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Lakshmi Ganesha Pujan Shivir

Lakshmi Ganesha Pujan Shivir

17 Sept. 2024- लक्ष्मी-गणेश पूजन शिविर- (अनंत चतुर्दशी) वज्रेश्वरी

लक्ष्मी-गणेश पूजन शिविर का आयोजन अनंत चतुर्दशी के शुभ मुहुर्थ पर किया जा रहा है। इसका का उद्देश्य भक्तों को मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त कराना है। यह शिविर विशेष रूप से उन लोगों के लिए आयोजित किया जाता है जो अपनी आर्थिक स्थिति, कर्ज, विघ्न बाधा की समस्या को सुधारना चाहते हैं और जीवन में समृद्धि प्राप्त करना चाहते हैं।

इस शिविर मे आप आकर भी भाग ले सकते है या ऑनलाईन भी भाग ले सकते है।

लक्ष्मी-गणेश पूजन शिविर से लाभ

  1. आर्थिक समृद्धि: लक्ष्मी-गणेश पूजा करने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
  2. शांति और संतोष: पूजा से मानसिक शांति और संतोष प्राप्त होता है।
  3. परिवारिक सुख: परिवार में सुख-शांति और सामंजस्य बना रहता है।
  4. स्वास्थ्य लाभ: नियमित पूजा से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  5. व्यापार में वृद्धि: व्यापार में वृद्धि और समृद्धि प्राप्त होती है।
  6. विघ्नों का नाश: भगवान गणेश की पूजा से सभी विघ्नों का नाश होता है।
  7. सकारात्मक ऊर्जा: पूजा से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  8. दृढ़ संकल्प: पूजा से मन में दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास बढ़ता है।
  9. समस्याओं का समाधान: जीवन की समस्याओं का समाधान मिलता है।
  10. आध्यात्मिक उन्नति: पूजा से आध्यात्मिक उन्नति और आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।
  11. सुख-समृद्धि का विस्तार: परिवार में सुख-समृद्धि का विस्तार होता है।
  12. कर्मों का शुद्धिकरण: पूजा से पापों का नाश और पुण्य का संचय होता है।

Book pujan shivir

पूजा के दिन क्या खाएं और क्या न खाएं?

क्या खाएं: पूजा के दिन हल्का और सात्त्विक भोजन करें। फलों का सेवन करें, जैसे सेब, केला, और अंगूर। दूध और उससे बने पदार्थ जैसे खीर, पनीर और दही का सेवन करें। सूखे मेवे जैसे बादाम, काजू, और किशमिश खा सकते हैं।

क्या न खाएं: तामसिक भोजन जैसे लहसुन, प्याज, मांस और मछली से परहेज करें। शराब और तम्बाकू का सेवन न करें। अधिक मसालेदार और तैलीय भोजन से भी बचें।

पूजा के दौरान सावधानियां

  1. शारीरिक शुद्धता: पूजा से पहले स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
  2. मानसिक शुद्धता: पूजा के दौरान मन को शांत और स्थिर रखें।
  3. भक्तिभाव: भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा में पूर्ण श्रद्धा और भक्ति का भाव रखें।
  4. सही दिशा: पूजा स्थल को उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रखें।
  5. समय का ध्यान: पूजा का समय शुभ मुहूर्त में करें।

लक्ष्मी-गणेश पूजन शिविर मे भाग लेने वालों के लिये

  • इस शिविर इस शिविर मे भाग लेना चाहते है तो ब्लू ब्लैक कपड़े न पहने।
  • एक नारियल व घी लेकर आना होगा।
  • आप कोई भी कपड़े पहने, लेकिन साधना मे ढीले-ढाले वस्त्र पहनना है।
  • इस साधना मे लक्ष्मी-गणेश कवच हमारी तरफ से दिया जायेगा।
  • पूजन का समय २ से ५ घंटे तक का हो सकता है।

ऑनलाईन भाग लेने वालों के लिये

  • रजिस्ट्रेशन करने के बाद कोई भी भक्त भाग ले सकता है।
  • आपको अपना नाम, पिता का नाम, गोत्र व फोटो WhatsApp पर भेजना होगा।
  • आपको उच्चारण के साथ मंत्र का ऑडियो WhatsApp द्वारा भेजा जायेगा।
  • जो मंत्र दिया जायेगा उसको अपने समय के अनुसार जाप कर सकते है। यानी आपका जो रुटीन कार्य है, वह करे और बीच बीच मे समय निकालकर मंत्र का जप करे।
  • मंत्र जप के दौरान ब्लू व ब्लैक कपड़े न पहने।
  • पूजन हवन यूट्यूब पर लाईव दिखाया जायेगा।
  • पूजन समाप्त होने के २४ घंटे के अंदर किसी को खाने पीने वस्तु दान करे, पैसे दान न करे।
  • लक्ष्मी-गणेश पूजन समाप्त होने के बाद यंत्र व सामग्री आपको भेजी जायेगी।

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लक्ष्मी-गणेश पूजन- ऑनलाईन भाग लेने वालों के लिये

इसके बाद लक्ष्मी-गणेश पूजन सामग्री आपके घर पर विधि के साथ कुरियर से भेज दी जाती है तथा बाकी की जानकारी WhatsApp पर दी जाती है।

रजिस्ट्रेशन करने के बाद कोई भी भक्त भाग ले सकता है।

आपको अपना नाम, पिता का नाम, गोत्र व फोटो WhatsApp पर भेजना होगा।

लक्ष्मी-गणेश पूजन सामग्री आपके फोटो साधना हॉल मे रखी जाती है, जहां पर पूजा होगी।

जो मंत्र दिया जायेगा उसको अपने समय के अनुसार जाप कर सकते है। यानी आपका जो रुटीन कार्य है, वह करे और बीच बीच मे समय निकालकर मंत्र का जप करे।

मंत्र जप के दौरान ब्लू व ब्लैक कपड़े न पहने।

दूसरे दिन साधना समाप्त होने के २४ घंटे के अंदर किसी को खाने पीने वस्तु दान करे, पैसे दान न करे।

Chhaya Purush Sadhana Shivir at Vajreshwari

chhaya purush sadhana shivir

छाया पुरुष साधना, एक ऐसी विधि है जिसमे अपने ही शरीर की छाया के द्वारा मार्गदर्शन लिया जाता है। साधक आत्म-साक्षात्कार और आंतरिक शक्ति प्राप्त करने के लिए इनकी साधना करते है। इस साधना का उद्देश्य अपनी छाया के माध्यम से एक अदृश्य सहायक पुरुष (छाया पुरुष) को जागृत करना होता है, जो साधक की सहायता और मार्गदर्शन करता है। यह साधना उन लोगों के लिए अत्यधिक लाभकारी मानी जाती है जो अपनी आध्यात्मिक, मानसिक, आर्थिक व व्यावसायिक यात्रा में उन्नति चाहते हैं।

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छाया पुरुष साधना के लाभ

  1. आत्मज्ञान और अन्तर्दृष्टि (Intuitions): साधना के माध्यम से साधक को अत्यधिक स्पष्ट और सटीक अन्तर्दृष्टि प्राप्त होती है।
  2. ऊर्जा से मार्गदर्शन (Guidance from energy): छाया पुरुष, साधक को ऊर्जा के रूप में मार्गदर्शन करता है।
  3. बिजनेस में सहायता (Business assistance): यह साधना बिजनेस के निर्णय लेने में सहायता करती है।
  4. निर्णय लेने में मदद (Decision making): कठिन निर्णय लेने में छाया पुरुष सहायक सिद्ध होता है।
  5. डर दूर करना (Removing fear): छाया पुरुष साधना साधक के सभी डर और भय को दूर करने में मदद करती है।
  6. सहयोगी की तरह मदद (Assistance as a companion): छाया पुरुष एक अदृश्य सहयोगी के रूप में हमेशा साधक के साथ रहता है।
  7. नौकरी-बिजनेस में सफलता (Success in job and business): यह साधना नौकरी और व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने में सहायता मिलती है।
  8. शत्रुओं को दूर करना (Removing enemies): साधक के शत्रुओं को दूर करने में छाया पुरुष मदद करता है।
  9. विघ्न बाधा दूर करना (Removing obstacles): जीवन में आने वाली विघ्न बाधाओं को छाया पुरुष साधना दूर करने में सक्षम है।
  10. तंत्र बाधा दूर करना (Removing tantra obstructions): तांत्रिक बाधाओं और ऊपरी बाधाओं को यह साधना दूर करती है।
  11. मुसीबतों से बचाना (Protecting from troubles): छाया पुरुष साधना मुसीबतों से बचाने में सहायक होती है।
  12. मानसिक शक्ति (Mental strength): साधना से मानसिक शक्ति और धैर्य का विकास होता है।
  13. आध्यात्मिक उन्नति (Spiritual advancement): साधक की आध्यात्मिक यात्रा में छाया पुरुष महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  14. विचार शक्ति में वृद्धि (Increase in thought power): साधना से विचार शक्ति और क्रियात्मकता में वृद्धि होती है।
  15. संकल्प शक्ति (Willpower): साधक की संकल्प शक्ति को दृढ़ और मजबूत बनाता है।
  16. ध्यान और एकाग्रता (Meditation and concentration): छाया पुरुष साधना से ध्यान और एकाग्रता की क्षमता बढ़ती है।

साधना की सिद्धि (Sadhana Siddhi)

इस साधना की सिद्धि प्राप्त करने के लिए साधक को 1,25,000 मंत्रों का जाप करना होता है। साधना के लिए आवश्यक होता है। इस शिविर २ दिन लगातार मंत्र का जप किया जाता है, सिर्फ ४ घंटा सोने मिलता है।

साधना शिविर

छाया पुरुष साधना को सीखने और इसे सही ढंग से करने के लिए इस विशेष साधना शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इसमें भाग लेकर साधक इस साधना को गहराई से सीख सकते हैं। इसके अलावा, अब ऑनलाइन भी साधना के लिए भाग लिया जा सकता है।

यह साधना विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो अपने जीवन में आत्मविश्वास, सफलता और सुरक्षा के साथ तरक्की चाहते हैं।

शिविर मे भाग लेने वालों के लिये

  • इस शिविर मे दो दिन तक खाने पीने व रहने की सुविधा दी गई है।
  • साधना करते समय ढीले ढाले वस्त्र पहने
  • ब्लू व ब्लैक रंग के कपड़े छोड़ कर कोई भी रंग का कपड़ा पहन सकते है।
  • साधना मे भाग लेने के लिये १ नारियल व २५० ग्राम गाय का घी लाना अनिवार्य है।
  • आप कोई भी कपड़े पहने, लेकिन साधना मे ढीले-ढाले वस्त्र पहनना है।
  • इस साधना मे छाया पुरुष साधना सामग्री (सिद्ध छाया पुरुष यंत्र, सिद्ध छाया पुरुष माला, छाया पुरुष पारद गुटिका, सफेद-काली-लाल चिरमी दाना, आसन, सिद्ध गोमती चक्र, सिद्ध काली हल्दी, छाया पुरुष कवच) दी जाती है।

ऑनलाईन भाग लेने वालों के लिये

  • रजिस्ट्रेशन करने के बाद कोई भी भक्त भाग ले सकता है।
  • आपको अपना नाम, पिता का नाम, गोत्र व फोटो WhatsApp पर भेजना होगा।
  • छाया पुरुष साधना सामग्री (सिद्ध छाया पुरुष यंत्र, सिद्ध छाया पुरुष माला, छाया पुरुष पारद गुटिका, सफेद-काली-लाल चिरमी दाना, आसन, सिद्ध गोमती चक्र, सिद्ध काली हल्दी, छाया पुरुष कवच) के साथ आपकी फोटो साधना हॉल मे रखी जाती है, जहां पर मंत्र का जाप किया जायेगा।
  • आपको उच्चारण के साथ मंत्र का ऑडियो WhatsApp द्वारा भेजा जायेगा।
  • दूसरे दिन दीक्षा दी जायेगी, इसकी डिटेल जानकारी WhatsApp या फोन पर दी जायेगी।
  • जो मंत्र दिया जायेगा उसको अपने समय के अनुसार जाप कर सकते है। यानी आपका जो रुटीन कार्य है, वह करे और बीच बीच मे समय निकालकर मंत्र का जप करे।
  • मंत्र जप के दौरान ब्लू व ब्लैक कपड़े न पहने।
  • आपको दूसरे दिन दीक्षा दी जायेगी, इसका समय WhatsApp द्वारा दिया जायेगा। शाम के समय हवन होगा, जिसे यूट्यूब पर लाईव दिखाया जायेगा।
  • दूसरे दिन साधना समाप्त होने के २४ घंटे के अंदर किसी को खाने पीने वस्तु दान करे, पैसे दान न करे।
  • इसके बाद छाया पुरुष साधना सामग्री आपके घर पर विधि के साथ कुरियर से भे दी जाती है तथा बाकी की जानकारी WhatsApp पर दी जाती है।

नियम

  • २ दिन ब्रह्मचर्य रहे।
  • अपनी साधना गुप्त रखे।
  • मसालेदार चीजो का सेवन न करे।
  • धूम्रपान, मद्यपान व मांसाहार का सेवन न करे।
  • गुस्से पर नियंत्रण रखे।
  • जिस भी देवी को आप मानते है, उनसे अपने लिये साधना मे सफलता के मनोकामना करे।

Note

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Tantrokta Rudrabhishek pujan for Family Peace

Tantrokta Rudrabhishek pujan for Family Peace

मुंबई के निकट वज्रेश्वरी मे शिवरात्रि के मुहुर्थ पर तंत्रोक्त विधि से रुद्राभिषेक पूजन का आयोजन हो रहा है. इसमे भगवान शिव के सभी १२ ज्योतिर्लिंग की पूजा के साथ ही रुद्राभिषेक पूजन करवाया जायेगा. ये पूजा मनुष्य के सभी पाप को नष्टकर ग्रहस्थ जीवन को सुखमय बनाती है. नजर, तंत्र बाधा व शत्रु दोष को नष्ट करती है. और नौकरी, ब्यवसाय मे सफलता मिलती है.

