Buy now

spot_img
spot_img

Mahagauri Chalisa paath for Obstacles

कष्टों से छुटकारा दिलाने वाली माता का महागौरी चालीसा का पाठ और पूजा विधि आपको विशेष लाभ प्रदान करेगी। महागौरी की कृपा से आपके जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि बनी रहेगी। श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करने से देवी महागौरी आपके सभी कष्टों का निवारण करेंगी।

महागौरी चालीसा

॥दोहा॥

श्वेते वृषे समारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥

॥चालीसा॥

जय महागौरी जगत की माया।
जय उमा भवानी जय महादेव सहाय॥

कांतिकरं शुभ शान्ति मूरत।
त्रिभुवन मोहित नीति अनुरूपा॥

पाप निवारण, दुख हरनी।
विपदा हरणी, सुख करनी॥

शुभ्र वरण करुणा अति भारी।
सोम्य, शान्ति हितकारी॥

वृषारूढ़ा श्वेताम्बरधरा।
मंगलमयी त्रिपुरसुंदरी॥

भीमा देवी विमल जगमाता।
चौसठ योगिनी घर विराजता॥

कंचन भूषण कांतिफलकारी।
सन्त, जनों की पालक प्यारी॥

सत, चित, आनन्द रूपा।
भक्तों की शंकट पूरना॥

ध्यान लगावे नित्य जो कोई।
कल्याणकारी वर्तपै सोई॥

सकल, मनोरथ सिद्ध करावे।
चिरजीवी भव सुखी बनावे॥

हर चातक को मनोकामना।
पुण्य कर के करे शुभ रचना॥

गावहिं वेद और पुराण।
महिमा अगम गावत नाद॥

कठिन काल धर दर्शन देई।
गौरी महिमा सब कही॥

जो महागौरी की स्तुति गावे।
बारी जन्म के पाप मिटावे॥

मोक्ष प्राप्ति होय जय उसकी।
जो याचक हो मनोकामना पूरी॥

॥दोहा॥

श्वेते वृषे समारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥


लाभ

  1. धन प्राप्ति: महागौरी चालीसा के पाठ से आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है।
  2. स्वास्थ्य लाभ: स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का समाधान होता है।
  3. संतान सुख: संतान प्राप्ति के लिए महागौरी की कृपा विशेष मानी जाती है।
  4. विवाह में सफलता: विवाह संबंधित समस्याओं का निवारण होता है।
  5. मानसिक शांति: मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
  6. परिवारिक सुख: परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
  7. कष्टों का निवारण: जीवन के सभी प्रकार के कष्टों का निवारण होता है।
  8. शत्रु बाधा मुक्ति: शत्रुओं का नाश और विपरीत परिस्थितियों में विजय मिलती है।
  9. आध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक उन्नति और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
  10. क्लेश मुक्ति: जीवन में सभी प्रकार के क्लेश और संघर्ष समाप्त होते हैं।
  11. सकारात्मक ऊर्जा: जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  12. सद्गुणों का विकास: सद्गुणों और नैतिकता का विकास होता है।
  13. संतोष और प्रसन्नता: मन में संतोष और प्रसन्नता बनी रहती है।
  14. धार्मिक आस्था: धार्मिक आस्था और विश्वास में वृद्धि होती है।
  15. बाधाओं का नाश: सभी प्रकार की बाधाओं और रुकावटों का नाश होता है।
  16. भय मुक्ति: सभी प्रकार के भय और आशंकाओं से मुक्ति मिलती है।
  17. कार्य सिद्धि: सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
  18. मंत्र सिद्धि: महागौरी चालीसा के पाठ से मंत्र सिद्धि प्राप्त होती है।
  19. समाज में मान-सम्मान: समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
  20. शारीरिक शक्ति: शारीरिक शक्ति और ऊर्जा में वृद्धि होती है।

