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Dakshinmukhi Hanuman Mantra for Strong Protection

बुरी शक्ति या तांत्रिक प्रभाव को नष्ट करने वाले दक्षिणमुखी हनुमानजी भगवान हनुमानजी का एक दुर्लभ स्वरूप माने जाते है। भगवान हनुमान को आमतौर पर उत्तर या पश्चिम की ओर मुख करके दर्शाया जाता है, लेकिन दक्षिणमुखी हनुमानजी दक्षिण की ओर मुख करते हैं। ऐसा माना जाता है कि दक्षिणमुखी हनुमानजी नकारात्मक ऊर्जा, शत्रुओं और बुरी आत्माओं से बचाते हैं। इस स्वरूप की पूजा, साधना और मंत्र का उच्चारण करने से व्यक्ति की रक्षा, सुरक्षा और जीवन में शांति प्राप्त होती है।

स्वरूप

दक्षिणमुखी हनुमान का स्वरूप अत्यंत शक्तिशाली और रक्षात्मक है। इस स्वरूप में हनुमान जी का मुख दक्षिण दिशा की ओर होता है, जो तामसिक शक्तियों और बुरी आत्माओं से रक्षा का प्रतीक है। दक्षिणमुखी हनुमान का तेज और शक्ति भूत-प्रेत बाधाओं और शत्रुओं से रक्षा करते हैं।

दक्षिणमुखी हनुमान मंत्र का अर्थ

“ॐ हं दक्षिणमुखे हनुमंते मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा”

  • ॐ (Om): यह पवित्र ध्वनि और बीज मंत्र है, जो ब्रह्माण्ड की मूल ध्वनि का प्रतीक है।
  • हं (Ham): यह हनुमान जी का बीज मंत्र है, जो उनकी ऊर्जा और शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।
  • दक्षिणमुखे (Dakshinmukhe): इसका अर्थ है ‘दक्षिण दिशा की ओर मुख वाले’। यह हनुमान जी के दक्षिणमुखी स्वरूप को संदर्भित करता है, जो तामसिक शक्तियों और बुरी आत्माओं से रक्षा का प्रतीक है।
  • हनुमंते (Hanumante): इसका अर्थ है ‘हनुमान को’, यह संबोधन हनुमान जी को समर्पित है।
  • मम (Mama): इसका अर्थ है ‘मेरा’।
  • वश्यं (Vashyam): इसका अर्थ है ‘वश में करना’ या ‘काबू में करना’।
  • कुरु कुरु (Kuru Kuru): इसका अर्थ है ‘करो करो’। यह आदेश देने का रूप है, जो प्रभाव डालने के लिए दोहराया जाता है।
  • स्वाहा (Swaha): यह अंतिम शब्द है जो मंत्र को पूर्णता प्रदान करता है और इसका उपयोग अक्सर मंत्र के अंत में किया जाता है, इसका अर्थ है ‘स्वाहा’ या ‘स्वीकृति’।

इस मंत्र का संपूर्ण अर्थ है: “हे दक्षिणमुखी हनुमान, मुझे (मम) वश में करो (वश्यं कुरु कुरु)।” या “हे दक्षिणमुखी हनुमान, मेरी इच्छाओं को पूरा करो।”

यह मंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो किसी विशेष उद्देश्य या इच्छा को पूरा करने के लिए हनुमान जी की कृपा और शक्ति का आह्वान करना चाहते हैं।

मंत्र के लाभ

  1. रक्षा: यह मंत्र जीवन की सभी प्रकार की बाधाओं से रक्षा करता है।
  2. सुरक्षा: मानसिक और शारीरिक सुरक्षा प्रदान करता है।
  3. भय मुक्ति: सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है।
  4. तामसिक शक्तियों से रक्षा: तामसिक शक्तियों और बुरी आत्माओं से रक्षा होती है।
  5. मंगलकार्य: सभी शुभ कार्यों में सफलता मिलती है।
  6. भूत-प्रेत बाधा: भूत-प्रेत बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
  7. शत्रु बाधा: शत्रुओं से रक्षा होती है और विजय प्राप्त होती है।
  8. रोग मुक्ति: सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है।
  9. मंगल दोष निवारण: मंगल दोषों का निवारण होता है।
  10. विजयी स्वभाव: स्वभाव में विजय का भाव आता है।
  11. व्यापार का बंधन: व्यापार में आने वाली बाधाओं का निवारण होता है।
  12. कार्य सिद्धि: सभी कार्यों में सफलता मिलती है।
  13. जमीन संबंधित विवाद: जमीन से जुड़े विवादों का समाधान होता है।
  14. ऊपरी बाधा: ऊपरी बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
  15. क्लेश मुक्ति: घरेलू क्लेशों से मुक्ति मिलती है।
  16. शत्रु पर विजय: शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
  17. ग्रहस्थ सुख: गृहस्थ जीवन में सुख और शांति मिलती है।
  18. परिवार में सुख शांति: परिवार में सुख और शांति बनी रहती है।
  19. आध्यात्मिक विकास: साधक का आध्यात्मिक विकास होता है।
  20. धन समृद्धि: धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।

