सकारात्मक व नाकारात्मक उर्जा को नियंत्रण करने वाली “गौरी” और “काली” हिन्दू धर्म में देवी पार्वती के दो अलग-अलग रूप हैं। ये दोनों रूप दिखने और स्वभाव में विपरीत हैं, लेकिन दोनों ही शक्ति और सृष्टि के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
गौरी काली, माँ काली और माँ गौरी का संगम है। इनका पूजन विशेष रूप से उन लोगों के लिए किया जाता है जो जीवन में शांति और सुरक्षा चाहते हैं। गौरी काली की पूजा शक्ति और सौंदर्य दोनों का प्रतीक है।
गौरी काली मंत्र और उसका अर्थ
गौरी काली मंत्र:
॥ॐ ऐं ह्रीं क्रीं गौर्यै च सः नमः॥
मंत्र का अर्थ:
- “ॐ” – सार्वभौमिक ध्वनि और ब्रह्माण्ड की शक्ति।
- “ऐं” – ज्ञान और विद्या की शक्ति।
- “ह्रीं” – हृदय और आत्मा की शक्ति।
- “क्रीं” – कार्य सिद्धि और कर्म की शक्ति।
- “गौर्यै” – माँ गौरी की स्तुति।
- “च सः” – मां काली की स्तुति।
- “नमः” – प्रणाम और समर्पण।
गौरी काली मंत्र के लाभ
- आध्यात्मिक उन्नति: मंत्र जाप से आध्यात्मिक शक्ति और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
- आत्मविश्वास: मंत्र जाप से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- मन की शांति: यह मंत्र मानसिक शांति प्रदान करता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
- रक्षा: बुरी शक्तियों से रक्षा करता है।
- विवाह में सफलता: विवाह संबंधित समस्याओं का निवारण करता है।
- स्वास्थ्य: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारता है।
- धन: आर्थिक स्थिति को सुधारता है।
- सौंदर्य: आंतरिक और बाह्य सौंदर्य को बढ़ाता है।
- ज्ञान: शिक्षा और विद्या में सफलता प्राप्त होती है।
- संकट मोचन: जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करता है।
- क्लेश मुक्ति: परिवारिक और व्यक्तिगत कष्टों से मुक्ति दिलाता है।
- समृद्धि: घर में समृद्धि और खुशहाली लाता है।
- प्रभावशाली व्यक्तित्व: व्यक्तित्व में निखार आता है।
- धार्मिक उन्नति: धार्मिक जीवन में उन्नति होती है।
- योग्यता: कार्यक्षमता और योग्यता में वृद्धि होती है।
- परिवार में शांति: परिवार में सुख और शांति लाता है।
- निर्भयता: भय और असुरक्षा की भावना को दूर करता है।
- संकल्पशक्ति: संकल्प शक्ति में वृद्धि होती है।
- धैर्य: धैर्य और सहनशीलता में वृद्धि होती है।
गौरी काली मंत्र जाप विधि
मंत्र जाप का दिन
- गौरी काली मंत्र का जाप किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन विशेषकर अमावस्या या पूर्णिमा के दिन इसका जाप अधिक प्रभावी होता है।
अवधि
- मंत्र जाप की अवधि कम से कम 21 दिनों की होनी चाहिए।
मुहूर्त
- मंत्र जाप का सबसे उत्तम समय ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) होता है।
गौरी काली मंत्र जाप के नियम
- शुद्धता: मंत्र जाप के समय शुद्धता का ध्यान रखें।
- आसन: एक स्थिर आसन पर बैठकर जाप करें।
- माला: रुद्राक्ष या चंदन की माला का उपयोग करें।
- संकल्प: मंत्र जाप से पहले संकल्प करें।
- ध्यान: मन को एकाग्र करके ध्यान करें।
- नियमितता: नियमित रूप से जाप करें।
- समर्पण: पूरी श्रद्धा और भक्ति से जाप करें।
- वातावरण: शांति और सुकून वाले वातावरण में जाप करें।
- समय: हर दिन एक ही समय पर जाप करें।
- शुद्ध आहार: शुद्ध और सात्विक आहार का सेवन करें।
