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Renuka Chalisa paath for wealth & prosperity

कष्टों से मुक्ति दिलाने वाली माता रेणुका देवी चालीसा का पाठ करने से भक्त को माता रेणुका की कृपा प्राप्त होती है और उनके आशीर्वाद से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। रेनुका देवी चालीसा में माता रेणुका की महिमा, गुण, और उनके भक्तों पर प्रभाव का वर्णन होता है। चालीसा का पाठ करने से भक्त को शांति, सुख, समृद्धि, और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

इसके अलावा, रेनुका देवी चालीसा का पाठ विविध कष्टों, संकटों, और दुर्भाग्य से मुक्ति के लिए भी किया जाता है। मान्यता है कि चालीसा का पाठ करने से भक्त के जीवन में स्थिरता, सुख, और समृद्धि आती है।

रेणुका देवी चालीसा लाभ

  1. दुःखों का नाश: रेणुका देवी चालीसा का पाठ करने से भक्त के जीवन में आने वाले दुःखों और कष्टों का नाश होता है।
  2. शांति और सुख: चालीसा का पाठ करने से माता रेनुका की कृपा से भक्त को शांति और सुख मिलता है।
  3. कष्टों से मुक्ति: रेणुका देवी चालीसा का पाठ करने से भक्त को जीवन में आने वाले कष्टों से मुक्ति मिलती है।
  4. समृद्धि: माता रेणुका की कृपा से चालीसा का पाठ करने वाले को समृद्धि मिलती है।
  5. स्वास्थ्य लाभ: चालीसा का पाठ करने से भक्त को उनकी स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  6. परिवार की सुरक्षा: रेणुका देवी चालीसा का पाठ करने से परिवार की सुरक्षा में वृद्धि होती है।
  7. धर्मिक उत्थान: चालीसा का पाठ करने से भक्त का धर्मिक उत्थान होता है।
  8. शत्रु नाश: माता रेणुका की कृपा से चालीसा का पाठ करने से भक्त के शत्रु नाश होते हैं।
  9. कार्य सफलता: रेणुका देवी चालीसा का पाठ करने से भक्त के कार्यों में सफलता मिलती है।
  10. भगवान की कृपा: चालीसा का पाठ करने से भक्त को भगवान की कृपा प्राप्त हो सकती है और उनके जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान होता है।

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रेणुका देवी चालीसा

श्री गणेशाय नमः

जय जय जय रेणुका, जय जय जय जगन्माता।

कष्टों का नाश करके, सुख देती हैं हमारी माता।।

जय जय जय रेणुका, सह्याद्री की रानी।

भक्तों के संकट में, दौड़ती आती हैं दौड़ती।।

शेर है वाहन उनका, हाथ में त्रिशूल लेती हैं।

दुष्टों का नाश करती हैं, भक्तों की रक्षा करती हैं।।

देवी अष्टभुज रूपी, अष्ट सिद्धियों की दाता।

भक्तों को वर देती हैं, मनोकामना पूर्ण करती हैं।।

कवच कुंडलादि धारण, शरीर पर वस्त्रे रेशमी।

रत्नजड़ित मुकुट शोभे, देवी का रूप अत्यंत सुंदर।।

भक्तों ने विनवनी की, देवी से मनोभाव से।

दुःख दूर कर देवी, हमें सुख दे देवी।।

देवी ने कृपा की, भक्तों पर वर दिया।

दुःख दूर किया भक्तों का, सुखी जीवन दिया भक्तों का।।

जय जय जय रेणुका, जय जय जय जगन्माता।

कष्टों का नाश करके, सुख देती हैं हमारी माता।।

यह चालीसा जो गाएगा, भक्ति से हररोज।

देवी की कृपा होगी, मिलेगा सुख अनंत।।

इति श्री रेणुका देवी चालीसा संपन्न।

रेणुका देवी चालीसा (मराठी)

रेणुका देवी चालीसा (मराठी)

श्री गणेशाय नमः

जय जय जय रेणुका, जय जय जय जगन्माता।

कष्टांचा नाश करूनी, सुख देशी आमची माता।।

जय जय जय रेणुका, सह्याद्रीची राणी।

भक्तांच्या संकटी, धावत येते धांवत।।

सिंह आहे वाहन तिचे, हातात त्रिशूल घेते।

दुष्टांचा नाश करते, भक्तांचे रक्षण करते।।

देवी अष्टभुज रूपी, अष्ट सिद्धींची दाती।

भक्तांना वर देते, मनोकामना पूर्ण करते।।

कवच कुंडलादि धारण, अंगावर वस्त्रे रेशमी।

रत्नजडित मुकुट शोभे, देवीचे रूप अत्यंत सुंदर।।

भक्तांनी विनवणी केली, देवीला मनापासून।

दुःख दूर कर देवी, आम्हाला सुख दे देवी।।

देवीने कृपा केली, भक्तांवर वर दिला।

दुःख दूर केले भक्तांचे, सुखी जीवन दिले भक्तांचे।।

जय जय जय रेणुका, जय जय जय जगन्माता।

कष्टांचा नाश करूनी, सुख देशी आमची माता।।

हे चालीसा जे गाईल, भक्तीने दररोज।

देवीची कृपा होईल, मिळेल सुख अनंत।।

इति श्री रेणुका देवी चालीसा संपन्न।

आप अपनी पसंद के अनुसार इस चालीसा का पाठ ४० दिन तक नियमित करे.

