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Mangala Kinnari Mantra – Transform Your Life

मंगला किन्नरी मंत्र: सौभाग्य और समृद्धि का शक्तिशाली मंत्र

मंगला किन्नरी मंत्र आकर्षण, शुभ कार्यों में सफलता, पारिवारिक शांति, मित्रता बढ़ाने और संबंधों को मजबूत करने का प्रभावी साधन है। यह मंत्र न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इसे नियमित जपने से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

विनियोग मंत्र व उसका संपूर्ण अर्थ

विनियोग मंत्र: “ॐ अस्य श्री मंगला किन्नरी मंत्रस्य ऋषिः नारदः छन्दः गायत्री देवता मंगला किन्नरी प्रयोगे विनियोगः”

अर्थ: यह मंत्र देवी मंगला किन्नरी की कृपा प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसका विनियोग जीवन के सभी क्षेत्रों में उन्नति के लिए किया जाता है।


दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र व उसका अर्थ

दिग्बंधन मंत्र: “ॐ पूर्वाय नमः, ॐ आग्नेयाय नमः, ॐ दक्षिणाय नमः, ॐ नैऋत्याय नमः, ॐ पश्चिमाय नमः, ॐ वायव्याय नमः, ॐ उत्तराय नमः, ॐ ईशानाय नमः, ॐ ऊर्ध्वाय नमः, ॐ अधोऽय नमः।”

अर्थ: इस मंत्र के द्वारा दसों दिशाओं की नकारात्मक ऊर्जा को रोका जाता है और सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित किया जाता है।


मंगला किन्नरी मंत्र

“ॐ ह्रीं सुभगे मंगले किन्नरीश्वरी क्लीं स्वाहा”

मंत्र का संपूर्ण अर्थ

यह मंत्र मंगला किन्नरी देवी का आह्वान करता है, जो सौभाग्य, सौंदर्य, प्रेम, और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं। इस मंत्र के प्रत्येक शब्द का गहन आध्यात्मिक अर्थ है:

  1. : यह ब्रह्मांड की शक्ति और दिव्यता का प्रतीक है।
  2. ह्रीं: यह शक्ति और सृजन की ऊर्जा का बीज मंत्र है, जो आत्मिक और भौतिक उन्नति प्रदान करता है।
  3. सुभगे: इसका अर्थ है ‘भाग्यशाली’ या ‘सुंदरता से संपन्न’। यह सौंदर्य और सौभाग्य का प्रतीक है।
  4. मंगले: यह शुभता और मंगलकारी ऊर्जा को संदर्भित करता है।
  5. किन्नरीश्वरी: यह किन्नरों की स्वामिनी और दिव्य प्रेम व सौंदर्य की देवी को संदर्भित करता है।
  6. क्लीं: यह आकर्षण, प्रेम, और सकारात्मक ऊर्जा का बीज मंत्र है।
  7. स्वाहा: इसका अर्थ है ‘अर्पण’ या ‘समर्पण’। यह ईश्वर को अपनी प्रार्थना और भक्ति अर्पित करने का प्रतीक है।

मंत्र का उद्देश्य

यह मंत्र व्यक्ति के जीवन में प्रेम, सुंदरता, और समृद्धि का आह्वान करता है। यह विवाह, सौभाग्य, और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए जपा जाता है।


जप काल में इन चीजों का सेवन अधिक करें

  1. ताजे फल और सब्जियां।
  2. देसी घी।
  3. हल्दी युक्त दूध।
  4. तुलसी पत्ता।
  5. गाय का दूध।
  6. शुद्ध जल।
  7. मेवा जैसे बादाम और अखरोट।
  8. शहद।
  9. मिश्री।
  10. हरे पत्तेदार सब्जियां।
  11. नारियल पानी।
  12. तिल के लड्डू।
  13. मौसमी फल।
  14. अनार का रस।
  15. जौ का सत्तू।
  16. चंदन मिश्रित जल।
  17. खजूर।
  18. सुपारी।

