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Karn Pishachini Mantra – Divine Guidance & Spiritual Awakening

कर्ण पिशाचिनी मंत्र: सपने मे मार्गदर्शन देने वाली एक रहस्यमयी साधना

कर्ण पिशाचिनी मंत्र एक दिव्य और गुप्त साधना है, जो जीवन की जटिलताओं को सरल बनाती है। इस मंत्र का उपयोग प्राचीन काल से समस्याओं का समाधान, आर्थिक उन्नति, और सही मार्गदर्शन पाने के लिए किया जाता रहा है। “कामरत्न तंत्र” में वर्णित यह मंत्र अद्भुत परिणाम देता है। यह साधना साधकों को आत्मिक और मानसिक शांति प्रदान करती है।

विनियोग मंत्र व उसका अर्थ

विनियोग मंत्र:
“ॐ अस्य श्री कर्ण पिशाचिनी मंत्रस्य। ब्रह्मा ऋषिः। गायत्री छन्दः। कर्ण पिशाचिनी देवता। ध्यानार्थे विनियोगः॥”

अर्थ:
इस मंत्र का ऋषि ब्रह्मा, छंद गायत्री, और देवता कर्ण पिशाचिनी हैं। इसका उपयोग ध्यान और साधना के लिए किया जाता है।

दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र व उसका अर्थ

दिग्बंधन मंत्र:
“॥ॐ क्लीं चंडिकायै नमः। ॐ नमो भगवती महासंहारिणि सर्वदिग्विनाशिनी नमः। रक्षा मां कुरु कुरु स्वाहा॥”

अर्थ:
यह दिग्बंधन मंत्र साधना के समय चारों दिशाओं से सुरक्षा प्रदान करता है। यह सभी नकारात्मक शक्तियों को नष्ट करता है।

कर्ण पिशाचिनी मंत्र व उसका संपूर्ण अर्थ

मंत्र:
“ॐ ह्रीं सः नमो भगवती कर्णपिशाचिनी चंडवेगिनी वद वद स्वाहा॥”

मंत्र का अर्थ:

  • : यह परमात्मा का बीज मंत्र है, जो ऊर्जा और ब्रह्मांडीय शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।
  • ह्रीं: यह शक्ति बीज है, जो दिव्य शक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा को सक्रिय करता है।
  • सः: इसका संबंध उस सार्वभौमिक चेतना से है जो सभी सृष्टियों का आधार है।
  • नमो: इसका अर्थ है ‘नमन’ या ‘समर्पण’।
  • भगवती: यह देवी के दिव्य और सर्वोच्च रूप को संबोधित करता है।
  • कर्णपिशाचिनी: वह देवी जो कर्ण (कान) के माध्यम से गुप्त ज्ञान और संदेश प्रदान करती हैं।
  • चंडवेगिनी: यह देवी के तेज और प्रबल स्वरूप का प्रतीक है, जो साधक को ऊर्जा और शक्ति प्रदान करती हैं।
  • वद वद: इसका अर्थ है ‘बोलो बोलो’। यह मंत्र देवी से संवाद स्थापित करने और उत्तर पाने का संकेत देता है।
  • स्वाहा: इसका अर्थ है पूर्ण समर्पण और मंत्र का फल प्राप्त करना।

इस मंत्र की व्याख्या (“कामरत्न तंत्र” के अनुसार):

“कामरत्न तंत्र” के अनुसार, कर्ण पिशाचिनी मंत्र साधक को मानसिक और आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करता है। यह देवी साधक के कानों में आवश्यक उत्तर और समाधान फूंकती हैं। साधना करने वाले व्यक्ति को अपने जीवन की जटिलताओं का समाधान सपने या साधना के दौरान मिलता है। यह मंत्र साधक की समस्याओं को दूर करता है, उसे आर्थिक, मानसिक, और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है।

यह मंत्र विशेष रूप से उन साधकों के लिए है, जो पूर्व में कई साधनाओं का अनुभव कर चुके हैं और गुप्त ज्ञान प्राप्त करने के इच्छुक हैं।

जप काल में इन चीजों का सेवन ज्यादा करें

  1. तुलसी का पानी।
  2. दूध और गुड़।
  3. फलाहार।
  4. हल्का भोजन।
  5. सात्विक आहार।