इसमें भाग लेने के दो तरीके है एक तो शिविर मे आकर साधना में भाग ले सकते है दूसरा आप ऑनलाइन भी भाग ले सकते हैं अगर आप भाग लेना चाहते हैं तो नीचे डिस्क्रिप्शन में लिंक दिया है वहां पर फॉर्म भरकर आप इस शिविर मे शामिल हो सकते है

RUDRABHISHEK PUJAN SHIVIR – BOOKING

रुद्राभिषेक पूजा से कई धार्मिक, आध्यात्मिक और भौतिक लाभ

  1. आध्यात्मिक लाभ: रुद्राभिषेक पूजा से मनुष्य का मानसिक और आध्यात्मिक विकास होता है। यह शांति, संतुलन और आत्मसमर्पण की भावना प्रदान करता है।
  2. शारीरिक लाभ: इस पूजा से शारीरिक रूप से स्वास्थ्य और ताकत मिलती है। यह रोगनिवारण और लंबी आयु के लिए भी लाभकारी होता है।
  3. आर्थिक लाभ: रुद्राभिषेक पूजा से आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है और धन लाभ हो सकता है। यह व्यापार में सफलता और आर्थिक संपन्नता की प्राप्ति में मदद कर सकता है।
  4. परिवारिक और सामाजिक लाभ: इस पूजा से परिवार में एकता और सद्भावना बनी रहती है, जो परिवार के सभी सदस्यों के लिए लाभकारी है। साथ ही, समाज में भी आपकी स्थिति में सम्मान मिल सकता है।
  5. आत्मिक लाभ: यह पूजा आपको अपने आप से और भगवान से जुड़ने की भावना प्रदान कर सकती है, जिससे आपका आत्मविश्वास और स्वाभिमान मजबूत होता है।

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तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा पृश्न उत्तर

  1. तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा क्या है?
    • ये विशेष पूजा है, जिसमें रुद्र के विभिन्न स्वरूपों का अभिषेक किया जाता है।
  2. तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
    • इसका मुख्य उद्देश्य भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना, मनोकामनाओं की पूर्ति, और जीवन में शांति और समृद्धि लाना है।
  3. तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा के लिए कौन सा दिन शुभ होता है?
    • इस पूजा के लिए सोमवार, महाशिवरात्रि, श्रावण मास के सोमवार, और प्रदोष व्रत का दिन शुभ माना जाता है।
  4. तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा के लिए कौन-कौन सी सामग्री (Samagri) की आवश्यकता होती है?
    • जल, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, चंदन, बेलपत्र, धतूरा, भांग, सफेद फूल, चावल, धूप, दीपक, और रुद्राक्ष माला।
  5. क्या तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा घर पर की जा सकती है?
    • हां, यह पूजा घर पर भी की जा सकती है, लेकिन पूजा स्थल को पवित्र और शुद्ध रखना आवश्यक है।
  6. तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा का समय क्या होना चाहिए?
    • ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) पूजा का उत्तम समय है।
  7. तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा कितने दिनों तक करनी चाहिए?
    • इसे 11, 21, 40, या 108 दिनों तक किया जा सकता है। नियमितता और श्रद्धा महत्वपूर्ण है।
  8. क्या तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा के दौरान व्रत रखना आवश्यक है?
    • यह आवश्यक नहीं है, लेकिन पूजा के प्रभाव को बढ़ाने के लिए व्रत रखना लाभकारी हो सकता है।
  9. क्या तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए?
    • हां, पूजा के दौरान पवित्रता, सत्य, अहिंसा, और संयम का पालन करना चाहिए।
  10. तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा के लाभ क्या हैं?
    • मनोकामनाओं की पूर्ति, मानसिक शांति, रोग मुक्ति, आर्थिक समृद्धि, और परिवार में सुख-शांति।

Maya devi sadhana shivir

Maya devi sadhana shivir

मुंबई के निकट वज्रेश्वरी मे माता माया देवी की  साधना शिविर का आयोजन होने जा रहा है. इस साधना की खास बात यह है कि इनकी साधना से माता कालीमाता कामख्या की भी कृपा प्राप्त होती है.

माया देवी भौतिक सुख व मोक्ष प्रदान करती है. माता काली आकर्षण शक्ति के साथ शत्रु व तंत्र बाधा से सुरक्षा प्रदान करती है. वही माता कामख्या हर तरह के आर्थिक बंधन, नौकरी बंधन, विवाह बंधन, ब्यापार बंधन, नजर बंधन से मुक्ति दिलाती है.

इसमें भाग लेने के दो तरीके है एक तो शिविर मे आकर साधना में भाग ले सकते है दूसरा आप ऑनलाइन भी भाग ले सकते हैं अगर आप भाग लेना चाहते हैं तो नीचे डिस्क्रिप्शन में लिंक दिया है वहां पर फॉर्म भरकर आप इस शिविर मे शामिल हो सकते है 

BOOKING- MAYA DEVI SADHANA SHIVIR

माया देवी साधना FAQ

माया देवी हिंदू धर्म की महत्वपूर्ण देवी हैं, जो शक्ति और माया (भ्रम) की देवी मानी जाती हैं। उनकी साधना करने से साधक को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। यहाँ माया देवी साधना के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) दिए गए हैं:

  1. माया देवी कौन हैं?
    • माया देवी हिंदू धर्म में शक्ति और माया (भ्रम) की देवी मानी जाती हैं। वे भगवान विष्णु की पत्नी लक्ष्मी जी की एक रूप हैं।
  2. माया देवी की साधना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
    • माया देवी की साधना का मुख्य उद्देश्य माया (भ्रम) से मुक्ति पाना और दिव्य ज्ञान प्राप्त करना है। यह साधना मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाती है।
  3. माया देवी की साधना के लिए कौन सा मंत्र उपयोगी है?
    • माया देवी का प्रमुख मंत्र है: “॥ॐ ह्रीं श्रीं माया देव्यै नमः॥”
  4. माया देवी की साधना करने के लिए कौन सा दिन शुभ होता है?
    • माया देवी की साधना के लिए शुक्रवार और पूर्णिमा का दिन शुभ माना जाता है।
  5. माया देवी की साधना के लिए कौन सी सामग्री (Samagri) की आवश्यकता होती है?
    • लाल कपड़ा, लाल फूल, चंदन, धूप, दीपक, नारियल, मिठाई, और माया देवी की मूर्ति या चित्र।
  6. क्या माया देवी की साधना घर पर कर सकते हैं?
    • हां, माया देवी की साधना घर पर भी की जा सकती है, बशर्ते पूजा स्थल पवित्र और शुद्ध हो।
  7. माया देवी की साधना का समय क्या होना चाहिए?
    • साधना का सबसे उत्तम समय ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) है, परन्तु साधक अपनी सुविधा अनुसार शाम को भी कर सकते हैं।
  8. माया देवी की साधना कितने दिनों तक करनी चाहिए?
    • साधना की अवधि 21 दिनों से लेकर 108 दिनों तक हो सकती है, लेकिन नियमितता और श्रद्धा महत्वपूर्ण है।
  9. क्या माया देवी की साधना के दौरान व्रत रखना आवश्यक है?
    • यह आवश्यक नहीं है, लेकिन साधना के प्रभाव को बढ़ाने के लिए व्रत रखना लाभकारी हो सकता है।
  10. क्या माया देवी की साधना करते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए?
    • हां, साधना के दौरान पवित्रता, सत्य, अहिंसा, और संयम का पालन करना चाहिए।
  11. क्या माया देवी की साधना के लिए कोई विशेष आसन या मुद्रा है?
    • साधक पद्मासन या सिद्धासन में बैठकर साधना कर सकते हैं। ध्यान और एकाग्रता बनाए रखने के लिए यह आसन उपयुक्त हैं।
  12. माया देवी की साधना के लाभ क्या हैं?
    • मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति, माया (भ्रम) से मुक्ति, दिव्य ज्ञान, मानसिक शक्ति, और आत्मविश्वास में वृद्धि।
  13. क्या माया देवी की साधना के दौरान किसी प्रकार के भोग चढ़ाने चाहिए?
    • हां, साधना के दौरान मिठाई, फल, नारियल, और दूध का भोग चढ़ाना शुभ होता है।
  14. क्या माया देवी की साधना करते समय किसी विशेष दिशा में बैठना चाहिए?
    • हां, साधना करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ माना जाता है।
  15. क्या माया देवी की साधना के दौरान कोई विशेष ध्वनि (संगीत) का उपयोग करना चाहिए?
    • साधना के दौरान भजन, कीर्तन, या मंत्रों का उच्चारण करना लाभकारी हो सकता है।
  16. क्या माया देवी की साधना के दौरान ध्यान (Meditation) करना आवश्यक है?
    • हां, साधना के दौरान ध्यान करना मानसिक और आध्यात्मिक लाभ को बढ़ाता है।
  17. क्या माया देवी की साधना से किसी प्रकार का भौतिक लाभ होता है?
    • हां, मानसिक शांति और संतुलन के साथ-साथ जीवन में सुख, समृद्धि, और सफलता प्राप्त होती है।
  18. माया देवी की साधना में कौन-कौन सी बाधाएँ आ सकती हैं?
    • ध्यान की कमी, मानसिक विचलन, अनुशासनहीनता, और अनियमितता साधना में बाधा बन सकते हैं।
  19. क्या माया देवी की साधना में किसी गुरु की आवश्यकता होती है?
    • हां, यदि संभव हो तो किसी गुरु के मार्गदर्शन में साधना करना लाभकारी होता है।
  20. माया देवी की साधना के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
    • साधना के दौरान पवित्रता, संयम, नियमितता, और मन की एकाग्रता का ध्यान रखना चाहिए।

माया देवी की साधना एक शक्तिशाली और प्रभावी साधना है, जो साधक को मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करती है। नियमितता, श्रद्धा, और समर्पण के साथ की गई साधना से साधक को माया (भ्रम) से मुक्ति मिलती है और दिव्य ज्ञान की प्राप्ति होती है।

Destroy Hidden Enemies with Kali Chirmi Dana Method

Destroy Hidden Enemies with Kali Chirmi Dana Method

काली चिरमी दाना से करें शत्रु निवारण – जानिए असली प्रयोग और विधि

Kali chirmi dana एक अत्यंत रहस्यमयी और तांत्रिक शक्ति से युक्त वस्तु मानी जाती है। यह दाना मुख्यतः तांत्रिक प्रयोगों, रक्षा कवच निर्माण और शत्रु नाशक उपायों में उपयोग किया जाता है। काली चिरमी दाना प्राकृतिक रूप से दुर्लभ होता है और इसके भीतर नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर उसे नष्ट करने की विशेष शक्ति होती है। देवी काली और भैरव साधना में इसका प्रयोग विशेष रूप से किया जाता है। यदि कोई व्यक्ति शत्रु बाधा, कोर्ट केस, कर्ज़, डर या नजर दोष से पीड़ित है, तो Kali chirmi dana से किए गए विशेष प्रयोग अत्यंत लाभदायक सिद्ध होते हैं।


