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Dussehra Vijayadashami Vrat – Rituals & Spiritual Benefits

12.10.2024- विजयादशमी व्रत – आस्था, नियम और सावधानियाँ

दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व है। यह दिन असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध कर बुराई पर विजय प्राप्त की थी। विजयादशमी व्रत से जीवन में सकारात्मकता और शुभता आती है। यह व्रत दुर्गा पूजा के उपरांत दसवें दिन मनाया जाता है। देवी दुर्गा की आराधना और भगवान राम की भक्ति इस व्रत का मूल आधार है। व्रत के माध्यम से व्यक्ति अपनी इच्छाओं की पूर्ति के साथ आत्मिक शुद्धि प्राप्त करता है।

विजयादशमी व्रत विधि और मंत्र

विजयादशमी व्रत की पूजा विधि सरल है। प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजन स्थल को साफ करके भगवान राम और माता दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें। धूप, दीप और फूलों से पूजन करें।

व्रत का मंत्र:

“ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।”

इस मंत्र का जाप करते हुए देवी दुर्गा की आराधना करें। इसके बाद भगवान राम का ध्यान करें और रामायण का पाठ करें। व्रत कथा का श्रवण भी करना चाहिए।

विजयादशमी व्रत में क्या खाएं और क्या न खाएं

व्रत के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए। फल, दूध, दही, साबुदाना, आलू और कुट्टू का आटा खा सकते हैं। मिर्च, मसाले, प्याज और लहसुन से परहेज करें। अनाज, चावल, दालें, तली हुई चीजें, और मांसाहारी भोजन वर्जित हैं।

व्रत का समय और अवधि

विजयादशमी व्रत प्रातःकाल शुरू होता है और सूर्यास्त तक रखा जाता है। इस दौरान जल या फलाहार ग्रहण किया जा सकता है।

विजयादशमी व्रत के लाभ

  1. मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है।
  2. जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  3. आत्मविश्वास और धैर्य बढ़ता है।
  4. सभी प्रकार की बाधाएं समाप्त होती हैं।
  5. परिवार में सुख और समृद्धि आती है।
  6. संतान की प्राप्ति में सहायक होता है।
  7. धन की वृद्धि और आर्थिक समस्या का समाधान होता है।
  8. आरोग्य और दीर्घायु प्राप्त होती है।
  9. नकारात्मक विचारों का नाश होता है।
  10. आत्मा की शुद्धि होती है।
  11. रिश्तों में मधुरता बढ़ती है।
  12. मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

विजयादशमी व्रत के नियम

  1. प्रातःकाल स्नान करके व्रत की शुरुआत करें।
  2. सात्विक आहार का सेवन करें।
  3. दिन भर भगवान राम और देवी दुर्गा का ध्यान करें।
  4. क्रोध, लालच और द्वेष से बचें।
  5. किसी भी प्रकार के झूठ से बचें।
  6. परिवार के सदस्यों के साथ स्नेहपूर्ण व्यवहार रखें।
  7. किसी भी जीव का अहित न करें।
  8. यथासंभव ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  9. दिन भर अच्छे कर्म और सेवा में व्यस्त रहें।
  10. रात को भगवान राम और देवी दुर्गा का स्मरण करके सोएं।

विजयादशमी व्रत की संपूर्ण कथा

विजयादशमी, जिसे दशहरा भी कहते हैं, असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। यह दिन विशेष रूप से भगवान राम की लंका के राजा रावण पर विजय से जुड़ा हुआ है। इस पर्व के पीछे की कथा का प्रारंभ तब होता है, जब रावण ने माता सीता का हरण किया था। रावण के अहंकार और अत्याचारों को समाप्त करने के लिए भगवान राम ने लंका पर चढ़ाई की।

