नरसिंह चालीसा: संकट नाशक चालीसा का महत्त्व
नरसिंह चालीसा से हर तरह की नकारात्मक उर्जा दूर रहती है। भगवान नरसिंह विष्णु के अवतार हैं, जिन्होंने हिरण्यकश्यप नामक असुर से पृथ्वी की रक्षा की थी। इस चालीसा का पाठ व्यक्ति को भय, संकट, और असुरी शक्तियों से मुक्ति दिलाने में सहायक माना जाता है। नरसिंह चालीसा का नियमित पाठ विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए लाभकारी माना जाता है जो जीवन में चुनौतियों का सामना कर रहे होते हैं।
संपूर्ण नरसिंह चालीसा
यहाँ संपूर्ण नरसिंह चालीसा प्रस्तुत है:
दोहा:
नृसिंह महाप्रभाव का, ध्यावहुं जन विचारि।
नित नव मंगलदायकं, संतन पर हितकारी।।
चौपाई:
जयति जयति नृसिंह स्वरूपा।
संकट हरण, मुरारि अनूपा।।1।।
योगी-ऋषि मुनि ध्यान लगावैं।
नित नव मंगल धाम पढ़ावैं।।2।।
भक्त ह्रदय महि ध्यान धरी।
प्रकट भए कंदर्प गरी।।3।।
हिरण्यकशिपु असुर संहारी।
अधम अधर्मी शत्रु पे भारी।।4।।
भक्त प्रह्लाद की कियो रक्षा।
परम भक्त परकीन अद्वितीय सच्चा।।5।।
सर्वत्र देव जही बैठी राखा।
चरन कमल जपि भक्तकृपा साखा।।6।।
कुंडलिनी उर में करिके निवास।
सर्वरोग हरे शक्ति प्रवास।।7।।
भक्तन की जब सहायत करी।
दुष्ट दलन की लीला धरी।।8।।
रूप अनंत देख भय मेटा।
करुणा करि, कृपा सदेवा।।9।।
दैत्य दलन रक्षक जग दाता।
संकट हरन, कृपा निधान।।10।।
नृसिंह अवतार अद्भुत भयो।
धरि नरसिंह रूप, हिरण्यकशिपु मारियो।।11।।
असुर दलन प्रभु रूप तुम्हारा।
जपै युगल नित नाम तुम्हारा।।12।।
चंद्रसूर्य अति तेज तुम्हारा।
धरि शंख चक्र रूप तुम्हारा।।13।।
सुर मुनि ध्यान धरें तुम ध्यावैं।
प्रकट भए जब भक्त पुकारें।।14।।
जनक जननी नाम तेही जानी।
संकट हरन प्रभु सुखदानी।।15।।
जो नरनारी ध्यान लगावैं।
सकल कष्ट नरसिंह मिटावैं।।16।।
भय मिटे सुख सदा समावे।
ध्यान धरत नरसिंह मनावे।।17।।
मनोकामना पूर्ण हो जाए।
ध्यान धरत संतोष पाए।।18।।
जयति जयति नरसिंह महाती।
कीरति कहत भक्तगण गाती।।19।।
जिनके नाम ह्रदय में धारा।
सकल विपत्ति मिटत बिचारा।।20।।
ध्यान धरत नरसिंह सहाई।
दीनदयाल कृपा निधि माई।।21।।
सुर नर मुनि नरसिंह सुकावे।
भक्तजन सुख शांति पावे।।22।।
कष्ट निवारक मंगलदाता।
भक्तों की इच्छा पूर्णकर्ता।।23।।
जयति जयति नरसिंह सुखकारी।
कीर्ति गावत साधु सुकारी।।24।।
लाभ
- भय का नाश
नरसिंह चालीसा का पाठ हर प्रकार के भय और असुरक्षा को समाप्त करता है। - शत्रु से रक्षा
शत्रुओं की बुरी योजनाएँ विफल होती हैं और उनसे सुरक्षा प्राप्त होती है। - आध्यात्मिक बल
आत्मविश्वास और आध्यात्मिक शक्ति में वृद्धि होती है। - धन और समृद्धि
पाठ से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और समृद्धि बढ़ती है। - संकटों का समाधान
जीवन की सभी बाधाएँ और संकट दूर होते हैं। - स्वास्थ्य में सुधार
रोगों का नाश होता है और स्वास्थ्य में सुधार होता है। - घर की शांति
परिवार में शांति और स्नेह का वातावरण बनता है। - कर्म सुधार
पाठ से अच्छे कर्म करने की प्रेरणा मिलती है। - सफलता का मार्ग
कार्यों में सफलता और प्रगति के अवसर प्राप्त होते हैं। - मनोकामना पूर्ति
भक्त की सभी इच्छाएँ और मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। - नकारात्मकता का नाश
पाठ से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मकता का संचार होता है। - मोक्ष का मार्ग
जीवन के अंतिम उद्देश्य, मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। - संतान सुख
पाठ से संतान प्राप्ति और उनकी उन्नति में सहायता मिलती है। - दुर्गुणों से मुक्ति
अहंकार, क्रोध और अन्य दुर्गुणों का नाश होता है। - ईश्वर की कृपा
भगवान नरसिंह की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन में शुभता और कल्याण लाती है।
नरसिंह चालीसा पाठ की विधि
