Bhairavi pratyangira mantra for strong protection
माता भैरवी प्रत्यांगिरा- सुरक्षा व भौतिक सुख देने वाली
महाविद्या भैरवी प्रत्यंगिरा मंत्र तंत्र साधना में अत्यंत शक्तिशाली देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं। उन्हें भैरवी व प्रत्यांगिरा का संयुक्त रूप माना जाता है, जो अपने भक्तों को नकारात्मक शक्तियों और शत्रुओं से बचाती हैं। भैरवी प्रत्यंगिरा की साधना साधक को दिव्य शक्ति और सिद्धियों की प्राप्ति में सहायक होती है। उनकी कृपा से साधक के जीवन में समृद्धि, सुख, और शांति का वास होता है।
भैरवी प्रत्यांगिरा मंत्र “ॐ ह्रां ह्रीं भैरवीये क्लीं प्रत्यंगिरा फट्ट” “OM HRAAM JREEM BHAIRAVIYE KLEEM PRTYANGIRA FATT”
भैरवी प्रत्यांगिरा की साधना के लाभ
- शत्रु बाधा से मुक्ति: भैरवी प्रत्युंगिरा की साधना से शत्रुओं का नाश होता है और साधक को शत्रु भय से मुक्ति मिलती है।
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश: सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा, टोने-टोटके, और जादू-टोने का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: साधक को आध्यात्मिक उन्नति और उच्चतर योगिक शक्तियों की प्राप्ति होती है।
- समृद्धि और धनलाभ: जीवन में समृद्धि, धन और भौतिक सुखों की वृद्धि होती है।
- मानसिक शांति: साधक के मन को शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
- स्वास्थ्य लाभ: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- रक्षा कवच: साधक के चारों ओर एक दिव्य सुरक्षा कवच निर्मित होता है।
- विवाह में बाधा का निवारण: विवाह संबंधी बाधाओं और विलंब का निवारण होता है।
- संतान सुख: नि:संतान दंपत्तियों को संतान सुख प्राप्त होता है।
- व्यवसाय में सफलता: व्यवसाय और करियर में सफलता और उन्नति प्राप्त होती है।
- दुर्घटनाओं से रक्षा: दुर्घटनाओं और अनहोनी घटनाओं से रक्षा होती है।
- न्यायिक मामलों में सफलता: न्यायिक मामलों में विजय प्राप्त होती है।
- दैनिक जीवन में संतोष: दैनिक जीवन में संतोष और आनंद की अनुभूति होती है।
- आत्मविश्वास में वृद्धि: साधक का आत्मविश्वास और साहस बढ़ता है।
- संकटों से मुक्ति: जीवन के विभिन्न संकटों और कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है।
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भैरवी प्रत्यांगिरा मंत्र FAQs
- प्रश्न: भैरवी प्रत्यांगिरा कौन हैं?
उत्तर: ये भैरवी व प्रत्यांगिरा देवी का संयुक्त रूप हैं और तंत्र साधना की शक्तिशाली देवी मानी जाती हैं। - प्रश्न: भैरवी प्रत्यांगिरा मंत्र का जाप क्यों किया जाता है?
उत्तर: इस मंत्र का जाप शत्रुओं से रक्षा, नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने और दिव्य शक्तियां प्राप्त करने के लिए होता है। - प्रश्न: भैरवी प्रत्यांगिरा की साधना के लिए कौन सा समय श्रेष्ठ है?
उत्तर: रात्रि के समय, विशेषकर अमावस्या या चतुर्दशी को, भैरवी प्रत्यांगिरा की साधना करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। - प्रश्न: भैरवी प्रत्यांगिरा मंत्र का जाप कैसे करें?
उत्तर: मंत्र का जाप एकांत, स्वच्छ और शुद्ध स्थान पर, मन को शांत करके, विधिवत रूप से करना चाहिए। - प्रश्न: क्या भैरवी प्रत्यांगिरा मंत्र सभी के लिए उपयुक्त है?
उत्तर: यह मंत्र विशेष तंत्र साधना के लिए है, इसलिए इसे योग्य गुरु की देखरेख में ही करना चाहिए। - प्रश्न: भैरवी प्रत्यांगिरा मंत्र के जाप की न्यूनतम संख्या क्या है?
उत्तर: इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए, हालांकि अधिक संख्या लाभकारी होती है। - प्रश्न: क्या भैरवी प्रत्यांगिरा मंत्र का जाप बिना गुरु के किया जा सकता है?
उत्तर: नहीं, इस मंत्र का जाप गुरु की दीक्षा और मार्गदर्शन के बिना करना अनुचित और हानिकारक हो सकता है। - प्रश्न: भैरवी प्रत्यांगिरा की साधना के क्या लाभ हैं?
उत्तर: साधना से साधक को सुरक्षा, शत्रु विजय, सिद्धियां, और जीवन में समृद्धि एवं शांति प्राप्त होती है। - प्रश्न: क्या भैरवी प्रत्यांगिरा मंत्र का जाप विशेष पूजा के साथ करना चाहिए?
उत्तर: हां, विशेष पूजा, हवन, या तांत्रिक अनुष्ठान के साथ मंत्र जाप करना अधिक शक्तिशाली और फलदायी होता है। - प्रश्न: भैरवी प्रत्यांगिरा मंत्र का प्रभाव कितने समय में दिखता है?
उत्तर: मंत्र का प्रभाव साधक की निष्ठा, साधना की विधि, और देवी की कृपा पर निर्भर करता है।