Mahavidya Kamala Kavacham for Money Attraction

महाविद्या कमला कवचम् – सुख समृद्धि व ब्यापार मे उन्नति

महाविद्या कमला देवी, जिन्हें लक्ष्मी मूल शक्ति माना जाता है, दस महाविद्याओं में से एक हैं। माता कमला ही लक्ष्मी देवी की मूल स्वामिनी मानी जाती है। वे धन, समृद्धि, सौभाग्य और वैभव की देवी हैं। महाविद्या कमला कवचम् एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो देवी कमला से सुरक्षा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पाठ किया जाता है। यह कवच साधक को नकारात्मक शक्तियों से बचाता है और जीवन में सफलता और समृद्धि लाने में सहायक होता है।

संपूर्ण महाविद्या कमला कवचम् व उसका हिंदी अर्थ

महाविद्या कमला कवचम् का पाठ करने से देवी कमला की कृपा प्राप्त होती है और साधक को धन, सुख, और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। यहाँ संपूर्ण महाविद्या कमला कवचम् के श्लोक और उनका हिंदी अर्थ प्रस्तुत किया गया है:

॥ श्री कमला कवचम् ॥

श्रीगणेशाय नमः
अस्य श्रीकमलाकवचस्य, विष्णु ऋषिः, गायत्री छन्दः, महाकमला देवता, लक्ष्मीरिति बीजम्, श्रीरिति शक्तिः, भुवनेश्वरीति कीलकं, मम सकलसम्पत्सिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः॥

श्लोक 1:
ॐ ह्रीं कमलायै अंगनचन्दे नमः।
मम गले सदा पातु सुकण्ठा शुभदा परा॥

श्लोक 2:
ॐ श्रीं ह्रीं महालक्ष्म्यै नमः।
पायात् मे हृदयं देवी सर्वमंगलदायिनी॥

श्लोक 3:
श्रीं ह्रीं ऐं नमः।
सर्वांगं मम पातु कमला कमलालया॥

श्लोक 4:
ॐ श्रीं ह्रीं ऐं क्लीं नमः।
सर्वविघ्नं च मे पातु विष्णुपत्नि सदा शुभा॥

श्लोक 5:
ॐ ह्रीं कमलायै नमः।
सर्वाभीष्टं च मे देहि धनधान्यं पशूंस्तथा॥

श्लोक 6:
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं नमः।
सर्वराज्यं मम पातु श्रीकमला सदा शुभा॥

श्लोक 7:
श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं नमः।
मां सर्वदैव पातु विष्णुप्रिया शुभप्रदा॥

श्लोक 8:
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं नमः।
सर्वदुःखं च मे नाशयात् श्रीलक्ष्मीः सर्वमंगलदा॥

श्लोक 9:
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं कमलायै नमः।
सर्वान्नन्दमयं पातु मां श्रीलक्ष्मीः सर्वदा शुभा॥

संपूर्ण अर्थ

  • ॐ ह्रीं कमलायै नमः, देवी कमला मेरी गले की रक्षा करें और मुझे शुभ फल प्रदान करें।
  • ॐ श्रीं ह्रीं महालक्ष्म्यै नमः, देवी महालक्ष्मी मेरे हृदय की रक्षा करें और मुझे समस्त मंगल प्रदान करें।
  • श्रीं ह्रीं ऐं नमः, देवी कमला, जो कमल पर विराजमान हैं, मेरी संपूर्ण शरीर की रक्षा करें।
  • ॐ श्रीं ह्रीं ऐं क्लीं नमः, देवी विष्णु की पत्नी, शुभा, मेरे सभी विघ्नों से रक्षा करें।
  • ॐ ह्रीं कमलायै नमः, देवी कमला मुझे मेरे सभी अभिलाषित वस्त्र, धन, धान्य और पशु प्रदान करें।
  • ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं नमः, देवी श्रीकमला, जो सदैव शुभदायिनी हैं, मेरी राज्य की रक्षा करें।
  • श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं नमः, विष्णु की प्रिय देवी, जो शुभ फल देने वाली हैं, मेरी सदैव रक्षा करें।
  • ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं नमः, श्रीलक्ष्मी, जो सर्वमंगल की दायिनी हैं, मेरे सभी दुःखों का नाश करें।
  • ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं कमलायै नमः, देवी श्रीलक्ष्मी, जो सर्वदा शुभदायिनी हैं, मेरी सदैव आनंदमय रक्षा करें।

