प्रचंड चंडिका मंत्र – सुरक्षा के साथ मनोकामना की पुर्ति
प्रचंड चंडिका मंत्र देवी छिन्नमस्ता का एक अद्भुत और शक्तिशाली स्वरूप है। इस मंत्र का जाप मनोबल, आत्मशक्ति और साहस को बढ़ाता है। इस मंत्र की साधना व्यक्ति को अद्वितीय शक्ति प्रदान करती है, जो विशेष रूप से आर्थिक सफलता, गुप्त ज्ञान की प्राप्ति और कला में प्रगति के लिए लाभकारी मानी जाती है।
विनियोग मंत्र व उसका अर्थ
विनियोग मंत्र:
“ॐ अस्य श्री प्रचंड चंडिका मंत्रस्य, ब्रह्मा ऋषिः, गायत्री छन्दः, श्री चंडिका देवता, श्रीमद् दुर्गा प्रीत्यर्थे जपे विनियोगः।”
अर्थ:
यह विनियोग मंत्र प्रचंड चंडिका मंत्र की साधना में प्रयुक्त होता है। इसके अनुसार, इस मंत्र का ऋषि ब्रह्मा हैं, छंद गायत्री है, और देवी चंडिका इस मंत्र की देवता हैं। यह मंत्र दुर्गा माँ को प्रसन्न करने और साधक के जीवन में सुख, सुरक्षा और आत्मबल बढ़ाने के लिए है।
दिग्बंधन मंत्र व उसका अर्थ
दिग्बंधन मंत्र:
“ॐ ह्रीं फट् स्वाहा॥”
दिग्बंधन मंत्र का जाप साधक को सभी दिशाओं से सुरक्षा प्रदान करता है। यह मंत्र चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का घेरा बनाता है, जिससे साधना में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
प्रचंड चंडिका मंत्र व उसका अर्थ
“॥श्रीं क्लीं ह्रीं ऐं वज्रवैरोचनिये ह्रीं ह्रीं फट्ट स्वाहा॥”
अर्थ:
इस प्रचंड चंडिका मंत्र में प्रत्येक बीजाक्षर की गहरी शक्ति और महत्व है:
- श्रीं: यह बीज अक्षर माँ लक्ष्मी का है, जो धन, ऐश्वर्य और समृद्धि का प्रतीक है।
- क्लीं: यह कामना और आकर्षण शक्ति को जाग्रत करने वाला बीज है, जिससे साधक की इच्छाओं की पूर्ति होती है।
- ह्रीं: यह शक्ति बीज है, जो ऊर्जा, साहस और मनोबल प्रदान करता है।
- ऐं: यह ज्ञान का बीज है, जो साधक को विवेक और आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करता है।
- वज्रवैरोचनिये: वज्र जैसा कठोर और दृढ़ संकल्प, जो साधक को अपराजेय शक्ति प्रदान करता है।
- ह्रीं ह्रीं फट्ट स्वाहा: यह अंतिम चरण शक्तिशाली सुरक्षा कवच की तरह कार्य करता है, जो साधक के चारों ओर शक्ति का घेरा बनाता है।
पूर्ण अर्थ:
इस मंत्र का संपूर्ण अर्थ है – “हे महाशक्ति प्रचंड चंडिका, मुझे अपार शक्ति, धन, ज्ञान और साहस प्रदान करो। इस मंत्र के माध्यम से मुझे हर विपत्ति से सुरक्षित रखो और जीवन में सफलता व सुख का मार्ग दिखाओ।”
यह मंत्र साधक को हर बाधा से मुक्त कर, उसे शक्तिशाली, बुद्धिमान, और समृद्ध बनाता है।
जप काल में इन चीजों का सेवन करें
प्रचंड चंडिका मंत्र के जप काल में साधक को मानसिक शांति, ऊर्जा और ध्यान में वृद्धि के लिए विशेष वस्तुओं का सेवन करना चाहिए।
- तुलसी: तुलसी के पत्ते सेवन करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और मन शुद्ध होता है।
- पंचगव्य: इसमें दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर का मिश्रण होता है, जो आध्यात्मिक उन्नति और पवित्रता के लिए उपयोगी है।
- दूध: जप के समय दूध का सेवन करने से मानसिक शांति मिलती है और साधना में स्थिरता आती है।