पूजन सामग्री

  1. दक्षिणमुखी हनुमान की प्रतिमा या चित्र
  2. लाल वस्त्र
  3. लाल फूल
  4. चंदन
  5. धूप
  6. दीपक
  7. नारियल
  8. पंचामृत
  9. मिठाई
  10. रोली
  11. अक्षत (चावल)

मंत्र मुहूर्त, दिन, और समय अवधि

  1. मुहूर्त: दक्षिणमुखी हनुमान मंत्र का उच्चारण करने के लिए मंगलवार और शनिवार का दिन शुभ माना जाता है। सूर्योदय और सूर्यास्त का समय विशेष रूप से उपयुक्त होता है।
  2. दिन: सप्ताह के किसी भी दिन इस मंत्र का जाप किया जा सकता है, परंतु मंगलवार और शनिवार विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं।
  3. समय अवधि: मंत्र जाप की अवधि कम से कम 21 दिन होनी चाहिए। रोजाना 108 बार इस मंत्र का जाप करना उत्तम है।

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दक्षिणमुखी हनुमान मंत्र सावधानियाँ

  1. शुद्धता: मंत्र जाप करते समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखें। साफ वस्त्र पहनें और स्वच्छ स्थान पर बैठें।
  2. आस्था: पूरी आस्था और विश्वास के साथ मंत्र का जाप करें।
  3. नियमितता: मंत्र जाप में नियमितता बनाए रखें। बिना किसी विराम के 21 दिनों तक मंत्र का जाप करें।
  4. सात्विक आहार: सात्विक और शुद्ध आहार का सेवन करें। तामसिक पदार्थों से बचें।
  5. मन की शांति: जाप करते समय मन को शांत रखें और एकाग्रता बनाए रखें।

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दक्षिणमुखी हनुमान मंत्र सामान्य प्रश्न

  1. क्या दक्षिणमुखी हनुमान मंत्र का जाप सभी कर सकते हैं?
    हाँ, इस मंत्र का जाप सभी कर सकते हैं। यह मंत्र सभी के लिए लाभकारी है।
  2. क्या दक्षिणमुखी हनुमान की पूजा में किसी विशेष वस्त्र का प्रयोग करना चाहिए?
    लाल वस्त्र का प्रयोग करना शुभ माना जाता है।
  3. कितनी बार दक्षिणमुखी हनुमान मंत्र का जाप करना चाहिए?
    रोजाना 108 बार इस मंत्र का जाप करना उत्तम है।
  4. क्या दक्षिणमुखी हनुमान मंत्र का जाप करने से सभी समस्याओं का समाधान होता है?
    हाँ, यह मंत्र सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान करता है।
  5. मंत्र जाप के दौरान किन चीजों से बचना चाहिए?
    तामसिक पदार्थों से बचें और शुद्धता का ध्यान रखें।
  6. क्या इस मंत्र का जाप केवल मंगलवार और शनिवार को ही किया जा सकता है?
    नहीं, आप इस मंत्र का जाप किसी भी दिन कर सकते हैं, परंतु मंगलवार और शनिवार विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं।
  7. क्या इस मंत्र का जाप करने से धन की वृद्धि होती है?
    हाँ, इस मंत्र का जाप करने से धन में वृद्धि होती है और धन की सुरक्षा होती है।
  8. क्या दक्षिणमुखी हनुमान मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति मिलती है?
    हाँ, यह मंत्र मानसिक शांति प्रदान करता है।
  9. क्या इस मंत्र का जाप करने से शारीरिक शक्ति मिलती है?
    हाँ, इस मंत्र का जाप करने से शारीरिक शक्ति में वृद्धि होती है।
  10. क्या दक्षिणमुखी हनुमान मंत्र का जाप करने से आध्यात्मिक उन्नति होती है?
    हाँ, यह मंत्र आध्यात्मिक उन्नति में सहायक है।
  11. क्या इस मंत्र का जाप करने से मंगल दोष का निवारण होता है?
    हाँ, यह मंत्र मंगल दोषों का निवारण करता है।

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