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Narasimha Chalisa – Powerful Ritual for Protection & Peace

नरसिंह चालीसा पाठ: सुरक्षा व शांती

नरसिंह चालीसा पाठ भगवान नरसिंह की कृपा प्राप्त करने का दिव्य माध्यम है। यह पाठ भक्तों को संकटों से मुक्ति दिलाने और जीवन में शांति और सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जाता है। भगवान नरसिंह विष्णु के उग्र अवतार हैं, जिन्होंने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए हिरण्यकश्यप का वध किया।

इस पाठ से भक्त अपने जीवन की समस्याओं से छुटकारा पाते हैं और भगवान की कृपा प्राप्त करते हैं। इस पाठ को श्रद्धा और नियम से करने पर न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि ईश्वर के प्रति भक्ति और विश्वास भी प्रगाढ़ होता है।


संपूर्ण नरसिंह चालीसा पाठ व उसका अर्थ

श्री नरसिंह चालीसा

दोहा:
नमो नरसिंहाय देवाय, सर्वदुःख निवारक।
भक्तों की रक्षा करें, हर कष्ट को टालक।

चौपाई:

जय नरसिंह भगवान महान।
हिरण्यकश्यप दैत्य संहारक जान॥
आपकी महिमा अपरंपार।
भक्त प्रह्लाद के पालनहार॥

चरण कमल में जिनके वास।
उनका कटे भवसागर त्रास॥
शरणागत के तुम हो रक्षक।
त्रैलोक्य के पालनकर्ता भक्षक॥

दैत्यों के लिए भयंकर रूप।
भक्तों को देते अनोखा भूप॥
सिंह के समान तेज है आपका।
भक्तों के लिए कोमल मन आपका॥

हिरण्यकश्यप को जो मारा।
प्रह्लाद को दिया सुख सारा॥
त्रिलोकी की रक्षा करते।
अपने भक्तों से प्रेम करते॥

आपकी कृपा से मिटते संताप।
भक्तजनों को देते आप तपो-जाप॥
आपकी लीला अपरंपार।
संसार में भक्तों के पालनहार॥

सिंह शरीर और मानव मस्तक।
विनाशकारी रूप, दैत्य के वधक॥
सिंह नाद से कंपन हो जग।
त्रिलोक में जय-जयकार लग॥

नरसिंह अवतार अद्भुत अनोखा।
भक्तों के लिए वरदान अनोखा॥
भयमुक्त करें आपका नाम।
आप हो विष्णु का उग्र धाम॥

आपकी शरण में सुख ही सुख।
भय मिटता है, कष्ट हो दूर॥
भक्त प्रह्लाद के पालनहार।
जय नरसिंह, जग पालनहार॥

अर्थ

  1. जय नरसिंह भगवान महान: नरसिंह भगवान की महिमा गाते हुए उनके अद्वितीय रूप और शक्ति का गुणगान।
  2. हिरण्यकश्यप दैत्य संहारक जान: भगवान ने अपने उग्र रूप में हिरण्यकश्यप को नष्ट कर भक्त प्रह्लाद की रक्षा की।
  3. भक्तों के लिए कोमल मन: भगवान नरसिंह का हृदय अपने भक्तों के लिए करुणामय और दयालु है।
  4. सिंह नाद से कंपन हो जग: भगवान नरसिंह के नाद से समस्त ब्रह्मांड कांप उठता है।
  5. आपकी शरण में सुख ही सुख: भगवान नरसिंह की शरण में जाने से हर प्रकार के दुःख और भय दूर होते हैं।

लाभ

  1. भय और संकट से मुक्ति मिलती है।
  2. जीवन में शांति और सुरक्षा का अनुभव होता है।
  3. मन को स्थिरता और शुद्धता प्राप्त होती है।
  4. दुष्ट शक्तियों का नाश होता है।
  5. मानसिक तनाव कम होता है।
  6. आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है।
  7. स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  8. परिवार में सुख और शांति बनी रहती है।
  9. शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
  10. आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  11. भक्त के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  12. भगवान नरसिंह की कृपा से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
  13. घर में आध्यात्मिक वातावरण बनता है।
  14. बाधाओं और कठिनाइयों का अंत होता है।
  15. पवित्रता और भक्ति की अनुभूति होती है।
  16. भगवान नरसिंह का दिव्य संरक्षण मिलता है।
  17. मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।

विधि

दिन: किसी भी शुभ दिन या मंगलवार और शनिवार को आरंभ करें।

अवधि: 41 दिनों तक नियमित रूप से करें।

मुहूर्त: ब्रह्ममुहूर्त या सूर्यास्त के बाद का समय सबसे उपयुक्त है।

Aghor lakshmi sadhana shivir


नियम

  1. चालीसा पाठ को गुप्त रखें।
  2. शुद्ध मन और शरीर से पाठ करें।
  3. पाठ से पहले भगवान नरसिंह की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाएं।
  4. सफेद या पीले वस्त्र पहनें।
  5. पाठ के दौरान ध्यान भगवान नरसिंह पर केंद्रित रखें।
  6. भोजन में सात्विकता का पालन करें।

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सावधानियां

  1. अशुद्ध मन या स्थान पर पाठ न करें।
  2. अधूरी श्रद्धा से पाठ करने से बचें।
  3. पाठ के दौरान बीच में रुकावट न करें।
  4. चालीसा पाठ के नियमों का उल्लंघन न करें।
  5. किसी भी नकारात्मक विचार को मन में न आने दें।

Narsimha sadhana with diksha for protection


नरसिंह चालीसा पाठ के प्रश्न उत्तर

प्रश्न 1: नरसिंह चालीसा पाठ क्या है? उत्तर: यह भगवान नरसिंह को समर्पित 40 छंदों का भक्ति पाठ है।

प्रश्न 2: यह पाठ किसके लिए उपयुक्त है? उत्तर: जो व्यक्ति भय, संकट या शत्रुओं से मुक्ति चाहते हैं।

प्रश्न 3: इसे कितने दिन करना चाहिए? उत्तर: नियमित रूप से 41 दिन करना उत्तम है।

प्रश्न 4: किस समय करना चाहिए? उत्तर: ब्रह्ममुहूर्त या सूर्यास्त के बाद।

प्रश्न 5: क्या पाठ गुप्त रखना आवश्यक है? उत्तर: हां, यह साधना की गोपनीयता बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

प्रश्न 6: क्या विशेष वस्त्र पहनने चाहिए? उत्तर: सफेद या पीले वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।

प्रश्न 7: क्या पाठ के दौरान भोग लगाना चाहिए? उत्तर: हां, फल, दूध, और मिठाई का भोग लगाएं।

प्रश्न 8: क्या इसे घर पर कर सकते हैं? उत्तर: हां, घर के शांत और पवित्र स्थान पर कर सकते हैं।

प्रश्न 9: क्या इसे मंदिर में करना अनिवार्य है? उत्तर: नहीं, लेकिन मंदिर में करना अधिक लाभकारी हो सकता है।

प्रश्न 10: क्या बच्चों को शामिल किया जा सकता है? उत्तर: हां, बच्चों को संस्कार और भक्ति सिखाने के लिए।

प्रश्न 11: क्या पाठ के दौरान मंत्र भी जप सकते हैं? उत्तर: हां, नरसिंह मंत्र का जप कर सकते हैं।

प्रश्न 12: क्या इसका प्रभाव तुरंत दिखता है? उत्तर: श्रद्धा और विश्वास के अनुसार परिणाम मिलता है।


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