Thursday, December 12, 2024

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Rudrabhishek pujan vidhi for family peace

रुद्राभिषेक पूजा के बारे में

रुद्राभिषेक पूजा भगवान शिव की पूजा का एक महत्वपूर्ण रूप है, जिसमें शिवलिंग पर विशेष प्रकार से अभिषेक किया जाता है। इस पूजा का विशेष महत्त्व होता है क्योंकि इसे भगवान शिव के रौद्र रूप को शांत करने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। यह पूजा व्यक्ति की मनोकामनाओं की पूर्ति, बाधाओं के निवारण, और जीवन में शांति और समृद्धि प्राप्त करने के लिए की जाती है।

विधि

  1. शिवलिंग की स्थापना: पूजा स्थल को स्वच्छ कर शिवलिंग की स्थापना करें।
  2. गणेश पूजा: पूजा से पहले भगवान गणेश का आह्वान करके पूजा करें ताकि पूजा बिना किसी विघ्न के सम्पन्न हो।
  3. संकल्प: पूजा के उद्देश्य और मनोकामना का संकल्प करें।
  4. पंचामृत अभिषेक: दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से मिलकर बने पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें।
  5. जलाभिषेक: गंगा जल या स्वच्छ जल से शिवलिंग को धोएं।
  6. भस्म और चन्दन: शिवलिंग पर भस्म और चन्दन का लेप करें।
  7. विभिन्न द्रव्यों से अभिषेक: इसके बाद शिवलिंग पर शहद, नारियल पानी, गन्ने का रस, इत्र, आदि से अभिषेक करें।
  8. रुद्र मंत्रों का जाप: पूजा के दौरान रुद्र मंत्र (जैसे “ॐ नमः शिवाय” और “महा मृत्युंजय मंत्र”) का जाप करें।
  9. फूल और बेलपत्र: शिवलिंग पर फूल और बेलपत्र अर्पित करें।
  10. आरती और प्रसाद: अंत में आरती करें और प्रसाद बांटें।

पूजा से लाभ

  1. मनोकामनाओं की पूर्ति: रुद्राभिषेक पूजा से व्यक्ति की इच्छाएं पूरी होती हैं।
  2. आध्यात्मिक उन्नति: यह पूजा आध्यात्मिक प्रगति और ध्यान में गहराई लाती है।
  3. क्लेशों से मुक्ति: जीवन के कष्टों और संकटों से मुक्ति मिलती है।
  4. विघ्न-बाधाओं का निवारण: जीवन की बाधाओं और रुकावटों को दूर करती है।
  5. शांति और समृद्धि: परिवार में शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।
  6. पापों का नाश: यह पूजा पापों का क्षय करती है।
  7. आरोग्य: रुद्राभिषेक से स्वास्थ्य लाभ और रोगों से मुक्ति मिलती है।
  8. दुर्भाग्य का निवारण: दुर्भाग्य और नकारात्मकता से छुटकारा मिलता है।
  9. सुख-समृद्धि: व्यक्ति के जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
  10. ग्रह दोषों का निवारण: ज्योतिषीय दृष्टि से भी यह पूजा शुभ फलदायी होती है।

पूजा के नियम

  1. पवित्रता बनाए रखें: पूजा के दौरान पवित्रता का विशेष ध्यान रखें।
  2. श्रद्धा और विश्वास: पूजा में श्रद्धा और विश्वास अति महत्वपूर्ण हैं।
  3. सही समय का चयन: शुभ मुहूर्त में ही पूजा का आयोजन करें।
  4. पूजा सामग्री की शुद्धता: पूजा में उपयोग की जाने वाली सामग्री शुद्ध और स्वच्छ होनी चाहिए।
  5. विशेष वस्त्र: पूजा के दौरान स्वच्छ और सफेद वस्त्र पहनें।

सावधानियाँ

  1. शुद्धता का ध्यान: पूजा स्थल और पूजक की शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।
  2. श्रद्धा और ध्यान: पूजा के दौरान पूरी श्रद्धा और ध्यान से करें।
  3. मंत्रों का उच्चारण सही हो: मंत्रों का उच्चारण सही प्रकार से करें, जिससे पूजा का पूरा फल प्राप्त हो।
  4. सभी सामग्री तैयार रखें: पूजा से पहले सभी सामग्री को एकत्रित कर लें, जिससे बीच में कोई विघ्न न हो।
  5. शिवलिंग की विशेष देखभाल: अभिषेक के बाद शिवलिंग को अच्छे से साफ करें और उसे सूखा रखें।

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रुद्राभिषेक पूजा के मुहूर्त और मंत्र

रुद्राभिषेक पूजा के लिए शिवरात्रि, सावन का सोमवार, और विशेष पर्वों के दिन उपयुक्त माने जाते हैं।

मुख्य मंत्र:

  • ॐ नमः शिवाय
  • महा मृत्युंजय मंत्र: “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”

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रुद्राभिषेक पूजा से संबंधित पृश्न उत्तर

  1. रुद्राभिषेक पूजा क्यों की जाती है?
    • रुद्राभिषेक पूजा भगवान शिव को प्रसन्न करने और जीवन में शांति, समृद्धि, और शुभता प्राप्त करने के लिए की जाती है।
  2. रुद्राभिषेक पूजा के लिए कौन सा समय सर्वोत्तम है?
    • सावन का महीना, शिवरात्रि, और विशेष सोमवार रुद्राभिषेक पूजा के लिए सर्वोत्तम माने जाते हैं।
  3. रुद्राभिषेक पूजा में कौन-कौन सी सामग्री की आवश्यकता होती है?
    • दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, जल, भस्म, चन्दन, बेलपत्र, फूल, इत्र, आदि की आवश्यकता होती है।
  4. क्या रुद्राभिषेक पूजा से पापों का नाश होता है?
    • हां, इस पूजा से पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  5. रुद्राभिषेक पूजा कितनी देर की जानी चाहिए?
    • रुद्राभिषेक पूजा सामान्यतः 1 से 2 घंटे तक की जाती है, लेकिन यह समय आपकी श्रद्धा और विधि पर निर्भर करता है।
  6. क्या घर पर रुद्राभिषेक पूजा की जा सकती है?
    • हां, रुद्राभिषेक पूजा घर पर भी की जा सकती है यदि सभी विधि-विधान सही प्रकार से किए जाएं।
  7. रुद्राभिषेक पूजा के दौरान कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए?
    • “ॐ नमः शिवाय” और “महा मृत्युंजय मंत्र” का जाप करना चाहिए।
  8. रुद्राभिषेक पूजा कौन कर सकता है?
    • कोई भी श्रद्धालु व्यक्ति रुद्राभिषेक पूजा कर सकता है, लेकिन इसे विद्वान पंडित द्वारा करवाना अधिक शुभ माना जाता है।
  9. क्या रुद्राभिषेक पूजा से ग्रह दोष दूर होते हैं?
    • हां, यह पूजा ग्रह दोषों के निवारण में सहायक होती है।
  10. रुद्राभिषेक पूजा का क्या महत्त्व है?
    • यह पूजा भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का एक प्रभावी साधन है।
  11. क्या रुद्राभिषेक पूजा से धन की प्राप्ति होती है?
    • हां, यह पूजा व्यक्ति के जीवन में धन और समृद्धि लाने में सहायक होती है।
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