राम और रावण के बीच नौ दिनों तक भयंकर युद्ध हुआ। इस दौरान भगवान राम ने रावण की विशाल सेना को हराकर उसकी शक्ति को कमजोर किया। दसवें दिन, रावण का अंत हुआ और इस विजय को विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है। यह युद्ध केवल एक बाहरी युद्ध नहीं था, बल्कि आत्मा के भीतर चलने वाला वह संघर्ष था, जिसमें अच्छाई ने बुराई पर विजय पाई।

भगवान राम ने शक्ति की देवी दुर्गा की आराधना कर उन्हें प्रसन्न किया और युद्ध में विजय प्राप्त की। यह पर्व इस बात का प्रतीक है कि जब व्यक्ति सच्चाई और धर्म के मार्ग पर चलता है, तब उसे हर स्थिति में विजय प्राप्त होती है।

विजयादशमी को केवल राम की जीत ही नहीं, बल्कि देवी दुर्गा के महिषासुर मर्दिनी रूप का भी उत्सव माना जाता है। इस दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध कर संसार को उसके अत्याचारों से मुक्त किया था।

इस कथा के माध्यम से हमें यह सीख मिलती है कि चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न हों, अंत में सत्य और धर्म की ही विजय होती है।

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विजयादशमी व्रत का भोग

व्रत के दिन देवी दुर्गा और भगवान राम को प्रसाद के रूप में फल, मिठाई और खीर अर्पित करें। इसके बाद प्रसाद को भक्तों में बांटें। भोग में विशेष रूप से फल और नारियल का महत्व है।

व्रत में सावधानी

  1. व्रत के दौरान अत्यधिक शारीरिक श्रम से बचें।
  2. सात्विक भोजन का ही सेवन करें।
  3. मन को शांत और नियंत्रित रखें।
  4. व्रत के दौरान किसी से वाद-विवाद न करें।
  5. नियमों का पूर्ण पालन करें।

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विजयादशमी व्रत संबंधित प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: विजयादशमी व्रत क्यों रखा जाता है?
उत्तर: विजयादशमी व्रत सत्य और धर्म की विजय के लिए रखा जाता है।

प्रश्न 2: व्रत में किस देवता की पूजा होती है?
उत्तर: इस व्रत में भगवान राम और माता दुर्गा की पूजा की जाती है।

प्रश्न 3: व्रत के दिन क्या खा सकते हैं?
उत्तर: फल, दूध, साबुदाना, और कुट्टू का आटा खा सकते हैं।

प्रश्न 4: व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए?
उत्तर: अनाज, मिर्च-मसाले, प्याज, लहसुन और तला-भुना भोजन वर्जित है।

प्रश्न 5: व्रत का शुभ मुहूर्त क्या होता है?
उत्तर: व्रत प्रातःकाल से लेकर सूर्यास्त तक रखा जाता है।

प्रश्न 6: व्रत से क्या लाभ होते हैं?
उत्तर: व्रत से मानसिक शांति, समृद्धि, और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

प्रश्न 7: व्रत के दौरान क्या नियम पालन करने चाहिए?
उत्तर: सात्विक भोजन, संयम, और भगवान का ध्यान करना आवश्यक है।

प्रश्न 8: व्रत के दिन कौन-कौन से मंत्र पढ़े जाते हैं?
उत्तर: दुर्गा सप्तशती का पाठ और राम स्तुति का जाप किया जाता है।

प्रश्न 9: विजयादशमी का क्या महत्व है?
उत्तर: यह बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।

प्रश्न 10: व्रत के दिन कौन-सा प्रसाद चढ़ाया जाता है?
उत्तर: फल, मिठाई, नारियल, और खीर का भोग चढ़ाया जाता है।

प्रश्न 11: व्रत का पालन कौन कर सकता है?
उत्तर: कोई भी व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति से इस व्रत का पालन कर सकता है।

प्रश्न 12: व्रत के दौरान क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
उत्तर: शारीरिक श्रम और तामसिक भोजन से बचना चाहिए।

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