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Nag Panchami Vrat – Puja, & Benefits

नाग पंचमी व्रत: मुहुर्थ- 29 जुलाई 2025

नाग पंचमी 2025 का पर्व मंगलवार, 29 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा। मुंबई, महाराष्ट्र के लिए पूजा मुहूर्त सुबह 5:56 बजे से 8:35 बजे तक निर्धारित है

यह पर्व श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। नाग पंचमी के दिन लोग विशेष रूप से नागों की पूजा करते हैं और उन्हें दूध अर्पित करते हैं। इस पर्व का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है और यह विशेष रूप से उत्तर भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। नाग पंचमी का पर्व भगवान शिव के नागों के प्रति विशेष प्रेम और सम्मान को भी दर्शाता है।

नियम

  1. स्नान और शुद्धि: नाग पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और शुद्ध वस्त्र पहनें।
  2. उपवास: इस दिन लोग उपवास रखते हैं और केवल फलाहार ग्रहण करते हैं।
  3. दूध अर्पण: नाग देवताओं को दूध अर्पित करने की परंपरा है।
  4. पूजा सामग्री: पूजा के लिए नाग देवताओं की मूर्तियां, दूध, जल, फल, फूल, रोली, चंदन, दीपक, मिठाई, और अन्य सामग्री तैयार रखें।
  5. भक्ति गीत और मंत्र: इस दिन नाग देवताओं की स्तुति में भक्ति गीत और मंत्र गाए जाते हैं।
  6. नाग देवता की कथा: नाग पंचमी के दिन नाग देवता की कथा सुनने और सुनाने की परंपरा है।

मुहूर्त

नाग पंचमी का मुहूर्त पंचमी तिथि पर निर्भर करता है। यह तिथि श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष में आती है। तिथि और समय के अनुसार पूजा का शुभ मुहूर्त चुना जाता है। आमतौर पर यह दिनभर मनाया जाता है, लेकिन पूजा का समय सुबह और शाम के समय उपयुक्त माना जाता है।

विधि

  1. स्थापना: सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करें और उसे गंगाजल से पवित्र करें। इसके बाद नाग देवताओं की मूर्तियों को स्थापना करें।
  2. मंत्र उच्चारण: पूजन के दौरान “ॐ नमः शिवाय” और “ॐ नागदेवताय नमः” मंत्रों का जाप करें।
  3. जल अर्पण: नाग देवताओं को जल अर्पित करें।
  4. दूध अर्पण: नाग देवताओं को दूध अर्पित करें।
  5. स्नान: मूर्तियों को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से स्नान कराएं और गंगाजल से शुद्ध करें।
  6. वस्त्र और आभूषण: नाग देवताओं को वस्त्र और आभूषण अर्पित करें।
  7. चंदन और रोली: मूर्तियों पर चंदन और रोली का तिलक करें।
  8. फूल और माला: मूर्तियों को फूलों की माला अर्पित करें।
  9. भोग: नाग देवताओं को मिठाई, फल और विशेष पकवान का भोग लगाएं।
  10. आरती: दीपक जलाकर नाग देवताओं की आरती करें। शंख और घंटी बजाकर वातावरण को पवित्र करें।
  11. व्रत कथा: नाग पंचमी की कथा का पाठ करें या सुनें। इससे व्रत की महिमा और महत्व को समझा जा सकता है।
  12. व्रत समापन: शाम को पूजा के बाद व्रत का समापन करें। इस समय जल पीकर और फलाहार ग्रहण करके व्रत खोलें।

