Buy now

spot_img
spot_img

Govardhan Annakut Puja – Significance, Rituals, Benefits

गोवर्धन (अन्नकूट) पूजा २०२४- महत्व, विधि व अद्भुत लाभ

गोवर्धन (अन्नकूट) पूजा भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को पूजने की प्रेरणा से जुड़ी है। इस पूजा में गोवर्धन पर्वत की अर्चना की जाती है और भगवान को अन्न (खाने की सामग्री) का भोग अर्पित किया जाता है। यह पूजा दीपावली के अगले दिन मनाई जाती है, जिसमें भक्त अपने घरों में गोवर्धन पर्वत का प्रतीक बनाते हैं और उसे भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप मानकर पूजा करते हैं।

गोवर्धन (अन्नकूट) पूजा मुहूर्त 2024

गोवर्धन पूजा 2024 में 1 नवंबर को मनाई जाएगी, जो दीपावली के दूसरे दिन आता है। पूजा का शुभ मुहूर्त निम्नलिखित है:

  • पूजा प्रारंभ करने का समय: सुबह 6:30 बजे से
  • पूजा समाप्त करने का समय: सुबह 10:00 बजे तक

इस दौरान पूजा विधिपूर्वक करने से अधिक लाभ प्राप्त होता है।

गोवर्धन (अन्नकूट) पूजा – शुरुआत से आरती तक

गोवर्धन पूजा की शुरुआत सुबह होती है। घरों के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत का प्रतीक बनाते हैं। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाकर पूजा प्रारंभ होती है।
पूजा के अंत में आरती गाई जाती है, जिसमें गोवर्धन महाराज और श्रीकृष्ण की स्तुति की जाती है। आरती के बाद भोग अर्पित किया जाता है और प्रसाद वितरण होता है।

गोवर्धन (अन्नकूट) पूजा की संपूर्ण कथा

गोवर्धन पूजा की कथा द्वापर युग से जुड़ी है। एक बार गोकुलवासी इंद्र देवता की पूजा करते थे। श्रीकृष्ण ने देखा कि यह पूजा अनावश्यक है और गोवर्धन पर्वत की पूजा अधिक उचित है, क्योंकि यह पर्वत उनके पशुओं को चारा और जीवन प्रदान करता है। श्रीकृष्ण ने गोकुलवासियों को इंद्र की पूजा बंद कर गोवर्धन की पूजा करने का सुझाव दिया।
इंद्र को यह अपमान सहन नहीं हुआ और उन्होंने मूसलधार बारिश भेज दी। श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर सबकी रक्षा की। अंततः इंद्र देवता ने अपनी भूल मानी और श्रीकृष्ण को पूज्य माना।

गोवर्धन (अन्नकूट) पूजा विधि

  1. सुबह स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  2. गोबर से गोवर्धन पर्वत का प्रतीक बनाएं।
  3. भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  4. पंचामृत, जल, फूल, और तुलसी पत्र अर्पित करें।
  5. दीप जलाएं और श्रीकृष्ण की आरती करें।
  6. अन्नकूट भोग लगाएं, जिसमें 56 प्रकार के व्यंजन शामिल होते हैं।
  7. प्रसाद वितरण करें और परिवार संग भोजन करें।

गोवर्धन (अन्नकूट) पूजा के मंत्र

  • “ॐ गोवर्धनधराय नमः”
  • “ॐ श्रीकृष्णाय नमः”
  • “ॐ गोवर्धन महाराजाय नमः”

गोवर्धन (अन्नकूट) पूजा के दिन क्या खाएं और क्या न खाएं

  1. इस दिन सात्विक भोजन का सेवन करें।
  2. अन्नकूट के भोग में शुद्ध और ताजे भोजन का उपयोग करें।
  3. प्याज, लहसुन और मांसाहार का सेवन न करें।
  4. उपवास करने वाले सिर्फ फल और दूध का सेवन करें।

गोवर्धन (अन्नकूट) पूजा का समय और कब से कब तक करें

गोवर्धन पूजा सूर्योदय के बाद और दिन के प्रथम प्रहर में की जाती है। इसका समय दीवाली के अगले दिन आता है। पूजा को सूर्योदय से लेकर सुबह 10 बजे तक पूरा किया जा सकता है।

