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Ling Bhairavi mantra for Solvation & Family Peace

लिंग भैरवी मंत्र: मनोकामना पूर्ण करने वाली देवी

लिंग भैरवी देवी को शक्तिशाली और अद्भुत देवी के रूप में पूजा जाता है। वह समस्त जगत की माता हैं और भक्तों को अनेक प्रकार के लाभ प्रदान करती हैं। लिंग भैरवी मंत्र “ॐ ह्रीं ह्रौं लिंगभैरवे सर्व कार्य सिद्धिं देही नमः” का जप करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं। यह मंत्र जीवन में सफलता, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति लाता है।

मंत्र का अर्थ

मंत्र “ॐ ह्रीं ह्रौं लिंगभैरवे सर्व कार्य सिद्धिं देही नमः” का अर्थ बहुत ही गहन और शक्तिशाली है। इसे निम्नलिखित भागों में समझा जा सकता है:

  • ॐ: यह ध्वनि ब्रह्मांड की मूल ध्वनि है और यह सबकुछ का प्रतीक है। यह मंत्र की शक्ति को बढ़ाता है।
  • ह्रीं: यह बीज मंत्र है जो कि शक्ति और आध्यात्मिकता का प्रतीक है।
  • ह्रौं: यह शिव बीज मंत्र व्यक्ति की शक्ति और उसके आत्म-विश्वास को बढ़ाता है।
  • लिंगभैरवे: यह शब्द देवी लिंग भैरवी की स्तुति करता है, जो कि सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी हैं।
  • सर्व कार्य सिद्धिं: इसका अर्थ है सभी कार्यों की सफलता।
  • देही: यह शब्द “प्रदान करो” का अनुरोध करता है।
  • नमः: यह समर्पण और विनम्रता का प्रतीक है।

इस प्रकार, पूरे मंत्र का अर्थ है: “हे लिंग भैरवी, मुझे सभी कार्यों में सफलता प्रदान करें।”

लाभ

आकर्षण शक्ति: यह मंत्र व्यक्ति की आकर्षण शक्ति को बढ़ाता है, जिससे वह दूसरों को आसानी से प्रभावित कर सकता है।

  1. बुढ़ापे पर रोक: नियमित मंत्र जप से व्यक्ति की त्वचा और शरीर की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
  2. प्रभावशाली व्यक्तित्व: यह मंत्र व्यक्ति के व्यक्तित्व को प्रभावशाली और आकर्षक बनाता है।
  3. भाषण कला: मंत्र का जप करने से व्यक्ति की भाषण कला और संवाद की क्षमता में सुधार होता है।
  4. सही निर्णय: यह मंत्र व्यक्ति को सही निर्णय लेने में सहायता करता है।
  5. सुंदरता: मंत्र जप से चेहरे और शरीर की आभा बढ़ती है, जिससे व्यक्ति सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है।
  6. आत्म-विश्वास: मंत्र व्यक्ति के आत्म-विश्वास को बढ़ाता है, जिससे वह किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकता है।
  7. आध्यात्मिक उन्नति: मंत्र का नियमित जप व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।
  8. मानसिक शांति: मंत्र का जप मानसिक तनाव और चिंता को दूर करता है, जिससे व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है।
  9. सकारात्मक ऊर्जा: यह मंत्र व्यक्ति के चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बनाता है।
  10. सफलता: मंत्र के जप से व्यक्ति को अपने कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
  11. ध्यान की क्षमता: यह मंत्र व्यक्ति की ध्यान की क्षमता को बढ़ाता है।
  12. रोगों से मुक्ति: मंत्र का जप करने से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है।
  13. धन और समृद्धि: मंत्र जप से धन और समृद्धि प्राप्त होती है।
  14. परिवारिक सुख: यह मंत्र परिवार में सुख-शांति और समृद्धि लाता है।

लिंग भैरवी मंत्र विधि

लिंग भैरवी मंत्र का जप विशेष विधि से किया जाता है। इसका पालन करने से मंत्र का प्रभाव और भी अधिक होता है।

मंत्र जप का दिन, अवधि और मुहूर्त

  • दिन: मंत्र जप के लिए शुक्रवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है।
  • अवधि: ११ से २१ दिन तक नियमित रूप से इस मंत्र का जप करना चाहिए।
  • मुहूर्त: मंत्र जप का सर्वोत्तम समय ब्रह्म मुहूर्त (सुबह ४ से ६ बजे के बीच) होता है। इस समय किए गए जप का प्रभाव अधिक होता है।

मंत्र जप सामग्री

  • एक स्फटिक की माला (या रुद्राक्ष माला)
  • पीले या सफेद वस्त्र
  • दीया, धूप और अगरबत्ती
  • फूल, विशेषकर लाल फूल
  • नैवेद्य (फल, मिठाई आदि)

लिंग भैरवी मंत्र जप संख्या

मंत्र जप करते समय ११ माला (एक माला में १०८ मोती होते हैं) यानी ११८८ बार इस मंत्र का जप करना चाहिए। यह संख्या मंत्र की शक्ति को बढ़ाती है और साधक को जल्दी फल प्रदान करती है।

