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Maruti Hanuman mantra for Lineage growth

संतान का आशिर्वाद देने वाले हनुमान जी को “मारुति” या “मारुतिनंदन” के नाम से भी जाना जाता है। “मारुत” शब्द का अर्थ “हवा” और “नंदन” का अर्थ “पुत्र” होता है। इसलिए, “मारुतिनंदन” का मतलब है “हवा का पुत्र।” भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार माने जाते हैं और असीम शक्ति, भक्ति, और ज्ञान के प्रतीक हैं। हनुमानजी का स्वरूप बहुत ही प्रेरणादायक माना जाता है।

मारुतिनंदन का स्वरूप

हनुमानजी का स्वरूप बहुत ही अद्भुत और प्रभावशाली है। उनका शरीर बलवान, विशाल, और कठोर है। वे वानर के रूप में होते हैं और उनकी पूंछ लम्बी और मजबूत होती है। उनकी आँखें तेज और कानों पर विशेष तरह के आभूषण होते हैं। हनुमानजी का मुख कपि (वानर) के समान होता है, और उनका शरीर सुनहरे रंग का होता है। वे अपने हाथ में गदा धारण करते हैं और कभी-कभी वे पर्वत को उठाए हुए भी दिखाए जाते हैं।

मारुतिनंदन मंत्र का अर्थ

मंत्र:

मंत्र का अर्थ:

  • ” परमात्मा का प्रतीक है।
  • हं” हनुमानजी का बीज मंत्र है।
  • मारुति नंदनाय” का अर्थ है मारुत (वायु) के पुत्र को।
  • नमो नमः” का अर्थ है नमन करना या प्रणाम करना।

इस मंत्र का उच्चारण करने से सभी प्रकार की बाधाओं और संकटों से मुक्ति मिलती है।

लाभ

  1. कार्य क्षमता: कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।
  2. विवाद मुक्ति: जीवन में आने वाले विवादों से मुक्ति मिलती है।
  3. शत्रु से सुरक्षा: शत्रुओं से सुरक्षा प्राप्त होती है।
  4. ब्यापार तरक्की: व्यापार में उन्नति और सफलता मिलती है।
  5. आर्थिक बाधा: आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है।
  6. नौकरी में उन्नति: नौकरी में पदोन्नति और उन्नति मिलती है।
  7. असुरक्षा की भावना: असुरक्षा की भावना से मुक्ति मिलती है।
  8. भय से मुक्ति: भय और डर से छुटकारा मिलता है।
  9. कार्य सिद्धि: सभी कार्यों में सफलता मिलती है।
  10. तंत्र बाधा: तंत्र-मंत्र की बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
  11. आर्थिक बंधन: आर्थिक बंधनों से छुटकारा मिलता है।
  12. क्लेश मुक्ति: जीवन में क्लेश और अशांति से मुक्ति मिलती है।
  13. मानसिक शक्ति: मानसिक शक्ति और धैर्य में वृद्धि होती है।
  14. अध्यात्मिक शक्ति: अध्यात्मिक शक्ति और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  15. ग्रहस्थ सुख: ग्रहस्थ जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
  16. परिवार में सुख-शांति: परिवार में सुख-शांति और सद्भावना आती है।
  17. विघ्न बाधा: सभी प्रकार की विघ्न बाधाओं का निवारण होता है।
  18. आर्थिक सुरक्षा: आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता प्राप्त होती है।
  19. स्वास्थ्य लाभ: स्वास्थ्य में सुधार और रोगों से मुक्ति मिलती है।
  20. योग्यता में वृद्धि: योग्यता और क्षमता में वृद्धि होती है।

सामग्री

  1. पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर)
  2. गंगाजल
  3. काले तिल
  4. कुशा (एक प्रकार की पवित्र घास)
  5. तुलसी पत्र
  6. केले के पत्ते
  7. फूल
  8. धूप और दीपक
  9. चंदन
  10. अक्षत (चावल)
  11. शुद्ध घी
  12. कपूर
  13. हवन सामग्री
  14. पवित्र धागा (कच्चा सूत)
  15. नारियल
  16. फल
  17. वस्त्र (धोती और अंगवस्त्रम)
  18. ब्राह्मण भोज के लिए अन्न और अन्य सामग्री