चमत्कारी लाभ

  1. शत्रुओं का प्रभाव समाप्त होता है।
  2. कोर्ट-कचहरी के मामलों में विजय मिलती है।
  3. नजर दोष और टोने-टोटके से रक्षा होती है।
  4. मानसिक भय और बेचैनी दूर होती है।
  5. व्यापार में अवरोध समाप्त होते हैं।
  6. तांत्रिक हमलों से सुरक्षा मिलती है।
  7. परिवारिक शांति बनी रहती है।
  8. भूमि विवादों में सफलता मिलती है।
  9. गुप्त शत्रुओं का नाश होता है।
  10. नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
  11. आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  12. जीवन में स्थायित्व आता है।
  13. शत्रु स्वयं परास्त होते हैं।
  14. कालसर्प दोष में राहत मिलती है।
  15. देवी शक्ति की कृपा प्राप्त होती है।

प्रयोग विधि और शक्तिशाली मंत्र

सामग्री:

  • 7 काले चिरमी दाने
  • एक नींबू
  • काली रेशमी डोरी
  • भैरव या काली यंत्र
  • कपूर और लौंग
  • 1 लोटा जल

मंत्र:
🔺 “ॐ क्रीं कालिका देव्यै नमः”
या
🔺 “ॐ भैरवाय नमः”

विधि:

  1. मंगलवार या शनिवार को सूर्योदय से पूर्व स्नान करें।
  2. पूजा स्थान को शुद्ध कर यंत्र स्थापित करें।
  3. काली चिरमी दानों को काली रेशमी या सूती थैली में रखे।
  4. नींबू के चारों ओर सात बार दाने घुमाकर मंत्र जप करें (108 बार)।
  5. नींबू और चिरमी को एक गड्ढे में दबा दें या बहते जल में प्रवाहित करें।
  6. यह प्रयोग 3, 7 या 11 बार तक किया जा सकता है।
  7. अंत में जल चढ़ाकर आरती करें।

शुभ मुहूर्त

  • वार: मंगलवार, शनिवार, अमावस्या या काली अष्टमी
  • समय: ब्रह्म मुहूर्त या रात्रि 10 बजे के बाद
  • नक्षत्र: मघा, मूल, अश्विनी
  • तिथि: अमावस्या, अष्टमी, नवमी

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सामान्य प्रश्न

Q1. Kali chirmi dana क्या होता है?
यह एक तांत्रिक बीज होता है जो दुर्भाग्य और नकारात्मकता को हटाने में सक्षम होता है।

Q2. इसका उपयोग किस प्रकार किया जाता है?
मंत्र सिद्धि के साथ विशेष विधि द्वारा शत्रु निवारण में प्रयोग होता है।

Q3. क्या यह हर किसी को असर करता है?
हाँ, यदि विधिपूर्वक और श्रद्धा से प्रयोग करें तो निश्चित रूप से लाभ होता है।

Q4. क्या इसका प्रयोग बार-बार कर सकते हैं?
हाँ, विशेष रूप से 3, 7 या 11 बार तक करना शुभ होता है।

Q5. क्या इसे जेब या घर में रखा जा सकता है?
शुद्ध कर सिद्ध करके रक्षा तावीज़ में पहन सकते हैं।

Q6. क्या इसे देवी पूजा में उपयोग किया जा सकता है?
हाँ, विशेष रूप से काली, भैरव, चामुंडा पूजा में।

Q7. कहां से प्राप्त करें असली काली चिरमी दाना?
विश्वसनीय आध्यात्मिक केंद्र या www.divyayogastore.com से मंगवा सकते हैं।


यदि आप जीवन में शत्रुओं से मुक्ति, सुरक्षा और शक्ति प्राप्त करना चाहते हैं, तो Kali chirmi dana का यह प्रयोग अवश्य करें। यह आपके जीवन की दिशा बदल सकता है।

📞 संपर्क: 7710812329 |


Secret of Chamunda Mantra for Enemy & Energy

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Unlock Enemy Protection with Chamunda Mantra Power Awakening

Chamunda Mantra for Enemy “ॐ ह्रीं क्रीं चामुंडायै नमः” एक अत्यंत शक्तिशाली तांत्रिक बीज मंत्र है, जो देवी चामुंडा की शक्ति को जाग्रत करता है। यह मंत्र विशेष रूप से शत्रु बाधा, भय, तंत्र-मंत्र, और मानसिक दुर्बलता को दूर करने के लिए प्रसिद्ध है। साधक को आत्मबल, साहस और सुरक्षा प्रदान करने वाला यह मंत्र शक्ति साधनाओं में सर्वोपरि माना जाता है। देवी चामुंडा दुर्गा का एक उग्र रूप हैं, जो सभी नकारात्मक शक्तियों का विनाश करती हैं। नियमित जाप से आत्मविश्वास, निर्णय क्षमता और दिव्य ऊर्जा का विकास होता है। यह मंत्र शक्ति जागरण और आत्मरक्षा हेतु अत्यंत प्रभावी है।


प्रमुख लाभ

  1. शत्रु बाधा एवं कोर्ट-कचहरी से मुक्ति।
  2. तंत्र-मंत्र एवं काले जादू से सुरक्षा।
  3. आत्मबल व साहस की वृद्धि।
  4. डर, भय और भ्रम से छुटकारा।
  5. नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा।
  6. शक्ति जागरण और उग्रता का विकास।
  7. रात्रि में भयमुक्त निद्रा।
  8. आत्मरक्षा की मानसिक शक्ति प्राप्त होती है।
  9. राहु-केतु दोषों से राहत।
  10. व्यापारिक बाधाओं में सफलता।
  11. स्त्री या पुरुष में छुपी शक्ति का जागरण।
  12. मानसिक निर्बलता का अंत।
  13. आत्मसम्मान व निर्णय शक्ति में वृद्धि।
  14. घर की ऊपरी बाधा एवं नकारात्मकता दूर होती है।
  15. आध्यात्मिक साधना में उन्नति।

मंत्र साधना विधि (Mantra Vidhi)

  1. किसी शांत स्थान पर, रात्रि के समय (विशेषतः अमावस्या/अष्टमी को)।
  2. लाल वस्त्र पहनकर उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  3. देवी चामुंडा की प्रतिमा या चित्र के समक्ष दीपक जलाएं।
  4. एक लाल आसन पर बैठें और पहले शुद्धि करें (शांतिपाठ)।
  5. फिर 1 माला (108 बार) इस मंत्र का जाप करें –
    “ॐ ह्रीं क्रीं चामुंडायै नमः”
  6. रुद्राक्ष या लाल चंदन की माला का प्रयोग करें।
  7. जाप के बाद देवी से अपनी रक्षा व शक्ति की प्रार्थना करें।
  8. इस साधना को 11, 21 या 41 दिन तक करें।

सिद्ध मुहूर्त (Shubh Muhurt)

  • अष्टमी तिथि – विशेषतः कालरात्रि, महाष्टमी, दुर्गाष्टमी।
  • अमावस्या रात्रि – तांत्रिक साधना के लिए श्रेष्ठ।
  • रात्रि 9 बजे के बाद – मंत्र का प्रभाव तीव्र होता है।
  • नवरात्रि काल – संपूर्ण साधना के लिए अत्युत्तम समय।

सामान्य प्रश्न

  1. क्या यह मंत्र तांत्रिक है?
    हाँ, यह मंत्र तांत्रिक बीज मंत्रों में गिना जाता है, परंतु सही विधि से हर व्यक्ति कर सकता है।
  2. क्या महिलाएं यह जाप कर सकती हैं?
    हाँ, महिलाएं भी इसे पूरी श्रद्धा से कर सकती हैं।
  3. क्या इस मंत्र का प्रभाव तुरंत दिखता है?
    यदि श्रद्धा और नियम से किया जाए तो प्रभाव शीघ्र दिखाई देता है।
  4. क्या किसी गुरु की आवश्यकता है?
    प्रारंभ में स्वयं भी कर सकते हैं, परंतु मार्गदर्शन से लाभ अधिक मिलता है।
  5. क्या यह रोज़ करना चाहिए?
    हाँ, यदि संभव हो तो नियमित करें, अन्यथा विशेष दिनों में करें।
  6. इससे क्या डर लगता है?
    नहीं, यह देवी की कृपा से भय समाप्त करता है।
  7. क्या इसे किसी विशेष स्थान पर ही करना चाहिए?
    शांत, पवित्र स्थान सर्वोत्तम रहता है, परंतु घर में भी कर सकते हैं।

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यदि आप शत्रु दोष, भय, या शक्ति जागरण की साधना करना चाहते हैं, तो “ॐ ह्रीं क्रीं चामुंडायै नमः” मंत्र आपकी आत्मा को जाग्रत करने वाला मार्ग बन सकता है।

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Lakshmi Sadhana for Unbelievable Business Gains

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“सूर्यास्त के बाद 11 दिन की दक्षिणमुखी लक्ष्मी साधना – व्यापार में जबरदस्त लाभ का गुप्त रहस्य”

Lakshmi Sadhana Business Gains – भारतीय तंत्र परंपरा में लक्ष्मी साधना के अनेक स्वरूप हैं, परंतु दक्षिणमुखी लक्ष्मी की साधना अत्यंत दुर्लभ और चमत्कारी मानी जाती है। जब सूर्य अस्त होता है, तब ब्रह्मांड की ऊर्जाएं बदलती हैं और दक्षिण दिशा में लक्ष्मी का विशेष प्रभाव प्रकट होता है। यह साधना विशेषकर व्यापार में तेजी, रुके धन की प्राप्ति, उधारी वापसी, और आर्थिक जड़ता को तोड़ने के लिए अत्यंत प्रभावी है। 11 दिनों तक सूर्यास्त के बाद यह विशेष मंत्र का जप करने से साधक को अलौकिक आर्थिक लाभ, समृद्धि और शक्तिशाली आत्मविश्वास की अनुभूति होती है।

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विशेष लाभ

  1. व्यापार में वृद्धि और लाभ की प्राप्ति
  2. रुका हुआ धन तेजी से वापस आता है
  3. आर्थिक संकटों का समाधान होता है
  4. उधारी व कर्ज से मुक्ति
  5. ग्राहक आकर्षण में तेजी
  6. व्यापार में सौभाग्य की स्थिति बनती है
  7. घर और ऑफिस में लक्ष्मी ऊर्जा का स्थायित्व
  8. प्रतियोगिता में विजय
  9. सौभाग्यशाली अवसर मिलना शुरू होते हैं
  10. आत्मविश्वास व निर्णय क्षमता में वृद्धि
  11. मन की शांति और सकारात्मकता
  12. परिवार में आर्थिक संतुलन और सुख
  13. अचानक धन लाभ की स्थिति
  14. शेयर बाजार व ऑनलाइन व्यवसाय में सफलता
  15. दिव्य लक्ष्मी दर्शन के संकेत अनुभव होते हैं

साधना का शुभ मुहूर्त

  • यह साधना किसी भी शुक्रवार, पूर्णिमा या अमावस्या से प्रारंभ की जा सकती है।
  • विशेष प्रभाव सूर्यास्त के 15 मिनट बाद से 90 मिनट तक का होता है।
  • नवरात्रि, दीपावली, गुरु पुष्य, रवि पुष्य या लक्ष्मी पंचमी का दिन विशेष फलदायक होता है।

मंत्र (MANTRA)

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं दक्षिण लक्ष्मेय नमः


साधना विधि

  1. साधक को सूर्यास्त के बाद स्नान कर शुद्ध लाल वस्त्र धारण करना चाहिए।
  2. उत्तर की ओर मुख कर आसन पर बैठें।
  3. सामने लक्ष्मी यंत्र या लक्ष्मी जी की दक्षिणमुखी मुद्रा की फोटो रखें।
  4. देसी घी का दीपक जलाएं और गुलाब या चंपा की अगरबत्ती लगाएं।
  5. लाल फूल अर्पित करें और चावल, हल्दी, कुंकुम से पूजन करें।
  6. मंत्र का 540 बार जाप करें – रोज 11 दिन तक।
  7. जाप के बाद “लक्ष्मी आरती” करें और मनोकामना बोलें।

