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Mata Mangala Chalisa- Wealth & Prosperity

माता मंगला चालीसा एक विशेष भक्तिपूर्ण चालीसा है जिसका पाठ माता मंगला देवी की स्तुति और कृपा के लिए पढ़ा जाता है। यह उन भक्तों के लिए अत्यंत फलदायी होता है जो आदि शक्ति स्वरूप माता मंगला की आराधना करते हैं और अपने जीवन की समस्याओं का समाधान चाहते हैं।

माता मंगला चालीसा

||दोहा||
श्रद्धा मन धरो, सुमिरो मंगला नाम।
कृपा करो माते, दुःख मिटे सब काम॥
जय जय मंगला माता, जयति त्रिपुरारी।
सन्तों के दुःख हरें, भक्तों की सुखकारी॥

||चौपाई||
जय मंगला भवानी माते।
तेरी महिमा कोई न जाने॥
त्रिलोक में तेरा वास।
सबसे न्यारी है तेरी आस॥

करुणा की सागर मंगला माते।
सन्तों की तू बिगड़ी बनाते॥
जो भी तेरा ध्यान धराए।
सुख संपत्ति सब पावे॥

विध्न विनाशक जगदम्बे।
तू सबकी ममता सुम्बे॥
तेरी शरण में जो आए।
विपदा कभी ना पाय॥

माता मंगला चालीसा के लाभ

  1. धन-समृद्धि में वृद्धि: माता मंगला की कृपा से धन और संपत्ति में वृद्धि होती है।
  2. शत्रुओं से रक्षा: चालीसा का पाठ शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
  3. आध्यात्मिक उन्नति: यह चालीसा पाठक की आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।
  4. स्वास्थ्य लाभ: माता मंगला की कृपा से बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
  5. परिवार में सुख-शांति: चालीसा का पाठ परिवार में सुख-शांति का माहौल बनाता है।
  6. विवाह में विलम्ब: यदि विवाह में विलम्ब हो रहा हो तो माता मंगला की कृपा से विवाह के योग बनते हैं।
  7. कारोबार में वृद्धि: यह चालीसा व्यवसाय में तरक्की और समृद्धि का मार्ग खोलता है।
  8. शिक्षा में सफलता: विद्यार्थियों को परीक्षा में सफलता प्राप्त होती है।
  9. मन की शांति: मानसिक तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है।
  10. कर्ज से मुक्ति: माता मंगला की कृपा से कर्ज से छुटकारा मिलता है।
  11. विघ्न-बाधा से मुक्ति: जीवन में आने वाली विघ्न-बाधाओं को दूर करता है।
  12. नौकरी में उन्नति: नौकरी में प्रमोशन और सफलता मिलती है।
  13. घर में सुख-समृद्धि: परिवार के सदस्यों के बीच सौहार्द्र और समृद्धि आती है।
  14. बाधा मुक्ति: किसी भी प्रकार की बाधा या समस्या को हल करने में सहायक।
  15. शांति और संयम: यह पाठ शांति और संयम प्रदान करता है।
  16. तंत्र-मंत्र से रक्षा: माता मंगला की कृपा से तंत्र-मंत्र के प्रभाव से रक्षा होती है।
  17. शक्ति और साहस: चालीसा के पाठ से मानसिक और शारीरिक शक्ति में वृद्धि होती है।
  18. भक्ति में वृद्धि: माता मंगला की भक्ति में वृद्धि होती है।
  19. आत्मबल में वृद्धि: चालीसा पाठक के आत्मबल में वृद्धि करता है।
  20. आकर्षण शक्ति: माता मंगला की कृपा से व्यक्ति में आकर्षण शक्ति का विकास होता है।

माता मंगला चालीसा पढ़ने की विधि

  1. दिन: किसी भी शुभ दिन, विशेषकर शुक्रवार या पूर्णिमा को इसका पाठ करना शुभ होता है।
  2. समय: प्रातःकाल का समय सर्वोत्तम होता है। लेकिन इच्छानुसार शाम के समय भी कर सकते हैं।
  3. अवधि: चालीसा का पाठ कम से कम 7 दिन तक लगातार करें। अगर अधिक लाभ चाहते हैं तो 21 दिन तक करें।
  4. मंत्र उच्चारण: माता मंगला चालीसा का पाठ शुद्ध और स्पष्ट उच्चारण के साथ करें।
  5. पूजा सामग्री: माता मंगला की पूजा के लिए लाल फूल, धूप, दीपक, नैवेद्य, फल, मिठाई आदि रखें।
  6. स्नान: चालीसा पाठ से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  7. मंत्र जाप: माता मंगला का ध्यान करते हुए “ॐ मंगला नमः” मंत्र का जाप करें।
  8. ध्यान: पाठ के दौरान माता मंगला की छवि या चित्र के सामने ध्यान लगाएं।
  9. आरती: पाठ के बाद माता मंगला की आरती करें और प्रसाद बांटें।
  10. समर्पण: अपने मन में माता मंगला के प्रति श्रद्धा और समर्पण का भाव रखें।