पूजा का समय

  • महुर्त: सुबह के समय ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • दिन: मंगलवार और शनिवार हनुमानजी की पूजा के लिए विशेष रूप से उपयुक्त होते हैं।
  • अवधि: पूजा की अवधि कम से कम 1 घंटे की होनी चाहिए।

पूजा की विधि

  1. स्नान और शुद्धि: स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  2. स्थान चयन: पूजा के लिए शुद्ध और शांत स्थान का चयन करें।
  3. मंडल तैयार करना: भूमि को पवित्र करके मंडल बनाएं।
  4. देवताओं का आह्वान: पंचदेवों (गणेश, विष्णु, शिव, शक्ति और सूर्य) का आह्वान करें।
  5. संकल्प: अपने दोषों के निवारण के लिए संकल्प लें।
  6. हनुमानजी की स्थापना: हनुमानजी की प्रतिमा या चित्र की स्थापना करें।
  7. अभिषेक: पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक करें।
  8. मंत्र जाप: मारुतिनंदन मंत्र का जाप करें।
  9. हवन: हवन सामग्री और घी से हवन करें।
  10. ब्राह्मण भोज: ब्राह्मणों को भोजन कराएं और वस्त्र दान करें।
  11. प्रसाद वितरण: पूजा के अंत में प्रसाद वितरण करें।

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सावधानियाँ

  1. शुद्धता का ध्यान रखें: पूजा के दौरान शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।
  2. सही विधि का पालन करें: पूजा विधि का सही ढंग से पालन करें।
  3. अनुभवी पंडित का सहयोग लें: पूजा के लिए अनुभवी पंडित की सहायता लें।
  4. ब्राह्मण भोज और दान: ब्राह्मण भोज और दान को विशेष रूप से महत्व दें।
  5. संकल्प में दृढ़ता रखें: संकल्प में दृढ़ता और श्रद्धा रखें।

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मारुतिनंदन मंत्र – FAQs

  1. मारुतिनंदन कौन हैं?
    • मारुतिनंदन हनुमानजी का ही एक नाम है, जो वायु देवता के पुत्र के रूप में प्रसिद्ध हैं।
  2. मारुतिनंदन मंत्र का क्या अर्थ है?
    • मारुतिनंदन मंत्र का अर्थ है हनुमानजी को नमन करना और उनकी शक्ति और कृपा की प्राप्ति करना।
  3. मारुतिनंदन की पूजा के क्या लाभ हैं?
    • कार्य क्षमता, विवाद मुक्ति, शत्रु से सुरक्षा, व्यापार तरक्की, आर्थिक बाधाओं से मुक्ति, नौकरी में उन्नति, और मानसिक शक्ति की प्राप्ति।
  4. मारुतिनंदन की पूजा किस दिन करनी चाहिए?
    • मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए।
  5. मारुतिनंदन की पूजा का समय क्या होना चाहिए?
    • सुबह के समय ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  6. पूजा की सामग्री क्या है?
    • पंचामृत, गंगाजल, काले तिल, कुशा, तुलसी पत्र, केले के पत्ते, फूल, धूप, दीपक, चंदन, अक्षत, शुद्ध घी, कपूर, हवन सामग्री, पवित्र धागा, नारियल, फल, और वस्त्र।
  7. क्या पूजा के दौरान व्रत रखना चाहिए?
    • हाँ, पूजा के दौरान व्रत रखना लाभकारी होता है।
  8. क्या पूजा के बाद विशेष दान करना चाहिए?
    • हाँ, पूजा के बाद दान करना शुभ माना जाता है।
  9. क्या पूजा घर में कर सकते हैं?
    • हाँ, इस पूजा को घर में भी किया जा सकता है, लेकिन स्थान शुद्ध और शांत होना चाहिए।
  10. ब्राह्मण भोज का महत्व क्या है?
    • ब्राह्मण भोज से पित्रों की आत्मा को शांति मिलती है और श्रापित दोष का निवारण होता है।
  11. क्या पूजा के दौरान विशेष वस्त्र धारण करने चाहिए?
    • हाँ, पूजा के दौरान शुद्ध और स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए।
  12. क्या पूजा के बाद विशेष अनुष्ठान करने चाहिए?
    • हाँ, पूजा के बाद प्रसाद वितरण और ब्राह्मण भोज करना चाहिए।

BOOK RUDRABHISHEK PUJAN ON MAHA SHIVRATRI

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