Offering to Mata Chandraghanta
माता चंद्रघंटा का आशिर्वाद यानी मान सम्मान व शुख की प्राप्ति। माता चंद्रघंटा का भोग और टोटका अधिकतर उनके पूजा-अर्चना में उपयोग होते हैं। यह उन्हें प्रसन्न करने और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने में सहायक होते हैं। ये प्रयोग नवरात्रि या किसी भी मंगलवार से कर सकते है।
माता चंद्रघंटा का भोग offering to Mata Chandraghanta
- नैवेद्य: माता चंद्रघंटा को पूजन में बिल्वपत्र, दूध, मिष्ठान्न, मिष्ठान्न की खीर और मिठाई आदि का नैवेद्य चढ़ाया जाता है।
- फल: उसे फल भी अर्पित किया जाता है, जैसे आम, केला, नारियल आदि।
- चन्दन: चन्दन को उसके पूजन स्थल पर लगाया जाता है।
- धूप: चंदन, कपूर, गुग्गुल आदि का धूप उसके समीप जलाया जाता है।
- दीप: दीप जलाकर उसे अर्पित किया जाता है।
- माला: माला का उपहार दिया जाता है।
माता चंद्रघंटा का टोटका
- मंत्र जाप: खीर मे केला डालकर अपने सामने रखे और माता चंद्रघंटा का मंत्र ‘ॐ ह्रीं देवी चंद्रघंटायै दुं नमः’ का जाप करे। जप के बाद खीर का प्रसाद परिवार मे बांट दे। ऐसा करने से माता का आशीर्वाद, स्थिरता, सुरक्षा और सम्मान मिलता है।
- ध्यान: माता चंद्रघंटा की मूर्ति के सामने बैठकर उनके ध्यान में लगना चाहिए। इससे मन शांत होता है और उनके कृपांजलि प्राप्त होती है।
- चंदन का तिलक: माता की मूर्ति पर चंदन का तिलक लगाना चाहिए, जो उनके आशीर्वाद को बनाए रखने में मदद करता है।
- दीप जलाना: उनके सामने दीप जलाने से उनके आशीर्वाद का अनुभव होता है।
- प्रार्थना: उन्हें आराधना करते समय विशेष भाव से प्रार्थना करनी चाहिए, जिससे उनके आशीर्वाद में स्थिरता मिले।
ये भोग और उपाय चंद्रघंटा माता के पूजन में सहायक होते हैं और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने में मदद करते हैं।
Know more about Nav Durga mantra
माता चंद्रघंटा के लाभ
- शत्रुओं से रक्षा: माता चंद्रघंटा का पूजन करने से शत्रुओं का नाश होता है।
- आत्मबल में वृद्धि: साधक को मानसिक और शारीरिक शक्ति मिलती है।
- सुख-शांति का अनुभव: जीवन में शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।
- नकारात्मक ऊर्जा से बचाव: माता चंद्रघंटा की कृपा से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं।
- आध्यात्मिक विकास: साधक की आत्मिक उन्नति होती है और अध्यात्म में रुचि बढ़ती है।
- आक्रामकता में कमी: साधक के मन से क्रोध और आक्रामकता का नाश होता है।
- धन-धान्य की वृद्धि: माता की कृपा से जीवन में धन और समृद्धि आती है।
- संतान सुख: जिनके संतान नहीं होती, उन्हें संतान सुख प्राप्त होता है।
- सकारात्मक दृष्टिकोण: साधक का दृष्टिकोण सकारात्मक बनता है।
- कष्टों से मुक्ति: जीवन के हर तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
- स्वास्थ्य में सुधार: माता चंद्रघंटा की उपासना से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ दूर होती हैं।
- आकस्मिक दुर्घटनाओं से बचाव: माता की कृपा से दुर्घटनाओं का सामना नहीं करना पड़ता।
- विवाह में सफलता: विवाह में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं।
- कर्मों में सुधार: साधक के कर्म उत्तम बनते हैं और फल प्राप्त होते हैं।
- धार्मिक ज्ञान: धर्म और संस्कारों के प्रति आस्था बढ़ती है।
- परिवार में एकता: परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और एकता बनी रहती है।
- मनोबल में वृद्धि: साधक का मनोबल बढ़ता है और वह आत्मविश्वास से परिपूर्ण रहता है।