योगमाया प्रयोग– भौतिक सुख प्रदान करने वाली
माता योग माया भगवान विष्णु का अंश व भगवान श्रीकृष्ण की बडी बहन मानी जाती है. भक्तो की भौतिक सुख से संबंधित सभी तरह की मनोकामना पूरी करती है. इसके अलावा ये शत्रु व नजर बाधा से बचाती है. योगमाया देवी को परम शक्ति और भगवान श्रीकृष्ण की योगमाया कहा जाता है। उन्हें देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है। योगमाया देवी की आराधना से भक्त को आध्यात्मिक, मानसिक, और शारीरिक शक्तियाँ प्राप्त होती हैं।
योगमाया देवी मंत्र
॥ॐ ह्रीं योगमाये सर्वत्र रक्षणं देही देही स्वाहा॥ OM HREEM YOGMAAYE SARVATRA RAKSHANAM DEHI DEHI SVAHA.
योगमाया देवी मंत्र विधि
- स्थान: साफ-सुथरे और शांत स्थान पर पूजा करें।
- समय: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) सबसे अच्छा समय माना जाता है।
- स्नान: शुद्ध स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- आसन: लाल वस्त्र का आसन बिछाएं और उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- आह्वान: दीपक जलाकर योगमाया देवी का आह्वान करें।
- मंत्र जाप: मंत्र का उच्चारण मन में शांति और एकाग्रता के साथ करें। माला (रुद्राक्ष या स्फटिक) से 108 बार जाप करें।
- ध्यान: योगमाया देवी का ध्यान करें और उनसे प्रार्थना करें कि वे आपकी मनोकामनाएँ पूर्ण करें।
- प्रसाद: नैवेद्य के रूप में फल, मिठाई और नारियल अर्पित करें।
- अंतिम प्रार्थना: मंत्र जाप के बाद देवी को धन्यवाद दें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।
सामग्री (समाग्री)
- लाल वस्त्र
- आसन
- दीपक और तेल
- माचिस
- अगरबत्ती
- नैवेद्य (फल, मिठाई, नारियल)
- फूल
- चंदन
- कुमकुम
- माला (रुद्राक्ष या स्फटिक)
योगमाया देवी मंत्र के लाभ
- आध्यात्मिक शक्ति: आध्यात्मिक शक्तियों की प्राप्ति होती है।
- मानसिक शांति: मानसिक तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है।
- शारीरिक स्वास्थ्य: शरीर में ऊर्जा और स्वास्थ्य का संचार होता है।
- बाधाओं से मुक्ति: जीवन की सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
- आकर्षण: व्यक्ति में आकर्षण शक्ति बढ़ती है।
- सुख-शांति: घर में सुख-शांति का वातावरण बना रहता है।
- धन-संपत्ति: धन और संपत्ति की प्राप्ति होती है।
- विद्या प्राप्ति: विद्या और ज्ञान की वृद्धि होती है।
- संतान सुख: संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- रोग निवारण: सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है।
- दुश्मनों से रक्षा: दुश्मनों से सुरक्षा मिलती है।
- मनोकामना पूर्ण: सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
- योग्यता: जीवन में योग्यता और सफलता प्राप्त होती है।
- साहस: साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- भय निवारण: सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है।
- समृद्धि: समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है।
- पारिवारिक सुख: पारिवारिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
- आध्यात्मिक ज्ञान: आध्यात्मिक ज्ञान और समझ बढ़ती है।
- शांति: मन की शांति और संतुलन प्राप्त होता है।
- दिव्य दृष्टि: दिव्य दृष्टि और अंतर्ज्ञान की प्राप्ति होती है।
उपयुक्त दिन और अवधि
- दिन: मंगलवार और शुक्रवार योगमाया देवी की पूजा के लिए शुभ माने जाते हैं।
- अवधि: 40 दिनों तक नियमित रूप से मंत्र जाप करें।
सावधानियाँ
- शुद्धता: शुद्धता का विशेष ध्यान रखें। पूजा के स्थान को स्वच्छ रखें।
- नियमितता: नियमित रूप से और निश्चित समय पर पूजा करें।
- व्रत: यदि संभव हो, तो पूजा के दिन व्रत रखें।
- मन की एकाग्रता: पूजा के समय मन को एकाग्र रखें और अनावश्यक विचारों को दूर करें।
- शब्दों की पवित्रता: मंत्र का उच्चारण शुद्ध और सही तरीके से करें।
- नकारात्मकता से दूर: पूजा के समय और उसके बाद नकारात्मक विचारों और कार्यों से दूर रहें।
- संकल्प: पूजा करते समय अपने संकल्प को दृढ़ और स्पष्ट रखें।
- सामग्री की शुद्धता: पूजा सामग्री को शुद्ध और ताजा रखें।
- स्नेह और श्रद्धा: पूजा करते समय स्नेह और श्रद्धा का भाव बनाए रखें।
- धैर्य: लाभ प्राप्ति के लिए धैर्य रखें और निरंतरता बनाए रखें।
योगमाया देवी मंत्र FAQ
1. योगमाया देवी कौन हैं?
योगमाया देवी भगवान श्रीकृष्ण की योगमाया और देवी दुर्गा का अवतार मानी जाती हैं। वह परम शक्ति का प्रतीक हैं और उनकी आराधना से आध्यात्मिक, मानसिक, और शारीरिक शक्तियाँ प्राप्त होती हैं।
2. योगमाया देवी का मंत्र क्या है?
योगमाया देवी का मंत्र है:
ॐ ह्रीं योगमायायै नमः।
3. योगमाया देवी मंत्र का जाप किस समय करना चाहिए?
ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) में मंत्र जाप करना सर्वोत्तम माना जाता है। इस समय वातावरण शुद्ध और शांत होता है, जिससे ध्यान में आसानी होती है।
4. मंत्र जाप के लिए आवश्यक सामग्री क्या है?
मंत्र जाप के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
- लाल वस्त्र
- आसन
- दीपक और तेल
- माचिस
- अगरबत्ती
- नैवेद्य (फल, मिठाई, नारियल)
- फूल
- चंदन
- कुमकुम
- माला (रुद्राक्ष या स्फटिक)
5. मंत्र जाप की विधि क्या है?
- साफ-सुथरे स्थान पर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- लाल वस्त्र का आसन बिछाएं और उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- दीपक जलाकर योगमाया देवी का आह्वान करें।
- मंत्र का उच्चारण माला से 108 बार करें।
- योगमाया देवी का ध्यान करें और उनसे प्रार्थना करें।
- नैवेद्य अर्पित करें।
- अंतिम प्रार्थना करके देवी को धन्यवाद दें।
6. योगमाया देवी मंत्र के जाप से कौन-कौन से लाभ प्राप्त होते हैं?
योगमाया देवी मंत्र के अनेकों लाभ है जैसे कि…
- आध्यात्मिक शक्ति
- मानसिक शांति
- शारीरिक स्वास्थ्य
- बाधाओं से मुक्ति
- आकर्षण शक्ति
- सुख-शांति
- धन-संपत्ति
- विद्या प्राप्ति
- संतान सुख
- रोग निवारण
- दुश्मनों से रक्षा
- मनोकामना पूर्ण
- योग्यता और सफलता
- साहस और आत्मविश्वास
- भय निवारण
- समृद्धि
- पारिवारिक सुख
- आध्यात्मिक ज्ञान
- मन की शांति
- दिव्य दृष्टि
7. योगमाया देवी मंत्र जाप के लिए उपयुक्त दिन कौन से हैं?
मंगलवार और शुक्रवार योगमाया देवी की पूजा के लिए शुभ माने जाते हैं।
8. मंत्र जाप की अवधि कितनी होनी चाहिए?
मंत्र जाप की अवधि 40 दिनों तक नियमित रूप से होनी चाहिए। इस दौरान प्रतिदिन जाप करें।
9. मंत्र जाप करते समय किन सावधानियों का पालन करना चाहिए?
- शुद्धता का ध्यान रखें।
- नियमित रूप से पूजा करें।
- पूजा के दिन व्रत रखें।
- मन को एकाग्र रखें।
- मंत्र का शुद्ध उच्चारण करें।
- नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
- संकल्प को दृढ़ रखें।
- सामग्री को शुद्ध और ताजा रखें।
- स्नेह और श्रद्धा का भाव बनाए रखें।
- धैर्य रखें और निरंतरता बनाए रखें।
10. क्या योगमाया देवी मंत्र जाप से सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं?
योगमाया देवी मंत्र का जाप श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से भक्त की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। हालांकि, धैर्य और निरंतरता आवश्यक है।
11. मंत्र जाप के दौरान क्या व्रत रखना अनिवार्य है?
व्रत रखना अनिवार्य नहीं है, लेकिन यदि संभव हो तो पूजा के दिन व्रत रखें। इससे पूजा का प्रभाव बढ़ता है।
12. क्या मंत्र जाप के लिए विशेष माला का उपयोग करना चाहिए?
हाँ, मंत्र जाप के लिए रुद्राक्ष या स्फटिक की माला का उपयोग करना शुभ माना जाता है। यह माला ऊर्जा और ध्यान को बढ़ाती है।
13. क्या योगमाया देवी की पूजा के लिए कोई विशेष दिन होता है?
मंगलवार और शुक्रवार योगमाया देवी की पूजा के लिए विशेष माने जाते हैं। इन दिनों में पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
14. क्या पूजा के समय दिशा का ध्यान रखना जरूरी है?
हाँ, पूजा करते समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ होता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
15. क्या योगमाया देवी की पूजा से मानसिक तनाव दूर होता है?
हाँ, योगमाया देवी की पूजा और मंत्र जाप से मानसिक तनाव और चिंता दूर होती है, जिससे मन को शांति मिलती है।
16. क्या पूजा के बाद प्रसाद का सेवन करना चाहिए?
हाँ, पूजा के बाद प्रसाद का सेवन करना शुभ होता है। इससे देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
17. क्या पूजा के समय परिवार के अन्य सदस्य भी उपस्थित हो सकते हैं?
हाँ, परिवार के अन्य सदस्य भी पूजा में शामिल हो सकते हैं। इससे सामूहिक रूप से देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
18. क्या योगमाया देवी की पूजा से धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है?
हाँ, योगमाया देवी की पूजा से धन-संपत्ति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। देवी की कृपा से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
19. क्या पूजा के दौरान कोई विशेष भजन या स्तुति गाई जा सकती है?
हाँ, पूजा के दौरान योगमाया देवी के भजन या स्तुति गाई जा सकती है। इससे वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है।
20. क्या योगमाया देवी की पूजा के बाद विशेष नियमों का पालन करना चाहिए?
हाँ, पूजा के बाद शुद्धता, स्नेह, और श्रद्धा का पालन करें। नकारात्मक विचारों और कार्यों से दूर रहें और देवी का आशीर्वाद प्राप्त करें।
योगमाया देवी की आराधना करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं। उनकी कृपा से जीवन की सभी बाधाओं का निवारण होता है और सफलता, सुख, और समृद्धि प्राप्त होती है। यह मंत्र साधना भक्तों के जीवन में नई ऊर्जा और आस्था का संचार करती है।