- शुद्ध जल: शुद्ध जल का सेवन साधक की ऊर्जा को बनाए रखता है और ध्यान में मदद करता है।
- फल: हल्के फलों का सेवन ऊर्जा और ध्यान केंद्रित रखने में सहायक होता है।
इन चीजों का नियमित सेवन जप के दौरान साधक की एकाग्रता को बनाए रखता है और साधना में अधिक लाभ प्रदान करता है।
प्रचंड चंडिका मंत्र के लाभ
- आर्थिक उन्नति
- कला के क्षेत्र में तरक्की
- गुप्त ज्ञान प्राप्ति
- आत्मशक्ति में वृद्धि
- मानसिक शांति
- अद्भुत साहस
- रोगों से मुक्ति
- नकारात्मकता से सुरक्षा
- पारिवारिक सुख
- शत्रुओं का नाश
- कार्यसिद्धि
- आध्यात्मिक जागृति
- रोजगार में सफलता
- संपत्ति में वृद्धि
- बुद्धि और विवेक में वृद्धि
- शांति का अनुभव
- आध्यात्मिक पथ में प्रेरणा
- जीवन में सकारात्मकता का संचार
पूजा सामग्री और मंत्र विधि
पूजा सामग्री: लाल वस्त्र, चावल, सिंदूर, अगरबत्ती, घी का दीपक, पुष्प।
मंत्र जप विधि: मंत्र का जप मंगलवार या शुक्रवार को प्रारंभ करें। साधना काल 21 दिन का रखें। मुहूर्त का ध्यान रखें और शुद्ध वातावरण में ही जप करें।
प्रचंड चंडिका मंत्र जप विधि
प्रचंड चंडिका मंत्र की साधना एक विशेष विधि से करनी चाहिए, जिससे साधक को अधिकतम लाभ मिल सके। नीचे मंत्र जप की विधि दी गई है:
- जप का शुभ दिन:
मंत्र जप की शुरुआत मंगलवार या शुक्रवार से करें, जो देवी साधना के लिए विशेष माने जाते हैं। - साधना की अवधि:
मंत्र का जप लगातार 21 दिनों तक करें। साधक को प्रतिदिन 20 मिनट तक इस मंत्र का जाप करना चाहिए। - जप का समय और मुहूर्त:
मंत्र जप के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे के बीच) सबसे उपयुक्त माना गया है। इस समय वातावरण शांत होता है, जिससे साधक की एकाग्रता बढ़ती है। - मंत्र जप के लिए दिशा:
उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें। यह दिशा आध्यात्मिक उन्नति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है। - आसन का चयन:
सफेद या लाल कपड़े का आसन प्रयोग करें। इससे साधक को स्थिरता और मन की शांति मिलती है। - माला का प्रयोग:
रुद्राक्ष या स्फटिक की माला का उपयोग करें। यह माला ऊर्जा को संतुलित रखती है और साधक के मनोबल को बढ़ाती है। - मन की एकाग्रता:
मंत्र जप के दौरान मन को शांत और केंद्रित रखें। किसी अन्य विचार को मन में न आने दें। - संख्या:
प्रतिदिन कम से कम 108 बार मंत्र का जाप करें। 21 दिनों तक यह क्रम बनाए रखें।
इस प्रकार, प्रचंड चंडिका मंत्र का जप विधिपूर्वक करने से साधक को देवी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में उन्नति, साहस और समृद्धि प्राप्त होती है।
मंत्र जप के नियम
- आयु 20 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- स्त्री-पुरुष दोनों कर सकते हैं।
- काले या नीले कपड़े न पहनें।
- धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से दूर रहें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
know more about tulsi vivah pujan vidhi
जप करते समय सावधानियाँ
जप करते समय सावधानियाँ
