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Somvar Vrat Vidhi with Katha

सोमवार व्रत- जीवन की हर इच्छा पूर्ण करे

सोमवार व्रत भगवान शिव की उपासना के लिए किया जाता है। यह व्रत सभी के लिए लाभकारी है, खासकर उन लोगों के लिए जो मानसिक शांति, ग्रहस्थ सुख,व आर्थिक सुख की कामना करते हैं।

ये व्रत कौन कर सकता है?

सोमवार व्रत कोई भी व्यक्ति कर सकता है। महिलाएं, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग, सभी इस व्रत को कर सकते हैं। विशेषकर जो लोग भगवान शिव की कृपा पाना चाहते हैं या अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना चाहते हैं, वे इस व्रत को कर सकते हैं।

सोमवार व्रत विधि

  1. स्नान: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
  2. पूजा की तैयारी: भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  3. आरती और मंत्र जाप: “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
  4. प्रसाद चढ़ाएं: बेलपत्र, धतूरा, दूध, और फल चढ़ाएं।
  5. व्रत कथा: सोमवार व्रत कथा का पाठ करें।
  6. आरती: अंत में भगवान शिव की आरती करें।

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सोमवार व्रत मंत्र

  • “ॐ ह्रौं नमः शिवाय”

व्रत में क्या खाएं और क्या न खाएं?

क्या खाएं:

  1. फल, दूध, और फलाहारी भोजन जैसे साबूदाना।
  2. सूखे मेवे और नारियल।

क्या न खाएं:

  1. अनाज और नमकयुक्त भोजन।
  2. तामसिक और मांसाहारी भोजन।

व्रत कब से कब तक रखें?

सोमवार व्रत सूर्योदय से सूर्यास्त तक रखा जाता है। इस दौरान व्रती को फलाहारी भोजन ही करना चाहिए।

सोमवार व्रत से लाभ

  1. मानसिक शांति: तनाव और चिंता में कमी आती है।
  2. स्वास्थ्य लाभ: शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।
  3. सकारात्मकता: मन में सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं।
  4. धन लाभ: आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
  5. आध्यात्मिक उन्नति: आत्मा की शुद्धि होती है।
  6. पारिवारिक सुख: परिवार में सुख-शांति का वातावरण बनता है।
  7. विवाह में सफलता: अविवाहितों को योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।
  8. करियर में उन्नति: कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है।
  9. दुर्भाग्य से मुक्ति: दुर्भाग्य दूर होता है।
  10. धार्मिक लाभ: धर्म और अध्यात्म के प्रति रुचि बढ़ती है।
  11. संतान प्राप्ति: नि:संतान दंपतियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है।
  12. कष्टों का नाश: जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है।

सोमवार व्रत के नियम

  1. व्रत के दौरान संयमित रहना चाहिए।
  2. भगवान शिव की पूजा विधिपूर्वक करनी चाहिए।
  3. मन, वचन, और कर्म से शुद्ध रहें।

सोमवार व्रत में भोग

  1. बेलपत्र और धतूरा भगवान शिव को अर्पित करें।
  2. दूध, फल, और मिठाई का भोग लगाएं।

Rudra Sadhana samagri with diksha

सोमवार व्रत में सावधानी

  1. व्रत के दौरान क्रोध और झूठ से बचें।
  2. व्रत के नियमों का पालन निष्ठा से करें।
  3. व्रत के दिन किसी भी प्रकार का विवाद न करें।

सोमवार व्रत की संपूर्ण कथा

प्राचीन समय में एक ब्राह्मण परिवार रहता था। उस परिवार में पति-पत्नी के अलावा एक पुत्री भी थी। उनकी बेटी अत्यधिक सुंदर और सुशील थी। उसका विवाह एक अच्छे और योग्य ब्राह्मण के साथ हुआ था। लेकिन विवाह के बाद भी वह अपने माता-पिता के साथ ही रहती थी।

उस ब्राह्मण परिवार में गरीबी और दरिद्रता थी। एक दिन ब्राह्मण के घर भगवान शिव और माता पार्वती भिक्षा लेने आए। ब्राह्मणी ने श्रद्धा पूर्वक भिक्षा दी। माता पार्वती ब्राह्मणी की श्रद्धा से प्रसन्न होकर उसे सोमवार व्रत करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि सोमवार व्रत करने से उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण होंगी और धन-संपत्ति की प्राप्ति होगी।

ब्राह्मणी ने पूरी श्रद्धा के साथ सोमवार व्रत का पालन करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे उसकी गरीबी दूर होने लगी, और उसके घर में धन-धान्य की वर्षा होने लगी। उसकी पुत्री भी अब सुंदर वस्त्रों और आभूषणों से सुसज्जित रहने लगी। यह देखकर उसके पड़ोसियों को भी आश्चर्य हुआ। वे सोचने लगे कि अचानक इनके घर में इतनी संपत्ति कैसे आ गई।

