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Rudra Hanuman Ji Mantra For Courage

दुष्टों को दंड देने वाले रुद्र हनुमान की पूजा मनुष्य को चारो दिशाओं से रक्षा करती है। रुद्र हनुमान, हनुमान जी का एक विशेष स्वरूप है, जो भगवान शिव के रौद्र रूप को दर्शाता है। हनुमान जी के इस स्वरूप में उनकी शक्तियाँ और अधिक प्रबल हो जाती हैं। यह स्वरूप उनकी महिमा को और बढ़ाता है और उन्हें अत्यधिक प्रभावशाली बनाता है।

स्वरूप

रुद्र हनुमान का स्वरूप विशेष रूप से रौद्र और तेजस्वी होता है। उनके इस रूप में उनकी आँखें लाल होती हैं, जिससे उनकी ताकत और गुस्से का पता चलता है। उनकी मुष्टि में गदा होती है, जो उनकी शक्ति का प्रतीक है। उनका यह रूप विशेष रूप से तामसिक शक्तियों को परास्त करने और भक्तों की रक्षा के लिए जाना जाता है।

रुद्र हनुमान मंत्र का अर्थ

॥ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्॥

इस मंत्र का अर्थ है:

  • : यह सार्वभौमिक ध्वनि है, जो ब्रह्मांड की ऊर्जा को दर्शाता है।
  • हं: यह बीज मंत्र है, जो हनुमान जी की शक्ति का प्रतीक है।
  • हनुमते: हनुमान जी को संबोधित करता है।
  • रुद्रात्मकाय: रुद्र (भगवान शिव) के स्वरूप को दर्शाता है।
  • हुं फट्: यह तामसिक और नकारात्मक शक्तियों का नाश करने के लिए उच्चारित होता है।

रुद्र हनुमान मंत्र के लाभ

  1. तामसिक शक्तियों का नाश: रुद्र हनुमान का पूजन तामसिक और नकारात्मक शक्तियों को दूर करता है।
  2. विवाह बाधा दूर करना: विवाह में आने वाली रुकावटें दूर होती हैं।
  3. संतान बाधा दूर करना: संतान प्राप्ति की समस्याएं समाप्त होती हैं।
  4. पारिवारिक सुख: परिवार में सुख और समृद्धि बनी रहती है।
  5. नवग्रह शांति: नवग्रह दोष शांत होते हैं।
  6. भौतिक सुख: भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होती है।
  7. नौकरी में सफलता: नौकरी में प्रमोशन और सफलता मिलती है।
  8. व्यापार में वृद्धि: व्यापार में वृद्धि और लाभ होता है।
  9. तंत्र बाधा का नाश: तंत्र और मंत्र से होने वाली बाधाएं समाप्त होती हैं।
  10. धन का बंधन: धन के अवरोध दूर होते हैं और धन की वृद्धि होती है।
  11. शत्रु नाश: शत्रुओं का नाश होता है।
  12. स्वास्थ्य लाभ: स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  13. मानसिक शांति: मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  14. आध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  15. आकस्मिक दुर्घटनाओं से रक्षा: आकस्मिक दुर्घटनाओं से सुरक्षा मिलती है।
  16. दुर्भाग्य का नाश: दुर्भाग्य दूर होता है।
  17. धार्मिक अनुष्ठानों में सफलता: धार्मिक अनुष्ठानों में सफलता मिलती है।
  18. कानूनी मामलों में विजय: कानूनी मामलों में विजय प्राप्त होती है।
  19. अभिमंत्रित वस्तुओं की शक्ति: अभिमंत्रित वस्तुओं की शक्ति बढ़ती है।
  20. समस्त प्रकार के भय का नाश: समस्त प्रकार के भय और चिंताओं का नाश होता है।

सामग्री

  1. हनुमान जी की मूर्ति या चित्र
  2. रोली और चंदन
  3. केसर
  4. फूल और माला
  5. धूप और दीपक
  6. ताजे फल और मिठाई
  7. पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर)
  8. नारियल
  9. सिंदूर
  10. जल और गंगाजल

मुहूर्त, दिन, और अवधि

रुद्र हनुमान की पूजा के लिए मंगलवार और शनिवार विशेष माने जाते हैं। विशेष रूप से अमावस्या और पूर्णिमा के दिन भी महत्वपूर्ण होते हैं। पूजा की अवधि आमतौर पर 45 मिनट से 1 घंटे की होती है। इसे ब्रह्म मुहूर्त में करना सर्वोत्तम माना जाता है।

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सावधानियाँ

  1. शुद्धता का ध्यान रखें: पूजा के समय शरीर और मन की शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।
  2. आलस्य न करें: पूजा में आलस्य और लापरवाही न करें।
  3. मंत्र उच्चारण सही तरीके से करें: मंत्र उच्चारण में गलती न करें।
  4. सकारात्मक मानसिकता रखें: नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
  5. भक्ति और श्रद्धा से पूजा करें: सच्ची भक्ति और श्रद्धा से पूजा करें।

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रुद्र हनुमान मंत्र- सामान्य प्रश्न (FAQ)

  1. रुद्र हनुमान कौन हैं?
    रुद्र हनुमान, हनुमान जी का एक विशेष रूप है, जो भगवान शिव के रुद्र रूप का प्रतिनिधित्व करता है।
  2. रुद्र हनुमान की पूजा का क्या महत्व है?
    यह पूजा तामसिक शक्तियों के नाश और जीवन में सुख-शांति लाने के लिए की जाती है।
  3. रुद्र हनुमान मंत्र क्या है?
    ॥ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्॥
  4. इस मंत्र का क्या अर्थ है?
    यह मंत्र हनुमान जी को रुद्र के स्वरूप में संबोधित करता है और नकारात्मक शक्तियों का नाश करता है।
  5. रुद्र हनुमान की पूजा किस दिन करनी चाहिए?
    मंगलवार और शनिवार को करना शुभ होता है।
  6. पूजा के लिए किस समय उत्तम होता है?
    ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) में करना श्रेष्ठ होता है।
  7. रुद्र हनुमान की पूजा में कौन-कौन सी सामग्री चाहिए?
    हनुमान जी की मूर्ति या चित्र, रोली, चंदन, केसर, फूल, माला, धूप, दीपक, फल, मिठाई, पंचामृत, नारियल, सिंदूर, जल, और गंगाजल।
  8. रुद्र हनुमान की पूजा से कौन-कौन से लाभ होते हैं?
    तामसिक शक्तियों का नाश, विवाह बाधा दूर करना, संतान बाधा दूर करना, पारिवारिक सुख, नवग्रह शांति, भौतिक सुख, नौकरी में सफलता, व्यापार में वृद्धि, तंत्र बाधा का नाश, धन का बंधन दूर करना आदि।
  9. रुद्र हनुमान की पूजा कितनी अवधि की होनी चाहिए?
    लगभग 45 मिनट से 1 घंटे की होनी चाहिए।
  10. रुद्र हनुमान की पूजा से तामसिक शक्तियों का नाश कैसे होता है?
    रुद्र हनुमान के मंत्र और पूजा के प्रभाव से तामसिक शक्तियों का नाश होता है।
  11. क्या रुद्र हनुमान की पूजा से नौकरी में सफलता मिलती है?
    हाँ, इस पूजा से नौकरी में प्रमोशन और सफलता प्राप्त होती है।

BOOK RUDRABHISHEK PUJAN ON MAHA SHIVRATRI

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