नियम

  • पूरे 11 दिन ब्रह्मचर्य और सात्विक आहार रखें
  • नकारात्मकता से दूर रहें और मन को शांत रखें
  • जाप के समय मोबाइल बंद रखें, ध्यान केंद्रित रखें
  • एक ही स्थान और आसन का प्रयोग करें
  • समय बदलना नहीं चाहिए
  • सूर्योदय तक मौन साधना का पालन करें
  • फलाहार या हल्का भोजन करें, तामसिक भोजन से बचें

सामान्य प्रश्न

प्र1. क्या इस मंत्र का प्रयोग कोई भी कर सकता है?
हाँ, पुरुष या महिला कोई भी कर सकता है, लेकिन नियमों का पालन आवश्यक है।

प्र2. अगर 11 दिन में कोई दिन छूट जाए तो क्या करें?
अगले दिन दो माला अधिक जप कर लें, लेकिन नियमितता श्रेष्ठ है।

प्र3. क्या लक्ष्मी की कोई विशेष मूर्ति या यंत्र आवश्यक है?
हाँ, दक्षिणमुखी मुद्रा वाली मूर्ति या लक्ष्मी यंत्र श्रेष्ठ होता है।

प्र4. मंत्र जाप के लिए कौन सी माला प्रयोग करें?
स्फटिक माला या कमलगट्टे की माला सबसे उत्तम होती है।

प्र5. क्या इस साधना से तुरंत धन प्राप्त हो सकता है?
कुछ लोगों को तुरंत लाभ होता है, कुछ को स्थिर लेकिन दीर्घकालीन लाभ होता है।

प्र6. क्या यह साधना ऋण मुक्ति में भी सहायक है?
हाँ, विशेष रूप से व्यापार में ऋण समाप्ति के लिए यह अत्यंत प्रभावी है।

प्र7. क्या महिलाएं मासिक धर्म के दौरान साधना कर सकती हैं?
नहीं, उस समय साधना रोक दें और बाद में फिर से 11 दिन करें।

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यह साधना सिर्फ धन के लिए नहीं, बल्कि एक समृद्ध और संतुलित जीवन की ओर कदम है। यदि आप भी आर्थिक बदलाव और व्यापार में अद्भुत लाभ की इच्छा रखते हैं, तो सूर्यास्त के बाद की यह साधना अवश्य करें।

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Exploring the Power of Ancient Sanskrit Mantras

Exploring the Power of Ancient Sanskrit Mantras

प्राचीन संस्कृत मंत्रों की शक्तियां: एक आध्यात्मिक रहस्य

Ancient Sanskrit Mantras “मंत्र” शब्द का अर्थ है – ‘मन’ (चिंतन) और ‘त्र’ (रक्षा या मुक्त करने वाला)। यानी जो आपके मन की रक्षा करे, उसे मंत्र कहते हैं। संस्कृत मंत्र प्राचीन भारतीय ऋषियों द्वारा तप और साधना से प्राप्त ध्वनियाँ हैं, जो ब्रह्मांडीय ऊर्जा को आकर्षित करने की क्षमता रखती हैं।


संस्कृत मंत्रों की विशेषताएँ

🔸 शुद्ध ध्वनि तरंगें (Sound Vibrations)

प्रत्येक संस्कृत शब्द में कंपन (vibration) होता है, जो शरीर, मन और आत्मा पर गहरा प्रभाव डालता है।

🔸 वैज्ञानिक उच्चारण विधि

संस्कृत में स्वर और व्यंजन इस तरह व्यवस्थित हैं कि जब सही तरीके से उच्चारित किया जाए, तो यह शरीर के चक्रों को सक्रिय करता है।

🔸 ऊर्जा और चेतना का जागरण

मंत्र जाप से सूक्ष्म शरीर में ऊर्जा का प्रवाह तीव्र होता है, जिससे ध्यान, चिकित्सा और आत्मिक अनुभव में मदद मिलती है।


प्रमुख प्राचीन संस्कृत मंत्र और उनका प्रभाव

1. ॐ नमः शिवाय

  • 🔹 अर्थ: “हे शिव, आपको नमन है।”
  • 🔹 लाभ: मानसिक शांति, भय से मुक्ति, आध्यात्मिक उत्थान

2. ॐ गं गणपतये नमः

  • 🔹 अर्थ: “हे गणेश जी, आप बाधाओं को दूर करें।”
  • 🔹 लाभ: कार्य सिद्धि, नए आरंभ में सफलता, विघ्नों का नाश

3. गायत्री मंत्र

ॐ भूर्भुवः स्वः।  
तत्सवितुर्वरेण्यं।  
भर्गो देवस्य धीमहि।  
धियो यो नः प्रचोदयात्॥
  • 🔹 अर्थ: “सूर्य रूपी ब्रह्मा का ध्यान करते हैं, वह हमारी बुद्धि को प्रेरित करे।”
  • 🔹 लाभ: बुद्धि तेज, आध्यात्मिक जागृति, चित्त की शुद्धि

4. महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यंबकं यजामहे  
सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्।  
उर्वारुकमिव बन्धनान्  
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
  • 🔹 लाभ: रोग नाश, दीर्घायु, मृत्यु भय से मुक्ति

🌌 संस्कृत मंत्रों का वैज्ञानिक आधार

📡 ध्वनि और ब्रह्मांडीय ऊर्जा

ध्वनि एक तरंग है। संस्कृत मंत्रों की ध्वनियाँ शरीर के भीतर नादयोग को उत्पन्न करती हैं, जिससे न्यूरॉन्स सक्रिय होते हैं।

🧠 मस्तिष्क पर प्रभाव

MRI स्कैन से यह सिद्ध हुआ है कि मंत्र जाप से थीटा वेव्स उत्पन्न होती हैं जो ध्यान और गहरे मानसिक विश्रांति से जुड़ी होती हैं।

💓 हृदय दर और तनाव पर प्रभाव

गायत्री मंत्र या ॐ का जाप करने से हृदयगति संतुलित होती है, रक्तचाप नियंत्रित रहता है और मानसिक तनाव कम होता है।


मंत्र जाप करने की सही विधि

नियमबद्ध समय (प्रातःकाल या संध्या)

सही उच्चारण (गुरु से सीखा गया)

मन, वाणी और ह्रदय की एकता

जाप माला का प्रयोग (108 बार)


मंत्रों से मिलने वाले लाभ

  • चित्त की शुद्धि और ध्यान में गहराई
  • रोगों का मानसिक-ऊर्जात्मक उपचार
  • आत्मविश्वास, साहस और सकारात्मकता में वृद्धि
  • आध्यात्मिक ऊर्जा और ब्रह्मांडीय चेतना से जुड़ाव
  • दिव्य अनुभव और आत्मसाक्षात्कार

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1. क्या संस्कृत मंत्र किसी भी व्यक्ति द्वारा जपे जा सकते हैं?

👉 हाँ, यदि शुद्ध उच्चारण के साथ गुरु से सीखकर किया जाए।

Q2. मंत्र जाप किस समय करें?

👉 ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) या सूर्यास्त के समय सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।

Q3. क्या मंत्र जाप से मानसिक रोग ठीक हो सकते हैं?

👉 हाँ, कई शोधों से साबित हुआ है कि मंत्र जाप से तनाव, डिप्रेशन, और चिंता में राहत मिलती है।

Q4. क्या बिना माला के मंत्र जाप प्रभावी होता है?

👉 होता है, लेकिन माला से एकाग्रता और नियमबद्धता आती है।


अंत में

संस्कृत मंत्र केवल शब्द नहीं हैं – वे ब्रह्मांडीय ध्वनि की कुंजियाँ हैं। यदि सही निष्ठा, विधि और भावना से इन्हें जपा जाए, तो ये आपके जीवन में आध्यात्मिक क्रांति ला सकते हैं।


यदि आप इस विषय पर गहराई से जानना चाहते हैं या किसी विशेष मंत्र साधना की विधि सीखना चाहते हैं, तो हमसे जुड़ें –
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🌐 Website: www.divyayogashram.com

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Powerful Mantras for Business Success & Prosperity

Powerful Mantras for Business Success & Prosperity

व्यवसाय में सफलता और समृद्धि के लिए शक्तिशाली मंत्र

Mantras for Business – क्या आपका व्यापार लगातार संघर्ष का सामना कर रहा है? क्या मेहनत के बाद भी आर्थिक लाभ नहीं मिल पा रहा है? अगर ऐसा है तो अब समय आ गया है कि आप आध्यात्मिक उपाय अपनाएं। मंत्रों की शक्ति केवल मानसिक शांति ही नहीं देती, बल्कि आपके व्यापार, धन और प्रतिष्ठा में भी आश्चर्यजनक वृद्धि ला सकती है। इस ब्लॉग में हम आपको बताएँगे ऐसे शक्तिशाली व्यापारिक मंत्र जो धन वृद्धि, ग्राहक वृद्धि, सौभाग्य, और सफलता के लिए उपयोगी सिद्ध हुए हैं।


🕉️ मंत्रों का महत्व व्यापार में

  • व्यापार में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है
  • आर्थिक रुकावटें दूर होती हैं
  • नए ग्राहक और सौदे आकर्षित होते हैं
  • निर्णय शक्ति बढ़ती है
  • व्यवसायिक शत्रुओं से सुरक्षा मिलती है
  • कर्ज़ और घाटे से मुक्ति मिलने की संभावना होती है

🔱 1. श्री गणेश मंत्र – व्यापार की शुरुआत के लिए

मंत्र:
🔸 “ॐ गं गणपतये नमः”

उपयोग विधि:

  • प्रतिदिन प्रातः 108 बार जप करें
  • दुकान या ऑफिस में श्री गणेश की मूर्ति/चित्र के सामने दीपक जलाएं
  • बुधवार को विशेष रूप से जप करें

लाभ:

  • नए व्यवसाय की सफलता
  • अड़चनों का निवारण
  • शुभता और सौभाग्य की प्राप्ति

💰 2. कुबेर मंत्र – धन और व्यापार वृद्धि हेतु

मंत्र:
🔸 “ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनं मे देहि स्वाहा।”

उपयोग विधि:

  • शुक्रवार के दिन पीले वस्त्र धारण कर 11 माला जाप करें
  • पूजा में कमल गट्टे की माला और पीला चंदन प्रयोग करें
  • घर या दुकान की तिजोरी में कुबेर यंत्र रखें

लाभ:

  • स्थायी धन की प्राप्ति
  • व्यापार में लाभ
  • तिजोरी हमेशा भरी रहती है

🌺 3. लक्ष्मी मंत्र – सौभाग्य और समृद्धि के लिए

मंत्र:
🔸 “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः”

उपयोग विधि:

  • शुक्रवार को गुलाब के पुष्प अर्पित करें
  • कमल गट्टे की माला से 108 बार जप करें
  • दीपावली व पूर्णिमा पर विशेष जप करें

लाभ:

  • व्यापार में बृद्धि
  • लक्ष्मी का स्थायी वास
  • ग्रहों की बाधा दूर होती है

🧿 4. हनुमान मंत्र – व्यापारिक सुरक्षा और शत्रुनाश

मंत्र:
🔸 “ॐ हं हनुमंते नमः”

उपयोग विधि:

  • मंगलवार और शनिवार को लाल फूल चढ़ाकर जप करें
  • सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं
  • 11, 21 या 108 बार जप करें

लाभ:

  • व्यापारिक शत्रुओं से रक्षा
  • नकारात्मक ऊर्जा का शमन
  • आत्मबल और साहस की वृद्धि

🔮 5. विष्णु मंत्र – व्यापार में स्थायित्व और सफलता

मंत्र:
🔸 “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”

उपयोग विधि:

  • प्रतिदिन प्रातः स्नान के बाद शुद्ध मन से जप करें
  • पीले वस्त्र पहनें और तांबे के लोटे में जल अर्पण करें
  • गुरुवार को विशेष रूप से जप करें

लाभ:

