Saturday, December 21, 2024

Buy now

spot_img

राजराजेश्वरी यक्षिणी / Raj Rajeshwari Yakshini Mantra

राज राजेश्वरी यक्षिणी मंत्र – समृद्धि, शक्ति और सफलता प्राप्ति का मार्ग

राज राजेश्वरी यक्षिणी मंत्र एक दिव्य मंत्र है, जो व्यक्ति को शक्ति, समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है। यह मंत्र विशेष रूप से उन्हीं लोगों के लिए है जो जीवन में उच्च सफलता, आध्यात्मिकता और ऐश्वर्य की प्राप्ति चाहते हैं। राजराजेश्वरी यक्षिणी देवी को शक्ति और समृद्धि की देवी माना जाता है। इस मंत्र के नियमित जप से साधक को न केवल भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है, बल्कि आत्मिक शांति और संतुलन भी प्राप्त होता है।

राज राजेश्वरी यक्षिणी मंत्र और उसका अर्थ

मंत्र: “ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं राजराजेश्वरी यक्षिण्यै स्वाहा”
अर्थ: इस मंत्र का हर शब्द गहन अर्थ और शक्ति से भरा है।

  • : परम शक्ति, ब्रह्मांड की मूल ध्वनि।
  • ह्रीं: आध्यात्मिक उन्नति और ऊर्जा का प्रतीक।
  • श्रीं: लक्ष्मी बीज मंत्र, जो समृद्धि और ऐश्वर्य को आकर्षित करता है।
  • क्लीं: इच्छा और सफलता का बीज मंत्र।
  • राजराजेश्वरी यक्षिण्यै: यह विशेष रूप से राजराजेश्वरी देवी को समर्पित है, जो शासन और ऐश्वर्य की अधिष्ठात्री देवी हैं।
  • स्वाहा: समर्पण और सफलता का प्रतीक है।

राज राजेश्वरी यक्षिणी मंत्र के लाभ

  1. ऐश्वर्य और समृद्धि में वृद्धि।
  2. शासन शक्ति और अधिकार में सुधार।
  3. मानसिक शांति और संतुलन।
  4. जीवन में स्थिरता और संतुलन।
  5. आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति में वृद्धि।
  6. व्यवसाय और करियर में सफलता।
  7. पारिवारिक सुख और सौहार्द।
  8. मन की एकाग्रता और ध्यान की क्षमता में वृद्धि।
  9. नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से रक्षा।
  10. प्रेम और आकर्षण में वृद्धि।
  11. आध्यात्मिक उन्नति और आंतरिक शांति।
  12. भौतिक सुखों की प्राप्ति।
  13. मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार।
  14. आर्थिक उन्नति और समृद्धि।
  15. आंतरिक और बाहरी शुद्धि।
  16. कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करना।
  17. देवी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्ति।

मंत्र विधि

राज राजेश्वरी यक्षिणी मंत्र की साधना कुछ विशेष नियमों और मुहूर्त के अनुसार की जाती है।

  • जप का दिन: इस मंत्र का जप सोमवार या पूर्णिमा के दिन प्रारंभ करना शुभ माना जाता है।
  • जप की अवधि: मंत्र का जप ११ दिन से लेकर २१ दिनों तक करना चाहिए।
  • मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह ४ से ६ बजे) सबसे उपयुक्त समय माना जाता है, हालांकि शाम के समय (सूर्यास्त के बाद) भी जप किया जा सकता है।

मंत्र जप सामग्री

  • लाल या पीले रंग का आसन
  • चन्दन की माला या रुद्राक्ष माला
  • घी का दीपक
  • ताजे फूल, अगरबत्ती, और पुष्पमाला
  • तांबे का लोटा जल से भरा हुआ

मंत्र जप संख्या

  • प्रतिदिन ११ माला (१ माला में १०८ मंत्र) का जप करना चाहिए।
  • इसका मतलब है कि रोज़ाना ११८८ मंत्रों का जप करना आवश्यक है।
  • मंत्र का जप पूर्ण एकाग्रता और शांतिपूर्ण वातावरण में किया जाना चाहिए।

Know more about lakshmi yakshini mantra vidhi

मंत्र जप के नियम

  1. साधक की उम्र २० वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
  2. स्त्री और पुरुष दोनों इस मंत्र का जप कर सकते हैं।
  3. साधना के दौरान नीले और काले कपड़े न पहनें।
  4. धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार से पूरी तरह बचें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करें और साधना काल में शुद्ध विचारों को अपनाएं।

