Maha Yakshini Mantra – Complete Ritual Guide

महा यक्षिणी मंत्र – समृद्धि और सुख के लिए शक्तिशाली साधना विधि

महा यक्षिणी मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जिसे विशेष रूप से समृद्धि, सफलता और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए प्रयोग किया जाता है। इस मंत्र को प्राचीन शास्त्रों में विशेष महत्व प्राप्त है और इसे देवी यक्षिणी की आराधना के लिए प्रयोग किया जाता है।

महा यक्षिणी मंत्र व उसका अर्थ

मंत्र:
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्रीं महा यक्षिणे सर्व जन मे वशमानय नमः॥

अर्थ:
“ॐ, ऐं, ह्रीं, श्रीं, क्रीं – ये शक्तिशाली बीज मंत्र हैं। महा यक्षिणी, जो समस्त संसार की देवी हैं, के प्रति हम नमन करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि वह सभी लोगों को अपने वश में करें।”

महा यक्षिणी मंत्र लाभ

  1. धन-संपत्ति में वृद्धि: नियमित जाप से आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है।
  2. सुख-शांति: मानसिक शांति और घरेलू सुख में सुधार होता है।
  3. व्यापार में सफलता: व्यापारिक गतिविधियों में सफलता प्राप्त होती है।
  4. स्वास्थ्य में सुधार: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  5. रोजगार में अवसर: नौकरी और व्यवसाय में नए अवसर खुलते हैं।
  6. दुश्मनों से रक्षा: शत्रुओं से सुरक्षा और समस्याओं का समाधान होता है।
  7. आध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक विकास और आत्म-साक्षात्कार में मदद होती है।
  8. शक्तिशाली बनाना: आत्मविश्वास और मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है।
  9. मनोबल में वृद्धि: कठिन परिस्थितियों में मनोबल मजबूत रहता है।
  10. परिवारिक संबंधों में सुधार: पारिवारिक संबंधों में सामंजस्य और प्रेम बढ़ता है।
  11. विवाह में सफलता: विवाह की समस्याएं दूर होती हैं।
  12. संकट निवारण: जीवन के संकटों और परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
  13. उपयुक्त साथी का मिलना: जीवनसाथी की खोज में सफलता मिलती है।
  14. साधना में सफलता: ध्यान और साधना में स्फूर्ति और सफलता प्राप्त होती है।
  15. सामाजिक मान-सम्मान: समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ती है।
  16. संगठनात्मक क्षमता: कार्यक्षेत्र में नेतृत्व और संगठनात्मक क्षमताओं में सुधार होता है।
  17. पारिवारिक सुख: पारिवारिक सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है।

मंत्र विधि

मंत्र जप का दिन

महा यक्षिणी मंत्र का जप मंगलवार और शुक्रवार को विशेष रूप से लाभकारी होता है। इन दिनों को विशेष पूजा और व्रत के लिए चुना जा सकता है।

अवधि

मंत्र जाप की अवधि सामान्यतः 11 से 21 दिन तक होती है। यह अवधि आपकी साधना की गहराई और संकल्प पर निर्भर करती है।

मुहुर्त

सुभ मुहुर्त सुबह 4 बजे से 6 बजे के बीच या संध्याकाल 6 बजे से 8 बजे के बीच होना चाहिए। यह समय साधना के लिए शुभ और प्रभावशाली माना जाता है।

मंत्र जप

प्रत्येक दिन 11 से 21 दिन तक नियमित रूप से मंत्र का जप करें। यह अवधि आपको मानसिक शांति और मानसिक बल प्रदान करेगी।

सामग्री

मंत्र जप के लिए आपको रुद्राक्ष की माला की आवश्यकता होगी। रुद्राक्ष की माला 108 मनकों की होती है जो मंत्र जप के लिए उपयुक्त है।

मंत्र जप संख्या

हर दिन 11 माला यानी 1188 मंत्र जप करें। यह संख्या मंत्र के प्रभाव को अधिकतम करने में सहायक होती है।

मंत्र जप के नियम

  1. उम्र: 20 वर्ष के ऊपर के व्यक्ति इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।
  2. लिंग: स्त्री-पुरुष कोई भी इसका जाप कर सकता है।
  3. वस्त्र: नीले या काले कपड़े पहनने से बचें।
  4. आहार: धूम्रपान, तंबाकू और मांसाहार का सेवन न करें।
  5. ब्रहमचर्य: ब्रह्मचर्य का पालन करें और संयमित जीवन जीने का प्रयास करें।

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जप सावधानी

  1. स्वच्छता: पूजा स्थल और शरीर को स्वच्छ रखें।
  2. मनोबल: मानसिक स्थिति को स्थिर और सकारात्मक रखें।
  3. माला: रुद्राक्ष की माला का उचित देखभाल करें और जप के समय माला को कंधे पर न डालें।
  4. अवधि: निर्धारित समय पर नियमित जप करें और ध्यान रखें कि हर दिन संपूर्ण जप करें।

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महा यक्षिणी मंत्र से संबंधित प्रश्न उत्तर

प्रश्न 1: महा यक्षिणी मंत्र का जाप कब करना चाहिए?

उत्तर: महा यक्षिणी मंत्र का जाप विशेष रूप से मंगलवार और शुक्रवार को करना लाभकारी होता है।

प्रश्न 2: इस मंत्र के जाप से क्या लाभ होता है?

उत्तर: इस मंत्र का जाप करने से धन-संपत्ति, स्वास्थ्य, सुख-शांति और व्यापारिक सफलता प्राप्त होती है।

प्रश्न 3: कितने दिनों तक इस मंत्र का जाप करना चाहिए?

उत्तर: सामान्यतः 11 से 21 दिनों तक नियमित रूप से मंत्र का जाप करना चाहिए।

प्रश्न 4: मंत्र जाप की सामग्री क्या होनी चाहिए?

उत्तर: मंत्र जाप के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करें।

प्रश्न 5: मंत्र जाप करते समय कौन सी सावधानियाँ बरतनी चाहिए?

उत्तर: मंत्र जाप करते समय स्वच्छता, संयम और नियमितता का ध्यान रखें।

प्रश्न 6: क्या इस मंत्र का जाप महिला भी कर सकती हैं?

उत्तर: हाँ, महिला भी इस मंत्र का जाप कर सकती हैं।

प्रश्न 7: मंत्र जाप की संख्या कितनी होनी चाहिए?

उत्तर: हर दिन 11 माला यानी 1188 मंत्र का जाप करें।

प्रश्न 8: मंत्र जाप के लिए उपयुक्त समय क्या है?

उत्तर: सुबह 4 से 6 बजे या संध्या 6 से 8 बजे तक उपयुक्त समय होता है।

प्रश्न 9: क्या इस मंत्र का जाप व्रत के दौरान किया जा सकता है?

उत्तर: हाँ, इस मंत्र का जाप व्रत और उपवासा के दौरान भी किया जा सकता है।

प्रश्न 10: क्या इस मंत्र का जाप धूम्रपान करने के बाद किया जा सकता है?

उत्तर: नहीं, धूम्रपान और तंबाकू का सेवन करने के बाद मंत्र जाप नहीं करना चाहिए।

प्रश्न 11: इस मंत्र के जाप से पारिवारिक सुख कैसे मिलेगा?

उत्तर: नियमित और सही विधि से मंत्र जाप करने से पारिवारिक संबंधों में सुधार और सुख-शांति प्राप्त होती है।

प्रश्न 12: क्या इस मंत्र के जाप से स्वास्थ्य में सुधार होगा?

उत्तर: हाँ, इस मंत्र के जाप से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

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