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नाग पंचमी के लाभ

  1. सांपों से रक्षा: नाग पंचमी की पूजा करने से सांपों से रक्षा होती है और वे घर के आस-पास नहीं आते।
  2. स्वास्थ्य लाभ: इस व्रत और पूजा से स्वास्थ्य में सुधार होता है और विषैले जीवों से सुरक्षा मिलती है।
  3. सर्प दोष निवारण: कुंडली में सर्प दोष हो तो नाग पंचमी की पूजा से उसका निवारण होता है।
  4. कृषि में वृद्धि: नाग पंचमी की पूजा करने से कृषि में वृद्धि होती है और फसल अच्छी होती है।
  5. धार्मिक दृष्टि से: यह व्रत नाग देवताओं के प्रति आस्था को बढ़ाता है।
  6. आध्यात्मिक लाभ: व्रत और पूजा करने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक संतोष प्राप्त होता है।
  7. पारिवारिक सुख: इस व्रत को रखने से परिवार में सुख और शांति बनी रहती है।
  8. धन वृद्धि: नाग पंचमी की पूजा से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।
  9. मन की शांति: पूजा और मंत्र जाप से मन को शांति मिलती है।
  10. सकारात्मक ऊर्जा: घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  11. धैर्य और संयम: व्रत रखने से धैर्य और संयम की प्राप्ति होती है।
  12. पुण्य अर्जन: इस व्रत को रखने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
  13. सौभाग्य की वृद्धि: यह व्रत सौभाग्य और धन की वृद्धि करता है।
  14. मानसिक बल: व्रत और पूजा करने से मानसिक बल और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  15. भक्ति भाव: नाग देवताओं के प्रति भक्ति भाव बढ़ता है।
  16. सामाजिक समरसता: यह पर्व समाज में सामूहिकता और समरसता को बढ़ाता है।
  17. संस्कृति और परंपरा: यह पर्व भारतीय संस्कृति और परंपरा को जीवित रखता है।
  18. धार्मिक ज्ञान: व्रत और कथा सुनने से धार्मिक ज्ञान में वृद्धि होती है।
  19. आत्मिक शुद्धि: व्रत और पूजा से आत्मा की शुद्धि होती है।
  20. विशेष आशीर्वाद: नाग देवताओं की कृपा से विशेष आशीर्वाद और रक्षा प्राप्त होती है।

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नाग पंचमी: सामान्य प्रश्न

  1. नाग पंचमी का व्रत क्यों रखा जाता है?
    यह व्रत नाग देवताओं की पूजा और उनके आशीर्वाद के लिये रखा जाता है।
  2. नाग पंचमी कब मनाई जाती है?
    यह पर्व श्रावण मास की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।
  3. इस दिन उपवास का क्या महत्व है?
    उपवास से आत्मिक शुद्धि और नागों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  4. क्या इस दिन दूध का प्रयोग करना चाहिए?
    हाँ, दूध नागों को प्रिय होता है। इसे अर्पित करना चाहिए।
  5. क्या इस दिन कुछ विशेष करना चाहिए?
    इस दिन नागों की तस्वीर या मूर्ति की पूजा करनी चाहिए।
  6. क्या व्रति को फल खाना चाहिए?
    हाँ, उपवास के दौरान फल और अन्य हल्के नाश्ते का सेवन कर सकते हैं।
  7. इस दिन क्या नहीं खाना चाहिए?
    इस दिन गरिष्ठ और नॉनवेज भोजन से दूर रहना चाहिए।
  8. नाग पंचमी पर कौन सी विशेष पूजा होती है?
    लोग नागों की पूजा के लिए विशेष अनुष्ठान करते हैं।
  9. नाग पंचमी का धार्मिक महत्व क्या है?
    यह दिन नागों के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है।
  10. क्या इस दिन व्रति को किसी खास मंत्र का जाप करना चाहिए?
    हाँ, लोग ‘ओम वासुकि नमः’ मंत्र का जाप करते हैं।
  11. क्या महिलाएं इस दिन व्रत रख सकती हैं?
    हाँ, महिलाएं विशेष रूप से इस दिन व्रत रखती हैं।
  12. नाग पंचमी का पर्व किस तरह मनाना चाहिए?
    श्रद्धा के साथ पूजा और भोग अर्पित कर पर्व मनाना चाहिए।

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