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Shri Ayappa Chalisa path for Wealth & Prosperity

श्री अयप्पा चालीसा पाठ: पूरी विधि, लाभ, और सावधानियाँ

श्री अयप्पा चालीसा पाठ हिंदू धर्म में अद्वितीय स्थान रखता है। यह पाठ भक्तों के लिए आस्था और ऊर्जा का स्रोत है। भगवान अयप्पा को समर्पित यह चालीसा पाठ उनकी कृपा प्राप्त करने का माध्यम है। श्री अयप्पा चालीसा पाठ का नियमित रूप से पाठ करने से मानसिक शांति और जीवन में सकारात्मकता आती है।

भगवान अयप्पा को सच्चे हृदय से समर्पित यह चालीसा पाठ हमें कठिन परिस्थितियों में मार्ग दिखाता है। यह साधना हमें बुराईयों से बचाती है और जीवन में धर्म और सत्य का अनुसरण करने की प्रेरणा देती है।


संपूर्ण श्री अयप्पा चालीसा पाठ

दोहा
श्री गणेश गुरु गौरी, चरण सरन मैं आय।
करहुं कृपा अय्यप्पा स्वामी, संकट दूर हटाय॥

चौपाई

  1. ध्यान धरूं श्री अय्यप्पा का।
    जिनसे मिटे संताप हमारा॥
    करुणामय स्वामी शरण तुम्हारी।
    कृपा करूं जीवन उधारी॥
  2. शिखर पर मंदिर सुहावना।
    सत्य धर्म का है ठिकाना॥
    सब तीर्थों से न्यारा तेरा।
    दर्शन कर हर दुख बसेरा॥
  3. हरि के अंश तुम्हीं अवतारी।
    शत्रु नाशक करुणा बारी॥
    अय्यप्पा दीनों के पालन।
    भक्त हृदय में सदा विराजन॥
  4. कष्ट मिटाते, भोग लगाते।
    स्वामी जग में प्रेम जगाते॥
    ध्यान करें जो सच्चे मन से।
    उन पर कृपा हो पल भर में॥
  5. तीर्थ का यह रूप निराला।
    सब भक्तों को देता सहारा॥
    नाम जपें तो पुण्य मिलेगा।
    स्वामी से सब कष्ट हरेगा॥
  6. स्वर्ण मुकुट सुशोभित मस्तक।
    प्रभु अय्यप्पा का दिव्य वरदहस्त॥
    सागर पार जो भक्त बुलाते।
    उन पर दया दृष्टि बरसाते॥
  7. सिंघासन पर विराजे स्वामी।
    भाल पर तिलक, तेज अनामी॥
    भक्तों के संकट हरते रहते।
    मन में भक्ति दीप जलाते॥
  8. मंत्र जपें, मंदिर में जाएं।
    सब दुःखों का नाश कराएं॥
    सच्चे मन से जो अरज करता।
    स्वामी उसकी चिंता हरता॥

दोहा

शरण में उनकी जो कोई आता।
कष्ट सभी को स्वामी मिटाता॥
प्रेम-भक्ति से जो भी गाए।
उसके जीवन में सुख आए॥

चालीसा का अर्थ
चालीसा पाठ में छुपे हर श्लोक का अर्थ आध्यात्मिक और मानसिक शांति प्रदान करता है। यह भक्तों को दिव्य प्रेरणा देता है।


लाभ

  1. जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  2. कठिन समय में साहस और आत्मविश्वास मिलता है।
  3. भगवान अयप्पा का आशीर्वाद मिलता है।
  4. मनोबल और मानसिक शांति में वृद्धि होती है।
  5. तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है।
  6. साधना में एकाग्रता बढ़ती है।
  7. आध्यात्मिक ज्ञान में बढ़ोतरी होती है।
  8. बाधाओं का अंत होता है।
  9. घर में शांति और समृद्धि आती है।
  10. स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  11. सफलता प्राप्त करने में सहायता मिलती है।
  12. परिवार में प्रेम और एकता बढ़ती है।
  13. नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
  14. ईश्वर के प्रति भक्ति मजबूत होती है।
  15. जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
  16. साधना में स्थायित्व प्राप्त होता है।
  17. आत्मा को परम शांति मिलती है।

श्री अयप्पा चालीसा पाठ की विधि

  • दिन: यह पाठ किसी भी पवित्र दिन से शुरू किया जा सकता है।
  • अवधि: 41 दिन लगातार पाठ करना लाभकारी होता है।
  • मुहूर्त: प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त सर्वोत्तम होता है।

पाठ प्रारंभ करने से पहले स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें। भगवान अयप्पा की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाकर ध्यान करें।

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नियम

  1. चालीसा पाठ हमेशा श्रद्धा और भक्ति के साथ करें।
  2. साधना को गुप्त रखें और दिखावा न करें।
  3. पाठ के दौरान शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।
  4. नियमित समय पर पाठ करना जरूरी है।
  5. मानसिक एकाग्रता बनाए रखें।
  6. भोजन सात्विक और शुद्ध रखें।
  7. किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचारों से बचें।

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श्री अयप्पा चालीसा पाठ के दौरान सावधानियां

  1. साधना के दौरान व्यर्थ बातचीत से बचें।
  2. पाठ के बीच में रुकावट न आने दें।
  3. मन को शांत और स्थिर रखें।
  4. किसी प्रकार की अनुचित गतिविधि से दूर रहें।
  5. पाठ स्थल को स्वच्छ रखें।
  6. मोबाइल या अन्य उपकरणों का उपयोग न करें।
  7. चालीसा पाठ को आदरपूर्वक और समर्पण से करें।

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श्री अयप्पा चालीसा पाठ: प्रश्न उत्तर

प्रश्न 1: श्री अयप्पा चालीसा पाठ क्यों किया जाता है?

उत्तर: यह पाठ मानसिक शांति और भगवान अयप्पा की कृपा पाने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 2: इसे कितने दिनों तक करना चाहिए?

उत्तर: इसे 41 दिनों तक नियमित रूप से करना चाहिए।

प्रश्न 3: पाठ का सही समय कौन सा है?

उत्तर: प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में इसे करना सर्वोत्तम है।

प्रश्न 4: क्या साधना को गुप्त रखना चाहिए?

उत्तर: हां, साधना को गुप्त रखना अति आवश्यक है।

प्रश्न 5: क्या कोई विशेष भोजन करना चाहिए?

उत्तर: सात्विक और शुद्ध भोजन का ही सेवन करें।

प्रश्न 6: पाठ के क्या लाभ हैं?

उत्तर: मानसिक शांति, बाधाओं का नाश, और ईश्वर का आशीर्वाद मिलता है।

प्रश्न 7: क्या पाठ के दौरान ध्यान देना जरूरी है?

उत्तर: हां, ध्यान और एकाग्रता साधना का मुख्य भाग है।

प्रश्न 8: क्या महिलाएं चालीसा पाठ कर सकती हैं?

उत्तर: हां, श्रद्धा और नियम से महिलाएं भी यह पाठ कर सकती हैं।

प्रश्न 9: क्या पाठ किसी भी दिन शुरू कर सकते हैं?

उत्तर: हां, लेकिन शुभ दिन चुनना अधिक लाभकारी है।

प्रश्न 10: क्या पाठ का प्रभाव तुरंत दिखता है?

उत्तर: यह व्यक्ति की श्रद्धा और भक्ति पर निर्भर करता है।


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