- आचरण: संयमित और नैतिक आचरण का पालन करें।
- धैर्य: धैर्यपूर्वक जाप करें।
- वाणी: शुद्ध और मधुर वाणी का प्रयोग करें।
- सकारात्मक सोच: सकारात्मक सोच और दृष्टिकोण रखें।
- विश्वास: मंत्र की शक्ति पर अटूट विश्वास रखें।
गौरी काली मंत्र जाप सावधानियां
- नकारात्मक सोच: नकारात्मक सोच से बचें।
- अव्यवस्थित स्थान: अव्यवस्थित और शोरगुल वाले स्थान पर जाप न करें।
- विचलित मन: विचलित मन से जाप न करें।
- अविश्वास: मंत्र की शक्ति पर संदेह न करें।
- नियम भंग: जाप के नियमों का पालन अवश्य करें।
- बिना स्नान: बिना स्नान के मंत्र जाप न करें।
- अशुद्ध आहार: तामसिक और अशुद्ध आहार से बचें।
- देर रात: देर रात को जाप करने से बचें।
- अलसता: आलस और सुस्ती से बचें।
- अशुद्ध माला: अशुद्ध माला का प्रयोग न करें।
- अधीरता: जल्दीबाजी में जाप न करें।
- अशुद्ध वस्त्र: गंदे और अशुद्ध वस्त्र पहनकर जाप न करें।
- विवाद: विवाद और कलह से दूर रहें।
- लापरवाही: लापरवाही से जाप न करें।
- असंयम: संयम और धैर्य का पालन करें।
गौरी काली मंत्र से संबंधित प्रश्न उत्तर
- गौरी काली मंत्र क्या है?
- गौरी काली मंत्र माँ गौरी और माँ काली की संयुक्त आराधना का मंत्र है।
- गौरी काली मंत्र का अर्थ क्या है?
- इस मंत्र का अर्थ है माँ गौरी और माँ काली की शक्ति और स्तुति।
- गौरी काली मंत्र जाप का सबसे उत्तम समय क्या है?
- ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे)।
- कितने दिनों तक गौरी काली मंत्र का जाप करना चाहिए?
- कम से कम 21 दिनों तक।
- गौरी काली मंत्र के लाभ क्या हैं?
- मानसिक शांति, आत्मविश्वास, सकारात्मक ऊर्जा, रक्षा आदि।
- गौरी काली मंत्र जाप के दौरान किस प्रकार की माला का प्रयोग करना चाहिए?
- रुद्राक्ष या चंदन की माला।
- गौरी काली मंत्र जाप के लिए कौन सा दिन उत्तम होता है?
- अमावस्या या पूर्णिमा का दिन।
- गौरी काली मंत्र जाप करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- शुद्धता, संकल्प, धैर्य और नियमितता।
- गौरी काली मंत्र जाप के लिए कौन सा आसन उत्तम होता है?
- स्थिर और सुखासन।
- क्या बिना स्नान के गौरी काली मंत्र का जाप किया जा सकता है?
- नहीं, शुद्धता का ध्यान रखना आवश्यक है।
- गौरी काली मंत्र जाप के दौरान क्या अशुद्ध आहार का सेवन किया जा सकता है?
- नहीं, सात्विक और शुद्ध आहार का सेवन करना चाहिए।
- गौरी काली मंत्र जाप के दौरान किन चीजों से बचना चाहिए?
- नकारात्मक सोच, अशुद्ध वस्त्र, अव्यवस्थित स्थान आदि।
- गौरी काली मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए?
- प्रतिदिन कम से कम 108 बार।
- गौरी काली मंत्र के जाप से क्या परिवार में शांति और सुख आता है?
- हां, यह मंत्र परिवार में सुख और शांति लाता है।
- गौरी काली मंत्र जाप के बाद क्या करना चाहिए?
- जाप के बाद ध्यान और प्रार्थना करें तथा धन्यवाद अर्पित करें।
गौरी काली मंत्र का जाप श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। यह मंत्र न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है, बल्कि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में भी सफलता दिलाता है। नियमित जाप और विधि का पालन करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।