Buy now

spot_img
spot_img

Saubhagya Lakshmi Mantra For Fortune

माता सौभाग्य लक्ष्मी देवी लक्ष्मी का एक रूप है जो सौभाग्य, समृद्धि, और वैवाहिक सुख प्रदान करती हैं। उन्हें श्री और विष्णु की पत्नी भी माना जाता है। माता सौभाग्य लक्ष्मी धन, समृद्धि, सुख-शांति और सौभाग्य की देवी मानी जाती हैं। वे माता लक्ष्मी का एक रूप हैं, जो विशेष रूप से सौभाग्य और खुशियों की प्राप्ति के लिए पूजी जाती हैं। माता सौभाग्य लक्ष्मी की आराधना से व्यक्ति के जीवन में धन, संपत्ति, सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।

मंत्र

|| ॐ श्रीं सौभाग्यलक्ष्म्यै नमः ||

इस मंत्र का जप साधक को सुख-समृद्धि और सौभाग्य प्रदान करता है।

विधि

  1. स्थान का चयन: सबसे पहले एक शांत और स्वच्छ स्थान का चयन करें। पूजा के लिए एक साफ जगह का होना आवश्यक है।
  2. स्नान और शुद्धता: पूजा से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  3. पूजा सामग्री: हल्दी, कुमकुम, फूल, धूप, दीपक, फल, मिठाई और नारियल पूजा के लिए रखें।
  4. मंत्र जप: प्रतिदिन 108 बार मंत्र का जप करें।
  5. ध्यान: ध्यान करें और माता सौभाग्य लक्ष्मी का ध्यान करते हुए उन्हें पुष्प अर्पित करें।
  6. आरती: अंत में आरती करें और प्रसाद बांटें।

दिन और अवधि

  • दिन: माता सौभाग्य लक्ष्मी की पूजा शुक्रवार के दिन करना सबसे उत्तम माना जाता है।
  • अवधि: यह साधना 21 दिनों तक करनी चाहिए।

सावधानियां

  1. शुद्धता: साधना के दौरान शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनाए रखें।
  2. नियमितता: प्रतिदिन एक ही समय पर पूजा करें।
  3. आहार: सात्विक भोजन करें और तामसिक भोजन से बचें।
  4. नकारात्मकता से बचाव: साधना के दौरान नकारात्मक विचारों और ऊर्जा से दूर रहें।
  5. गोपनीयता: साधना की गोपनीयता बनाए रखें और अनावश्यक रूप से किसी को न बताएं।

Get mantra diksha

सौभाग्य लक्ष्मी मंत्र लाभ

  1. धन और समृद्धि: माता सौभाग्य लक्ष्मी की कृपा से साधक के जीवन में धन और समृद्धि का वास होता है।
  2. सुख और शांति: साधना से मन और घर में शांति और सुख का संचार होता है।
  3. विपत्ति से रक्षा: जीवन में आने वाली विपत्तियों और कठिनाइयों से रक्षा होती है।
  4. विवाह में सफलता: विवाह और दाम्पत्य जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
  5. स्वास्थ्य में सुधार: साधना से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  6. मनोकामना पूर्ति: सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
  7. आध्यात्मिक उन्नति: साधक को आध्यात्मिक उन्नति और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
  8. बाधाओं का निवारण: जीवन में आने वाली सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है।
  9. व्यापार में वृद्धि: व्यापार और व्यवसाय में वृद्धि और लाभ होता है।
  10. संतान सुख: संतान सुख की प्राप्ति होती है।
  11. संपत्ति का संरक्षण: साधना से संपत्ति की रक्षा होती है और संपत्ति में वृद्धि होती है।
  12. शत्रुओं से रक्षा: साधक को शत्रुओं से रक्षा मिलती है।
  13. मानसिक शांति: मानसिक तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है।
  14. भौतिक सुख: जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।
  15. आकर्षण क्षमता में वृद्धि: साधक की आकर्षण क्षमता में वृद्धि होती है।
  16. सकारात्मक ऊर्जा: साधना से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  17. समाज में सम्मान: साधक को समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है।
  18. संपूर्ण विकास: साधक का संपूर्ण विकास होता है।
  19. आर्थिक स्थिरता: आर्थिक स्थिरता और सुरक्षा की प्राप्ति होती है।
  20. सदैव लक्ष्मी का वास: साधक के घर में सदैव लक्ष्मी का वास होता है।

Online course

सौभाग्य लक्ष्मी मंत्र-FAQ

  1. माता सौभाग्य लक्ष्मी कौन हैं?
    माता सौभाग्य लक्ष्मी धन, समृद्धि, सुख-शांति और सौभाग्य की देवी हैं और वे माता लक्ष्मी का एक रूप हैं।
  2. इस मंत्र का क्या महत्व है?
    यह मंत्र साधक को सुख-समृद्धि और सौभाग्य प्रदान करता है।
  3. मंत्र जप का सर्वोत्तम समय कौन सा है?
    सुबह ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) में मंत्र जप करना सर्वोत्तम होता है।
  4. मंत्र जप कितनी बार करना चाहिए?
    प्रतिदिन 108 बार मंत्र जप करना चाहिए।
  5. साधना के दौरान कौन-कौन सी सावधानियों का पालन करना चाहिए?
    शारीरिक और मानसिक शुद्धता, संकल्प का पालन, साधना की गोपनीयता, और पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
  6. पूजा के लिए किस प्रकार की माला का उपयोग करना चाहिए?
    रुद्राक्ष या कमल गट्टे की माला का उपयोग करना चाहिए।
  7. क्या साधना के दौरान किसी विशेष वस्त्र का उपयोग करना चाहिए?
    साधना के दौरान सफेद या पीले रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए।
  8. माता सौभाग्य लक्ष्मी की साधना कितने दिनों तक करनी चाहिए?
    यह साधना 21 दिनों तक करनी चाहिए।
  9. क्या साधना के दौरान किसी प्रकार का व्रत या उपवास रखना आवश्यक है?
    साधना के दौरान व्रत या उपवास रखने से साधक की शुद्धता और साधना की प्रभावशीलता बढ़ती है।
  10. क्या साधना के बाद विश्राम करना आवश्यक है?
    हां, साधना के बाद थोड़ा विश्राम अवश्य करना चाहिए।
  11. क्या साधना के दौरान अन्य देवी-देवताओं की पूजा की जा सकती है?
    हां, माता सौभाग्य लक्ष्मी की साधना के दौरान अन्य देवी-देवताओं की पूजा की जा सकती है।
  12. साधना के दौरान किस प्रकार का आहार लेना चाहिए?
    साधना के दौरान सात्विक भोजन करें और तामसिक भोजन से बचें।

BOOK (24-25 MAY 2025) APRAJITA SADHANA AT DIVYAYOGA ASHRAM (ONLINE/ OFFLINE)

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Select Sdhana Shivir Option
spot_img
spot_img

Related Articles

65,000FansLike
500FollowersFollow
782,534SubscribersSubscribe
spot_img
spot_img

Latest Articles

spot_img
spot_img