माता बगलामुखी १० महाविद्या मे से एक महाविद्या मानी जाती है. जिनकी पूजा विशेष रूप से धन, समृद्धि, और हर क्षेत्र मे विजय प्राप्त करने के लिए की जाती है. इसके अलावा कोर्ट कचहरी, विवाद मे भी लोग माता बगलामुखी की शरण लेते है. वे तंत्र में एक अलौकिक शक्ति के रूप में मानी जाती हैं जो भक्तों को बुरी नज़र, शत्रुओं और अशुभ शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करती हैं।
बगलामुखी माता का नाम “बगला” और “मुख” से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है “बाल का मुख”। इसका अर्थ है कि वे अपने भक्तों के लिए समस्याओं को “मुंह में बांध” देती हैं और उन्हें उनके लक्ष्यों में सफलता प्रदान करती हैं।
बगलामुखी माता की पूजा के लिए विशेष मंत्र और तंत्र का उपयोग किया जाता है, जिसमें ध्यान, मुद्राएं, और यंत्रों का उपयोग होता है। उनके पूजन से भक्तों को सकारात्मक ऊर्जा, स्थिरता, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
माता बगलामुखी FAQ
- माता बगलामुखी कौन हैं?
माता बगलामुखी दस महाविद्याओं में से एक प्रमुख देवी हैं, जिन्हें शत्रुओं का नाश करने वाली और अपने भक्तों की रक्षा करने वाली देवी माना जाता है। - माता बगलामुखी का मुख्य मंत्र क्या है?
माता बगलामुखी का मुख्य मंत्र है:
|| ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा || "OM HLREEM BAGALAMUKHI SARVA DUSHTAANAAM VAACHAM MUKHAMM PADAMM STAMBHAY JEEVHA KEELAY BUDDHI VINAASHAY HLREEM OM SVAHA"
- इस मंत्र का जप कितनी बार करना चाहिए?
प्रतिदिन 108 बार मंत्र जप करना चाहिए। - मंत्र जप का सर्वोत्तम समय कौन सा है?
ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 बजे से 6 बजे के बीच) में मंत्र जप करना सर्वोत्तम होता है। - मंत्र जप के लिए किस प्रकार की माला का उपयोग करना चाहिए?
हल्दी की माला का उपयोग करना चाहिए। - क्या माता बगलामुखी की साधना हर कोई कर सकता है?
नहीं, इस साधना को केवल 20 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति ही कर सकते हैं। - मंत्र जप के दौरान कौन-कौन सी सावधानियों का पालन करना चाहिए?
शारीरिक और मानसिक शुद्धता, संकल्प का पालन, साधना की गोपनीयता, और पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। - साधना के दौरान किस प्रकार का आहार लेना चाहिए?
साधना के दौरान साधक को तामसिक भोजन और मदिरा से बचना चाहिए। - मंत्र जप का स्थान कैसा होना चाहिए?
मंत्र जप के लिए शांत और पवित्र स्थान का चयन करना चाहिए, जहां किसी प्रकार की बाधा न हो। - माता बगलामुखी की साधना कितने दिनों तक करनी चाहिए?
इस मंत्र की साधना 21 दिनों तक करनी चाहिए। - माता बगलामुखी की साधना से क्या-क्या लाभ प्राप्त होते हैं?
शत्रुओं का नाश, विजय प्राप्ति, धन और समृद्धि, बुद्धि में वृद्धि, आत्मविश्वास में वृद्धि, शांति और स्थिरता, सफलता, सृजनात्मकता, धार्मिक उन्नति, सकारात्मक ऊर्जा, आध्यात्मिक ज्ञान, रोगों से मुक्ति, मानसिक शांति, परिवार में सुख-शांति, सपनों की प्राप्ति, समाज में प्रतिष्ठा, रक्षा कवच, संकल्प सिद्धि, संपूर्ण विकास, और आध्यात्मिक शांति सहित 20 लाभ प्राप्त होते हैं। - क्या साधना के बाद विश्राम करना आवश्यक है?
हां, साधना के बाद थोड़ा विश्राम अवश्य करना चाहिए। - क्या माता बगलामुखी की साधना में कोई विशेष पूजा सामग्री की आवश्यकता होती है?
हां, पीले पुष्प, हल्दी, कुमकुम, और दीपक की आवश्यकता होती है। - क्या माता बगलामुखी की साधना केवल विशेष अवसरों पर की जा सकती है?
नहीं, माता बगलामुखी की साधना किसी भी समय की जा सकती है, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त में करना सर्वोत्तम होता है। - माता बगलामुखी की कृपा से कौन-कौन सी समस्याएं हल होती हैं?
शत्रुओं से रक्षा, कोर्ट केस में विजय, बुरी नजर से बचाव, नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति, मानसिक शांति, और समृद्धि प्राप्त होती है। - क्या माता बगलामुखी की साधना के दौरान अन्य देवी-देवताओं की पूजा की जा सकती है?
हां, माता बगलामुखी की साधना के दौरान अन्य देवी-देवताओं की पूजा की जा सकती है, लेकिन साधना के समय पूर्ण ध्यान माता बगलामुखी पर ही केंद्रित होना चाहिए। - क्या साधना के दौरान किसी विशेष वस्त्र का उपयोग करना चाहिए?
हां, साधना के दौरान पीले रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए। - क्या माता बगलामुखी की साधना के दौरान किसी प्रकार की व्रत या उपवास रखना आवश्यक है?
साधना के दौरान व्रत या उपवास रखने से साधक की शुद्धता और साधना की प्रभावशीलता बढ़ती है। - मंत्र जप के दौरान ध्यान किस पर केंद्रित करना चाहिए?
मंत्र जप के दौरान ध्यान माता बगलामुखी के दिव्य स्वरूप और उनके आशीर्वाद पर केंद्रित करना चाहिए। - क्या माता बगलामुखी की साधना से व्यक्तिगत और पारिवारिक समस्याएं हल हो सकती हैं?
हां, माता बगलामुखी की कृपा से व्यक्तिगत और पारिवारिक समस्याएं भी हल हो सकती हैं, और परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का संचार होता है।
अंत में
माता बगलामुखी का मंत्र और उनकी साधना अत्यंत प्रभावशाली और शक्तिशाली है। इसका सही विधि और नियमों का पालन करते हुए जप करने से साधक को विद्या, बुद्धि, धन, समृद्धि, और विजय प्राप्त होती है। साधना के दौरान सभी सावधानियों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि साधक को पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके। माता बगलामुखी की कृपा से साधक जीवन के सभी क्षेत्रों में उन्नति और सफलता प्राप्त करता है।