Buy now

spot_img
spot_img

Prapti Yakshini Mantra For Wealth & Prosperity

प्राप्ति यक्षिणी मंत्र विधि – जीवन में सफलता और धन प्राप्ति का मार्ग

प्राप्ति यक्षिणी मंत्र एक अत्यंत प्रभावशाली तांत्रिक साधना है जिसका प्रयोग धन, समृद्धि और जीवन में सभी इच्छाओं की पूर्ति के लिए किया जाता है। यक्षिणियाँ देवी-देवताओं की सहायक होती हैं और उनके माध्यम से साधक अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकता है। प्राप्ति यक्षिणी मंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जो जीवन में सफलता और लक्ष्यों की प्राप्ति चाहते हैं।

मंत्र और उसका अर्थ

मंत्र:
ॐ ह्रीं ह्रूं प्राप्ति यक्षिणे स्वाहा

अर्थ:
“ॐ” से ब्रह्मांडीय ऊर्जा का आह्वान किया जाता है।
“ह्रीं” शक्ति का बीज मंत्र है, जो ध्यान और साधना की ऊर्जा को जागृत करता है।
“ह्रूं” रक्षा और सुरक्षा का प्रतीक है, जो साधक को नकारात्मक शक्तियों से बचाता है।
“प्राप्ति यक्षिणे” प्राप्ति यक्षिणी का आह्वान करता है, जो इच्छाओं की पूर्ति की देवी मानी जाती हैं।
“स्वाहा” मंत्र को पूर्णता और ऊर्जा प्रदान करता है।

मंत्र जप के लाभ

  1. इच्छाओं की शीघ्र पूर्ति।
  2. आर्थिक समृद्धि और धन का लाभ।
  3. करियर और व्यापार में उन्नति।
  4. मानसिक शांति और स्थिरता।
  5. रिश्तों में सुधार और प्रेम वृद्धि।
  6. शत्रुओं से सुरक्षा।
  7. आत्मविश्वास में वृद्धि।
  8. बाधाओं और समस्याओं का समाधान।
  9. शिक्षा और ज्ञान की वृद्धि।
  10. स्वास्थ्य और आरोग्य लाभ।
  11. आध्यात्मिक उन्नति।
  12. सकारात्मक ऊर्जा और सफलता।
  13. परिवार में सुख-शांति।
  14. नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति।
  15. कार्यों में निरंतर सफलता।
  16. सामाजिक और व्यावसायिक प्रतिष्ठा।
  17. कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान की प्राप्ति।

मंत्र विधि

जप का दिन

प्राप्ति यक्षिणी मंत्र का जप किसी भी शुभ दिन प्रारंभ किया जा सकता है, लेकिन शुक्रवार या पूर्णिमा का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है। यह दिन देवी और तांत्रिक साधनाओं के लिए श्रेष्ठ होता है।

Know more about lakshmi yakshini mantra vidhi

जप की अवधि और मुहूर्त

  • मंत्र जप की अवधि 11 से 21 दिन तक होनी चाहिए।
  • प्रतिदिन सूर्योदय या सूर्यास्त के समय जप करें।
  • ब्रह्म मुहूर्त (प्रातः 4 से 6 बजे) में जप करना विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है।

मंत्र जप

  • 11 से 21 दिनों तक नियमित रूप से जप करें।
  • प्रतिदिन 11 माला (एक माला में 108 मंत्र) यानी कुल 1188 मंत्र जपें।
  • रुद्राक्ष या स्फटिक की माला का उपयोग करें।

सामग्री

  1. पीले या सफेद वस्त्र पहनें।
  2. शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
  3. केसर या चंदन का तिलक लगाएं।
  4. फल, मिठाई, और दूध का भोग लगाएं।
  5. पीले या सफेद फूल, विशेषकर कमल, का उपयोग करें।

