शाकिनी मंत्र: कुंडलिनी जागरण और जीवन की बाधाओं से मुक्ति
शाकिनी मंत्र एक अत्यंत शक्तिशाली तांत्रिक मंत्र है जिसका उपयोग साधक कुंडलिनी शक्ति जागृत करने, स्वास्थ्य को सुधारने, विशुद्ध चक्र और हड्डियों की सुरक्षा के लिए करते हैं। यह मंत्र देवी काली के अंश ‘शाकिनी’ को समर्पित है, जो तंत्र साधना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये माता छिन्नमस्ता की सेविका जया, विजया या शाकिनी , शाकिनी भी मानी जाती है देवी शाकिनी का आह्वान साधक के शारीरिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए किया जाता है, जिससे उसे मानसिक शांति और शक्ति प्राप्त होती है।
शाकिनी मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ
॥ ॐ ह्रीं क्रीं छिं शाकिनेश्वरी मम् कार्य सिद्धय सिद्धय हुं फट्ट ॥
यह शाकिनी मंत्र अत्यंत शक्तिशाली तांत्रिक मंत्र है, जिसका उपयोग साधक अपनी कुंडलिनी शक्ति जागृत करने, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने और हड्डियों की सुरक्षा के लिए करते हैं। देवी शाकिनी तंत्र साधना में महत्वपूर्ण मानी जाती हैं, और उनका आह्वान साधक को बाहरी और आंतरिक दोनों प्रकार की बाधाओं से मुक्ति दिलाता है।
मंत्र का शब्दार्थ:
- ॐ: यह ब्रह्मांड की ऊर्जा का प्रतीक है, जो सभी शक्तियों का स्रोत है।
- ह्रीं: यह देवी महाकाली का बीज मंत्र है, जो शक्ति और चेतना का प्रतीक है।
- क्रीं: यह क्रिया और ऊर्जा का बीज मंत्र है, जो सभी नकारात्मकताओं को नष्ट करता है।
- छिं: यह शत्रुओं और बाधाओं के नाश का प्रतीक है।
- शाकिनेश्वरी: यह देवी शाकिनी का नाम है, जो कुंडलिनी शक्ति और आंतरिक जागरण की देवी हैं।
- मम् कार्य सिद्धय सिद्धय: इसका अर्थ है “मेरे कार्यों को सिद्ध करो, मेरे उद्देश्यों को पूरा करो।”
- हुं: यह शक्ति और विजय का बीज मंत्र है, जो साधक को संबल प्रदान करता है।
- फट्ट: यह मंत्र का समापन बीज है, जो नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए कहा जाता है।
संपूर्ण अर्थ:
“हे शाकिनेश्वरी देवी, जो महान तांत्रिक शक्ति की अधिष्ठात्री हैं, कृपया मेरी मनोकामनाओं को पूर्ण करें, मेरे जीवन के कार्यों को सफल करें, और मुझे शारीरिक एवं मानसिक बल प्रदान करें।”
यह मंत्र साधक को ऊपरी बाधाओं, तंत्र बाधाओं और शारीरिक संकटों से मुक्ति दिलाने के साथ-साथ उसकी कुंडलिनी शक्ति को जागृत करने में सहायक होता है।
शाकिनी मंत्र के लाभ
शाकिनी मंत्र साधक को निम्नलिखित 18 लाभ प्रदान करता है:
- हड्डियों की सुरक्षा
- कमर से लेकर गर्दन तक की सुरक्षा
- कुंडलिनी शक्ति जागरण
- मानसिक शांति
- गले से संबंधित समस्या
- शारीरिक स्वास्थ्य
- मनोकामना पूर्ति
- ऊपरी बाधाओं से रक्षा
- तंत्र बाधाओं से मुक्ति
- आत्मविश्वास में वृद्धि
- जीवन में स्थिरता
- आध्यात्मिक उन्नति
- नकारात्मक शक्तियों से बचाव
- मानसिक दृढ़ता
- शत्रु बाधा का नाश
- शरीर में ऊर्जा का प्रवाह
- पारिवारिक सुख में वृद्धि
- वित्तीय समृद्धि
- शांति और संतोष
शाकिनी मंत्र पूजा सामग्री
- एक मुट्ठी काले तिल
- सरसों के तेल का दीपक
- काला आसन
- माता काली की तस्वीर
- काला कपड़ा
शाकिनी मंत्र पूजा विधि
- माता काली के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
- काले आसन पर बैठकर काली मुद्रा या शक्ति मुद्रा लगायें।
- एक मुट्ठी काले तिल लें और उन्हें मंत्र जप के बाद काले कपड़े में बांध लें।