नरसिंह चालीसा का पाठ भगवान नरसिंह की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए विधिपूर्वक करना चाहिए।
पाठ की तैयारी
- स्थान की शुद्धि
पाठ से पहले स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें। - स्वच्छ वस्त्र धारण करें
स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और मन को शांत करें। - पूजा सामग्री तैयार करें
दीपक, अगरबत्ती, फूल, जल और नैवेद्य जैसे पूजन सामग्री रखें।
विधि
- भगवान नरसिंह का ध्यान
पाठ से पहले भगवान नरसिंह का ध्यान करें। - दीप प्रज्वलित करें
भगवान नरसिंह की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं। - संकल्प लें
मन में पाठ का संकल्प लें और श्रद्धा से शुरुआत करें। - नरसिंह चालीसा का पाठ
शुद्ध उच्चारण और एकाग्रता के साथ नरसिंह चालीसा का पाठ करें।
पाठ के बाद की प्रक्रिया
- प्रसाद अर्पण करें
नैवेद्य अर्पण करें और फिर प्रसाद वितरण करें। - ध्यान और प्रार्थना
भगवान नरसिंह का ध्यान करें और अपनी प्रार्थना व्यक्त करें। - नियमितता रखें
चालीसा का पाठ नियमित रूप से एक ही समय पर करें।
पाठ के लिए जरूरी सावधानियाँ
- शुद्धता का ध्यान रखें
पाठ से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। मन और शरीर को पवित्र रखें। - पवित्र स्थान का चयन करें
पाठ के लिए शांत और साफ-सुथरे स्थान का चयन करें। अशुद्ध स्थान पर पाठ न करें। - सच्ची भक्ति से करें पाठ
पाठ को श्रद्धा और विश्वास के साथ करें। बिना भक्ति के पाठ का लाभ नहीं मिलता। - गलत उच्चारण से बचें
नरसिंह चालीसा के श्लोकों का सही उच्चारण करें। गलत पढ़ने से अर्थ और प्रभाव बदल सकता है। - पाठ के समय ध्यान न भटकाएं
पाठ के दौरान मन को स्थिर और एकाग्र रखें। इधर-उधर ध्यान न दें। - नकारात्मक सोच से बचें
पाठ के समय मन में शुभ और सकारात्मक विचार रखें। - शुद्ध सामग्री का उपयोग करें
पूजा में उपयोग होने वाली सामग्री शुद्ध होनी चाहिए। - भोजन का ध्यान रखें
पाठ से पहले मांस, मदिरा या तामसिक भोजन का सेवन न करें। - समय का पालन करें
पाठ के लिए एक निश्चित समय निर्धारित करें और उसे नियमित रूप से करें। - सतर्कता से पाठ करें
किसी भी प्रकार की जल्दबाजी में पाठ न करें। इसे शांत मन से करें।
नरसिंह चालीसा: प्रश्न और उत्तर
1. नरसिंह चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?
सुबह स्नान के बाद या संध्या के समय पाठ करना शुभ और फलदायी होता है।
2. क्या पाठ के लिए कोई विशेष दिन है?
हर दिन कर सकते हैं, लेकिन पूर्णिमा और गुरुवार को इसका महत्व अधिक है।
3. क्या उपवास के साथ पाठ करना जरूरी है?
उपवास करना अनिवार्य नहीं है, लेकिन शुद्धता बनाए रखना आवश्यक है।
4. क्या पाठ अकेले किया जा सकता है?
हां, इसे अकेले या सामूहिक रूप से, दोनों तरह से किया जा सकता है।
5. क्या नरसिंह चालीसा सभी के लिए है?
हां, नरसिंह चालीसा का पाठ हर व्यक्ति कर सकता है, चाहे स्त्री हो या पुरुष।
6. क्या बच्चों को पाठ सिखाया जा सकता है?
हां, बच्चों को सरल शब्दों में चालीसा सिखाना शुभ होता है।
7. क्या बिना मूर्ति के पाठ किया जा सकता है?
हां, भगवान नरसिंह का ध्यान करके भी पाठ कर सकते हैं।
8. क्या चालीसा से शत्रु भय समाप्त होता है?
हां, नरसिंह चालीसा शत्रुओं के भय को समाप्त करता है।
9. क्या इससे रोगों का नाश होता है?
हां, नियमित पाठ से स्वास्थ्य में सुधार और रोगों का नाश होता है।
10. क्या इसका पाठ रात्रि में कर सकते हैं?
हां, रात्रि में भी पाठ किया जा सकता है, लेकिन शांत स्थान चुनें।
11. क्या गलत उच्चारण से नुकसान होता है?
गलत उच्चारण से पाठ का पूर्ण फल नहीं मिलता। सही उच्चारण करें।
12. क्या इसका प्रभाव तुरंत दिखता है?
नियमितता और श्रद्धा के साथ पाठ करने से इसका प्रभाव अवश्य दिखता है।