  • व्यापार में स्थायित्व
  • अच्छे ग्राहक और सौदे
  • मानसिक शांति और आत्मविश्वास

📿 मंत्र जाप में ध्यान रखने योग्य बातें

  • मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और शुद्ध होना चाहिए
  • एक ही स्थान और समय पर रोजाना जप करें
  • ध्यान और श्रद्धा से जप करें – मशीन की तरह नहीं
  • माला का प्रयोग करें (कमल गट्टा, तुलसी, रुद्राक्ष)
  • संकल्प लेकर नियमितता बनाए रखें

📅 शुभ मुहूर्त और उपाय

  • शुभ वार: बुधवार, शुक्रवार और पूर्णिमा
  • शुभ समय: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 बजे से 6 बजे तक)
  • स्थान: पूजा कक्ष या दुकान का ईशान कोण (उत्तर-पूर्व)

🌟 अंत मे

व्यापारिक सफलता केवल रणनीति, परिश्रम और मार्केटिंग से ही नहीं आती – आध्यात्मिक ऊर्जा भी उतनी ही महत्वपूर्ण होती है। ऊपर दिए गए मंत्र न केवल आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत करेंगे, बल्कि आपके आत्मबल और आत्मविश्वास को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे। अपने व्यवसाय में इन मंत्रों को स्थान दें और अद्भुत परिणामों के साक्षी बनें।


📞 संपर्क करें

यदि आप चाहते हैं कि आपके व्यापार के लिए विशेष पूजा या व्यक्तिगत रूप से मंत्र अनुष्ठान करवाया जाए, तो संपर्क करें:

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📱 8652439844 / 7710812329
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Katyayani Kumbh Vivah Puja Shivir at Divyayoga ashram

Katyayani Kumbh Vivah Puja Shivir at Divyayoga ashram

🌺 कात्यायनी कुंभ विवाह पूजन शिविर – वट पूर्णिमा पर दुर्लभ विवाह योग की चमत्कारी साधना

📅 तिथि: 10 जून 2025 (वट पूर्णिमा)
📍स्थान: दिव्ययोग आश्रम

Katyayani Kumbh Vivah Puja शिविर का आयोजन दिव्ययोग आश्रम द्वारा इस वट पूर्णिमा को किया जा रहा है। यह मुहूर्त साल में एक बार आता है जब सुहागिन स्त्रियाँ वट वृक्ष की पूजा कर अपने पति की दीर्घायु और वैवाहिक सुख के लिए व्रत रखती हैं। इसी दुर्लभ तिथि पर, उन स्त्रियों और पुरुषों के लिए यह कात्यायनी कुंभ विवाह पूजन शिविर अत्यंत फलदायी सिद्ध होता है, जिनके विवाह में बार-बार बाधाएँ आती हैं, जिनकी सगाई टूट रही है, या जो अपने मनपसंद जीवनसाथी की तलाश में हैं।


💫 क्या है कात्यायनी कुंभ विवाह पूजन शिविर की विशेषता?

कात्यायनी देवी को विवाह बाधा निवारण की देवी माना गया है। इस शिविर में उनके साथ कुंभ विवाह की विशेष पूजा की जाती है। इसमें कन्या का विवाह श्रीकृष्ण की मूर्ति से और पुरुष का विवाह वट वृक्ष की लकड़ी से करवाया जाता है। यह पूजा विवाह में आ रही अदृश्य बाधाओं को दूर करती है।


🌿 वट पूर्णिमा और कात्यायनी कुंभ विवाह पूजन शिविर का संबंध

वट पूर्णिमा का दिन स्त्रियों के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस दिन व्रत रखने और पूजन करने से वैवाहिक जीवन में सुख, समृद्धि और स्थायित्व आता है। यही कारण है कि इसी दिन कात्यायनी कुंभ विवाह पूजन शिविर का आयोजन किया गया है।


🙏 कात्यायनी कुंभ विवाह पूजन शिविर से मिलने वाले दिव्य लाभ

🔷 1. विवाह योग्य युवतियों को शीघ्र विवाह का योग बनता है

कात्यायनी पूजन से योग्य वर मिलने की संभावनाएँ बढ़ती हैं।

🔷 2. सगाई टूटने की समस्या दूर होती है

पूजन से बार-बार सगाई टूटने की बाधा समाप्त होती है।

🔷 3. विवाह में आ रही अदृश्य तांत्रिक बाधाएँ समाप्त होती हैं

कात्यायनी मंत्रों से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

🔷 4. परिवार की तरफ से विवाह में आ रहे विरोध कम होते हैं

माता की कृपा से परिवारजन का मन भी बदलता है।

🔷 5. रिश्तों में प्रेम और समझ बनी रहती है

पूजन से पति-पत्नी के बीच मधुर संबंध बनते हैं।

🔷 6. कुंभ विवाह से ग्रह दोषों का शमन होता है

खासकर मंगल दोष और राहु-केतु की बाधाएँ समाप्त होती हैं।

🔷 7. विवाह में देरी की समस्या का समाधान होता है

यह पूजन योग्य समय पर विवाह सुनिश्चित करता है।

🔷 8. तलाक जैसी स्थिति से बचाव होता है

पति-पत्नी में अलगाव टल जाता है।

🔷 9. वैवाहिक जीवन में आने वाले कलह समाप्त होते हैं

पूजन से दाम्पत्य जीवन में सुख आता है।

🔷 10. अविवाहित युवकों के लिए योग्य कन्या का योग बनता है

भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद शीघ्र विवाह कराता है।

🔷 11. विवाह संबंधों में आए तीसरे व्यक्ति से मुक्ति मिलती है

रिश्तों में हस्तक्षेप करने वाले दूर हो जाते हैं।

🔷 12. आध्यात्मिक संतुलन प्राप्त होता है

यह पूजन आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाता है।

🔷 13. माता कात्यायनी की विशेष कृपा प्राप्त होती है

पूरे वर्ष मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

🔷 14. जिनका रिश्ता बार-बार टूट रहा हो, उन्हें स्थिरता मिलती है

पूजा से बाधा रहित संबंध बनते हैं।

🔷 15. मनपसंद जीवनसाथी की प्राप्ति होती है

श्रीकृष्ण पूजन से मनचाहा रिश्ता बनता है।

🔷 16. मानसिक और आत्मिक शांति मिलती है

पूजन से मन और आत्मा को राहत मिलती है।

🔷 17. अविवाहित स्त्रियों के लिए विशेष अनुकूलता मिलती है

विवाह योग्य ऊर्जा का संचार होता है।

🔷 18. पूजा के बाद सिद्ध यंत्र व रक्षा कवच प्राप्त होता है

जो जीवन भर विवाह सुख की रक्षा करता है।


🧘‍♀️ कौन इस कात्यायनी कुंभ विवाह पूजन शिविर में भाग ले सकता है?

👩‍🦰 1. 20 वर्ष से अधिक आयु की अविवाहित स्त्रियाँ

जो विवाह की प्रतीक्षा में हैं।

👨 2. विवाह योग्य युवक

जिनकी कुंडली में विवाह बाधा है।

💔 3. विवाहित जोड़े जिनका संबंध तनावपूर्ण है

जो अपने जीवन में सुधार लाना चाहते हैं।

❤️‍🔥 4. प्रेम विवाह के इच्छुक युवक-युवतियाँ

जिन्हें सामाजिक या पारिवारिक बाधा है।

🙏 5. तलाक या ब्रेकअप से गुज़र चुके लोग

जो नए जीवन की शुरुआत करना चाहते हैं।


🌐 ऑनलाइन और ऑफलाइन भागीदारी की सुविधा

दिव्ययोग आश्रम द्वारा इस शिविर में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूपों में भाग लिया जा सकता है।
👉 ऑनलाइन सहभागी को विशेष वीडियो लिंक, मंत्र, पूजन सामग्री सूची और डिजिटल यंत्र प्राप्त होगा।
👉 ऑफलाइन प्रतिभागियों को आश्रम में रहकर साधना करने का अवसर मिलेगा।


📋 कात्यायनी कुंभ विवाह पूजन शिविर के नियम और अनुशासन

1. केवल 20 वर्ष या उससे ऊपर के व्यक्ति भाग लें।

2. स्त्री-पुरुष दोनों भाग ले सकते हैं।

3. नीले या काले रंग के वस्त्र न पहनें।

4. धूम्रपान, मांसाहार और मद्यपान न करें।

5. ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक है।

6. मन शांत और श्रद्धायुक्त हो।


🛡️ पूजन के बाद क्या प्राप्त होगा?

  • सिद्ध कात्यायनी यंत्र
  • ऊर्जा से चार्ज किया गया कवच
  • विशेष विवाह बाधा निवारण मंत्र

❓ कात्यायनी कुंभ विवाह पूजन शिविर – मुख्य प्रश्न उत्तर

🔸 प्रश्न 1: यह शिविर कब और कहाँ है?

उत्तर: 10 जून 2025, वट पूर्णिमा के दिन, दिव्ययोग आश्रम में।

🔸 प्रश्न 2: क्या ऑनलाइन भाग लेना संभव है?

उत्तर: हाँ, पूर्ण ऑनलाइन पूजन सुविधा और मार्गदर्शन उपलब्ध है।

🔸 प्रश्न 3: क्या पुरुष भी भाग ले सकते हैं?

उत्तर: हाँ, यह शिविर स्त्री-पुरुष दोनों के लिए खुला है।

🔸 प्रश्न 4: क्या कुंभ विवाह पूजा सभी कर सकते हैं?

उत्तर: अविवाहित युवक-युवतियाँ और विवाह में समस्या झेल रहे विवाहित भी कर सकते हैं।

🔸 प्रश्न 5: विवाह में बार-बार बाधा आ रही है, क्या लाभ होगा?

उत्तर: यह पूजा आपकी कुंडली से संबंधित ग्रह बाधा और तांत्रिक दोष को शांति देती है।

🔸 प्रश्न 6: विवाह योग्य स्त्रियाँ कैसे लाभ लें?

उत्तर: वे श्रीकृष्ण से विवाह कर पवित्रता व योग्यता अर्जित करेंगी।

🔸 प्रश्न 7: प्रेम विवाह संभव होगा क्या?

उत्तर: हाँ, मंत्र सिद्धि से परिवार का विरोध समाप्त होता है।

🔸 प्रश्न 8: क्या यंत्र और कवच मिलेगा?

उत्तर: हाँ, सिद्ध कात्यायनी यंत्र व कवच प्राप्त होगा।

🔸 प्रश्न 9: शिविर की फीस क्या है?

उत्तर: पंजीकरण के बाद विवरण भेजा जाएगा। दान रूप में है।

🔸 प्रश्न 10: क्या दूसरी बार भी यह शिविर हो सकता है?

उत्तर: यह विशेष मुहूर्त वर्ष में केवल एक बार आता है।

🔸 प्रश्न 11: क्या साधना गाइड भी मिलेगी?

उत्तर: हाँ, डिजिटल और प्रिंट गाइड दोनों मिलेंगे।

🔸 प्रश्न 12: पंजीकरण कैसे करें?

उत्तर: वेबसाइट या WhatsApp नंबर पर संपर्क करें:
📞 8652439844 / 7710812329
📧 di*************@***il.com

Pujan shivir booking– https://mantravidya.com/pujan-shivir/


🕉️ आइए, अपने विवाह और संबंधों में लाएँ चमत्कारी परिवर्तन

विवाह की राह में आने वाली हर बाधा को अब हटाइए।
कात्यायनी कुंभ विवाह पूजन शिविर का हिस्सा बनकर अपने जीवन में प्रेम, सुख और संतुलन का दीप जलाइए।
दिव्ययोग आश्रम आपके जीवन को आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण करने हेतु सदा तत्पर है।

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The Benefits of the Gayatri Mantra – Positive Energy & Abundance.

The Benefits of the Gayatri Mantra for Positive Energy & Abundance.