  • चालीसा पढ़ते समय आप देवी की प्रतिमा को ध्यान में रखकर शांत मन से पढ़ना चाहिए।
  • आप चालीसा पढ़ते समय देवी से प्रार्थना कर सकते हैं अपनी इच्छा पूर्ण होने के लिए।

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माता रेणुका देवी चालीसा FAQ

माता रेणुका देवी हिन्दू धर्म की एक प्रमुख देवी हैं, जिन्हें विशेष रूप से दक्षिण भारत में पूजा जाता है। माता रेणुका देवी चालीसा का पाठ करने से भक्तों को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। यहां हम माता रेणुका देवी चालीसा से संबंधित 20 सामान्य प्रश्नों (FAQ) के बारे में जानकारी देंगे।

1. माता रेणुका देवी कौन हैं?

माता रेणुका देवी हिन्दू धर्म में एक प्रमुख देवी हैं, जिन्हें परशुराम की माता के रूप में भी जाना जाता है। उनका प्रमुख मंदिर महाराष्ट्र के महूरगड़ में स्थित है।

2. माता रेणुका देवी की पूजा क्यों की जाती है?

माता रेणुका देवी की पूजा संकटों से मुक्ति, मनोकामना पूर्ति, शांति और समृद्धि के लिए की जाती है।

3. माता रेणुका देवी का चालीसा पाठ कब करना चाहिए?

माता रेणुका देवी का चालीसा पाठ मंगलवार और शुक्रवार को करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

4. चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए?

नियमित रूप से एक या तीन बार किया जा सकता है। विशेष परिस्थितियों में 40 दिनों तक लगातार किया जा सकता है।

5. पाठ के लिए क्या सामग्री चाहिए?

धूप, दीपक, फूल, नैवेद्य, और स्वच्छ वस्त्र।

6. माता रेणुका देवी चालीसा का पाठ क्यों किया जाता है?

मानसिक शांति, संकट मोचन, परिवारिक सुख, आर्थिक स्थिरता आदि के लिए।

7. चालीसा पाठ के समय कौन-कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए?

आलस्य, व्यवधान, शुद्धता का ध्यान, दोषमुक्त भोजन, नकारात्मक विचारों से बचें।

8. क्या पाठ के लिए कोई विशेष स्थान होना चाहिए?

एक स्वच्छ और शांत स्थान का चयन करें।

9. क्या पाठ करने के लिए विशेष समय होना चाहिए?

प्रातःकाल और संध्या काल का समय उत्तम माना जाता है।

10. क्या पाठ के बाद कोई विशेष कर्म करना चाहिए?

पाठ के बाद प्रसाद वितरण और माता के आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करें।

11. क्या पाठ के समय कोई विशेष नियम का पालन करना चाहिए?

स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र धारण करें, धूप-दीप जलाएं, एकाग्रता रखें।

12. क्या माता रेणुका देवी का पाठ से संतान सुख प्राप्त हो सकता है?

हां, नि:संतान दंपत्तियों को संतान सुख प्राप्त होता है।

13. क्या माता रेणुका देवी का पाठ से शत्रु नाश हो सकता है?

हां, शत्रुओं का नाश होता है और उनके कुप्रभाव से मुक्ति मिलती है।

14. क्या पाठ के लिए किसी विशेष दिन का चयन करना चाहिए?

हां, मंगलवार और शुक्रवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

15. क्या पाठ के समय कोई विशेष मुद्रा अपनानी चाहिए?

पद्मासन या सुखासन में बैठकर पाठ करें।

16. क्या पाठ के समय कोई विशेष मंत्र का जाप करना चाहिए?

माता रेणुका देवी के बीज मंत्रों का जाप किया जा सकता है।

17. क्या पाठ के लिए किसी विशेष पूजा सामग्री की आवश्यकता होती है?

धूप, दीपक, फूल, नैवेद्य, और स्वच्छ वस्त्र।

18. क्या पाठ के समय कोई विशेष अनुष्ठान करना चाहिए?

नियमित पूजा अनुष्ठान करें और संकल्प लें।

19. क्या माता रेणुका देवी का पाठ से आर्थिक स्थिरता प्राप्त हो सकती है?

हां, आर्थिक स्थिरता और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

20. क्या पाठ के समय कोई विशेष ध्यान रखना चाहिए?

मन को एकाग्र रखें और पूरी श्रद्धा के साथ पाठ करें।

BOOK RUDRABHISHEK PUJAN ON MAHA SHIVRATRI

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