में यात्रा करना उचित है?

संभव हो तो नवरात्रि में घर पर रहकर पूजा करें।

5. क्या नवरात्रि में बाल कटवाना चाहिए?

नहीं, यह अशुभ माना जाता है।

6. नवरात्रि में कौन-से मंत्र का जाप करें?

“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” का जाप करें।

7. क्या नवरात्रि में मांसाहार और नशा करना वर्जित है?

हां, यह पूरी तरह निषिद्ध होता है।

8. किस दिन कन्या पूजन करना चाहिए?

अष्टमी या नवमी तिथि को कन्या पूजन करना श्रेष्ठ माना जाता है।

चैत्र नवरात्रि आत्मशुद्धि और देवी कृपा प्राप्त करने का उत्तम समय है। सच्चे भाव से की गई पूजा से हर समस्या का समाधान मिल सकता है।

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कार्तिकेय प्रयोग: हर क्षेत्र में विजय का रास्ता

कार्तिकेय प्रयोग एक शक्तिशाली आध्यात्मिक साधना है, जो ॐ ह्रौं स्कंदाय हुं ह्रौं फट् मंत्र के जाप से की जाती है। यह प्रयोग स्कंद पुराण के अनुसार, विघ्नों को दूर करने और हर क्षेत्र में सफलता प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध है। भगवान कार्तिकेय की इस साधना से धन, स्वास्थ्य, ज्ञान और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है।


7 मंगलवार: प्रयोग का महत्व

हर मंगलवार का विशेष महत्व
कार्तिकेय प्रयोग को 7 मंगलवारों तक करने से मंत्र की शक्ति दोगुनी हो जाती है। मंगलवार को शनि और मंगल ग्रहों का प्रभाव कम होता है, जिससे साधना सफल होने की संभावना बढ़ जाती है।

मंत्र जाप का सही तरीका
प्रत्येक मंगलवार को सूर्योदय से पहले उठकर, शुद्ध वस्त्र पहनकर, ॐ ह्रौं स्कंदाय हुं ह्रौं फट् मंत्र का 540 बार जाप करें। इससे मन की शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है।


लाभ: कार्तिकेय प्रयोग से मिलने वाले फायदे

धन और समृद्धि में वृद्धि
इस प्रयोग से धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं और व्यापार में लाभ होता है।

स्वास्थ्य सुधार
नियमित जाप से शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है।

शत्रुओं पर विजय
यह मंत्र शत्रुओं को पराजित करने और नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाने में मदद करता है।

अन्य प्रमुख लाभ

  • कर्मों में सफलता
  • ज्ञान की प्राप्ति
  • पारिवारिक समस्याओं का समाधान
  • आध्यात्मिक उन्नति
  • भय और चिंता से मुक्ति

नियम: सफल प्रयोग के लिए जरूरी बातें

शुद्धता का पालन
प्रयोग करने वाले को शारीरिक और मानसिक रूप से शुद्ध रहना चाहिए। स्नान, माला जप, और सत्विक भोजन जरूरी है।

निरंतरता का महत्व
7 मंगलवारों तक बिना रुके मंत्र जाप करना होगा। एक दिन की छूट से भी प्रयोग असफल हो सकता है।

दान और सेवा
प्रत्येक मंगलवार को गरीबों को दान देने से मंत्र की प्रभावशीलता बढ़ती है।

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मुहूर्त: सबसे शुभ समय

ब्रह्ममुहूर्त का लाभ
सूर्योदय से पहले के 48 मिनट के ब्रह्ममुहूर्त में जाप करने से मंत्र की ऊर्जा दोगुनी होती है।

शुभ मुहूर्तों की सूची

  • 1. अमावस्या का दिन
  • 2. शुक्ल पक्ष की तृतीया
  • 3. स्कंद शस्ती

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विधि: प्रयोग करने की सही प्रक्रिया

आवश्यक सामग्री

  • रुद्राक्ष की माला
  • चंदन का तिलक
  • दीपक और धूप
  • शंख और घंटा

चरण-दर-चरण प्रक्रिया

  1. स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें।
  2. भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या फोटो को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
  3. चंदन और रोली से तिलक लगाएं।
  4. मंत्र का 540 बार जाप करें।
  5. अंत में आहुति देकर प्रसाद बांटें।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1: क्या महिलाएं भी इस प्रयोग कर सकती हैं?
हां, यह प्रयोग सभी लिंग और आयु के लोगों के लिए लाभदायक है।

Q2: मंत्र जाप के लिए किस माला का उपयोग करें?
रुद्राक्ष या स्फटिक की माला सबसे उपयुक्त है।

Q3: क्या इस प्रयोग के दौरान भोजन पर प्रतिबंध है?
हां, निरामिष भोजन और सत्विक आहार का पालन करना चाहिए।

Q4: क्या प्रयोग को दोहराया जा सकता है?
हां, वर्ष में एक बार इसे दोहराने से लाभ बनाए रखा जा सकता है।

Q5: मंत्र सिद्धि के लिए कितने दिन लगते हैं?
नियमित रूप से 7 मंगलवारों में ही मंत्र सिद्धि का अनुभव होने लगता है।

Q6: क्या इस प्रयोग से नौकरी में सफलता मिलती है?
हां, इससे कर्मस्थल में सम्मान और पदोन्नति की संभावना बढ़ती है।

Q7: क्या दुर्भाग्य को दूर करने में यह मदद करता है?
हां, यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जाओं को नष्ट करके भाग्य को सकारात्मक बनाता है।

Q8: क्या इस प्रयोग के लिए गुरु की आवश्यकता है?
नहीं, लेकिन शुरुआत में किसी अनुभवी व्यक्ति से मार्गदर्शन लेना बेहतर है।


अंत में
कार्तिकेय प्रयोग एक सरल लेकिन प्रभावी साधना है, जो जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और समृद्धि लाती है। नियमों का पालन करते हुए इसे निरंतर करने से आपके जीवन में नई ऊर्जा का संचार होगा।