कालरात्रि कवच पाठ- शत्रु और भय से मुक्ति का उपाय
माता कालरात्रि कवचम् का पाठ साधकों के लिए अद्वितीय सुरक्षा कवच प्रदान करता है। माता कालरात्रि अपने भयंकर रूप में भक्तों की सभी विपत्तियों और संकटों से रक्षा करती हैं। उनके कवच का पाठ नकारात्मक शक्तियों, रोगों, भय और शत्रुओं से मुक्ति दिलाता है। साधक इसे पढ़कर जीवन में आत्मविश्वास, साहस और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करता है।
संपूर्ण कालरात्रि कवचम् व उसका अर्थ
कवचम्
ॐ सहस्त्रशीरसा देवि त्रैलोक्य विजयेश्वरी।
भैरवी भूतनाथेशी कालरात्रि नमोऽस्तु ते॥1॥
अर्थ:
हे सहस्त्र सिर वाली देवी, जो तीनों लोकों में विजय प्राप्त करने वाली हैं। भैरवी, भूतनाथ की पत्नी कालरात्रि, आपको नमन है।
कवचम्
कौमारी रक्तदन्ता च चामुण्डा देवी वारुणी।
कौशिकी शैलजा देवी कालरात्रि नमोऽस्तु ते॥2॥
अर्थ:
आप कौमारी, रक्तदन्ता, चामुण्डा और वारुणी स्वरूपा देवी हैं। कौशिकी और शैलजा स्वरूप में आपको नमस्कार है। हे कालरात्रि देवी, आपको प्रणाम।
कवचम्
शिवदूती शिवाकारा गौरी कालानलोपमा।
भैरवी भूतनाथेशी कालरात्रि नमोऽस्तु ते॥3॥
अर्थ:
आप शिवदूती हैं, शिवाकार रूप धारण करने वाली हैं। गौरी और कालानल के समान तेजस्वी रूप वाली देवी कालरात्रि, आपको नमन।
कवचम्
जया च विजया चैव राधिका भागवत्प्रिया।
कालरात्रि मोक्षदा देवी कालरात्रि नमोऽस्तु ते॥4॥
अर्थ:
आप जय, विजय और राधिका हैं, जो भगवान की प्रिय हैं। हे कालरात्रि, मोक्ष प्रदान करने वाली देवी, आपको नमन।
कवचम्
त्रैलोक्य विजयाकारं कालरात्रि भयङ्करी।
शत्रून् संहारिणी दुर्गे कालरात्रि नमोऽस्तु ते॥5॥
अर्थ:
हे देवी कालरात्रि, जो तीनों लोकों में विजय का प्रतीक हैं। भय पैदा करने वाली, शत्रुओं का संहार करने वाली और दुर्गा स्वरूपा, आपको नमन।
यह कालरात्रि कवचम् साधक की रक्षा करता है, उसे शत्रुओं और विपत्तियों से मुक्त करता है।
कालरात्रि कवचम् के लाभ
- नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा।
- शत्रुओं से मुक्ति।
- रोगों से छुटकारा।
- भय और चिंता का नाश।
- आत्मबल में वृद्धि।
- धन और समृद्धि की प्राप्ति।
- मानसिक शांति।
- आत्मविश्वास में वृद्धि।
- आध्यात्मिक उन्नति।
- बुरी नजर से रक्षा।
- जीवन में स्थिरता।
- परिवार में शांति और सुख।
- अचानक आने वाली विपत्तियों से बचाव।
- संतान सुख की प्राप्ति।
- विवाह में सफलता।
- दुर्घटनाओं से बचाव।
- आध्यात्मिक शक्ति और सिद्धि प्राप्त होती है।
कालरात्रि कवचम् विधि
माता कालरात्रि कवच का पाठ नित्य 41 दिनों तक करना चाहिए। एकांत में, पवित्र स्थान पर बैठकर स्नान के बाद पाठ आरंभ करें। पहले दिन दीपक जलाकर, माता की प्रतिमा या चित्र के समक्ष पाठ करें। इस दौरान धूप, दीप, फूल, और नैवेद्य अर्पण करें।
दिन, अवधि और मुहूर्त