- एकाग्रता बनाए रखें: जप करते समय मन को पूरी तरह से एकाग्रित करें। नकारात्मक विचारों से बचें।
- शुद्ध वातावरण में जप करें: मंत्र का जप शुद्ध और शांत वातावरण में करें, जहां बाहरी विकर्षण न हों।
- उम्र और स्थिति: 20 वर्ष से ऊपर की आयु के लोग ही जप करें।
- काले कपड़े न पहनें: जप के दौरान काले या नीले रंग के कपड़े न पहनें।
- पवित्रता का ध्यान रखें: जप करने से पहले स्नान करके पवित्र रहें।
- धूम्रपान और मादक पदार्थों से बचें: जप के दौरान धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से दूर रहें।
- ब्राह्मचर्य का पालन करें: जप करते समय ब्राह्मचर्य का पालन करें, ताकि साधना में शक्ति बनी रहे।
- साफ और शुद्ध आसन पर बैठें: जप के दौरान साफ और शुद्ध आसन पर बैठें।
- माला का सही उपयोग करें: माला का सही तरीके से उपयोग करें, बिना किसी विकर्षण के।
- संगति से बचें: जप करते समय किसी से बातचीत करने से बचें।
इन सावधानियों का पालन करने से जप की शक्ति बढ़ती है और साधना के परिणाम अधिक प्रभावी होते हैं।
प्रचंड चंडिका मंत्र से संबंधित प्रश्न-उत्तर
प्रश्न 1: प्रचंड चंडिका मंत्र क्या है?
उत्तर: यह देवी छिन्नमस्ता का शक्तिशाली मंत्र है जो साधक को साहस और सुरक्षा प्रदान करता है।
प्रश्न 2: इस मंत्र का जाप कौन कर सकता है?
उत्तर: 20 वर्ष से अधिक आयु के स्त्री-पुरुष दोनों इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।
प्रश्न 3: इस मंत्र का जाप कब करना चाहिए?
उत्तर: इस मंत्र का जप मंगलवार या शुक्रवार के दिन से शुरू करना शुभ माना जाता है।
प्रश्न 4: जप के लिए कौन सा समय सबसे उचित है?
उत्तर: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) मंत्र जप के लिए सबसे उपयुक्त समय है।
प्रश्न 5: क्या मंत्र जप में माला का उपयोग करना चाहिए?
उत्तर: हां, रुद्राक्ष या स्फटिक माला से जप करना अधिक प्रभावकारी माना जाता है।
प्रश्न 6: मंत्र जप के लिए कौन सी दिशा सही है?
उत्तर: उत्तर-पूर्व दिशा में मुख करके बैठना सबसे शुभ और लाभकारी माना जाता है।
प्रश्न 7: मंत्र जप के समय किन वस्त्रों का प्रयोग करें?
उत्तर: लाल या सफेद वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। नीले और काले कपड़े न पहनें।
प्रश्न 8: जप के दौरान किन चीजों से बचना चाहिए?
उत्तर: धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से दूर रहना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन भी आवश्यक है।
प्रश्न 9: क्या इस मंत्र का जप मानसिक शांति देता है?
उत्तर: हां, यह मंत्र मानसिक शांति, आत्मबल और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।
प्रश्न 10: जप के समय किस भोजन का सेवन करना उचित है?
उत्तर: तुलसी, पंचगव्य, दूध और फलों का सेवन जप के दौरान फायदेमंद होता है।
प्रश्न 11: प्रचंड चंडिका मंत्र के मुख्य लाभ क्या हैं?
उत्तर: आर्थिक उन्नति, शत्रु नाश, आध्यात्मिक जागरूकता और कला में प्रगति इसके मुख्य लाभ हैं।
प्रश्न 12: इस मंत्र का जप कितने दिनों तक करना चाहिए?
उत्तर: मंत्र का जप 21 दिनों तक, प्रतिदिन 20 मिनट के लिए करना चाहिए।