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Guha Kali Mantra – Path to Transformation

गुहा काली मंत्र का गुप्त रहस्य: देवी काली की कृपा और शक्ति का आह्वान

गुहा काली मंत्र तंत्र साधना में अत्यधिक प्रभावशाली और गोपनीय माना जाता है। यह मंत्र माता काली की उपासना के लिए उपयोग होता है और उनके भयानक रूप को शांत करने तथा साधक को सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्त करने में सहायक होता है। गुहा काली मंत्र का जाप नियमित रूप से करने से साधक के जीवन में शक्ति, सुरक्षा, धन और मानसिक शांति का आगमन होता है।

विनियोग मंत्र और उसका अर्थ

विनियोग मंत्र:

“ॐ अस्य श्री गुहा काली महाकाली मंत्रस्य ब्रह्मा ऋषिः, गायत्री छन्दः, महाकाली देवता, ह्रीं बीजं, क्रीं शक्तिः, स्वाहा कीलकं, गुहा काली प्रसाद सिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः।”

विनियोग मंत्र का अर्थ:

विनियोग मंत्र का उद्देश्य किसी भी साधना या मंत्र का सही रूप में प्रयोग करना होता है। इसमें मंत्र की दिशा, देवता, बीज, शक्तियों और साधना के उद्देश्य का उल्लेख किया जाता है। जैसे कि:

  1. ॐ:
    ओम सर्वशक्तिमान, ब्रह्मांडीय शक्ति का प्रतीक है। यह मंत्र के आरंभ में ऊर्जा और शक्ति को आह्वान करता है।
  2. अस्य श्री गुहा काली महाकाली मंत्रस्य:
    इसका मतलब है कि यह विनियोग श्री गुहा काली और महाकाली मंत्र का है। यह साधक को सूचित करता है कि वह किस देवी के लिए मंत्र का जाप कर रहा है।
  3. ब्रह्मा ऋषिः:
    इसका अर्थ है कि इस मंत्र के ऋषि या आविष्कर्ता ब्रह्मा जी हैं। प्रत्येक मंत्र के पीछे एक ऋषि होते हैं, जिनसे वह मंत्र प्रकट होता है।
  4. गायत्री छन्दः:
    इस मंत्र का छंद गायत्री है, जो इसकी लय और माधुर्य को निर्धारित करता है। गायत्री छंद में 24 अक्षर होते हैं, जो मंत्र के स्वरूप और उसकी शक्ति को बढ़ाते हैं।
  5. महाकाली देवता:
    इस मंत्र की देवी महाकाली हैं, जो शक्ति, विनाश और नकारात्मकताओं से मुक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं। यह साधक को बताता है कि वह महाकाली की उपासना कर रहा है।
  6. ह्रीं बीजं:
    ह्रीं इस मंत्र का बीज है, जो काली माता की करुणामय और दयालु शक्ति का प्रतीक है। यह साधक के मन और आत्मा की शुद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।
  7. क्रीं शक्तिः:
    क्रीं इस मंत्र की शक्ति है, जो महाकाली के उग्र और विनाशकारी रूप को व्यक्त करता है। यह शक्ति साधक को उसकी बाधाओं और शत्रुओं से मुक्ति दिलाने में सहायक है।
  8. स्वाहा कीलकं:
    स्वाहा इस मंत्र का कीलक है, जो आहुति या समर्पण का प्रतीक है। इसका अर्थ है कि साधक अपनी आहुति को पूरी श्रद्धा के साथ देवी को समर्पित कर रहा है।
  9. गुहा काली प्रसाद सिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः :
    यह हिस्सा दर्शाता है कि यह मंत्र साधक द्वारा गुहा काली की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए जपा जा रहा है।

विनियोग मंत्र का सार:

विनियोग मंत्र का मुख्य उद्देश्य साधना के प्रारंभ में मंत्र की शक्ति, उद्देश्य और उसके प्रत्येक तत्व (देवता, ऋषि, बीज, शक्ति) को समझकर साधक को मानसिक और आत्मिक रूप से तैयार करना है। यह मंत्र जाप की विधि को सही रूप में दिशा प्रदान करता है ताकि साधक को अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके।

गुहा काली मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ

गुहा काली मंत्र:

“॥ॐ ह्रीं क्रीं गुहा कालिके में स्वाहा॥”