गोवर्धन (अन्नकूट) पूजा के नियम

  1. शुद्धता और सफाई का विशेष ध्यान रखें।
  2. पूजा के दौरान सात्विक विचार रखें।
  3. पूजा के दौरान बिना विचलित हुए मंत्रों का जाप करें।
  4. विधिपूर्वक आरती और मंत्रोच्चारण करें।
  5. भगवान को ताजे फल और शुद्ध मिठाइयों का भोग लगाएं।

गोवर्धन (अन्नकूट) पूजा की सावधानियां

  1. पूजा के दौरान ध्यान रखें कि शुद्धता बनी रहे।
  2. अशुद्ध वस्त्र पहनकर पूजा न करें।
  3. पूजा स्थान को साफ-सुथरा रखें।
  4. पूजा के दौरान व्रत और नियमों का पालन करें।
  5. बासी या अशुद्ध भोजन का भोग न लगाएं।

know more about krushna mantra vidhi

गोवर्धन (अन्नकूट) पूजा के लाभ

  1. धन और समृद्धि की प्राप्ति।
  2. परिवार में सुख-शांति का वास।
  3. शत्रुओं से रक्षा।
  4. मानसिक शांति और स्थिरता।
  5. कृषि और पशुधन की वृद्धि।
  6. स्वास्थ्य में सुधार।
  7. मनोकामनाओं की पूर्ति।
  8. घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार।
  9. बच्चों की उन्नति और सुरक्षा।
  10. आध्यात्मिक जागरण।
  11. जीवन में शांति और संतुलन।
  12. भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।

spiritual store

गोवर्धन (अन्नकूट) पूजा से संबंधित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न 1: गोवर्धन पूजा का महत्व क्या है?

उत्तर: गोवर्धन पूजा भगवान श्रीकृष्ण की लीला से जुड़ी है। यह कृषि और पशुधन की सुरक्षा के लिए की जाती है।

प्रश्न 2: गोवर्धन पूजा के दिन किस प्रकार का भोजन करना चाहिए?

उत्तर: सात्विक भोजन करना चाहिए। प्याज, लहसुन और मांसाहार से बचना चाहिए।

प्रश्न 3: गोवर्धन पूजा का शुभ समय क्या है?

उत्तर: सूर्योदय के बाद सुबह का समय पूजा के लिए सर्वोत्तम है। इसे दिन के पहले प्रहर में करना चाहिए।

प्रश्न 4: क्या गोवर्धन पूजा के लिए उपवास करना आवश्यक है?

उत्तर: उपवास अनिवार्य नहीं है, परंतु उपवास करना पुण्यदायक माना जाता है।

प्रश्न 5: गोवर्धन पर्वत का प्रतीक कैसे बनाते हैं?

उत्तर: गोबर से गोवर्धन पर्वत का प्रतीक बनाकर उसकी पूजा की जाती है।

प्रश्न 6: गोवर्धन पूजा में कौन से मंत्र का जाप किया जाता है?

उत्तर: “ॐ गोवर्धनधराय नमः” और “ॐ श्रीकृष्णाय नमः” का जाप किया जाता है।

प्रश्न 7: गोवर्धन पूजा के लाभ क्या हैं?

उत्तर: गोवर्धन पूजा से धन, समृद्धि, शांति और भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।

प्रश्न 8: क्या महिलाएं गोवर्धन पूजा कर सकती हैं?

उत्तर: हां, महिलाएं और पुरुष दोनों गोवर्धन पूजा कर सकते हैं।

प्रश्न 9: क्या गोवर्धन पूजा के दिन मांसाहार का सेवन किया जा सकता है?

उत्तर: नहीं, इस दिन मांसाहार का सेवन वर्जित है। केवल सात्विक भोजन करना चाहिए।

प्रश्न 10: क्या पूजा के दौरान आरती आवश्यक है?

उत्तर: हां, पूजा के अंत में आरती करना अनिवार्य है।

प्रश्न 11: क्या गोवर्धन पूजा बच्चों के लिए लाभकारी है?

उत्तर: हां, गोवर्धन पूजा बच्चों की सुरक्षा और उन्नति के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।

प्रश्न 12: क्या गोवर्धन पूजा करने से मानसिक शांति मिलती है?

उत्तर: हां, यह पूजा मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करती है।

BOOK (29-30 MARCH 2025) PRATYANGIRA SADHANA SHIVIR AT DIVYAYOGA ASHRAM (ONLINE/ OFFLINE)

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Select Sdhana Shivir Option
spot_img
spot_img

Related Articles

65,000FansLike
500FollowersFollow
782,534SubscribersSubscribe
spot_img
spot_img

Latest Articles

spot_img
spot_img
Select your currency