Monday, 5th of May 2025- बगलामुखी जयंती- हर तरह की सुरक्षा
१० महाविद्या मे ८वी महाविद्या बगलामुखी जयंती को हर वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। यह इस वर्ष 202५ में ५ मई को पड़ रही है। कार्य मे सफलता देने वाली माता बगलामुखी की पूजा साधना से अनेको लाभ मिलते है।
बगलामुखी मंत्र व उसका संपूर्ण अर्थ
मंत्र:
ॐ ह्ल्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचम् मुखम् पदम् स्तंभय जीव्हा कीलय बुद्धि विनाशय ह्ल्रीं ॐ स्वाहा।
अर्थ:
इस मंत्र में देवी बगलामुखी से प्रार्थना की जाती है कि वह सभी शत्रुओं की वाणी, मुख, पैर, जीभ और बुद्धि को स्थिर करें और नष्ट कर दें। यह मंत्र शत्रुओं के दुष्प्रभाव और अनिष्ट शक्तियों को रोकने के लिए अत्यधिक शक्तिशाली माना जाता है।
- ॐ: परमात्मा या ब्रह्मांड की अनंत शक्ति का प्रतीक।
- ह्ल्रीं: यह बीज मंत्र देवी बगलामुखी का प्रतिनिधित्व करता है और इसमें उनकी ऊर्जा को सक्रिय करने की शक्ति है।
- बगलामुखी: देवी का नाम, जो शत्रुओं का नाश करने वाली और उनके प्रभाव को स्थिर करने वाली हैं।
- सर्व दुष्टानां: सभी दुष्ट या शत्रुओं के लिए।
- वाचम्: वाणी या बोलने की शक्ति।
- मुखम्: मुख या चेहरे का प्रतीक।
- पदम्: कदम या गति।
- स्तंभय: स्थिर करो या रोक दो।
- जीव्हा: जीभ, जो बोलने का माध्यम है।
- कीलय: जड़ से रोक दो या पिन कर दो।
- बुद्धि: बुद्धि या सोचने की क्षमता।
- विनाशय: नष्ट कर दो।
- ह्ल्रीं: देवी बगलामुखी का फिर से आह्वान।
- ॐ स्वाहा: आह्वान के अंत में देवी को समर्पण।
यह मंत्र विशेष रूप से शत्रुओं के दुष्प्रभाव को समाप्त करने और मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए जपा जाता है।
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बगलामुखी पूजन के लाभ
- अकस्मात धन प्राप्ति।
- शत्रुओं के प्रति सफलता।
- आर्थिक विवाद मे सफलता
- कोर्ट-कचहरी विवाद
- निराधार व्यक्ति के लिए सहायक होता है।
- विवाह या संबंधों में समस्याओं का समाधान।
- स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का निवारण।
- व्यापार में वृद्धि और सफलता।
- शांति, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति।
- नेगेटिव ऊर्जा और बुरी दृष्टि का निवारण।
- न्याय और अधिकार की प्राप्ति।
- अज्ञान और अंधविश्वास का नाश।
- मानसिक शांति और चित्त की शुद्धि।
- धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष की प्राप्ति।
बगलामुखी जयंती सामान्य प्रश्न (FAQ)
1. बगलामुखी जयंती क्या है?
बगलामुखी जयंती वह दिन है जब देवी बगलामुखी की पूजा उनकी दिव्य शक्तियों को याद करते हुए की जाती है।
2. बगलामुखी कौन हैं?
देवी बगलामुखी महाविद्याओं में से एक हैं, जिन्हें शत्रुओं और नकारात्मक शक्तियों को नियंत्रित करने वाली देवी के रूप में जाना जाता है।
3. बगलामुखी जयंती कब मनाई जाती है?
यह पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है, जो अप्रैल या मई में आता है।
4. इस दिन कौन सी पूजा की जाती है?
बगलामुखी जयंती पर देवी बगलामुखी की विशेष पूजा की जाती है, जिसमें उनके मंत्रों का जाप और यज्ञ किया जाता है।
5. बगलामुखी का प्रमुख मंत्र कौन सा है?
“ॐ ह्ल्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जीवं कीलय बुद्धिं विनाशय ह्ल्रीं ॐ स्वाहा।”
6. बगलामुखी जयंती का धार्मिक महत्त्व क्या है?
यह दिन देवी बगलामुखी की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष है। यह शत्रुओं को नियंत्रित करने और सफलता प्राप्त करने का समय माना जाता है।
7. बगलामुखी जयंती के दिन व्रत कैसे किया जाता है?
इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और पूरे दिन देवी बगलामुखी के नाम का स्मरण और मंत्र जाप करते हैं।
8. इस दिन कौन से विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं?
बगलामुखी जयंती पर यज्ञ, हवन और विशेष तांत्रिक पूजा की जाती है, जिससे शत्रुओं का नाश होता है।
9. क्या इस दिन विशेष भोग लगाया जाता है?
इस दिन देवी को हल्दी, गुड़, और पीले वस्त्र अर्पित करना शुभ माना जाता है। हल्दी देवी बगलामुखी का प्रमुख प्रिय भोग है।
10. बगलामुखी जयंती के दिन कौन से रंग पहनने चाहिए?
पीला रंग देवी बगलामुखी का प्रिय है, इसलिए इस दिन पीले वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है।
11. क्या इस दिन कोई विशेष उपाय किए जाते हैं?
बगलामुखी जयंती पर तांत्रिक साधना, शत्रु निवारण के उपाय और बाधाओं से मुक्ति के लिए विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।
12. बगलामुखी की पूजा से क्या लाभ होता है?
देवी बगलामुखी की पूजा से शत्रुओं का नाश, विवादों से मुक्ति और जीवन में शांति एवं सफलता प्राप्त होती है।
13. बगलामुखी जयंती पर क्या करना शुभ माना जाता है?
इस दिन देवी के मंत्रों का जाप, पीले वस्त्र धारण करना, और हल्दी का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
14. क्या इस दिन साधारण व्यक्ति भी पूजा कर सकता है?
हां, बगलामुखी जयंती पर साधारण भक्त भी श्रद्धा से पूजा कर सकते हैं और देवी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
15. बगलामुखी जयंती पर तांत्रिक साधना का क्या महत्त्व है?
यह दिन तांत्रिक साधना के लिए विशेष रूप से उपयुक्त होता है। इससे शत्रु नाश और मानसिक शांति प्राप्त की जा सकती है।