मंगला किन्नरी मंत्र जप के लाभ

  • आकर्षण शक्ति में वृद्धि।
  • पारिवारिक कलह से मुक्ति।
  • वैवाहिक जीवन में शांति।
  • शुभ कार्यों में सफलता।
  • मित्रता का विकास।
  • धन-धान्य में वृद्धि।
  • मानसिक शांति।
  • नकारात्मक ऊर्जा का निवारण।
  • संबंधों में मजबूती।
  • आध्यात्मिक उन्नति।
  • जीवन में सुख-समृद्धि।
  • बाधाओं का निवारण।
  • निर्णय क्षमता में सुधार।
  • आत्मविश्वास में वृद्धि।
  • सकारात्मक सोच का विकास।
  • शत्रु बाधा का निवारण।
  • व्यवसाय में वृद्धि।
  • ईश्वर की कृपा प्राप्ति।

पूजा सामग्री के साथ मंत्र विधि

मंत्र जप का दिन, अवधि व मुहूर्त

  • दिन: पूर्णिमा या शुक्रवार।
  • अवधि: 13 दिन।
  • मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (प्रातः 4:00 से 6:00 बजे)।

सामग्री:

  • चंदन की माला।
  • पुष्प जैसे गुलाब और कमल।
  • धूप व दीप।
  • गौघृत का दीपक।
  • सिंदूर।
  • हल्दी।
  • तांबे का कलश।
  • गंगाजल।
  • नैवेद्य।

मंत्र जप के नियम

  1. जपकर्ता की आयु 20 वर्ष से अधिक हो।
  2. स्त्री-पुरुष दोनों जप कर सकते हैं।
  3. नीले या काले वस्त्र न पहनें।
  4. धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार का त्याग करें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  6. स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
  7. जप के समय पूर्व दिशा की ओर मुख करें।
  8. चंदन की माला का प्रयोग करें।

Panchanguli sadhana shivir

जप सावधानियां

  • जप के समय मन को एकाग्र रखें।
  • अशुद्ध वातावरण में जप न करें।
  • बीच में जप रोकें नहीं।
  • मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और सही करें।
  • जप समाप्ति के बाद देवी का आभार व्यक्त करें।

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मंत्र से संबंधित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न 1: मंगला किन्नरी मंत्र का जप कितनी बार करना चाहिए?

उत्तर: प्रतिदिन 108 बार।

प्रश्न 2: क्या यह मंत्र सभी के लिए है?

उत्तर: हां, 20 वर्ष से ऊपर के स्त्री-पुरुष इसे जप सकते हैं।

प्रश्न 3: क्या मांसाहार करने वाले यह मंत्र जप सकते हैं?

उत्तर: नहीं, जप काल में मांसाहार वर्जित है।

प्रश्न 4: क्या विशेष रंग पहनने चाहिए?

उत्तर: सफेद, पीले या लाल रंग के वस्त्र पहनें।

प्रश्न 5: मंत्र का जप किस समय करें?

उत्तर: ब्रह्म मुहूर्त में।

प्रश्न 6: क्या मंत्र जप के लिए माला आवश्यक है?

उत्तर: हां, चंदन या रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें।

प्रश्न 7: क्या विवाहित महिलाएं इसे जप सकती हैं?

उत्तर: हां, विवाहित महिलाएं भी जप कर सकती हैं।

प्रश्न 8: क्या जप में स्थान का महत्व है?

उत्तर: हां, पवित्र और शांत स्थान पर जप करें।

प्रश्न 9: क्या किसी दिन जप न करें?

उत्तर: अमावस्या के दिन जप न करें।

प्रश्न 10: क्या मंत्र का प्रभाव तुरंत होता है?

उत्तर: यह व्यक्ति की श्रद्धा और नियम पालन पर निर्भर करता है।

प्रश्न 11: क्या मंत्र जप के साथ हवन आवश्यक है?

उत्तर: नहीं, हवन वैकल्पिक है।

प्रश्न 12: क्या मंत्र जप के बाद कोई प्रसाद देना चाहिए?

उत्तर: हां, फल और मिठाई का प्रसाद बांटना चाहिए।

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