धनवर्षा का गुप्त मंत्र – तारा देवी की कृपा से घर में आएगी बरकत!
Tara Ritual for Wealth क्या आप आर्थिक तंगी से परेशान हैं? क्या लाख प्रयासों के बाद भी धन नहीं टिकता? तंत्रशास्त्र में तारा देवी को समस्त सिद्धियों और धन-लाभ की देवी माना गया है। उनका यह गुप्त बीज मंत्र – “ॐ ह्रीं स्त्रीं तारेश्वरी नमः” – अपार ऐश्वर्य, संपत्ति और समृद्धि को आकर्षित करता है। यदि श्रद्धा और नियमपूर्वक इसका प्रयोग किया जाए, तो जीवन में धनवर्षा सुनिश्चित है।
यह मंत्र ना केवल आर्थिक समस्याओं को दूर करता है, बल्कि दुर्भाग्य, ऋण और दरिद्रता से भी मुक्ति दिलाता है। देवी तारा तंत्र की दस महाविद्याओं में प्रमुख हैं और इनका यह गुप्त साधनात्मक प्रयोग बेहद प्रभावशाली सिद्ध होता है। आइए जानें इसका रहस्य, विधि, लाभ और महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर।
तारा साधना से जुड़े रहस्य और गहराई
ये देवी केवल धन की देवी नहीं, बल्कि चेतना को जागृत करने वाली दिव्य शक्ति हैं। उनका यह गुप्त मंत्र ना सिर्फ आर्थिक जीवन को सुधारता है, बल्कि साधक के कर्म और आत्मा को भी ऊर्जावान बनाता है। यह साधना कोई सामान्य प्रयोग नहीं, बल्कि तंत्र और मनोविज्ञान का शक्तिशाली समन्वय है। यदि आपने बार-बार प्रयास कर हार मान ली है, तो एक बार यह तारा प्रयोग अवश्य करें। संभव है, यही साधना आपके जीवन की दिशा बदल दे।
तारा देवी गुप्त मंत्र: “ॐ ह्रीं स्त्रीं तारेश्वरी नमः”
यह मंत्र अत्यंत शक्तिशाली है। “ह्रीं” बीज मंत्र ऊर्जा का, “स्त्रीं” तारा बीज का और “तारेश्वरी” का अर्थ है तारा देवी। यह मंत्र देवी को शीघ्र प्रसन्न करता है।
अद्भुत लाभ जो बदल सकते हैं आपका भाग्य
- निरंतर धन प्राप्ति के द्वार खुलते हैं।
- नौकरी या व्यापार में स्थिरता आती है।
- घर में अन्न, वस्त्र, संपत्ति की कमी नहीं रहती।
- कर्ज या ऋण से छुटकारा मिलता है।
- रुकावटें स्वतः समाप्त हो जाती हैं।
- गुप्त शत्रु शांत हो जाते हैं।
- मन, बुद्धि और आत्मा में तेज बढ़ता है।
- लक्ष्मीजी स्थायी रूप से घर में वास करती हैं।
- व्यापार में तेजी से ग्रोथ होती है।
- आकस्मिक धन लाभ के योग बनते हैं।
- कोर्ट-कचहरी के मामलों में विजय मिलती है।
- जीवन में शुभ अवसर तेजी से आते हैं।
- पैतृक संपत्ति में लाभ मिलता है।
- मानसिक चिंता और भय दूर होता है।
- दान-पुण्य के मार्ग में सहजता आती है।
शुभ मुहूर्त और तारा देवी साधना का समय
- अमावस्या, पूर्णिमा, गुरुवार और रात्रि 10 बजे के बाद तारा साधना के लिए श्रेष्ठ माने गए हैं।
- विशेष रूप से चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ महीने में यह प्रयोग अत्यधिक फलदायी होता है।
- यदि बुधवार या शुक्रवार से ७ दिन तक रात्रि में यह मंत्र कम से कम ५४० बार जाप किया जाए, तो त्वरित परिणाम मिलते हैं।
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प्रयोग की विधि – कैसे करें तारा देवी का धनवर्षा मंत्र प्रयोग?
- स्नान कर साफ वस्त्र पहनें (पीला या नीला रंग सर्वोत्तम)।
- घर में या पूजन स्थल पर उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठें।
- सामने देवी तारा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- नीले फूल, धूप, दीपक और मिश्री अर्पित करें।
- कम से कम ५४० बार इस मंत्र का जाप करें –
“ॐ ह्रीं स्त्रीं तारेश्वरी नमः” - जाप के लिए रुद्राक्ष या क्रिस्टल माला का प्रयोग करें।
- यह प्रक्रिया लगातार 7,11, 21 या 40 दिनों तक करें।
- हर दिन के अंत में तारा स्तुति तारा चालीसा पढ़ें।
- जाप के बाद धन प्राप्ति की भावना को मन में रखें।
- साधना पूर्ण होने पर गरीबों को भोजन व वस्त्र दान करें।
सबसे ज़्यादा पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. क्या यह साधना कोई भी कर सकता है?
हाँ, श्रद्धा और विश्वास से किया गया साधक सफल होता है।
Q2. क्या इस मंत्र का प्रभाव तुरंत दिखाई देता है?
यह व्यक्ति की निष्ठा और मानसिक ऊर्जा पर निर्भर करता है, कुछ लोगों को त्वरित परिणाम मिलते हैं।
Q3. क्या स्त्रियाँ यह साधना कर सकती हैं?
बिलकुल, स्त्रियाँ विशेष रूप से इस साधना में सफलता प्राप्त करती हैं।
Q4. अगर नियम टूट जाए तो क्या होगा?
जहां गलती हो, वहां क्षमा याचना कर पुनः साधना शुरू करें।
Q5. क्या इस मंत्र का जाप दिन में किया जा सकता है?
रात्रि समय अधिक प्रभावशाली है, लेकिन दिन में भी किया जा सकता है।
Q6. क्या यह साधना किसी गुरु के बिना की जा सकती है?
हाँ, लेकिन यदि गुरु मार्गदर्शन दे सकें तो परिणाम और शीघ्र मिलते हैं।
Q7. क्या तारा देवी को कुछ विशेष भोग अर्पित करना चाहिए?
नीला वस्त्र, मिश्री, नारियल और नीले फूल विशेष प्रिय हैं।