कर्ण पिशाचिनी मंत्र के लाभ

  1. सपने में उत्तर प्राप्त करना।
  2. सही निर्णय की क्षमता।
  3. आर्थिक उन्नति।
  4. सही मार्गदर्शन।
  5. मानसिक शांति।
  6. आत्मविश्वास में वृद्धि।
  7. भय से मुक्ति।
  8. गुप्त ज्ञान की प्राप्ति।
  9. बाधाओं का निवारण।
  10. व्यापार में सफलता।
  11. रिश्तों में सुधार।
  12. नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा।
  13. जीवन में संतुलन।
  14. कर्म फल की स्पष्टता।
  15. आध्यात्मिक जागरूकता।
  16. मानसिक स्थिरता।
  17. अच्छी स्मरणशक्ति।
  18. ग्रहण शक्ति में वृद्धि।

पूजा सामग्री व मंत्र विधि

सामग्री:

  1. घी का दीपक।
  2. सफेद पुष्प।
  3. अक्षत।
  4. शुद्ध जल।
  5. सफेद आसन।

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मंत्र विधि:

  1. पूजा स्थल को शुद्ध करें।
  2. सफेद वस्त्र धारण करें।
  3. घी का दीपक जलाएं।
  4. आसन पर बैठकर ध्यान करें।
  5. प्रतिदिन 20 मिनट मंत्र जप करें।

मंत्र जप के नियम

  1. उम्र 20 वर्ष के ऊपर हो।
  2. ब्लू और ब्लैक कपड़े न पहनें।
  3. धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार से बचें।
  4. ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  5. यह साधना केवल अनुभवशील साधकों के लिए है।

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जप सावधानियां

  1. अशुद्ध मन से साधना न करें।
  2. गलत समय पर मंत्र जप न करें।
  3. गुरु से मार्गदर्शन अवश्य लें।
  4. साधना को गोपनीय रखें।
  5. दिशा और विधि का ध्यान रखें।

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कर्ण पिशाचिनी मंत्र से संबंधित प्रश्न और उनके उत्तर

प्रश्न 1: कर्ण पिशाचिनी मंत्र क्या है और इसका महत्व क्या है?
उत्तर: यह एक गुप्त साधना मंत्र है, जिसका उपयोग सपनों में उत्तर जानने और सही मार्गदर्शन पाने के लिए होता है।

प्रश्न 2: इस मंत्र का प्रयोग कौन कर सकता है?
उत्तर: 20 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति, जिसने पहले कुछ साधनाएं की हों, इसे कर सकता है।

प्रश्न 3: कर्ण पिशाचिनी मंत्र का उच्चारण किस समय करना चाहिए?
उत्तर: रात के समय, विशेषकर आधी रात या ब्रह्म मुहूर्त में, यह मंत्र अधिक प्रभावशाली होता है।

प्रश्न 4: इस साधना के लिए क्या सामग्री चाहिए?
उत्तर: शुद्ध जल, घी का दीपक, सफेद पुष्प, अक्षत और सफेद आसन प्रमुख सामग्री हैं।

प्रश्न 5: कर्ण पिशाचिनी साधना के दौरान किन चीजों से बचना चाहिए?
उत्तर: धूम्रपान, मद्यपान, मांसाहार, और अशुद्ध वातावरण से बचें। साधना के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।

प्रश्न 6: क्या यह साधना गृहस्थ व्यक्ति कर सकता है?
उत्तर: हां, यह सौम्य साधना है और गृहस्थ जीवन जीने वाले व्यक्ति इसे कर सकते हैं।

प्रश्न 7: इस मंत्र का प्रभाव कब दिखाई देता है?
उत्तर: नियमित जप और नियमों का पालन करने पर 21 दिनों के भीतर इसके सकारात्मक परिणाम अनुभव होते हैं।

प्रश्न 8: क्या कर्ण पिशाचिनी मंत्र किसी भी समस्या का समाधान देता है?
उत्तर: यह मुख्यतः मानसिक और आत्मिक समस्याओं का समाधान, सही मार्गदर्शन, और सपनों में उत्तर देने में सहायक होता है।

प्रश्न 9: मंत्र जप के दौरान कौन से रंग के कपड़े पहनने चाहिए?
उत्तर: सफेद या हल्के रंग के कपड़े पहनें। काले और नीले रंग के वस्त्र पहनने से बचें।

प्रश्न 10: इस मंत्र साधना के लिए क्या गुरु की आवश्यकता है?
उत्तर: यदि आप पहले से साधनाओं में पारंगत हैं, तो गुरु की आवश्यकता नहीं है, अन्यथा गुरु का मार्गदर्शन लें।

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