सबका कष्ट दूर करने वाली माता एकजटा मंत्र (Ekajata Mantra) का उपयोग सुरक्षा व सुख समृद्धि के लिये किया जाता है। देवी एकजटा दस महाविद्या में से एक महाविद्या माता तारा का स्वरूप मानी जाती है। इनकी पूजा से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। यह मंत्र विशेष रूप से शक्ति, सुरक्षा और समृद्धि के लिए जप किया जाता है।
एकजटा मंत्र
मंत्र “ॐ स्त्रीं एकजटे स्त्रीं नमः” “OM STREEM EKJATE STREEM NAMAHA”
एकजटा मंत्र से लाभ
- बाधाओं का नाश: मंत्र जाप से जीवन में आने वाली बाधाएं और संकट दूर होते हैं।
- शत्रुओं पर विजय: यह मंत्र शत्रुओं पर विजय दिलाने में सहायक होता है।
- मन की शांति: मंत्र जाप से मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है।
- सुरक्षा का कवच: यह मंत्र भक्त को नकारात्मक ऊर्जाओं और बुरी शक्तियों से बचाता है।
- धन-संपत्ति में वृद्धि: देवी एकजटा का आशीर्वाद धन और संपत्ति में वृद्धि लाता है।
- स्वास्थ्य लाभ: मंत्र जाप से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- परिवार में सुख-शांति: परिवार में सुख-शांति और समरसता बनी रहती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: मंत्र जाप से साधक की आध्यात्मिक यात्रा में उन्नति होती है।
- कार्य में सफलता: व्यापार या नौकरी में सफलता प्राप्त होती है।
- विवाह में अड़चनें दूर: मंत्र जाप से विवाह संबंधित बाधाएं दूर होती हैं।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार: जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और नई उम्मीदें आती हैं।
- पारिवारिक कलह का निवारण: पारिवारिक विवाद और कलह को समाप्त करता है।
- विद्या और बुद्धि में वृद्धि: छात्रों और विद्या-अध्ययन करने वालों के लिए लाभकारी।
- साहस और आत्मविश्वास बढ़ाना: यह मंत्र साहस और आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायक होता है।
- कर्ज से मुक्ति: कर्ज से छुटकारा पाने के लिए यह मंत्र लाभदायक है।
- भाग्य में सुधार: दुर्भाग्य दूर करके भाग्य में सुधार लाता है।
- मनोकामना पूर्ति: साधक की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करता है।
एकजटा मंत्र जप की विधि:
- शुभ मुहूर्त: मंत्र जप किसी भी मंगलवार से कर सकते हैं।
- स्वच्छता: मंत्र जप से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल: देवी एकजटा का चित्र या मूर्ति पूजा स्थल पर स्थापित करें।
- पूजा सामग्री: धूप, दीप, फूल, चंदन, अक्षत (चावल), मिठाई आदि पूजा सामग्री तैयार रखें।
- आसन: किसी स्वच्छ आसन पर बैठें और पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके मंत्र जप करें।
- मंत्र जाप:
- मंत्र का जाप रुद्राक्ष माला या स्फटिक माला से करें।
- प्रतिदिन 108 बार मंत्र का जाप करें।
- नैवेद्य: देवी एकजटा को फल, फूल और मिठाई का नैवेद्य अर्पित करें।
- आरती: मंत्र जप के बाद देवी की आरती करें और धूप-दीप दिखाएं।
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विशेष :
- नियमित रूप से मंत्र का जाप करें और साधना में नियम का पालन करें।
- मन को एकाग्र करके और पूर्ण श्रद्धा भाव से मंत्र का उच्चारण करें।
- मंत्र जप के दौरान ध्यान रखें कि उच्चारण सही और स्पष्ट हो।
एकजटा मंत्र -FAQs
प्रश्न: एकजटा मंत्र से कितने दिनों में फल प्राप्त होता है? उत्तर: साधक की भक्ति और समर्पण पर निर्भर करता है, फल जल्दी भी मिल सकता है।
प्रश्न: एकजटा मंत्र क्या है? उत्तर: यह देवी एकजटा को समर्पित एक शक्तिशाली मंत्र है, जो संकटों का नाश करता है।
प्रश्न: एकजटा मंत्र का जाप कब करना चाहिए? उत्तर: इस मंत्र का जाप सूर्योदय के समय या रात्रि के समय करना श्रेष्ठ होता है।
प्रश्न: एकजटा मंत्र का जाप कैसे करें? उत्तर: मंत्र का जाप स्वच्छ स्थान पर, देवी की प्रतिमा के सामने, मन को शांत करके करना चाहिए।
प्रश्न: क्या एकजटा मंत्र सभी के लिए उपयुक्त है? उत्तर: हां, यह मंत्र सभी उम्र के लोगों के लिए लाभकारी है।
प्रश्न: एकजटा मंत्र के जाप की न्यूनतम संख्या क्या है? उत्तर: मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए।
प्रश्न: एकजटा मंत्र के जाप के लिए कौन से नियम हैं? उत्तर: शुद्धता, एकाग्रता, और सच्चे मन से जाप करना आवश्यक है।
प्रश्न: क्या एकजटा मंत्र का जाप बिना गुरु के किया जा सकता है? उत्तर: हां, साधारण जाप बिना गुरु के भी किया जा सकता है, लेकिन दीक्षा से अधिक फल प्राप्त होता है।
प्रश्न: क्या एकजटा मंत्र का जाप संकट में ही करना चाहिए? उत्तर: नहीं, इसे नियमित रूप से करने से संकट आने से पहले ही टल जाते हैं।
प्रश्न: क्या एकजटा मंत्र का जाप विशेष पूजा के साथ करना चाहिए? उत्तर: हां, विशेष पूजा या हवन के साथ मंत्र का जाप अधिक शक्तिशाली माना जाता है।