🌟 गायत्री मंत्र के चमत्कारी लाभ: सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि के लिए दिव्य साधना

Gayatri Mantra Positive Energy गायत्री मंत्र को वेदों की जननी और सर्वश्रेष्ठ वैदिक मंत्रों में से एक माना गया है। यह मंत्र ऋग्वेद से लिया गया है और माँ गायत्री देवी की स्तुति करता है। यह मंत्र न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा, मानसिक शांति और समृद्ध जीवन की प्राप्ति में भी अद्भुत भूमिका निभाता है।

गायत्री मंत्र:
“ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्॥”


🌸 गायत्री मंत्र जप के प्रमुख लाभ

🔆 1. सकारात्मक ऊर्जा का संचार

गायत्री मंत्र उच्च तरंगों वाली ध्वनि ऊर्जा उत्पन्न करता है जो आसपास के वातावरण को शुद्ध और सकारात्मक बनाता है।

🧠 2. मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता में वृद्धि

इस मंत्र का नियमित जप मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ाता है और निर्णय क्षमता को मजबूत करता है।

😌 3. तनाव और चिंता में राहत

गायत्री मंत्र का उच्चारण मन को शांत करता है और चिंता, भय और तनाव को दूर करता है।

💸 4. आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति

यह मंत्र साधक के जीवन में आंतरिक स्थिरता और बाह्य अवसरों को आकर्षित करता है जिससे आर्थिक उन्नति होती है।

🔮 5. आभामंडल की शुद्धता

नियमित जप से व्यक्ति का और उसके आसपास का ऊर्जा क्षेत्र (Aura) मजबूत होता है।

🛡️ 6. नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा

यह मंत्र साधक की रक्षा करता है और बुरी नजर, तंत्र बाधा से भी दूर रखता है।

🙏 7. आध्यात्मिक उन्नति

गायत्री मंत्र साधक को आत्म-साक्षात्कार और ब्रह्मज्ञान की ओर ले जाता है।

💓 8. हृदय रोगों में लाभकारी

इसके नियमित उच्चारण से हृदय की धड़कन नियंत्रित होती है और रक्तसंचार बेहतर होता है।

🌙 9. नींद में सुधार

यह मन को शांत कर सुकूनभरी नींद दिलाने में सहायक होता है।

👪 10. पारिवारिक सुख-शांति

जब पूरे परिवार द्वारा सामूहिक रूप से इसका जप होता है तो घर में प्रेम, सहयोग और समृद्धि का वातावरण बनता है।

🎯 11. संकल्पशक्ति और आत्मबल में वृद्धि

साधक का आत्मबल मज़बूत होता है जिससे वह जीवन की कठिनाइयों का सामना दृढ़ता से कर पाता है।

🎓 12. विद्या और बुद्धि में वृद्धि

बच्चों को यदि इस मंत्र का जप कराया जाए तो उनकी एकाग्रता, स्मरण शक्ति और शिक्षा में सुधार होता है।

🧘‍♀️ 13. चक्र जागरण में सहायक

गायत्री मंत्र का प्रभाव विशेष रूप से आज्ञा चक्र और सहस्रार चक्र पर होता है, जिससे आंतरिक चेतना जागृत होती है।

✨ 14. भाग्य परिवर्तन

गायत्री मंत्र नियमित रूप से 108 बार प्रतिदिन जपने से भाग्य के बंद द्वार भी खुल सकते हैं।

🌞 15. सूर्य ऊर्जा का आह्वान

गायत्री मंत्र में “सवितुः” शब्द सूर्य देवता का प्रतीक है। यह सूर्य की दिव्य ऊर्जा को आह्वान कर जीवन में प्रकाश लाता है।


🗓️ गायत्री मंत्र जाप के लिए श्रेष्ठ समय

  • ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे के बीच)
  • संध्या समय (सूर्यास्त के समय)
  • पूर्णिमा और रविवार विशेष फलदायी माने जाते हैं।

🧘‍♂️ गायत्री मंत्र जप विधि

  1. स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  3. एकाग्रता से 108 बार जप करें (रुद्राक्ष या तुलसी की माला से)।
  4. मंत्र जप के बाद कुछ क्षण मौन रहकर ध्यान करें।
  5. दीर्घकालिक साधना से अद्भुत लाभ मिलते हैं।

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❓अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्र.1: क्या गायत्री मंत्र सभी के लिए है?
उत्तर: हाँ, यह सार्वभौमिक मंत्र है और कोई भी श्रद्धा से इसका जप कर सकता है।

प्र.2: क्या इस मंत्र को रात में जप सकते हैं?
उत्तर: हाँ, परंतु ब्रह्म मुहूर्त और संध्या समय अधिक प्रभावी माने जाते हैं।

प्र.3: मंत्र जप की संख्या कितनी होनी चाहिए?
उत्तर: कम से कम 108 बार प्रतिदिन करना शुभ होता है।

प्र.4: क्या मंत्र जप से जीवन में चमत्कार होते हैं?
उत्तर: नियमित श्रद्धापूर्वक साधना करने से निश्चित रूप से सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।

प्र.5: क्या बिना दीक्षा के भी यह मंत्र जप सकते हैं?
उत्तर: हाँ, गायत्री मंत्र सार्वजनीन है और कोई भी इसे श्रद्धा से जप सकता है।


📣 अंत मे

गायत्री मंत्र केवल एक वैदिक स्तुति नहीं, बल्कि एक दिव्य शक्ति है जो जीवन को ऊर्जावान, संतुलित और समृद्ध बना सकती है। यदि आप मानसिक शांति, सफलता और आध्यात्मिक उन्नति चाहते हैं, तो प्रतिदिन इस मंत्र का जप अवश्य करें।


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✍️ लेखक: शिवानंद दास जी | स्रोत: दिव्ययोग आश्रम
📞 Call/WhatsApp: 8652439844 / 7710812329


Achieve Success in 11 Days with Hanuman Mantra

Achieve Success in 11 Days with Hanuman Mantra

11 दिन में कार्य सिद्धि का चमत्कारी हनुमान मंत्र – तुरंत असर!

11 Days Hanuman Mantra हनुमान जी को कलियुग के सबसे जाग्रत और शीघ्र फलदायी देवता माने जाते हैं। जब जीवन में कोई कार्य बार-बार अटकता है, रुकावटें आती हैं या प्रयास व्यर्थ हो जाते हैं, तो यह सिद्ध चमत्कारी मंत्र — “ॐ हं हनुमंते सर्व कार्य सिद्धिम् देही देही नमः” — अत्यंत प्रभावशाली सिद्ध होता है। यह मंत्र 11 दिनों तक विधिपूर्वक जपने से कार्य में सफलता, आत्मबल, साहस और बाधा निवारण सुनिश्चित करता है। यह हनुमान मंत्र तुरन्त प्रभाव देता है और गुप्त रूप से कार्य सिद्धि कराने के लिए अचूक उपाय है।


हनुमान मंत्र के दिव्य लाभ

  1. रुके हुए कार्यों में शीघ्र सफलता
  2. कोर्ट केस, विवादों में विजय
  3. व्यापार में बढ़ोतरी और लाभ
  4. परीक्षा में उत्तीर्ण होने की शक्ति
  5. नौकरी पाने में सहायता
  6. इंटरव्यू या प्रमोशन में सफलता
  7. परिवारिक समस्याओं का समाधान
  8. मानसिक बल और आत्मविश्वास की वृद्धि
  9. शत्रु बाधा से सुरक्षा
  10. तांत्रिक प्रभाव और बुरे स्वप्न से मुक्ति
  11. विवाह में आ रही रुकावटें दूर
  12. प्रेम संबंधों में स्थिरता और सफलता
  13. कार्यक्षमता और निर्णय शक्ति में वृद्धि
  14. यात्रा में सुरक्षा और शुभ फल
  15. आध्यात्मिक उन्नति और सिद्धि प्राप्ति

कौन कर सकता है यह साधना?

  • स्त्री या पुरुष, कोई भी श्रद्धालु कर सकता है
  • विद्यार्थी, व्यापारी, अधिकारी, नौकरीपेशा, गृहिणी
  • जिनका कार्य बार-बार अटक रहा हो
  • जिन पर तांत्रिक बाधाएं हों या डर लगे
  • जिनका मनोबल कमजोर हो या आत्मविश्वास डगमगा गया हो

शर्त: श्रद्धा, नियम और 11 दिन तक निरंतरता आवश्यक है।


सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त (Best Muhurat)

  • दिन: मंगलवार या शनिवार से प्रारंभ करें
  • समय: प्रातः ब्रह्म मुहूर्त (4:30 AM – 6:00 AM)
  • नक्षत्र: मघा, चित्रा, विशाखा, अनुराधा उत्तम माने जाते हैं
  • चंद्रमा: जब चंद्रमा शुभ राशियों (मेष, सिंह, मकर) में हो

हनुमान कार्य सिद्धि साधना विधि

1. तैयारी:

  • स्नान करके स्वच्छ लाल वस्त्र पहनें
  • पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें
  • पूजा स्थान को साफ करके हनुमान जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें

2. पूजन सामग्री:

  • लाल फूल, लाल चंदन, रोली, दीपक, धूप
  • गुड़, चने, सिंदूर, पान, लौंग
  • मौली धागा, एक लाल आसन, जप माला (रुद्राक्ष या तुलसी)

3. मंत्र जप विधि:

  • दीप जलाएं और हनुमान जी को प्रणाम करें
  • मंत्र का उच्चारण करें –
    🔺 “ॐ हं हनुमंते सर्व कार्य सिद्धिम् देही देही नमः”
  • प्रतिदिन 108 बार (1 माला) मंत्र का जप करें
  • मंत्र जप के पश्चात अपनी समस्या हनुमान जी को मन ही मन प्रकट करें
  • भोग अर्पण करें – गुड़ चना या बूंदी
  • अंत में आरती करें

4. विशेष निर्देश:

  • यह साधना 11 दिन तक नियमित करें
  • साधना स्थल और समय एक ही रखें
  • पूर्ण ब्रह्मचर्य और सात्विक आहार रखें
  • सफलता के बाद मंदिर में हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं

सामान्य प्रश्न

Q1: क्या इस मंत्र का असर तुरंत होता है?

उत्तर: हाँ, कई साधकों ने 3-5 दिनों में ही कार्य सिद्ध होते देखा है।

Q2: क्या इसे किसी भी दिन शुरू किया जा सकता है?

उत्तर: श्रेष्ठ परिणाम हेतु मंगलवार या शनिवार को प्रारंभ करना उचित है।

Q3: क्या महिलाएं भी यह साधना कर सकती हैं?

उत्तर: हाँ, पूर्ण श्रद्धा और नियम से महिलाएं भी कर सकती हैं।

Q4: अगर एक दिन छूट जाए तो?

उत्तर: कोशिश करें न छूटे, लेकिन छूट जाए तो 11 दिनों के बाद अतिरिक्त दिन जोड़ लें।

Q5: क्या माला जरूरी है?

उत्तर: हाँ, तुलसी या रुद्राक्ष की माला से गिनकर मंत्र जपना अत्यंत फलदायी होता है।

Q6: क्या इस साधना से कोर्ट केस में भी विजय मिल सकती है?

उत्तर: हाँ, यह मंत्र कार्य सिद्धि के साथ न्याय में विजय दिलाने में भी समर्थ है।

Q7: क्या इस मंत्र को किसी और के लिए कर सकते हैं?