Spiritual store

मंत्र जप के नियम

  1. साधक की उम्र 20 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
  2. स्त्री और पुरुष दोनों इस मंत्र का जप कर सकते हैं।
  3. नीले और काले कपड़े पहनने से बचें।
  4. धूम्रपान, मद्यपान, पान और मांसाहार का सेवन न करें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  6. सात्विक आहार लें और शुद्ध विचार रखें।
  7. माता-पिता और गुरु से आशीर्वाद लेकर साधना प्रारंभ करें।

जप के दौरान सावधानियां

  1. मानसिक एकाग्रता बनाए रखें।
  2. मंत्र का शुद्ध उच्चारण करें।
  3. जप के दौरान किसी बाहरी व्यक्ति को साधना स्थान पर न बुलाएं।
  4. क्रोध और असंयम से बचें।
  5. साधना के समय मन को शांत और स्थिर रखें।
  6. किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचारों से बचें।

प्राप्ति यक्षिणी मंत्र पृश्न-उत्तर

1. मंत्र का कौन जप कर सकता है?

प्राप्ति यक्षिणी मंत्र का जप 20 वर्ष से ऊपर के स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं, बशर्ते वे नियमों का पालन करें।

2. क्या नीले और काले कपड़े पहन सकते हैं?

नहीं, नीले और काले कपड़े पहनना वर्जित है क्योंकि ये रंग नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकते हैं।

3. क्या साधना के दौरान मांसाहार कर सकते हैं?

साधना के दौरान मांसाहार, धूम्रपान, मद्यपान और पान का सेवन पूरी तरह से वर्जित है। सात्विक आहार ही ग्रहण करें।

4. मंत्र जप कितने दिनों तक करना चाहिए?

मंत्र जप की अवधि 11 से 21 दिन होनी चाहिए। साधक को हर दिन 11 माला (1188 मंत्र) का जप करना होता है।

5. क्या ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक है?

हाँ, ब्रह्मचर्य का पालन साधना के दौरान अनिवार्य है। यह साधना की शक्ति को बढ़ाता है और साधक की ऊर्जा का संरक्षण करता है।

6. मंत्र जप के लिए कौन सा समय उत्तम है?

प्राप्ति यक्षिणी मंत्र जप के लिए ब्रह्म मुहूर्त (प्रातः 4 से 6 बजे) या सूर्यास्त का समय सबसे श्रेष्ठ माना जाता है।

7. किस प्रकार के फूल का उपयोग कर सकते हैं?

साधना के दौरान पीले या सफेद फूल, विशेष रूप से कमल का उपयोग करना शुभ माना जाता है।

8. साधना के लिए स्थान कैसा होना चाहिए?

साधना किसी शांत, स्वच्छ और पवित्र स्थान पर करनी चाहिए। वहां पर किसी प्रकार का शोर या व्यवधान नहीं होना चाहिए।

9. क्या मंत्र का सही उच्चारण आवश्यक है?

हाँ, मंत्र का शुद्ध और स्पष्ट उच्चारण अत्यंत महत्वपूर्ण है। गलत उच्चारण से साधना की शक्ति कम हो सकती है।

10. क्या साधना के दौरान बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित है?

साधना के दौरान बाहरी व्यक्तियों का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए ताकि साधक की ऊर्जा प्रभावित न हो और साधना सफल हो।

11. मंत्र जप से कौन-कौन से लाभ होते हैं?

प्राप्ति यक्षिणी मंत्र जप से आर्थिक समृद्धि, सफलता, इच्छाओं की पूर्ति, मानसिक शांति और शत्रुओं से मुक्ति जैसे लाभ प्राप्त होते हैं।

12. क्या साधना के दौरान नकारात्मक विचार आ सकते हैं?

साधना के दौरान मन में नकारात्मक विचार आने से बचें और मन को शांत रखें। मानसिक एकाग्रता से साधना सफल होती है।

BOOK (29-30 MARCH 2025) PRATYANGIRA SADHANA SHIVIR AT DIVYAYOGA ASHRAM (ONLINE/ OFFLINE)

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Select Sdhana Shivir Option
spot_img
spot_img

Related Articles

65,000FansLike
500FollowersFollow
782,534SubscribersSubscribe
spot_img
spot_img

Latest Articles

spot_img
spot_img
Select your currency