जप के समय सावधानियाँ

  • जप के दौरान मन को एकाग्र रखना अति आवश्यक है।
  • यदि संभव हो, तो जप के दौरान अन्य किसी भी प्रकार की गतिविधि से दूर रहें।
  • माला को हमेशा शुद्ध स्थान पर रखें और उसे अपवित्र न करें।
  • साधना काल में क्रोध, ईर्ष्या, और आलस्य से बचें।
  • भोजन में सादगी अपनाएं और शाकाहारी रहें।

Spiritual store

राज राजेश्वरी यक्षिणी मंत्र से जुड़े प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: राज राजेश्वरी यक्षिणी मंत्र का जप कौन कर सकता है?

उत्तर: इस मंत्र का जप २० वर्ष से अधिक उम्र के स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं, जो साधना के नियमों का पालन करने में सक्षम हैं।

प्रश्न 2: मंत्र जप कितने दिनों तक करना चाहिए?

उत्तर: मंत्र जप कम से कम ११ दिन और अधिकतम २१ दिनों तक करना चाहिए, लेकिन इसका परिणाम साधक की एकाग्रता और साधना पर निर्भर करता है।

प्रश्न 3: क्या इस मंत्र को किसी विशेष वस्त्र में करना अनिवार्य है?

उत्तर: हां, साधना के दौरान नीले और काले रंग के वस्त्र पहनने से बचना चाहिए। लाल या पीले वस्त्र शुभ माने जाते हैं।

प्रश्न 4: मंत्र जप के दौरान क्या खानपान का ध्यान रखना चाहिए?

उत्तर: साधक को पूरी तरह शाकाहारी रहना चाहिए और मद्यपान, धूम्रपान, तथा मांसाहार से दूर रहना चाहिए।

प्रश्न 5: क्या इस मंत्र का जप किसी भी समय किया जा सकता है?

उत्तर: हां, इस मंत्र का जप दिन में किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त (सुबह ४ से ६ बजे) में इसका प्रभाव अधिक माना जाता है।

प्रश्न 6: क्या साधना के दौरान अन्य कार्य किए जा सकते हैं?

उत्तर: मंत्र जप के समय साधक को अन्य किसी भी कार्य से बचना चाहिए और मन की पूरी एकाग्रता मंत्र जप पर रखनी चाहिए।

प्रश्न 7: मंत्र जप के बाद क्या करना चाहिए?

उत्तर: मंत्र जप के बाद शुद्ध जल से आचमन करना चाहिए और देवी का आभार व्यक्त करते हुए साधना का समापन करना चाहिए।

प्रश्न 8: मंत्र जप के दौरान कौन सा माला उपयोग करना चाहिए?

उत्तर: चन्दन या रुद्राक्ष की माला का उपयोग करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।

प्रश्न 9: क्या मंत्र जप के समय ध्यान भी करना चाहिए?

उत्तर: हां, मंत्र जप के समय साधक को ध्यान लगाना चाहिए ताकि मन की एकाग्रता बनी रहे और साधना का पूरा लाभ मिल सके।

प्रश्न 10: क्या साधक मंत्र जप के दौरान अन्य धार्मिक गतिविधियों में शामिल हो सकता है?

उत्तर: हां, साधक अन्य धार्मिक गतिविधियों में भाग ले सकता है, लेकिन ध्यान रखें कि साधना के दौरान मन शांत और स्थिर रहे।

प्रश्न 11: क्या मंत्र जप के दौरान कोई विशेष दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए?

उत्तर: उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह दिशाएं सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होती हैं।

प्रश्न 12: क्या इस मंत्र का जप व्यक्तिगत लाभ के लिए किया जा सकता है?

उत्तर: हां, इस मंत्र का जप व्यक्तिगत समृद्धि और सफलता के लिए किया जा सकता है, लेकिन इसे सद्भावना और ईमानदारी से करना आवश्यक है।

spot_img
spot_img

Related Articles

KAMAKHYA SADHANA SHIVIRspot_img
PITRA DOSHA NIVARAN PUJANspot_img

Latest Articles

FREE HOROSCOPE CONSULTINGspot_img
BAGALAMUKHI SHIVIR BOOKINGspot_img
Select your currency