Shiva Tattva Mantra- Awakening and Benefits

Shiva Tattva Mantra- Awakening and Benefits

शिव तत्व मंत्र: चक्र जागरण और आध्यात्मिक उन्नति

शिव तत्व मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है। यह आज्ञा चक्र को जागृत करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह मंत्र भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अति महत्वपूर्ण है।

शिव तत्व मंत्र और उसका अर्थ

मंत्र: ॥ॐ ह्रौं शिवाय मम चक्राणि जाग्रयितुं कृपां कुरु कुरु नमः॥

अर्थ: इस मंत्र में साधक भगवान शिव से प्रार्थना करते हैं कि वे उनके चक्रों को जागृत करें और अपनी कृपा प्रदान करें।

शिव तत्व मंत्र के लाभ

  1. आज्ञा चक्र जागरण: आज्ञा चक्र के जागरण से अंतर्दृष्टि और बुद्धि का विकास होता है।
  2. चक्र जागरण: विभिन्न चक्रों के जागरण से ऊर्जा का प्रवाह बेहतर होता है।
  3. कुंडलिनी जागरण: कुंडलिनी जागरण से आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।
  4. अध्यात्मिक उन्नति: इस मंत्र से साधक की आध्यात्मिक यात्रा में उन्नति होती है।
  5. पूजा साधना: मंत्र का नियमित जाप साधक की पूजा साधना को प्रभावशाली बनाता है।
  6. ध्यान में गहराई: मंत्र जाप ध्यान में गहराई और शांति प्रदान करता है।
  7. आत्मिक शांति: शिव तत्व मंत्र से मानसिक शांति मिलती है।
  8. सकारात्मक ऊर्जा: जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा का संचार होता है।
  9. अहंकार का नाश: मंत्र जाप से अहंकार का नाश होता है।
  10. जीवन में संतुलन: जीवन के विभिन्न पहलुओं में संतुलन आता है।
  11. स्वास्थ्य में सुधार: विभिन्न चक्रों के जागरण से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  12. ध्यान में एकाग्रता: ध्यान की एकाग्रता और गहराई में वृद्धि होती है।
  13. बाधाओं का नाश: जीवन की बाधाओं और नकारात्मकता का नाश होता है।

मंत्र विधि

मंत्र जाप का दिन, अवधि और मुहूर्त का चुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।

मंत्र जाप की विधि

  1. दिन: सोमवार को जाप आरंभ करें।
  2. अवधि: 11 से 21 दिन तक लगातार जाप करें।
  3. मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) में जाप करें।

मंत्र जाप सामग्री

मंत्र जाप के लिए कुछ आवश्यक सामग्री की आवश्यकता होती है:

  • शिवलिंग या भगवान शिव की तस्वीर
  • पुष्प, धूप, दीप
  • शुद्ध जल, पंचामृत
  • रुद्राक्ष माला

Shiva tatva kavach

मंत्र जाप संख्या

प्रत्येक दिन 11 माला (1 माला में 108 मंत्र) यानी कुल 1188 मंत्रों का जाप करें।

मंत्र जाप के नियम

  1. उम्र: 20 वर्ष से ऊपर के लोग ही मंत्र जाप करें।
  2. लिंग: स्त्री-पुरुष दोनों कर सकते हैं।
  3. वस्त्र: नीले या काले कपड़े न पहनें।
  4. परहेज: धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार का सेवन न करें।
  5. ब्रह्मचर्य: मंत्र जाप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।

Shiva tatva mantra-Video

मंत्र जाप में सावधानियाँ

मंत्र जाप करते समय कुछ सावधानियाँ बरतनी आवश्यक हैं:

  • मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और सही होना चाहिए।
  • जाप के दौरान ध्यान भंग न हो।
  • मंत्र का जाप एकांत में और शुद्ध स्थान पर करें।

शिव तत्व मंत्र से संबंधित प्रश्न उत्तर

प्रश्न 1: शिव तत्व मंत्र का क्या महत्व है?

उत्तर: शिव तत्व मंत्र चक्रों को जागृत करने और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।

प्रश्न 2: मंत्र जाप कितने दिन तक करना चाहिए?

उत्तर: मंत्र जाप 11 से 21 दिन तक प्रतिदिन करना चाहिए।

प्रश्न 3: मंत्र जाप के लिए कौन-सा मुहूर्त सबसे उत्तम होता है?

उत्तर: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) जाप के लिए सर्वोत्तम होता है।

प्रश्न 4: क्या महिलाएं भी शिव तत्व मंत्र का जाप कर सकती हैं?

उत्तर: हाँ, महिलाएं भी शिव तत्व मंत्र का जाप कर सकती हैं।

प्रश्न 5: क्या मंत्र जाप के दौरान नीले या काले कपड़े पहन सकते हैं?

उत्तर: नहीं, मंत्र जाप के दौरान नीले या काले कपड़े पहनना वर्जित है।

प्रश्न 6: मंत्र जाप के दौरान क्या परहेज करना चाहिए?

उत्तर: धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार से परहेज करना चाहिए।

प्रश्न 7: मंत्र जाप के लिए क्या उम्र की सीमा है?

उत्तर: मंत्र जाप करने वाले की उम्र 20 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।

प्रश्न 8: मंत्र जाप में कौन-कौन सी सामग्री आवश्यक होती है?

उत्तर: शिवलिंग, पुष्प, धूप, दीप, पंचामृत और रुद्राक्ष माला।

प्रश्न 9: मंत्र जाप से क्या लाभ होता है?

उत्तर: चक्र जागरण, कुंडलिनी जागरण, और आत्मिक शांति मिलती है।

प्रश्न 10: क्या मंत्र जाप के समय ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक है?

उत्तर: हाँ, मंत्र जाप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक है।

प्रश्न 11: मंत्र जाप कैसे और कहाँ करना चाहिए?

उत्तर: मंत्र जाप एकांत और शुद्ध स्थान पर करना चाहिए।

प्रश्न 12: क्या मंत्र जाप में कोई सावधानी रखनी चाहिए?

उत्तर: हाँ, मंत्र का सही उच्चारण और एकाग्रता आवश्यक है।

यह संपूर्ण मार्गदर्शन शिव तत्व मंत्र के माध्यम से साधक की आध्यात्मिक उन्नति और आंतरिक शांति प्राप्त करने में सहायक है।