अष्टदशाक्षर हनुमान मंत्र: जीवन की हर बाधा को दूर करने वाला दिव्य साधना मंत्र
अष्टदशाक्षर हनुमान मंत्र “मंत्र महोदधि” के अनुसार एक शक्तिशाली साधना मंत्र है। यह मंत्र हर तरह की सुरक्षा, सफलता, और मंगलकारी कार्यों में सहायक है। इसमें भगवान हनुमान की असीम शक्ति और उनके आशीर्वाद का आह्वान किया जाता है। इस मंत्र का जप करते हुए साधक सभी प्रकार के विघ्नों से मुक्त होकर अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है।
विनियोग मंत्र व उसका अर्थ
विनियोग मंत्र:
ॐ अस्य श्री अष्टदशाक्षर हनुमान मंत्रस्य, रामचन्द्र ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, हनुमान देवता।
मम सकल विघ्न निवारणार्थे सर्व मनोभिलाष सिद्धये जपे विनियोगः॥
अर्थ: इस मंत्र के ऋषि रामचन्द्र हैं, छंद अनुष्टुप है और देवता हनुमान हैं। यह मंत्र सभी विघ्नों को दूर करने और इच्छाओं की पूर्ति के लिए उपयोग किया जाता है।
दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र व उसका अर्थ
दिग्बंधन मंत्र:
- ॐ हनुमते नमः पूर्वाय नमः।
- ॐ हनुमते नमः आग्नेयाय नमः।
- ॐ हनुमते नमः दक्षिणाय नमः।
- ॐ हनुमते नमः नैऋत्याय नमः।
- ॐ हनुमते नमः पश्चिमाय नमः।
- ॐ हनुमते नमः वायव्याय नमः।
- ॐ हनुमते नमः उत्तराय नमः।
- ॐ हनुमते नमः ईशानाय नमः।
अर्थ: इस मंत्र के माध्यम से सभी दिशाओं में भगवान हनुमान का आह्वान कर सुरक्षा का कवच बनाया जाता है।
अष्टदशाक्षर हनुमान मंत्र व उसका संपूर्ण अर्थ
मंत्र:
नमो भगवते अंजनेयाय महाबलाय स्वाहा
संपूर्ण अर्थ:
- नमो: नमन, समर्पण, और विनम्रता का प्रतीक है। इसका अर्थ है भगवान को साष्टांग प्रणाम।
- भगवते: यह शब्द भगवान हनुमान की दिव्यता और उनके अनंत गुणों का आह्वान करता है।
- अंजनेयाय: अंजनी के पुत्र, जो अंजनी माता की कोख से जन्मे हैं। यह हनुमान जी की महानता और उनकी मूल पहचान को दर्शाता है।
- महाबलाय: अत्यधिक बलवान, जो असीम शक्ति और पराक्रम के स्वामी हैं। यह शब्द हनुमान जी की अद्वितीय ताकत को व्यक्त करता है।
- स्वाहा: यह शब्द मंत्र को पूर्णता प्रदान करता है और इसके आंतरिक अर्थ को सक्रिय करता है। यह देवताओं के चरणों में समर्पण का प्रतीक है।
इस मंत्र का उच्चारण साधक को भगवान हनुमान की शक्ति, आशीर्वाद और सुरक्षा का अनुभव कराता है। यह सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करता है और साधक के जीवन में सफलता और शांति लाने में सहायक है।
जप काल में इन चीजों का सेवन अधिक करें
- फल और सूखे मेवे।
- गाय का दूध और उससे बने उत्पाद।
- सात्त्विक भोजन।
- तुलसी के पत्ते।
- शुद्ध घी।
अष्टदशाक्षर हनुमान मंत्र के लाभ
- सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति।
- मानसिक शांति और स्थिरता।
- कार्यों में सफलता।
- शत्रुओं पर विजय।
- आरोग्यता में वृद्धि।
- धन-धान्य की प्राप्ति।
- भय और अनहोनी से सुरक्षा।
- परिवार की सुख-शांति।
- ऊर्जा और आत्मबल का विकास।
- आध्यात्मिक उन्नति।
- आत्मविश्वास में वृद्धि।
- बच्चों की सुरक्षा।
- विवाह में आने वाले विघ्नों का समाधान।
- कर्ज से मुक्ति।
- व्यापार में सफलता।
- घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह।
- यात्रा में सुरक्षा।
- शुभ कार्यों की सिद्धि।
पूजा सामग्री व मंत्र विधि
आवश्यक सामग्री
- शुद्ध जल।
- रोली, मौली।
- पंचामृत।
- चावल।
- हनुमानजी का चित्र या मूर्ति।
- देसी घी का दीपक।
- गुड़-चने का भोग।
मंत्र विधि
- प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें।
- पूजन स्थान को साफ करें और पूजा सामग्री तैयार रखें।
- दीपक जलाएं और हनुमानजी की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं।
- गुड़-चने का भोग अर्पित करें।
- मंत्र का जप 20 मिनट तक 11 दिनों तक करें।
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मंत्र जप के नियम
- 20 वर्ष से ऊपर के साधक ही जप करें।
- स्त्री-पुरुष दोनों कर सकते हैं।
- सफेद या लाल वस्त्र पहनें।
- धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार का त्याग करें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
जप सावधानियां
- जप के दौरान मन को एकाग्र रखें।
- अशुद्ध स्थान पर जप न करें।
- मंत्र का उच्चारण शुद्धता से करें।
- पूजा स्थान पर स्वच्छता का ध्यान रखें।
मंत्र से संबंधित प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: अष्टदशाक्षर हनुमान मंत्र का क्या महत्व है?
उत्तर: यह मंत्र सुरक्षा और सभी प्रकार के विघ्नों को दूर करने में सहायक है।
प्रश्न 2: मंत्र का जप कब करना चाहिए?
उत्तर: प्रातःकाल या संध्या के समय शुभ होता है।
प्रश्न 3: क्या महिलाएं इस मंत्र का जप कर सकती हैं?
उत्तर: हां, महिलाएं भी कर सकती हैं।
प्रश्न 4: मंत्र का जप कितने दिन करना चाहिए?
उत्तर: इसे 11 दिनों तक प्रतिदिन 20 मिनट तक करें।
प्रश्न 5: इस मंत्र से कौन-कौन से लाभ होते हैं?
उत्तर: यह सभी बाधाओं को दूर कर सुख-समृद्धि प्रदान करता है।
प्रश्न 6: क्या इस मंत्र के लिए विशेष सामग्री की आवश्यकता है?
उत्तर: हां, पूजा सामग्री में दीपक, भोग, पंचामृत आदि आवश्यक हैं।
प्रश्न 7: मंत्र जप के समय क्या परहेज करें?
उत्तर: धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से बचें।
प्रश्न 8: क्या इस मंत्र का जप यात्रा में किया जा सकता है?
उत्तर: नहीं, इसे शुद्ध और स्थिर स्थान पर करना चाहिए।
प्रश्न 9: क्या यह मंत्र नौकरी में सफलता दिला सकता है?
उत्तर: हां, यह कार्यसिद्धि और सफलता में सहायक है।
प्रश्न 10: क्या यह मंत्र बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रभावी है?
उत्तर: हां, यह बच्चों की सुरक्षा में सहायक है।
प्रश्न 11: इस मंत्र का दिग्बंधन कैसे करें?
उत्तर: दिग्बंधन मंत्र से सभी दिशाओं को सुरक्षित करें।
प्रश्न 12: मंत्र का जप खाली पेट करना चाहिए या भोजन के बाद?
उत्तर: इसे स्नान और भोजन के बाद करना उचित है।