- प्रतिदिन 25 मिनट तक इस मंत्र का जप करें।
- 9 दिन तक लगातार जप करें।
- 9 दिन के बाद भोजन या अन्नदान करें।
- काले तिल को परिवार के सदस्यों पर 11 बार एंटीक्लॉक वाइज घुमाकर जल में विसर्जित करें।
मंत्र जप का दिन, अवधि और मुहूर्त
साकिनी मंत्र का जप मंगलवार या शनिवार से शुरू करना चाहिए। प्रतिदिन 25 मिनट तक 9 दिन लगातार जप करें। मुहूर्त के लिए ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) या रात्रि के समय (12-2 बजे) उपयुक्त माना जाता है।
मंत्र जप के नियम
- साधक की उम्र 20 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- स्त्री-पुरुष कोई भी यह साधना कर सकते हैं।
- ब्लू या ब्लैक कपड़े न पहनें।
- धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार का सेवन न करें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
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मंत्र जप के दौरान सावधानियाँ
- मंत्र जप के समय शुद्धता और एकाग्रता का ध्यान रखें।
- नकारात्मक विचारों से बचें।
- मंत्र का सही उच्चारण सुनिश्चित करें।
- साधना के समय किसी भी प्रकार की बाहरी बाधाओं से बचने का प्रयास करें।
शाकिनी मंत्र से संबंधित प्रमुख प्रश्न-उत्तर
प्रश्न 1: शाकिनी मंत्र किसे करना चाहिए?
उत्तर: साकिनी मंत्र उन साधकों के लिए है जो अपनी कुंडलिनी शक्ति जागृत करना चाहते हैं और शरीर की हड्डियों की सुरक्षा के लिए तंत्र साधना करना चाहते हैं।
प्रश्न 2: क्या महिलाएं भी इस मंत्र का जप कर सकती हैं?
उत्तर: हां, महिलाएं भी इस मंत्र का जप कर सकती हैं, लेकिन उन्हें शुद्धता का ध्यान रखना चाहिए।
प्रश्न 3: इस मंत्र का जप कब करना चाहिए?
उत्तर: मंगलवार या शनिवार को मंत्र जप शुरू करना उपयुक्त है। ब्रह्ममुहूर्त या रात का समय आदर्श होता है।
प्रश्न 4: क्या शाकिनी मंत्र का नियमित जप आवश्यक है?
उत्तर: हां, 9 दिन तक नियमित रूप से जप करना आवश्यक है ताकि साधक को पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके।
प्रश्न 5: क्या इस मंत्र से स्वास्थ्य लाभ होते हैं?
उत्तर: हां, यह मंत्र हड्डियों और शरीर की सुरक्षा के लिए विशेष रूप से प्रभावी है।
प्रश्न 6: क्या मंत्र जप के बाद कोई विशेष अनुष्ठान होता है?
उत्तर: हां, 9 दिन की साधना के बाद काले तिल को परिवार पर घुमाकर पानी में विसर्जित करना होता है।
प्रश्न 7: क्या शाकिनी मंत्र से कुंडलिनी शक्ति जागृत होती है?
उत्तर: हां, यह मंत्र साधक की कुंडलिनी शक्ति को जागृत करने में सहायक होता है।
प्रश्न 8: क्या साधना के दौरान भोजन पर कोई प्रतिबंध है?
उत्तर: हां, साधक को साधना के दौरान शाकाहारी भोजन का पालन करना चाहिए।
प्रश्न 9: मंत्र जप के समय कौन सा रंग पहनना चाहिए?
उत्तर: साधना के दौरान ब्लू और ब्लैक कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
प्रश्न 10: क्या मंत्र जप के दौरान कोई विशेष मुद्रा होनी चाहिए?
उत्तर: हां, काली मुद्रा या शक्ति मुद्रा में बैठना सबसे उपयुक्त माना जाता है।
प्रश्न 11: क्या इस मंत्र का प्रयोग नकारात्मक शक्तियों से बचाव के लिए किया जा सकता है?
उत्तर: हां, यह मंत्र ऊपरी बाधाओं और तंत्र बाधाओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
प्रश्न 12: क्या साधना के बाद दान करना आवश्यक है?
उत्तर: हां, साधना के 9 दिन बाद भोजन या अन्नदान करना आवश्यक होता है।