Holika -Lakshmi Puja

Holika dahan- होली मे लक्ष्मी प्रयोग कैसे करे?

पाप मुक्त व लक्ष्मी की कृपा देने करने वाला होलिका दहन एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो होली के पर्व से एक दिन पहले मनाया जाता है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और मुख्यतः फाल्गुन पूर्णिमा की रात को मनाया जाता है। इस रात को लक्ष्मी प्रयोग किया जाये तो १० गुना ज्यादा फल मिलता है।

होलिका दहन का महत्व

होलिका दहन का महत्व मुख्यतः धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों दृष्टियों से बहुत अधिक है। इस दिन को भगवान विष्णु की भक्ति और प्रह्लाद की तपस्या की जीत के रूप में मनाया जाता है। होलिका दहन के माध्यम से यह संदेश दिया जाता है कि सच्चाई और धर्म की हमेशा जीत होती है, चाहे कितनी भी कठिनाई क्यों न हो।

पौराणिक कथा

होलिका दहन की पौराणिक कथा हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद से जुड़ी है। हिरण्यकश्यप एक असुर राजा था जिसने खुद को भगवान मान लिया था और अपने राज्य में भगवान विष्णु की पूजा पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन उसका बेटा प्रह्लाद विष्णु का परम भक्त था। हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को मारने के कई प्रयास किए लेकिन हर बार असफल रहा। अंत में उसने अपनी बहन होलिका की मदद ली, जिसे वरदान प्राप्त था कि वह आग में नहीं जलेगी। होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठ गई, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद बच गया और होलिका जल गई।

होलिका दहन की विधि

होलिका दहन की पूजा विधि इस प्रकार है:

  1. सामग्री: लकड़ी, उपले, गोबर के कंडे, रंग-बिरंगी कपड़े, धूप, दीपक, मिठाई, नारियल, हल्दी, कुमकुम, अक्षत, फूल, गंगाजल, हवन सामग्री।
  2. स्थान चयन: होलिका दहन के लिए एक साफ और शुभ स्थान का चयन करें।
  3. होलिका का निर्माण: लकड़ी और उपलों से होलिका का निर्माण करें और उसके ऊपर गोबर के कंडे रखें।
  4. पूजा: पूजा सामग्री से होलिका की पूजा करें। भगवान विष्णु और प्रह्लाद की कथा का पाठ करें।
  5. दहन: विधिपूर्वक होलिका का दहन करें और प्रह्लाद की भक्ति की प्रशंसा करें।

होलिका दहन के लाभ

होलिका दहन से अनेक लाभ होते हैं:

  1. नकारात्मक ऊर्जा का नाश: होलिका दहन के माध्यम से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
  2. भक्ति और श्रद्धा: इस दिन भगवान विष्णु और प्रह्लाद की भक्ति का स्मरण किया जाता है, जिससे भक्तों में श्रद्धा बढ़ती है।
  3. समाज में सद्भावना: होलिका दहन से समाज में भाईचारे और सद्भावना का संदेश फैलता है।
  4. परंपरा का पालन: यह त्योहार हमारी प्राचीन परंपराओं और संस्कृति को जीवित रखता है।
  5. सफाई: होलिका दहन के दौरान घर और आसपास की सफाई की जाती है, जिससे पर्यावरण शुद्ध होता है।

होलिका दहन भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमें अच्छाई की जीत और सच्चाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। इस त्योहार को पूरे हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाना चाहिए, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियाँ भी इस महत्वपूर्ण परंपरा को समझें और आगे बढ़ाएँ।

माता लक्ष्मी

माता लक्ष्मी, जिन्हें धन और समृद्धि की देवी के रूप में जाना जाता है, इनकी पूजा होली की रात करे तो जीवन का हर सुख मिलता है। और धन, समृद्धि, सौभाग्य, ऐश्वर्य और धन का आशिर्वाद मिलता हैं।

लक्ष्मीकी पूजा और अर्चना करने से धन, ऐश्वर्य, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसलिए लोग अक्सर कनकलक्ष्मी की उपासना करते हैं और उन्हें अपने जीवन में सुख, समृद्धि और धन की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

लक्ष्मीका ध्यान करते समय उन्हें एक सुंदर धनी, समृद्ध और भगवान्य के रूप में विचारा जाता है, जो सभी को आर्थिक स्थिति, समृद्धि और धन प्रदान करती हैं। उन्हें जगमगाते और शानदार वस्त्रों में विभूषित दिखाया जाता है और उनके पास धन की झूली और कमल का फूल होता है।

  • लक्ष्मी मंत्रः धन की वृद्धि और समृद्धि के लिए- ॥ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं महा लक्ष्मेय मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
  • मुहुर्थः होली, दीपावली, शुक्रवार, गुरु पुष्य योग.

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