उत्तर: हाँ, आप अपने परिवार के सदस्य या प्रियजनों के लिए भी साधना कर सकते हैं।

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अंत मे

“ॐ हं हनुमंते सर्व कार्य सिद्धिम् देही देही नमः” एक चमत्कारी और अति सिद्ध हनुमान मंत्र है, जो जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिलाने में समर्थ है। यह मंत्र सिर्फ शब्द नहीं, अपितु हनुमान जी की शक्ति का साक्षात स्वरूप है। श्रद्धा, नियम और समर्पण से 11 दिनों की यह साधना आपके जीवन की हर रुकावट को समाप्त कर सकती है।


अगर आप इस मंत्र को विशेष अनुष्ठान रूप से Divyayoga Ashram में करवाना चाहते हैं, तो संपर्क करें:

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Powerful Mantras For Protection From Negative Energy

Powerful Mantras For Protection From Negative Energy

🔱 नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के शक्तिशाली मंत्र – सम्पूर्ण जानकारी

Mantras For Protection – आज की तेज़ जीवनशैली, प्रतिस्पर्धा और तनावपूर्ण वातावरण में अनेक बार हम ऐसी परिस्थितियों में फँस जाते हैं जहाँ नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) हमें घेरे रहती है। यह नकारात्मकता हमारे मन, शरीर, धन, संबंध और आध्यात्मिक उन्नति को प्रभावित करती है।

ऐसे में प्राचीन वैदिक मंत्रों (Vedic Mantras) की शक्ति से हम न केवल नकारात्मकता से रक्षा कर सकते हैं, बल्कि अपने चारों ओर एक दिव्य सुरक्षा कवच भी बना सकते हैं।


🧿 नकारात्मक ऊर्जा के लक्षण

  1. बार-बार थकावट और आलस्य
  2. बिना कारण चिंता और भय
  3. अचानक आर्थिक हानि
  4. नींद में डरावने सपने आना
  5. घर या कार्यालय में तनावपूर्ण वातावरण
  6. ध्यान न लगना या आध्यात्मिक अभ्यास में रुकावट
  7. रिश्तों में अनबन और कलेश

🕉 नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के 5 सबसे शक्तिशाली मंत्र

1. ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा। यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यंतरः शुचिः॥

अर्थ: यह मंत्र बताता है कि चाहे व्यक्ति किसी भी स्थिति में हो, यदि वह भगवान विष्णु का स्मरण करता है तो वह बाहरी और आंतरिक रूप से पवित्र हो जाता है।

उपयोग: इसे दिन की शुरुआत में 11 बार जाप करें। यह वातावरण को शुद्ध करता है।


2. ॐ नमः शिवाय।

अर्थ: यह पंचाक्षरी मंत्र भगवान शिव का है, जो आत्म-शुद्धि, ऊर्जा संतुलन और नकारात्मकता की समाप्ति में अत्यंत प्रभावी है।

फायदे:

  • मानसिक शांति
  • ऊर्जाओं का संतुलन
  • कालसर्प, पितृदोष आदि की शांति

विधि: किसी शिवलिंग पर जल चढ़ाकर 108 बार जाप करें।


3. ॐ ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे॥

यह देवी चामुंडा (काली) का बीज मंत्र है।

अर्थ: यह मंत्र बुरी शक्तियों, काले जादू, और ऊपरी बाधाओं से रक्षा करता है।

विधि: इस मंत्र का रुद्राक्ष माला से रात्रि में 108 बार जाप करें। विशेष रूप से अमावस्या या मंगलवार को आरंभ करें।


4. ॐ दुं दुर्गायै नमः॥

अर्थ: यह मंत्र माता दुर्गा का बीज मंत्र है जो सभी नकारात्मकता, भय, और संकटों से मुक्ति देता है।

फायदे:

  • बुरी नजर से सुरक्षा
  • घर में सुख-शांति
  • अदृश्य ऊर्जाओं से सुरक्षा

विधि: इसे सुबह लाल पुष्प अर्पित कर 21 बार जाप करें।


5. ॐ कालभैरवाय नमः॥

अर्थ: कालभैरव, समय के स्वामी हैं और तंत्र, मंत्र, और नकारात्मक शक्तियों पर नियंत्रण रखते हैं।

फायदे:

  • अघोरी, तांत्रिक प्रभाव से मुक्ति
  • ऊर्जा क्षेत्र की सुरक्षा
  • आत्मबल की वृद्धि

विधि: इस मंत्र को मंगलवार या शनिवार की रात्रि में 108 बार जाप करें, दीपक जलाकर साधना करें।


🔮 मंत्र साधना की सम्पूर्ण विधि

🌙 मुहूर्त:

  • अमावस्या, पूर्णिमा, शनिवार, मंगलवार, और रात्रि का समय अधिक प्रभावी होता है।
  • राहुकाल से बचें।

🪔 आवश्यक सामग्री:

  • जल/गंगाजल
  • रुद्राक्ष/काली हकीक माला
  • दीपक (घी या तिल का)
  • अगरबत्ती/धूप
  • लाल या काले वस्त्र
  • आसन (कुश या ऊन का)

🧘‍♂️ विधि:

  1. स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. साधना स्थान को शुद्ध करें और दीप प्रज्वलित करें।
  3. आसन पर बैठकर आंखें बंद करें और 5 मिनट ध्यान करें।
  4. चुने गए मंत्र का जप कम से कम 108 बार करें।
  5. हर दिन नियमित समय पर साधना करें।
  6. जाप के बाद ईश्वर से सुरक्षा की प्रार्थना करें।

✨ लाभ

  1. नकारात्मक ऊर्जा का नाश
  2. बुरी नजर से सुरक्षा
  3. तंत्र-मंत्र से रक्षा
  4. आत्मविश्वास में वृद्धि
  5. मानसिक शांति और स्थिरता
  6. आध्यात्मिक उन्नति
  7. घर-परिवार में शांति
  8. रोग और भय से मुक्ति
  9. नींद में सुधार
  10. आत्मा की शुद्धि
  11. कर्मों की रक्षा
  12. शत्रु बाधा से मुक्ति
  13. ऊर्जा क्षेत्र (Aura) की सफाई
  14. व्यवसायिक/धन संबंधित बाधाओं की शांति
  15. देवी-देवताओं की कृपा प्राप्ति

📿 सावधानियाँ

  • मंत्र जाप में लय और उच्चारण शुद्ध रखें।
  • साधना के दौरान मन एकाग्र रखें।
  • बीच में साधना न तोड़ें।
  • साधना काल में सात्विक भोजन करें।
  • गुप्त रखें – दूसरों को न बताएं जब तक साधना पूर्ण न हो।

🌺 विशेष सुझाव

  • यदि आप किसी तांत्रिक बाधा से ग्रस्त हैं, तो चामुंडा मंत्र या कालभैरव मंत्र सर्वोत्तम हैं।
  • घर में रोजाना शंख ध्वनि या घंटी बजाएं – इससे भी नकारात्मकता दूर होती है।
  • लोहबान और गूगल की धूप जलाना भी प्रभावी उपाय है।

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📌 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

❓1. क्या मंत्र जाप मोबाइल से कर सकते हैं?

📩 उत्तर: हां, परंतु श्रेष्ठ परिणाम के लिए मौखिक रूप से माला द्वारा जाप करना बेहतर होता है।

❓2. क्या रात्रि में भी जाप कर सकते हैं?

📩 उत्तर: हां, विशेष रूप से काली, भैरव, चामुंडा आदि के मंत्र रात्रि में अधिक प्रभावी होते हैं।

❓3. मंत्र जाप में माला आवश्यक है?

📩 उत्तर: माला एकाग्रता के लिए सहायक होती है, परंतु यदि न हो तो उंगलियों से भी जाप कर सकते हैं।

❓4. मंत्र का प्रभाव कितने दिन में दिखता है?

📩 उत्तर: नियमित साधना से 7 से 21 दिन में प्रभाव दिखना शुरू हो जाता है।

❓5. क्या बच्चों के लिए भी यह मंत्र उपयोगी हैं?

📩 उत्तर: हां, परंतु उनके लिए हल्के बीज मंत्र जैसे ‘ॐ नमः शिवाय’ अधिक उपयुक्त होते हैं।

❓6. क्या इन मंत्रों से बुरे सपने रुकते हैं?

📩 उत्तर: हां, विशेष रूप से ‘ॐ अपवित्रः पवित्रो वा…’ और ‘ॐ दुं दुर्गायै नमः’ मंत्र बुरे स्वप्न रोकने में सहायक हैं।

❓7. क्या यह मंत्र किसी विशेष गुरु से लेना ज़रूरी है?

📩 उत्तर: कुछ तांत्रिक मंत्रों के लिए दीक्षा आवश्यक होती है, परन्तु यहाँ बताए गए सामान्य रक्षा मंत्रों का जाप कोई भी कर सकता है।


📞 संपर्क

यदि आप इन मंत्रों की विशेष साधना करवाना चाहते हैं या किसी विशेष समस्या जैसे तांत्रिक बाधा, ऊपरी हवा, शत्रु बाधा आदि से परेशान हैं, तो हमारी टीम अनुभवी साधकों द्वारा आपकी सहायता कर सकती है।

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Hidden Power of Ancient Mantras for Modern Success

Hidden Power of Ancient Mantras for Modern Success

प्राचीन मंत्रों की रहस्यमयी शक्ति और आधुनिक जीवन में सफलता के लिए उनका प्रयोग

Ancient Mantras – प्राचीन भारत की आध्यात्मिक विरासत में मंत्रों का एक विशेष स्थान रहा है। वेदों, उपनिषदों और तंत्र शास्त्रों में उल्लेखित ये मंत्र केवल धार्मिक उद्देश्यों तक सीमित नहीं थे, बल्कि ये मानव जीवन के हर क्षेत्र – स्वास्थ्य, धन, संबंध, मनोबल, और सफलता – को संतुलित और शक्तिशाली बनाने के लिए प्रयोग किए जाते थे।
आज के तनावपूर्ण और प्रतिस्पर्धा-युक्त जीवन में जब मानसिक शांति और सफलता दोनों की आवश्यकता है, तब यही प्राचीन मंत्र आधुनिक जीवन में चमत्कारी परिवर्तन ला सकते हैं।


मंत्र क्या है? (What is a Mantra?)

“मंत्र” एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है – “मन” (मन) + “त्र” (रक्षा करने वाला) यानी जो मन की रक्षा करे, उसे शुद्ध करे, उसे केंद्रित करे, वही मंत्र है।

यह केवल शब्दों का समूह नहीं, बल्कि ध्वनि, ऊर्जा और कंपन (vibration) का ऐसा संयोजन है जो व्यक्ति की चेतना को ऊर्जावान बनाता है और ब्रह्मांडीय शक्तियों से जोड़ता है।


मंत्रों की छुपी हुई शक्ति (Hidden Power of Mantras)

1. ध्वनि और कंपन का विज्ञान (Science of Sound & Vibration)

हर मंत्र की ध्वनि एक विशेष तरंग उत्पन्न करती है। उदाहरण के लिए, “ॐ” के उच्चारण से मस्तिष्क में शांति, स्थिरता और संतुलन आता है। वैज्ञानिक शोध भी सिद्ध कर चुके हैं कि लगातार मंत्र जाप से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

2. उच्च ऊर्जा स्तर का निर्माण (Raising Energetic Frequency)

मंत्रों का नियमित जप आपके Aura (आभामंडल) को सशक्त करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। इससे आप आत्मविश्वास, आकर्षण और सफलता की ओर अग्रसर होते हैं।

3. मन और मस्तिष्क की सफाई (Mental Detox)

मंत्र जप ध्यान की तरह कार्य करता है, जो नकारात्मक विचारों, भय और मानसिक अव्यवस्था को दूर करता है। यह मानसिक स्पष्टता और निर्णय शक्ति को बढ़ाता है।


मंत्र और आधुनिक सफलता का संबंध (Mantras & Modern Success)

1. मस्तिष्क क्षमता और फोकस बढ़ाने हेतु मंत्र

गायत्री मंत्र
“ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्”
यह मंत्र मस्तिष्क की ऊर्जा बढ़ाकर पढ़ाई, एकाग्रता और निर्णय शक्ति को सशक्त करता है।

2. व्यवसाय और धन के लिए मंत्र

श्री सूक्त / लक्ष्मी मंत्र
“ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः”
धन, समृद्धि और आर्थिक स्थिरता के लिए अत्यंत प्रभावशाली। नियमित 108 बार जाप व्यापार में उन्नति लाता है।

3. संबंध सुधारने के लिए मंत्र

क्लीं मंत्र (कामबीज)
“ॐ क्लीं कृष्णाय नमः”
आकर्षण, प्रेम, विवाह और रिश्तों में सामंजस्य के लिए उपयोगी।

4. नकारात्मक ऊर्जा और शत्रु से रक्षा

बगलामुखी मंत्र
“ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय”
शत्रुओं को निष्क्रिय करने, कानूनी मामलों में विजय और आत्मरक्षा के लिए चमत्कारी।

5. सफलता और कर्म सिद्धि के लिए मंत्र

हनुमान मंत्र
“ॐ हं हनुमते नमः”
कार्यों में सफलता, साहस, बाधाओं से मुक्ति और शक्ति के लिए अचूक उपाय।


मंत्र जप का श्रेष्ठ मुहूर्त

काललाभ
ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे)अत्यधिक शक्तिशाली, आध्यात्मिक उन्नति
संध्या कालमानसिक शांति, नकारात्मक ऊर्जा शुद्धि
एकाग्र अवस्था में दिन में किसी भी समयव्यवसायिक/दैनिक लाभ के लिए

मंत्र जाप की विधि

  1. स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें।
  2. पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  3. कुशा, ऊन या आसन का प्रयोग करें।
  4. जप माला (रुद्राक्ष/चंदन/कमल गट्टा) से 108 बार जप करें।
  5. नियमपूर्वक एक निश्चित समय पर जाप करें।
  6. जाप के बाद थोड़ी देर ध्यान अवश्य करें।

