शिव कवचम् एक अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावशाली स्तोत्र है, जिसे भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए पढ़ा जाता है। यह कवचम् न केवल नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है, बल्कि आंतरिक शांति और मानसिक स्थिरता प्रदान करता है। शिव कवचम् का पाठ भक्तों को भगवान शिव की अनुकंपा प्राप्त करने में सहायक होता है।
संपूर्ण शिव कवचम् और उसका अर्थ
शिव कवचम् एक स्तोत्र है जिसमें भगवान शिव के विभिन्न रूपों और गुणों का वर्णन किया गया है। यहाँ शिव कवचम् का संस्कृत पाठ और उसका अर्थ दिया गया है:
शिव कवचम्:
ॐ अस्य श्री शिवकवचस्य । ऋषिः वेदव्यासः ।
छन्दः अनुष्टुप् । देवता श्री सदाशिवः ।
विनियोगः शिवार्पणार्थे जपे विनियोगः ।
ध्यानं
ध्यायेन्नित्यं महेशं रजतगिरिनिभं चारुचन्द्रावतंसं
रत्नाकल्पोज्ज्वलांगं परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम् ।
पद्मासीनं समन्तात् स्तुतममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं
विश्वाद्यं विश्ववन्द्यं निखिलभयहरं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रम् ।। १ ।।
अर्थ:
इस मंत्र का ऋषि वेदव्यास हैं, छन्द अनुष्टुप है, देवता श्री सदाशिव हैं। इस कवच का विनियोग भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। ध्यान में भगवान महेश का ध्यान करें, जो चाँदी के पर्वत के समान चमकीले हैं, सुंदर चंद्रमा को धारण किए हुए हैं, रत्नों से सज्जित शरीर वाले हैं, जिनके हाथ में परशु, मृग, वर और अभय मुद्रा है, और जो प्रसन्नचित्त हैं।
शिव कवचम् पाठ:
प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं,
अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं ।
त्रयः शूल निर्मूलनं शूलपाणिं,
भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम् ।। २ ।।
अर्थ:
मैं उस भगवान शिव का भजन करता हूँ, जो प्रचण्ड, परम तेजस्वी, पराक्रमी, सर्वश्रेष्ठ और अखण्ड हैं, जिनका जन्म नहीं हुआ, जो करोड़ों सूर्य के समान प्रकाशमान हैं, त्रिशूलधारी हैं, और भवानीपति हैं।
कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी,
सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।
चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी,
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ।। ३ ।।
अर्थ:
जो समय से परे, कल्याणकारी, संसार के अंत को लाने वाले हैं, जो सदैव सज्जनों को आनंद देते हैं, और पुरारि (त्रिपुरासुर का संहारक) हैं। चित्स्वरूप, आनंदमय और मोह का नाश करने वाले भगवान शिव, आप मुझ पर कृपा करें, हे मन्मथ के शत्रु।
शिव कवचम् के लाभ
- सुरक्षा प्रदान करता है: शिव कवचम् का पाठ करने से नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है।
- मानसिक शांति: यह पाठ मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: शिव कवचम् से आध्यात्मिक उन्नति में सहायता मिलती है।
- रोगों से मुक्ति: इस कवच का पाठ विभिन्न रोगों से मुक्ति दिलाता है।
- आत्मविश्वास में वृद्धि: शिव कवचम् का नियमित पाठ आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
- धन और समृद्धि: भगवान शिव की कृपा से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- दुर्घटनाओं से सुरक्षा: यह कवच अचानक होने वाली दुर्घटनाओं से सुरक्षा करता है।
- आत्मज्ञान: शिव कवचम् से आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।
- भय से मुक्ति: यह पाठ सभी प्रकार के भय से मुक्ति दिलाता है।
- संकटों का समाधान: शिव कवचम् के पाठ से जीवन के संकटों का समाधान होता है।
- कुंडली दोषों का निवारण: यह कवच विभिन्न कुंडली दोषों का निवारण करता है।
- पारिवारिक सुख: परिवार में सुख और शांति बनी रहती है।
- दुश्मनों से सुरक्षा: यह कवच शत्रुओं से सुरक्षा करता है।
- संतान प्राप्ति: जिन दंपतियों को संतान प्राप्ति में दिक्कत होती है, उन्हें शिव कवचम् का पाठ लाभकारी होता है।
- मोक्ष की प्राप्ति: शिव कवचम् का पाठ मोक्ष की प्राप्ति में सहायक होता है।
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शिव कवचम् की विधि
1. दिन और समय:
- शिव कवचम् का पाठ विशेष रूप से सोमवार को शुभ माना जाता है, क्योंकि यह दिन भगवान शिव को समर्पित है। इसके अलावा, प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4:00 से 6:00 बजे के बीच) का समय सबसे उपयुक्त होता है।