लाभ

  1. धन और समृद्धि: महाविद्या कमला कवचम् का नियमित पाठ धन और समृद्धि का वरदान देता है।
  2. सुख-शांति: यह कवच साधक को सुख और शांति प्रदान करता है।
  3. व्यापार में सफलता: इस कवच के प्रभाव से व्यापार में वृद्धि और सफलता मिलती है।
  4. परिवारिक कल्याण: कवच का पाठ करने से परिवार में कल्याण और समृद्धि होती है।
  5. सभी प्रकार की बाधाओं का नाश: महाविद्या कमला कवचम् सभी प्रकार की बाधाओं को नष्ट करता है।
  6. शत्रुओं से सुरक्षा: यह कवच शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
  7. नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाव: कवच का पाठ नकारात्मक ऊर्जाओं से रक्षा करता है।
  8. मन की शांति: इस कवच का पाठ करने से मन को शांति प्राप्त होती है।
  9. सकारात्मक सोच: कवच के प्रभाव से व्यक्ति में सकारात्मक सोच का विकास होता है।
  10. सुखी दांपत्य जीवन: महाविद्या कमला कवचम् सुखी दांपत्य जीवन का आशीर्वाद देता है।
  11. संतान प्राप्ति: कवच का पाठ संतान प्राप्ति के लिए भी शुभ माना जाता है।
  12. वाणी में मधुरता: यह कवच वाणी में मधुरता लाता है।
  13. आर्थिक स्थिरता: महाविद्या कमला कवचम् आर्थिक स्थिरता प्रदान करता है।
  14. शारीरिक स्वास्थ्य: इस कवच का पाठ शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करता है।
  15. धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति: कवच का नियमित पाठ धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।

विधि

  1. दिन: कवच का पाठ किसी शुभ दिन, जैसे शुक्रवार, को प्रारंभ करना चाहिए।
  2. अवधि (41 दिन): इस कवच का पाठ लगातार 41 दिन तक किया जाना चाहिए।
  3. मुहूर्त: प्रातःकाल या संध्या के समय, शुभ मुहूर्त में पाठ करना उपयुक्त है।
  4. स्नान और शुद्धि: पाठ से पहले स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  5. पूजा स्थान: एक शुद्ध और शांत स्थान पर बैठकर देवी कमला का ध्यान करें।
  6. दिया जलाना: पाठ के दौरान एक दीपक जलाएं और धूप-दीप का प्रयोग करें।
  7. कवच पाठ: गणेश वंदना के बाद महाविद्या कमला कवचम् का पाठ करें।

नियम

  1. पूजा और साधना को गुप्त रखें: इस कवच का पाठ गुप्त रूप से करना चाहिए।
  2. शुद्धता बनाए रखें: पाठ के दौरान मन, वचन, और कर्म से पवित्रता का पालन करें।
  3. नियमितता: 41 दिन तक बिना किसी अवरोध के पाठ करना चाहिए।
  4. भोग अर्पण: देवी को फल, मिठाई, और नारियल का भोग अर्पण करें।
  5. आसन: एक ही आसन पर बैठकर पाठ करें।
  6. साधना के समय शांति: साधना के समय मन और वातावरण में शांति बनाए रखें।
  7. व्रत का पालन: इस दौरान व्रत का पालन करें।

Kamakhya sadhana shivir

सावधानियाँ

महाविद्या कमला कवचम् का पाठ अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है, और इसे करते समय साधक को कुछ विशेष सावधानियाँ बरतनी चाहिए ताकि साधना का पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके और कोई अनिष्ट न हो।