मंगलवार और शनिवार के दिन माता कालरात्रि का कवच पाठ विशेष रूप से फलदायी होता है। पाठ का सर्वोत्तम समय ब्रह्म मुहूर्त, सुबह 4 से 6 बजे तक होता है। साधक को 41 दिनों तक नियमित रूप से पाठ करना चाहिए।
कालरात्रि कवचम् के नियम
माता कालरात्रि कवच का पाठ गुप्त रूप से करना चाहिए। पूजा और साधना के दौरान किसी को जानकारी न दें। साधक को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस दौरान सात्विक भोजन करें, तामसिक भोजन जैसे मांसाहार और शराब से दूर रहें। नीले और काले वस्त्र पहनने से बचें।
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कालरात्रि कवचम् पाठ की सावधानियाँ
मंत्र जप और कवच पाठ के दौरान साधक को किसी भी प्रकार की नकारात्मक सोच से दूर रहना चाहिए। साधना को गुप्त रखें, और इसे बिना किसी अवरोध के पूरा करें। किसी प्रकार का भय या शंका मन में न रखें।
कालरात्रि कवचम् प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: माता कालरात्रि कवच का पाठ क्यों करना चाहिए?
उत्तर: यह कवच साधक को नकारात्मक शक्तियों और शत्रुओं से बचाता है, साथ ही आत्मबल और साहस बढ़ाता है।
प्रश्न 2: किस दिन माता कालरात्रि कवच का पाठ करना शुभ होता है?
उत्तर: मंगलवार और शनिवार माता कालरात्रि कवच का पाठ करने के लिए विशेष रूप से शुभ होते हैं।
प्रश्न 3: क्या यह पाठ गुप्त रखना चाहिए?
उत्तर: हां, माता कालरात्रि कवच का पाठ गुप्त रूप से करना चाहिए।
प्रश्न 4: पाठ के दौरान कौन से वस्त्र पहनने चाहिए?
उत्तर: साधक को सफेद या लाल वस्त्र पहनने चाहिए। नीले और काले कपड़े न पहनें।
प्रश्न 5: पाठ की अवधि कितनी होनी चाहिए?
उत्तर: माता कालरात्रि कवच का पाठ लगातार 41 दिनों तक करना चाहिए।
प्रश्न 6: क्या महिलाएँ भी यह पाठ कर सकती हैं?
उत्तर: हां, स्त्री और पुरुष दोनों माता कालरात्रि कवच का पाठ कर सकते हैं।
प्रश्न 7: क्या पाठ के दौरान मांसाहार और नशा किया जा सकता है?
उत्तर: नहीं, साधना के दौरान मांसाहार, नशा और तामसिक भोजन से बचना चाहिए।
प्रश्न 8: क्या पाठ किसी विशेष समय पर करना चाहिए?
उत्तर: हां, ब्रह्म मुहूर्त यानी सुबह 4 से 6 बजे के बीच पाठ करना श्रेष्ठ होता है।
प्रश्न 9: कवच का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
उत्तर: साधक को 11 माला यानी 1188 मंत्र का जप करना चाहिए।
प्रश्न 10: क्या पाठ से रोगों से मुक्ति मिलती है?
उत्तर: हां, माता कालरात्रि कवच का पाठ करने से गंभीर रोगों से भी मुक्ति मिलती है।
प्रश्न 11: क्या यह कवच परिवार में शांति लाता है?
उत्तर: हां, माता कालरात्रि कवच का पाठ परिवार में सुख, शांति और समृद्धि लाता है।
प्रश्न 12: क्या साधना के दौरान नियम भंग करने से हानि हो सकती है?
उत्तर: हां, नियमों का पालन न करने पर साधना विफल हो सकती है।