लिंग भैरवी मंत्र जप के नियम

  1. उम्र: २० वर्ष से ऊपर के स्त्री-पुरुष इस मंत्र का जप कर सकते हैं।
  2. वस्त्र: जप करते समय नीले या काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
  3. धूम्रपान और मासाहार: मंत्र जप के दौरान धूम्रपान, पान, शराब और मासाहार का सेवन नहीं करना चाहिए।
  4. ब्रह्मचर्य: मंत्र जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
  5. स्नान: जप से पहले स्नान करना और शुद्ध वस्त्र धारण करना आवश्यक है।
  6. स्थान: एक शांत और पवित्र स्थान पर बैठकर मंत्र जप करना चाहिए।
  7. आसन: कुश या कपड़े के आसन पर बैठकर जप करना चाहिए।
  8. आहार: हल्का और सात्विक आहार ही ग्रहण करें।
  9. संकल्प: जप शुरू करने से पहले संकल्प लें और देवी से अपनी मनोकामना व्यक्त करें।
  10. नियमितता: जप में नियमितता बनाए रखें और निर्धारित समय पर ही जप करें।
  11. वाणी की शुद्धता: जप के दौरान वाणी की शुद्धता का ध्यान रखें, अपशब्दों का प्रयोग न करें।
  12. मंत्र उच्चारण: मंत्र का सही उच्चारण और ध्यान महत्वपूर्ण है।
  13. ध्यान: मंत्र जप के साथ देवी का ध्यान करें।
  14. मन का नियंत्रण: मंत्र जप के समय मन को भटकने न दें, पूरी एकाग्रता के साथ जप करें।
  15. अभिमान: मंत्र जप के प्रभाव से कभी अहंकार न करें, हमेशा विनम्रता बनाए रखें।

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मंत्र जप सावधानियां

  1. आत्म-विश्वास: मंत्र जप के दौरान आत्म-विश्वास बनाए रखें, लेकिन अति-आत्मविश्वास से बचें।
  2. ध्यान: जप के समय किसी अन्य कार्य में मन न लगाएं।
  3. मंत्र की शक्ति: मंत्र की शक्ति को कम आंकने की भूल न करें।
  4. समय: जप के लिए नियमित और उचित समय चुनें।
  5. वातावरण: जप के समय का वातावरण शुद्ध और पवित्र होना चाहिए।
  6. विचार: नकारात्मक विचारों से दूर रहें और सकारात्मक विचारों पर ध्यान केंद्रित करें।
  7. धैर्य: मंत्र जप के परिणाम में समय लग सकता है, इसलिए धैर्य बनाए रखें।
  8. विश्रांति: जप के बाद थोड़ी देर ध्यान और विश्रांति करें।
  9. संपर्क: जप के दौरान किसी अन्य व्यक्ति से संपर्क न करें।
  10. भक्ति: मंत्र जप भक्ति और श्रद्धा के साथ करें।
  11. संतोष: जप के बाद जो भी फल प्राप्त हो, उसे संतोष के साथ स्वीकार करें।
  12. शब्दों का ध्यान: मंत्र के शब्दों का सही उच्चारण करें, गलत उच्चारण से बचें।
  13. वाणी का संयम: जप के बाद भी वाणी पर संयम रखें।
  14. मंत्र समाप्ति: मंत्र समाप्त होने के बाद देवी का ध्यान कर उन्हें धन्यवाद दें।
  15. प्रकृति से जुड़ाव: मंत्र जप के दौरान प्रकृति से जुड़ाव बनाए रखें, जैसे कि पौधों के पास बैठना।

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मंत्र से संबंधित प्रश्न और उनके उत्तर

  1. लिंग भैरवी मंत्र क्या है? लिंग भैरवी मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जो देवी लिंग भैरवी की कृपा प्राप्त करने के लिए जपा जाता है।
  2. मंत्र का सर्वोत्तम समय क्या है? ब्रह्म मुहूर्त (सुबह ४ से ६ बजे) मंत्र जप का सर्वोत्तम समय है।
  3. मंत्र जप के कितने दिन करने चाहिए? ११ से २१ दिन तक नियमित रूप से मंत्र का जप करना चाहिए।
  4. कितनी माला मंत्र जप करनी चाहिए? ११ माला (११८८ बार) मंत्र जप करना चाहिए।
  5. क्या इस मंत्र का जप कोई भी कर सकता है? हां, २० वर्ष से ऊपर के स्त्री-पुरुष इस मंत्र का जप कर सकते हैं।
  6. क्या मंत्र जप के दौरान आहार का ध्यान रखना चाहिए? हां, मंत्र जप के दौरान सात्विक और हल्का आहार ग्रहण करें।
  7. मंत्र जप के समय कौन से कपड़े पहनने चाहिए? पीले या सफेद रंग के वस्त्र पहनने चाहिए।
  8. क्या मंत्र जप के समय धूम्रपान और शराब का सेवन कर सकते हैं? नहीं, मंत्र जप के समय धूम्रपान, शराब और मासाहार का सेवन नहीं करना चाहिए।
  9. क्या मंत्र जप से आकर्षण शक्ति बढ़ती है? हां, इस मंत्र से व्यक्ति की आकर्षण शक्ति और प्रभावशीलता बढ़ती है।
  10. क्या मंत्र जप से सही निर्णय लेने में सहायता मिलती है? हां, यह मंत्र व्यक्ति को सही निर्णय लेने में सहायता करता है।
  11. क्या मंत्र जप के लिए किसी गुरु की आवश्यकता होती है? इस मंत्र का जप बिना गुरु के भी किया जा सकता है, लेकिन गुरु का मार्गदर्शन हमेशा लाभकारी होता है।

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