  1. शुद्धता का पालन करें: इस कवच का पाठ करते समय शरीर, मन, और वचन की शुद्धता अत्यंत आवश्यक है। किसी भी प्रकार की अशुद्धता साधना के प्रभाव को कम कर सकती है।
  2. साफ और पवित्र स्थान चुनें: पाठ करने के लिए एक साफ और पवित्र स्थान का चुनाव करें। अशुद्ध या नकारात्मक ऊर्जा से युक्त स्थानों पर पाठ करने से बचें।
  3. सामाजिक व्यवहार: कवच का पाठ करने के समय साधक को सामाजिक व्यवहार, जैसे कि क्रोध, द्वेष, और झूठ से बचना चाहिए। इनसे साधना में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
  4. आहार पर नियंत्रण: साधक को इस दौरान सात्विक आहार ग्रहण करना चाहिए। तामसिक और राजसिक आहार से बचना चाहिए। शराब और मांसाहार का सेवन न करें।
  5. समय और अवधि: इस कवच का पाठ निश्चित समय और अवधि में करना चाहिए। किसी भी दिन के पाठ को बीच में छोड़ना या किसी अन्य समय पर करना उचित नहीं है। लगातार 41 दिन तक बिना किसी रुकावट के पाठ करें।
  6. रात्रिकाल में सावधानी: यदि रात्रि के समय कवच का पाठ कर रहे हैं, तो वातावरण शांत और सुरक्षित होना चाहिए। रात्रिकाल में साधना करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
  7. ध्यान भटकाने से बचें: पाठ करते समय ध्यान को एकाग्र रखें। मन को भटकने से रोकें, अन्यथा साधना का पूरा लाभ नहीं मिल पाता है।
  8. विशेष समय में पाठ न करें: महिलाएँ मासिक धर्म के दौरान कवच का पाठ न करें। इस समय शरीर और मन की शुद्धता का पालन करना कठिन होता है, जिससे साधना में बाधा उत्पन्न हो सकती है।

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महाविद्या कमला कवचम् पाठ के प्रश्न उत्तर

  1. प्रश्न: महाविद्या कमला कवचम् क्या है?
    उत्तर: महाविद्या कमला कवचम् देवी कमला (लक्ष्मी) की स्तुति का एक तांत्रिक स्तोत्र है, जो साधक को धन, समृद्धि, और सुरक्षा प्रदान करता है।
  2. प्रश्न: महाविद्या कमला कवचम् का पाठ करने के लिए कौन सा दिन शुभ है?
    उत्तर: इस कवच का पाठ शुक्रवार के दिन प्रारंभ करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
  3. प्रश्न: महाविद्या कमला कवचम् का पाठ कितने दिनों तक करना चाहिए?
    उत्तर: इस कवच का पाठ लगातार 41 दिनों तक करना चाहिए।
  4. प्रश्न: महाविद्या कमला कवचम् का पाठ करने से क्या लाभ होता है?
    उत्तर: इस कवच का पाठ करने से धन, समृद्धि, पारिवारिक सुख, और शत्रुओं से सुरक्षा प्राप्त होती है।
  5. प्रश्न: क्या इस कवच का पाठ रात्रि में किया जा सकता है?
    उत्तर: हाँ, रात्रिकाल में भी इस कवच का पाठ किया जा सकता है, लेकिन साधक को सावधानी बरतनी चाहिए।
  6. प्रश्न: क्या महाविद्या कमला कवचम् का पाठ केवल पुरुष ही कर सकते हैं?
    उत्तर: नहीं, यह कवच स्त्रियाँ और पुरुष दोनों कर सकते हैं, लेकिन महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान इससे बचना चाहिए।
  7. प्रश्न: क्या इस कवच का पाठ करने से व्यापार में वृद्धि होती है?
    उत्तर: हाँ, यह कवच व्यापार में वृद्धि और सफलता दिलाने में सहायक होता है।
  8. प्रश्न: क्या महाविद्या कमला कवचम् का पाठ संतान प्राप्ति के लिए किया जा सकता है?
    उत्तर: हाँ, यह कवच संतान प्राप्ति के लिए भी बहुत प्रभावी माना जाता है।
  9. प्रश्न: क्या इस कवच का पाठ करते समय साधना को गुप्त रखना चाहिए?
    उत्तर: हाँ, इस कवच की साधना को गुप्त रखना आवश्यक है।
  10. प्रश्न: महाविद्या कमला कवचम् का पाठ करने के लिए कौन सा आसन सबसे उपयुक्त है?
    उत्तर: साधक को एक ही आसन पर बैठकर इस कवच का पाठ करना चाहिए, जैसे कि कुशासन या कंबल का आसन।

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