2. अवधि:
- शिव कवचम् का पाठ लगातार 41 दिनों तक करने से विशेष लाभ होते हैं। इस अवधि में प्रतिदिन एक बार कवच का पाठ करना चाहिए।
3. मुहूर्त:
- यदि किसी विशेष कार्य के लिए शिव कवचम् का पाठ किया जा रहा है, तो शुभ मुहूर्त का चयन करना महत्वपूर्ण है। इसके लिए किसी विद्वान ज्योतिषी की सलाह ली जा सकती है।
शिव कवचम् के नियम
- शुद्धता का ध्यान:
- शिव कवचम् का पाठ करते समय शारीरिक और मानसिक शुद्धता का ध्यान रखना चाहिए।
- पाठ करने से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा विधि:
- पाठ से पहले भगवान शिव की पूजा करें।
- शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र अर्पित करें।
- धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
- गुप्त साधना:
- शिव कवचम् की साधना को गुप्त रखना चाहिए। इसे सार्वजनिक रूप से चर्चा न करें।
- दिशा:
- शिव कवचम् का पाठ पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके करें।
- भक्ति और श्रद्धा:
- शिव कवचम् का पाठ भक्ति और श्रद्धा के साथ करना चाहिए।
शिव कवचम् सावधानियाँ
- अनुचित समय पर पाठ न करें:
- रात्रि के समय या अशुद्ध अवस्था में शिव कवचम् का पाठ नहीं करना चाहिए।
- सही उच्चारण:
- शिव कवचम् का पाठ सही उच्चारण के साथ करना चाहिए। गलत उच्चारण से विपरीत प्रभाव हो सकता है।
- पूजा सामग्री का ध्यान:
- शिवलिंग पर केवल स्वच्छ और शुद्ध सामग्री अर्पित करें। बेलपत्र का विशेष ध्यान रखें कि उसमें कोई छिद्र न हो।
- मन की एकाग्रता:
- पाठ करते समय मन को एकाग्र रखें। इधर-उधर की बातें न सोचें।
- साधना में निरंतरता:
- यदि 41 दिन की साधना कर रहे हैं, तो इसमें किसी भी प्रकार का विघ्न न आने दें। निरंतरता बनाए रखें।
शिव कवचम् पाठ के प्रश्न-उत्तर
प्रश्न 1: क्या शिव कवचम् का पाठ रात्रि में किया जा सकता है?
उत्तर: शिव कवचम् का पाठ प्रातः काल में करना अधिक शुभ होता है। रात्रि में इसे करने से बचना चाहिए।
प्रश्न 2: क्या शिव कवचम् का पाठ केवल सोमवार को ही किया जा सकता है?
उत्तर: शिव कवचम् का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन सोमवार को इसका विशेष महत्व है।
प्रश्न 3: शिव कवचम् का पाठ करते समय कौन सी दिशा की ओर मुख करना चाहिए?
उत्तर: शिव कवचम् का पाठ करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करना शुभ होता है।
प्रश्न 4: क्या शिव कवचम् का पाठ किसी विशेष मुहूर्त में करना चाहिए?
उत्तर: हां, यदि किसी विशेष कार्य के लिए पाठ किया जा रहा है, तो शुभ मुहूर्त का चयन करना महत्वपूर्ण होता है।
प्रश्न 5: क्या शिव कवचम् का पाठ करने से कुंडली दोषों का निवारण होता है?
उत्तर: हां, शिव कवचम् का पाठ विभिन्न कुंडली दोषों का निवारण करता है।
प्रश्न 6: क्या शिव कवचम् का पाठ संतान प्राप्ति के लिए किया जा सकता है?
उत्तर: हां, जिन दंपतियों को संतान प्राप्ति में दिक्कत होती है, उन्हें शिव कवचम् का पाठ लाभकारी होता है।
प्रश्न 7: क्या शिव कवचम् का पाठ साधारण पूजा की तरह करना चाहिए?
उत्तर: नहीं, शिव कवचम् का पाठ विशेष विधि और नियमों का पालन करते हुए करना चाहिए।
प्रश्न 8: क्या शिव कवचम् का पाठ गुप्त रूप से करना चाहिए?
उत्तर: हां, शिव कवचम् की साधना को गुप्त रखना चाहिए।
प्रश्न 9: क्या शिव कवचम् का पाठ करने से रोगों से मुक्ति मिलती है?
उत्तर: हां, शिव कवचम् का पाठ विभिन्न रोगों से मुक्ति दिलाता है।
प्रश्न 10: क्या शिव कवचम् का पाठ दुर्घटनाओं से सुरक्षा करता है?
उत्तर: हां, यह कवच अचानक होने वाली दुर्घटनाओं से सुरक्षा करता है।
प्रश्न 12: क्या शिव कवचम् का पाठ मोक्ष की प्राप्ति में सहायक है?
उत्तर: हां, शिव कवचम् का पाठ मोक्ष की प्राप्ति में सहायक होता है।
अंत में
शिव कवचम् का पाठ एक अत्यंत शक्तिशाली साधना है, जो न केवल जीवन में सुरक्षा और शांति प्रदान करती है, बल्कि भगवान शिव की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति में भी सहायक होती है। शिव कवचम् का पाठ करने से पहले इसके नियमों और सावधानियों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। नियमित और श्रद्धापूर्वक किए गए इस पाठ से जीवन के सभी संकटों का निवारण होता है और भगवान शिव की अनंत कृपा प्राप्त होती है।