एक दिन ब्राह्मणी की बेटी को अपने ससुराल से बुलावा आया। वह अपने ससुराल गई तो उसकी सास ने देखा कि उसकी बहू अब बहुत सुंदर और समृद्ध हो गई है। सास ने उससे इसका कारण पूछा। बहू ने बताया कि उसकी मां ने सोमवार व्रत करना शुरू किया है, और इससे उनकी सारी दरिद्रता दूर हो गई है।

सास ने भी सोमवार व्रत करने का निर्णय लिया और विधि-विधान से व्रत करना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद ही उसके घर में भी समृद्धि आनी शुरू हो गई। भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा से उनकी भी सारी परेशानियां दूर हो गईं।

दूसरी कथा: राजा हर्षवर्धन की कथा

एक बार राजा हर्षवर्धन ने शिव जी की आराधना में लीन होकर सोमवार व्रत करने का संकल्प लिया। उनके राज्य में एक अंधा व्यक्ति रहता था जो भगवान शिव का परम भक्त था। वह भी सोमवार व्रत करता था। शिव जी उसकी भक्ति से प्रसन्न हुए और उसकी दृष्टि वापस लौटाई।

यह देखकर राजा हर्षवर्धन ने और भी अधिक श्रद्धा से सोमवार व्रत करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे, उनके राज्य में भी सुख-शांति और समृद्धि का माहौल फैल गया।

एक दिन, शिवजी ने राजा को स्वप्न में दर्शन दिए और कहा, “राजन, मैं तुम्हारी भक्ति से प्रसन्न हूँ। तुम्हारे राज्य में कोई भी व्यक्ति दुखी या दरिद्र नहीं रहेगा।” यह सुनकर राजा ने और भी अधिक श्रद्धा और नियम के साथ व्रत का पालन किया।

इस प्रकार, सोमवार व्रत की महिमा से न केवल ब्राह्मण परिवार की दरिद्रता दूर हुई, बल्कि राजा हर्षवर्धन के राज्य में भी सुख-समृद्धि का वास हुआ। इस व्रत की कथा से यह सिद्ध होता है कि सच्ची श्रद्धा और भक्ति से भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

सोमवार व्रत को शिवजी की कृपा पाने का सशक्त माध्यम माना जाता है। इस व्रत को विधिपूर्वक और नियमों का पालन करते हुए करने से भगवान शिव की असीम कृपा मिलती है। जो भी भक्त इस व्रत को सच्चे मन से करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, और जीवन में खुशहाली आती है।

व्रत से संबंधित प्रश्न और उत्तर

प्रश्न: क्या सोमवार व्रत केवल महिलाएं ही कर सकती हैं?

उत्तर: नहीं, सोमवार व्रत कोई भी कर सकता है।

प्रश्न: क्या व्रत के दौरान जल ग्रहण कर सकते हैं?

उत्तर: हां, जल ग्रहण कर सकते हैं, लेकिन फलाहारी रहना चाहिए।

प्रश्न: क्या सोमवार व्रत करने से विवाह में विलंब दूर हो सकता है?

उत्तर: हां, भगवान शिव की कृपा से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर हो सकती हैं।

प्रश्न: सोमवार व्रत का उद्यापन कैसे करें?

उत्तर: उद्यापन के दिन विशेष पूजा और भगवान शिव की आरती करें। गरीबों को भोजन कराएं।

प्रश्न: क्या व्रत के दौरान स्नान आवश्यक है?

उत्तर: हां, शुद्धता के लिए स्नान आवश्यक है।

प्रश्न: क्या व्रत के दौरान मंदिर जाना जरूरी है?

उत्तर: नहीं, घर पर भी भगवान शिव की पूजा की जा सकती है।

प्रश्न: क्या व्रत के दौरान मांसाहार कर सकते हैं?

उत्तर: नहीं, व्रत के दौरान मांसाहार वर्जित है।

प्रश्न: व्रत के दौरान फल और मिठाई का क्या महत्व है?

उत्तर: फल और मिठाई भगवान को प्रिय हैं, इसलिए इन्हें प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है।

प्रश्न: क्या व्रत के दौरान दिन में सो सकते हैं?

उत्तर: नहीं, दिन में सोने से व्रत का फल कम हो सकता है।

प्रश्न: क्या सोमवार व्रत का प्रभाव तुरंत दिखाई देता है?

उत्तर: यह व्यक्ति की श्रद्धा और भक्ति पर निर्भर करता है।

प्रश्न: क्या व्रत के दौरान घर में साफ-सफाई का ध्यान रखना जरूरी है?

उत्तर: हां, साफ-सफाई से सकारात्मक ऊर्जा आती है।

प्रश्न: क्या सोमवार व्रत का पालन करने से मन की इच्छाएं पूरी होती हैं?

उत्तर: हां, भगवान शिव की कृपा से मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।

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