ये साबर मंत्र, भगवान शिव की कृपा पाने का शक्तिशाली माध्यम है। ये भगवान शिव का एक शक्तिशाली और उग्र रूप है। महाकाल का अर्थ होता है “समय का महान स्वामी”। वह उन सभी चीजों का विनाश करता है जो समय के साथ होती हैं और पुनर्जन्म का चक्र समाप्त करता है। महाकाल उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में विशेष रूप से पूजनीय हैं और उन्हें मृत्यु के देवता और काल का अधिपति माना जाता है। उनके इस रूप में भक्त उन्हें अपने सारे कष्टों और समस्याओं से मुक्ति के लिए पूजते हैं।
महाकाल का रूप अत्यंत भयानक होता है। उनके माथे पर तीसरा नेत्र है, जो संहार का प्रतीक है। उनके शरीर पर भस्म और रुद्राक्ष की माला है। वह तांडव करते हैं और उनका यह रूप संपूर्ण ब्रह्मांड को अपने अंदर समाहित कर लेता है।
महाकाल शाबर मंत्र
शाबर मंत्र एक प्रकार के तांत्रिक मंत्र होते हैं जो सीधे-सरल भाषा में होते हैं और इनके जप से तुरंत प्रभाव देखा जा सकता है। ये मंत्र भी एक ऐसा ही प्रभावशाली मंत्र है, जो महाकाल की कृपा को शीघ्रता से प्राप्त करने में सहायक है।
॥ॐ नमः शिवाय शंकराय, सर्पधारी मम् कार्य कीजो, ॐ महाकालाय नमः॥
विधि
मंत्र जप का दिन, अवधि, मुहुर्त
- दिन:मंत्र का जप किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन सोमवार और महाशिवरात्रि का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
- अवधि: मंत्र जप की अवधि 11 से 21 दिन तक होनी चाहिए।
- मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) सबसे उत्तम समय है। इसके अलावा शाम के समय (6 से 8 बजे) भी मंत्र जप कर सकते हैं।
जप सामग्री
- रुद्राक्ष माला
- गंगाजल
- दीपक
- धूप
- महाकाल की प्रतिमा या चित्र
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर)
- बेलपत्र, धतूरा और आक के फूल
- शुद्ध जल
मंत्र जप संख्या
- एक माला: 108 बार
- 11 माला: 1188 बार
प्रति दिन कम से कम एक माला (108 बार) जप करना चाहिए और अधिकतम 11 माला (1188 बार) तक जप कर सकते हैं।
मंत्र जप के नियम
- शुद्धता: जप करने वाले को शारीरिक और मानसिक रूप से शुद्ध होना चाहिए। स्नान के बाद ही मंत्र जप करें।
- आसन: कुश या ऊनी आसन का प्रयोग करें।
- दिशा: उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- समय: प्रतिदिन एक ही समय पर जप करें।
- व्रत: जप के दौरान सात्विक भोजन करें और व्रत रखें।
- माला: रुद्राक्ष माला का ही प्रयोग करें और माला को गंगाजल से शुद्ध करें।
- स्थान: एकांत और शांत स्थान का चयन करें।
- ध्यान: जप के पूर्व महाकाल का ध्यान करें और उनके स्वरूप का ध्यान करें।
- ध्यानमंत्र: जप से पहले “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 21 बार जप करें।
- संकल्प: मंत्र जप के प्रारंभ में संकल्प लें कि आप किस उद्देश्य के लिए यह जप कर रहे हैं।
मंत्र जप सावधानियाँ
- सात्विक जीवन: जप के दौरान सात्विक जीवन व्यतीत करें।
- शराब और मांस: शराब, मांस, और अन्य तामसिक पदार्थों से दूर रहें।
- ध्यान भंग न हो: जप के दौरान ध्यान भंग न हो, इसलिए एकांत स्थान का चयन करें।
- सच्चाई: जप सच्चे मन से और पूर्ण विश्वास के साथ करें।
- नकारात्मकता से बचें: नकारात्मक विचारों से बचें और सकारात्मक सोच रखें।
- स्वच्छता: पूजा स्थल और माला की स्वच्छता का ध्यान रखें।