यह गुहा काली मंत्र अत्यंत गोपनीय और शक्तिशाली माना जाता है। इस मंत्र में बीज मंत्रों और गुह्य देवी काली की शक्तियों का आह्वान किया गया है, जो साधक को सभी प्रकार की बाधाओं और नकारात्मकता से मुक्त कर उसे आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनाता है। आइए इसके प्रत्येक शब्द का गहराई से अर्थ समझते हैं:

  1. ॐ:
    ओम ब्रह्मांड की अनाहत ध्वनि है, जो ब्रह्मांडीय शक्ति का प्रतीक है। यह मंत्र का आरंभ है, जो ब्रह्मांड की अनंत ऊर्जा को साधक तक पहुँचाता है।
  2. ह्रीं:
    ह्रीं माता काली की करुणामय शक्ति और उनके आध्यात्मिक रूप का बीज मंत्र है। इसका उच्चारण साधक के मन और आत्मा को शुद्ध करता है और उसे दिव्यता के करीब लाता है। ह्रीं बीज मंत्र साधक को आंतरिक शांति और शक्ति प्रदान करता है।
  3. क्रीं:
    क्रीं काली माता की उग्र और विनाशकारी शक्ति का बीज मंत्र है। यह साधक को बुराइयों, शत्रुओं और जीवन की बाधाओं से मुक्ति दिलाता है। क्रीं से साधक अपने जीवन में शक्ति, साहस और आत्मबल प्राप्त करता है।
  4. गुहा कालिके:
    गुहा का अर्थ है “गोपनीय” या “छिपी हुई” और कालिके का तात्पर्य माता काली से है। यह शब्द गुहा काली के रूप का आह्वान करता है, जो शक्तियों का गुप्त और अज्ञात स्वरूप हैं। गुहा कालिके वह देवी हैं, जो साधक के जीवन की अनदेखी समस्याओं, नकारात्मक शक्तियों और अज्ञानता को समाप्त करती हैं।
  5. में:
    यह शब्द साधक के भीतर देवी की शक्तियों का प्रवाह और समावेश दर्शाता है। इसका अर्थ है कि साधक अपने अंदर माता काली की शक्ति को आत्मसात कर रहा है।
  6. स्वाहा:
    स्वाहा पूर्ण समर्पण और आहुति का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि साधक अपनी इच्छाओं और बाधाओं को माता काली को समर्पित करता है, ताकि वे उसे शक्तिशाली और नकारात्मकता से मुक्त बना सकें।

संपूर्ण अर्थ:

“ॐ ह्रीं क्रीं गुहा कालिके में स्वाहा” मंत्र का संपूर्ण अर्थ है कि साधक ब्रह्मांडीय ऊर्जा (ॐ) का आह्वान करके माता काली की करुणा (ह्रीं), शक्ति (क्रीं), और उनके गोपनीय रूप (गुहा कालिके) को अपने जीवन में स्थापित करता है। यह मंत्र साधक को शत्रुओं, नकारात्मक शक्तियों, और जीवन की सभी बाधाओं से मुक्त कराता है। स्वाहा का अर्थ है साधक अपने पूरे समर्पण के साथ देवी काली को आह्वान करता है, ताकि वह उनकी शक्ति से लाभान्वित हो सके।

यह मंत्र साधक के जीवन में आध्यात्मिक विकास, मानसिक शांति, सुरक्षा, शक्ति और समृद्धि लाने में अत्यधिक प्रभावी होता है।

गुहा काली मंत्र जाप के लाभ

  1. मानसिक शांति की प्राप्ति।
  2. नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा।
  3. आर्थिक समृद्धि।
  4. बाधाओं से मुक्ति।
  5. शत्रुओं पर विजय।
  6. आध्यात्मिक शक्ति की वृद्धि।
  7. रोगों से सुरक्षा।
  8. पारिवारिक सुख की प्राप्ति।
  9. जीवन में आत्मविश्वास का संचार।
  10. बुरे सपनों से मुक्ति।
  11. ऊर्जा और उत्साह की प्राप्ति।
  12. धैर्य और सहनशीलता की वृद्धि।
  13. संतान प्राप्ति का आशीर्वाद।
  14. समाज में मान-सम्मान।
  15. जीवन में सफलता।
  16. भय से मुक्ति।
  17. मनोबल की वृद्धि।
  18. जीवन में सकारात्मक परिवर्तन।

पूजा सामग्री और मंत्र विधि

गुहा काली मंत्र जाप के लिए आवश्यक सामग्री:

  1. सरसों के तेल का दीपक।
  2. काला आसन।
  3. माता काली की फोटो।
  4. मुंड मुद्रा या शक्ति मुद्रा।

मंत्र विधि:

साधक काले आसन पर बैठकर मुंड मुद्रा या शक्ति मुद्रा में २० मिनट तक इस मंत्र का जाप करे। इसे ९ दिनों तक लगातार किया जाए और ९वें दिन अन्न दान या भोजन दान करें।

मंत्र जप का समय, अवधि और मुहूर्त

गुहा काली मंत्र का जाप किसी भी अमावस्या या पूर्णिमा, काली चौदस की रात को शुरू करना उत्तम माना जाता है। जाप की अवधि २० मिनट प्रतिदिन रखी जाए और इसे लगातार ९ दिनों तक किया जाए। मुहूर्त में सूर्योदय या सूर्यास्त के समय इस मंत्र का जाप शुभ माना जाता है।

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मंत्र जप के नियम

  1. २० वर्ष से अधिक उम्र के स्त्री और पुरुष दोनों इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।
  2. किसी भी रंग के कपड़े पहने जा सकते हैं, परंतु साधक को साफ-सुथरा और शुद्ध होना चाहिए।
  3. साधक धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से दूर रहें।
  4. साधक ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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मंत्र जाप में सावधानी

  1. मन की शुद्धता बनाए रखें।
  2. जाप के समय एकाग्रता बनाए रखें।
  3. कोई भी बाहरी विघ्न न हो, इसका ध्यान रखें।
  4. मंत्र के उच्चारण में शुद्धता होनी चाहिए।

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गुहा काली मंत्र से संबंधित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न 1: गुहा काली मंत्र क्या है?
उत्तर: गुहा काली मंत्र एक तांत्रिक साधना का हिस्सा है जो माता काली की शक्ति को साधक तक पहुँचाता है और जीवन की सभी बाधाओं को समाप्त करता है।

प्रश्न 2: गुहा काली मंत्र का जाप कब किया जाना चाहिए?
उत्तर: इस मंत्र का जाप अमावस्या या पूर्णिमा की रात को करना सबसे प्रभावी होता है।

प्रश्न 3: गुहा काली मंत्र के जाप से क्या लाभ हैं?
उत्तर: मानसिक शांति, सुरक्षा, आर्थिक समृद्धि और जीवन में सकारात्मक बदलाव इसके प्रमुख लाभ हैं।

प्रश्न 4: इस मंत्र का जाप कौन कर सकता है?
उत्तर: २० वर्ष से ऊपर का कोई भी स्त्री या पुरुष इस मंत्र का जाप कर सकता है।

प्रश्न 5: क्या मंत्र जाप के दौरान कोई खास सामग्री चाहिए?
उत्तर: हां, सरसों का तेल, काला आसन, और माता काली का चित्र इस मंत्र जाप के लिए आवश्यक हैं।

प्रश्न 6: मंत्र जाप में कौन-कौन से नियम पालन करने चाहिए?
उत्तर: साधक को ब्रह्मचर्य, शुद्धता और धूम्रपान व मद्यपान से दूर रहना चाहिए।

प्रश्न 7: मंत्र जाप कितने दिन करना चाहिए?
उत्तर: इस मंत्र का जाप लगातार ९ दिनों तक करना चाहिए।

प्रश्न 8: क्या साधक कोई भी कपड़े पहन सकता है?
उत्तर: साधक किसी भी रंग के कपड़े पहन सकता है, लेकिन उसे साफ-सुथरे और शुद्ध कपड़े पहनने चाहिए।

प्रश्न 9: क्या इस मंत्र का जाप रात में करना उचित है?
उत्तर: हां, रात में खासकर अमावस्या या पूर्णिमा को इस मंत्र का जाप अत्यधिक फलदायी होता है।

प्रश्न 10: क्या साधक मांसाहार कर सकता है?
उत्तर: नहीं, साधक को मंत्र जाप के दौरान मांसाहार से दूर रहना चाहिए।

प्रश्न 11: क्या महिलाएं इस मंत्र का जाप कर सकती हैं?
उत्तर: हां, महिलाएं भी इस मंत्र का जाप कर सकती हैं।

प्रश्न 12: क्या यह मंत्र मानसिक शांति प्रदान करता है?
उत्तर: हां, यह मंत्र मानसिक शांति और ऊर्जा प्रदान करता है।

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