प्राचीन मंत्रों से मिलने वाले लाभ

  1. मानसिक तनाव से मुक्ति
  2. आत्मविश्वास और निर्णय क्षमता में वृद्धि
  3. कार्यों में सफलता और योजनाओं का पूर्ण होना
  4. आकर्षण शक्ति और संबंधों में सुधार
  5. धन, पद और व्यापार में वृद्धि
  6. शत्रु और कानूनी बाधाओं से सुरक्षा
  7. आध्यात्मिक विकास और आत्मशक्ति की जागृति
  8. स्वास्थ्य में सुधार और रोग प्रतिरोधक क्षमता
  9. नकारात्मक ऊर्जा का शुद्धिकरण
  10. जीवन में स्थायित्व और आनंद की अनुभूति
  11. इंटरव्यू/एग्ज़ाम/प्रेज़ेंटेशन में सफलता
  12. भय, डिप्रेशन और असुरक्षा से मुक्ति
  13. रिश्तों में मधुरता और विश्वास
  14. दुर्भाग्य, ग्रह बाधा और दोषों से छुटकारा
  15. कर्म सिद्धि और आत्मोन्नति

कुछ जरूरी सावधानियाँ

  • मंत्रों का उच्चारण शुद्धता से करें।
  • गुरु से दीक्षा लिए बिना बीज मंत्रों का प्रयोग सावधानी से करें।
  • मंत्र का मजाक न बनाएं या बिना श्रद्धा के जप न करें।
  • नकारात्मक सोच या अपवित्रता की स्थिति में जाप से बचें।

Chakra jagaran yantra

Get mantra diksha


अंत में

मंत्र केवल धार्मिक रचना नहीं हैं, बल्कि अद्भुत ऊर्जा स्रोत हैं जो आधुनिक जीवन की चुनौतियों से पार पाने का साधन बन सकते हैं। यह प्राचीन तकनीक आपके भीतर की शक्ति को जागृत करती है और आपको सफलता, धन, संबंध, और आत्मशांति प्रदान करती है।
यदि इनका नियमित और श्रद्धापूर्वक अभ्यास किया जाए, तो ये मंत्र आपके जीवन को चमत्कारिक रूप से बदल सकते हैं।

Baglamukhi Sadhana to Eliminate Rahu-Ketu Afflictions

Baglamukhi Sadhana to Eliminate

रहस्यमयी बगलामुखी साधना व राहु-केतु दोष निवारण

Baglamukhi Sadhana to Eliminate – राहु-केतु दोष व्यक्ति के जीवन में अचानक बाधाएं, मानसिक अशांति, कोर्ट केस, शत्रु प्रकोप, व्यापार में हानि और रोगों को जन्म देता है। लेकिन एक अचूक रहस्य है जो इस दोष से राहत दिला सकता है – “कुम्हार की मिट्टी” का प्रयोग और माँ बगलामुखी की साधना।

माँ बगलामुखी, दस महाविद्याओं में आठवीं हैं, जिनका प्रभाव शत्रुनाश, न्याय में विजय, और दिमागी नियंत्रण में अचूक है। यदि राहु-केतु की अशुभ दशा चल रही हो, अचानक बुरे स्वप्न, दुर्घटनाएं या भय का अनुभव हो रहा हो – तो माँ पीतांबरा की साधना अत्यंत प्रभावशाली सिद्ध हो सकती है।

कुम्हार की मिट्टी एक विशेष तत्त्व होती है, जो पंचतत्त्वों में पृथ्वी का प्रतिनिधित्व करती है और राहु-केतु की ऊर्जा को अवशोषित कर तटस्थ कर देती है। जब इस मिट्टी से बनायीं गयी वेदी पर बगलामुखी साधना की जाए तो यह मिलकर शक्तिशाली कवच का निर्माण करती है।


मंत्र:

ॐ ह्ल्रीं पीतांबरेश्वरी क्लीं स्वाहा।


मंत्र का अर्थ:

  • – परम ब्रह्म की ध्वनि
  • ह्ल्रीं – बगलामुखी का बीज मंत्र, ऊर्जा को रोकने वाला
  • पीतांबरेश्वरी – पीले वस्त्र धारण करने वाली देवी
  • क्लीं – आकर्षण और विजय का बीज
  • स्वाहा – समर्पण व पूर्णता

यह मंत्र व्यक्ति की मानसिक शक्ति को बढ़ाकर, शत्रु की वाणी और योजनाओं को पलटने की क्षमता देता है।


चमत्कारी लाभ

  1. राहु-केतु दोष का शमन
  2. अचानक दुर्घटनाओं से सुरक्षा
  3. कोर्ट केस में विजय
  4. मानसिक भय का अंत
  5. शत्रु परास्त होते हैं
  6. आत्मविश्वास में वृद्धि
  7. वाणी पर नियंत्रण
  8. कालसर्प योग में राहत
  9. आर्थिक रुकावट दूर होती है
  10. गुप्त शत्रुओं से बचाव
  11. गलत निर्णयों से रक्षा
  12. नींद में भय व स्वप्न दोष दूर
  13. नौकरी में स्थिरता
  14. विवाह संबंधी अड़चनें दूर
  15. आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति

शुभ मुहूर्त (Muhurat)

बगलामुखी साधना के लिए शुभ मुहूर्त:

  • तिथि: कृष्ण पक्ष की अष्टमी, अमावस्या, या मंगलवार/शनिवार
  • समय: रात्रि 9 बजे के बाद
  • स्थान: शांत, एकांत कमरा या पूजा स्थान

Chakra jagaran yantra

Book – Kumbh Vivah Pujan Shivir

Aprajita sadhana shivir


साधना विधि (Vidhi) – 25 मिनट व 5 दिन का जप

सामग्री:

  • कुम्हार की मिट्टी (शुद्ध, बिना पकी)
  • पीला वस्त्र
  • बगलामुखी यंत्र (यदि उपलब्ध हो)
  • पीली हल्दी, चने की दाल, पीला फूल
  • घी का दीपक, अगरबत्ती, जल

पहला चरण (वेदी निर्माण):

  1. कुम्हार की मिट्टी से चौकोर वेदी बनाएं।
  2. उस पर पीला वस्त्र बिछाकर बगलामुखी यंत्र या चित्र रखें।

दूसरा चरण (25 मिनट जप):

  1. आँखें बंद करके ‘ॐ ह्ल्रीं पीतांबरेश्वरी क्लीं स्वाहा’ मंत्र का 25 मिनट तक जाप करें।
  2. जाप के समय पीला दीपक जलता रहे।

तीसरा चरण (5 दिन तक साधना):

  1. लगातार 5 दिन तक उसी स्थान पर रोज 25 मिनट का जप करें।
  2. पीली चीजें चढ़ाएं – चने की दाल, हल्दी, पीला फूल।

महत्वपूर्ण निर्देश:

  • जप से पहले स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  • एक ही समय पर जप करें, और साधना पूर्ण होने के बाद मिट्टी को किसी पीपल या नीम के पेड़ के नीचे respectfully विसर्जित करें।

महत्वपूर्ण FAQs

Q1. क्या यह साधना घर पर की जा सकती है?
हाँ, यदि नियम और एकाग्रता से की जाए तो घर में भी यह साधना प्रभावशाली होती है।

Q2. पुरुष और स्त्री दोनों कर सकते हैं?
हाँ, दोनों कर सकते हैं, लेकिन महिलाओं को रजस्वला काल में साधना से विरत रहना चाहिए।

Q3. कुम्हार की मिट्टी कहां से लें?
किसी स्थानीय कुम्हार से ली जा सकती है या बिना पकी प्राकृतिक मिट्टी भी चलेगी।

Q4. क्या यंत्र जरूरी है?
यदि यंत्र न हो तो माँ बगलामुखी का चित्र या प्रतीकात्मक प्रतीमा भी पर्याप्त है।

Q5. मंत्र कितनी बार जपें?
समय के अनुसार कम से कम 25 मिनट तक लगातार जप करें, इससे 3 से 5 माला तक हो जाता है।

Q6. यदि साधना अधूरी रह जाए तो क्या हो?
फिर से पहले दिन से आरंभ करें, लेकिन अधूरी साधना के दिन माफ़ी मांगें।

Q7. क्या यह उपाय कोर्ट केस में मदद करता है?
हाँ, माँ बगलामुखी की शक्ति से शत्रु की वाणी रुकती है और न्याय में विजय मिलती है।


बगलामुखी साधना और कुम्हार की मिट्टी का यह विशेष उपाय राहु-केतु दोष को हटाने में बेहद प्रभावशाली है। यह न केवल आपकी बाधाओं को दूर करता है, बल्कि मानसिक शक्ति, शत्रु नियंत्रण और आध्यात्मिक विकास भी देता है। माँ पीतांबरा का आशीर्वाद जीवन के हर संकट को अवसर में बदल सकता है।

Kumbh Vivah Pujan Shivir: Remove Marriage Obstacles on Vat Purnima

Kumbh Vivah Pujan Shivir: Remove Marriage Obstacles on Vat Purnima

कुंभ विवाह पूजन शिविर: वट पूर्णिमा पर दिव्ययोग आश्रम में विवाह बाधाओं का समाधान

Kumbh Vivah Pujan Shivir एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुष्ठान है जो विवाह में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करता है। यह पावन कार्यक्रम 10 जून, 2025 (वट पूर्णिमा) को दिव्ययोग आश्रम में आयोजित किया जाएगा। इस शिविर में ऐसे युवक-युवतियां भाग ले सकते हैं जिनके विवाह में किसी भी प्रकार की रुकावटें आ रही हैं। यहां लड़कियों का विवाह भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति से और लड़कों का विवाह बरगद की लकड़ी से शास्त्रीय विधि से संपन्न कराया जाता है। आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से इस पूजन में शामिल हो सकते हैं।

वट पूर्णिमा का महत्व

वट पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक पवित्र दिन है जब सावित्री-सत्यवान की कथा सुनकर स्त्रियां वट वृक्ष की पूजा करती हैं। इस दिन कुंभ विवाह पूजन करने से विवाह संबंधी सभी ग्रह दोष दूर होते हैं और जीवनसाथी की प्राप्ति में आसानी होती है।

किन्हें इस शिविर में भाग लेना चाहिए?

  • जिनके विवाह में बार-बार रुकावटें आती हों।
  • जिनकी कुंडली में मंगल दोष, शनि दोष या राहु-केतु का प्रभाव हो।
  • जो लंबे समय से अविवाहित हैं और सही जीवनसाथी की तलाश में हैं।
  • जिनके प्रेम संबंधों में बार-बार विवाद होते हों।

कुंभ विवाह पूजन शिविर के लाभ

  1. विवाह में आने वाली सभी बाधाएं दूर होंगी।
  2. मंगल दोष का निवारण होगा।
  3. ग्रहों की शांति होगी।
  4. जीवनसाथी की प्राप्ति में सहायता मिलेगी।
  5. पारिवारिक सुख-शांति बढ़ेगी।
  6. कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी।
  7. आत्मविश्वास बढ़ेगा।
  8. नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलेगी।
  9. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होगा।
  10. आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी।

शिविर में भाग लेने के नियम

  • आयु 20 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
  • स्त्री-पुरुष दोनों भाग ले सकते हैं।
  • नीले या काले कपड़े न पहनें
  • धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार का सेवन न करें।
  • पूजन के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।

पूजन के बाद मिलने वाले लाभ

शिविर में भाग लेने वाले सभी साधकों को सिद्ध कवच प्रदान किया जाएगा, जो उनकी रक्षा करेगा और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करेगा।

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कुंभ विवाह पूजन शिविर से जुड़े प्रश्न-उत्तर

प्रश्न 1: क्या ऑनलाइन भाग ले सकते हैं?

उत्तर: हां, आप ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी तरह से इस शिविर में शामिल हो सकते हैं।

प्रश्न 2: क्या विवाहित लोग भी भाग ले सकते हैं?

उत्तर: यह शिविर विशेष रूप से अविवाहितों के लिए है, लेकिन विवाहित जोड़े भी दाम्पत्य सुख के लिए पूजन करा सकते हैं।

इस कुंभ विवाह पूजन शिविर में भाग लेकर अपने जीवन की सभी विवाह संबंधी समस्याओं का समाधान पाएं और सुखी दांपत्य जीवन की शुरुआत करें!