- गुरु का आशीर्वाद: यदि संभव हो तो किसी योग्य गुरु से मंत्र दीक्षा लें।
- आहार: हल्का और सात्विक आहार लें।
- नींद: पर्याप्त नींद लें ताकि मन और शरीर ताजगी से भरपूर रहें।
- समर्पण: जप पूर्ण समर्पण और भक्ति के साथ करें।
लाभ
- स्वास्थ्य में सुधार: शाबर मंत्र का जप स्वास्थ्य समस्याओं से मुक्ति दिलाता है।
- दीर्घायु: यह मंत्र जप दीर्घायु प्रदान करता है।
- रोगों से मुक्ति: विभिन्न प्रकार के रोगों से मुक्ति दिलाता है।
- मानसिक शांति: मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है।
- भयमुक्ति: किसी भी प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है।
- संकट निवारण: जीवन के संकटों का निवारण होता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक उन्नति में सहायक है।
- आत्मबल में वृद्धि: आत्मबल और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- कष्टों का निवारण: जीवन के समस्त कष्टों का निवारण होता है।
- धन की प्राप्ति: आर्थिक समस्याओं का समाधान और धन की प्राप्ति होती है।
- शत्रु नाश: शत्रुओं का नाश और उनकी बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
- मनोकामना पूर्ति: सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- परिवार में सुख: परिवार में सुख-शांति का वातावरण बनता है।
- विवाह में विलंब: विवाह में आ रही बाधाओं का निवारण होता है।
- करियर में उन्नति: करियर में प्रगति और उन्नति मिलती है।
- व्यापार में वृद्धि: व्यापार में वृद्धि और समृद्धि होती है।
- बाधाओं का नाश: जीवन में आने वाली सभी प्रकार की बाधाओं का नाश होता है।
- पारिवारिक सुख: पारिवारिक सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।
- धार्मिक उन्नति: धार्मिक उन्नति और धर्म के प्रति आस्था बढ़ती है।
- मोक्ष प्राप्ति: अंततः मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मंत्र से संबंधित प्रश्न और उत्तर
- ये शाबर मंत्र क्या है?
- यह भगवान शिव के महाकाल रूप की स्तुति करने वाला एक तांत्रिक मंत्र है।
- इस मंत्र का उपयोग किसके लिए किया जाता है?
- यह मंत्र विशेष रूप से स्वास्थ्य, भयमुक्ति, और संकटा
- मंत्र का जप कब करना चाहिए?
- ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) में सबसे उत्तम समय है।
- शाबर मंत्र का जप कितने दिनों तक करना चाहिए?
- 11 से 21 दिन तक निरंतर करना चाहिए।
- मंत्र जप की सामग्री क्या होती है?
- रुद्राक्ष माला, गंगाजल, दीपक, धूप, महाकाल की प्रतिमा, पंचामृत, बेलपत्र।
- मंत्र का जप किस दिशा में करना चाहिए?
- उत्तर या पूर्व दिशा में मुख करके करना चाहिए।
- मंत्र जप की माला कितनी बार करनी चाहिए?
- प्रतिदिन कम से कम 108 बार और अधिकतम 1188 बार।
- मंत्र जप के दौरान कौन-कौन से नियम पालन करने चाहिए?
- शुद्धता, सात्विक आहार, नियमितता, और श्रद्धा से जप करना चाहिए।
- क्या मंत्र जप के दौरान व्रत रखना आवश्यक है?
- हाँ, व्रत रखने से जप का प्रभाव अधिक होता है।
- क्या इस मंत्र का जप करने से आर्थिक स्थिति सुधरती है?
- हाँ, इससे आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
- क्या शाबर मंत्र का जप किसी गुरु से दीक्षा लेकर करना चाहिए?
- हाँ, गुरु से दीक्षा लेकर करना अधिक प्रभावी होता है।
- क्या इस मंत्र का जप किसी विशेष पर्व पर करना चाहिए?
- महाशिवरात्रि पर विशेष रूप करना शुभ होता है।