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8 april 2024-surya grahan

सूर्य ग्रहण

जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, और सूर्य के प्रकाश को पूरी तरह या आंशिक रूप से रोक देता है।तब यह सूर्य ग्रहण कहलाता है। सूर्य ग्रहण के दिन योग, ध्यान, पूजा-पाठ, साधना व मंत्र जप अवश्य करना चाहिये।

सूर्य ग्रहण के ३ प्रकार

  • पूर्ण सूर्य ग्रहण: जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है, तो यह पूर्ण सूर्य ग्रहण कहलाता है।
  • आंशिक सूर्य ग्रहण: जब चंद्रमा सूर्य को आंशिक रूप से ढक लेता है, तो यह आंशिक सूर्य ग्रहण कहलाता है।
  • वलयाकार सूर्य ग्रहण: जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है, लेकिन सूर्य के चारों ओर एक चमकदार वलय दिखाई देता है, तो यह वलयाकार सूर्य ग्रहण कहलाता है।

8 अप्रैल 2024 को सूर्य ग्रहण होगा

8 अप्रैल 2024 को एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। यह ग्रहण उत्तरी अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको से होकर गुजरेगा।

सूर्य ग्रहण भारत में होगा कि नही?

8 अप्रैल 2024 का सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिये भारत मे सूतक काल मान्य नही है। भारत में अगला सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर 2025 को दिखाई देगा।

सूर्य ग्रहण मे सावधानियां क्या बरते?

  • सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से न देखें।
  • सूर्य ग्रहण को देखने के लिए विशेष चश्मे का उपयोग करें।
  • सूर्य ग्रहण को देखने के लिए वेल्डिंग गॉगल्स का उपयोग न करें।
  • सूर्य ग्रहण को देखने के लिए टेलिस्कोप या बाइनोकुलर का उपयोग न करें।

सूर्य ग्रहण के प्रमुख लाभ

  1. नकारात्मक ऊर्जा का नाश: सूर्य ग्रहण के समय किए गए पूजा और मंत्र जाप से वातावरण में फैली नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है, जिससे मानसिक शांति और सकारात्मकता प्राप्त होती है।
  2. पापों का नाश: इस समय की गई पूजा और दान से पिछले कर्मों से जुड़े पापों का नाश होता है और व्यक्ति के जीवन में शुद्धता आती है।
  3. ग्रह दोषों की शांति: सूर्य ग्रहण के दौरान की गई पूजा और हवन से कुंडली में मौजूद ग्रह दोषों की शांति होती है, जिससे जीवन में आ रही बाधाओं का निवारण होता है।
  4. आध्यात्मिक उन्नति: ग्रहण के समय ध्यान और साधना करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है और उसे आत्मज्ञान की प्राप्ति हो सकती है।
  5. स्वास्थ्य लाभ: सूर्य ग्रहण के समय ध्यान और योग करने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, विशेषकर यदि यह ध्यान शुद्धता और शांति के उद्देश्य से किया गया हो।
  6. धन और समृद्धि: ग्रहण के समय किए गए दान और पूजा से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और धन-संपत्ति की वृद्धि होती है।
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