विधि

दिन और मुहूर्त

  • दिन: महागौरी की पूजा का सबसे शुभ दिन अष्टमी (नवरात्रि का आठवां दिन) माना जाता है।
  • मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) में पूजा करना विशेष शुभ माना जाता है।

अवधि

  • अवधि: महागौरी चालीसा का पाठ कम से कम 40 दिनों तक नियमित रूप से किया जाना चाहिए।

नियम

  1. शुद्धता: पूजा स्थल और स्वयं की शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।
  2. ध्यान: ध्यान और एकाग्रता के साथ चालीसा का पाठ करें।
  3. भक्ति: मन, वचन और कर्म से पूर्ण भक्ति और श्रद्धा रखें।
  4. व्रत: पूजा के दिन व्रत रख सकते हैं, विशेषकर अष्टमी को।
  5. सात्विक आहार: पूजा के दौरान सात्विक आहार का सेवन करें।

Get mantra diksha

सावधानियां

  1. अशुद्धता: अशुद्ध स्थान या वस्त्र का प्रयोग न करें।
  2. व्याकुलता: मन को व्याकुल न होने दें, शांति बनाए रखें।
  3. नियमितता: पूजा और पाठ में नियमितता बनाए रखें।
  4. वाणी: पूजा के दौरान असत्य या अपशब्द का प्रयोग न करें।
  5. समय: निर्धारित समय पर ही पूजा करें, समय का ध्यान रखें।

online store

पृश्न उत्तर

महागौरी कौन हैं?

ये देवी दुर्गा का आठवां स्वरूप हैं, जिन्हें अष्टमी के दिन पूजा जाता है।

महागौरी की पूजा कब की जाती है?

इनकी की पूजा मुख्यतः नवरात्रि के आठवें दिन की जाती है।

महागौरी का वाहन कौन है?

इनका का वाहन वृषभ (बैल) है।

महागौरी की पूजा का क्या लाभ है?

इनकी की पूजा से धन, स्वास्थ्य, संतान सुख, और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

महागौरी की पूजा के लिए कौन सा दिन शुभ है?

अष्टमी (नवरात्रि का आठवां दिन) को महागौरी की पूजा के लिए शुभ माना जाता है।

महागौरी की पूजा में कौन-कौन सी सामग्री चाहिए?

पूजा में श्वेत पुष्प, धूप, दीप, नारियल, फल, मिठाई, और सफेद वस्त्रों का प्रयोग होता है।

महागौरी की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) में पूजा करना विशेष शुभ माना जाता है।

महागौरी की पूजा से कौन-कौन से कष्ट दूर होते हैं?

जीवन के सभी प्रकार के कष्ट, रोग, और विपत्तियाँ दूर होती हैं।

क्या महागौरी की पूजा केवल नवरात्रि में ही की जा सकती है?

नहीं, महागौरी की पूजा किसी भी शुभ दिन पर की जा सकती है।

महागौरी की पूजा में किन मंत्रों का जाप किया जाता है?

“ॐ देवी महागौर्यै नमः” मंत्र का जाप किया जाता है।

महागौरी की पूजा में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

पूजा करते समय शुद्धता, श्रद्धा, और संकल्प का ध्यान रखना चाहिए।

क्या महागौरी की पूजा के दौरान व्रत रखना आवश्यक है?

व्रत रखना आवश्यक नहीं है, लेकिन इच्छा अनुसार रखा जा सकता है।

महागौरी की पूजा के बाद क्या करना चाहिए?

प्रसाद वितरण और सभी को प्रसाद ग्रहण कराना चाहिए।

महागौरी की पूजा में किन चीजों का प्रयोग वर्जित है?

अशुद्ध सामग्री और अशुद्ध स्थान का प्रयोग वर्जित है।

spot_img
spot_img

Related Articles

Stay Connected

65,000FansLike
782,365SubscribersSubscribe
spot_img
spot_img

Latest Articles

spot_img
spot_img
Select your currency