नियम

  1. शुद्धता: चालीसा का पाठ शुद्ध हृदय और मन से करें।
  2. नियमितता: नियमित रूप से एक ही समय पर चालीसा का पाठ करें।
  3. संकल्प: चालीसा पाठ के लिए संकल्प लें और उसे पूरा करें।
  4. श्रद्धा: माता मंगला के प्रति अपार श्रद्धा और भक्ति का भाव रखें।
  5. ध्यान: पाठ के समय किसी भी प्रकार का ध्यान भंग न होने दें।
  6. स्वच्छता: पूजा स्थल और स्वयं की स्वच्छता का ध्यान रखें।
  7. सात्विक भोजन: पाठ के दौरान सात्विक भोजन का सेवन करें।
  8. संयम: पाठ के दौरान संयम और शांति का पालन करें।
  9. आस्था: पाठ में आस्था और विश्वास का भाव बनाए रखें।
  10. पारिवारिक भागीदारी: अगर संभव हो तो परिवार के सदस्यों को भी शामिल करें।
  11. ध्यान केंद्रित: ध्यान को माता मंगला के स्वरूप पर केंद्रित करें।
  12. समर्पण: पाठ के दौरान सभी प्रकार की इच्छाओं का त्याग कर माता के प्रति समर्पण करें।
  13. सदाचार: पाठ के दौरान और इसके बाद सदाचार का पालन करें।
  14. पवित्रता: मन, वचन और कर्म से पवित्रता बनाए रखें।
  15. भ्रम न पालें: मन में किसी भी प्रकार का भ्रम न रखें।
  16. अन्य साधना: पाठ के दौरान अन्य साधना या तंत्र-मंत्र का सहारा न लें।
  17. नियमित ध्यान: पाठ के बाद माता मंगला का ध्यान नियमित रूप से करते रहें।
  18. परहेज: अनुचित व्यवहार और विचारों से परहेज करें।
  19. समय का पालन: एक ही समय पर पाठ करें, समय का विशेष ध्यान रखें।
  20. धैर्य: माता मंगला की कृपा के लिए धैर्य बनाए रखें।

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सावधानियाँ

  1. अनुचित आचरण: पाठ के दौरान या पहले अनुचित आचरण से बचें।
  2. अवज्ञा: माता मंगला की अवज्ञा न करें।
  3. रोगी अवस्था में: बहुत गंभीर बीमारी की स्थिति में विशेषज्ञ से परामर्श करें।
  4. निंदा: पाठ के दौरान या इसके बाद किसी की निंदा न करें।
  5. व्यवधान: पाठ के समय किसी भी प्रकार के व्यवधान से बचें।
  6. आलस्य: पाठ के दौरान आलस्य न करें।
  7. अविश्वास: मन में किसी भी प्रकार का अविश्वास न रखें।
  8. संशय: चालीसा के प्रभाव को लेकर संशय न पालें।
  9. अनियमितता: पाठ में अनियमितता न रखें।
  10. अनादर: माता मंगला का अनादर न करें।
  11. विवाद: पाठ के दौरान या इसके बाद विवाद से बचें।
  12. अत्यधिक भोजन: पाठ के दौरान या इसके बाद अत्यधिक भोजन न करें।
  13. आध्यात्मिक अभ्यास: अगर आप किसी अन्य आध्यात्मिक अभ्यास में लगे हैं तो उसे न तोड़ें।
  14. समय का चयन: अशुभ समय में चालीसा का पाठ न करें।
  15. आवश्यक वस्त्र: पाठ के दौरान स्वच्छ और शुद्ध वस्त्र पहनें।
  16. प्रसाद वितरण: प्रसाद को साफ-सुथरी जगह पर ही बांटें।
  17. निर्णय क्षमता: पाठ के बाद किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय को जल्दबाजी में न लें।
  18. वाणी संयम: पाठ के दौरान और इसके बाद वाणी में संयम रखें।
  19. सत्संग: जितना हो सके सत्संग में भाग लें।
  20. धैर्यपूर्वक: परिणाम के लिए धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करें।

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माता मंगला चालीसा से जुड़े सामान्य प्रश्न

  1. प्रश्न: माता मंगला चालीसा का पाठ किस दिन करना चाहिए?
    उत्तर: किसी भी शुभ दिन, विशेषकर शुक्रवार या पूर्णिमा को पाठ करना शुभ होता है।
  2. प्रश्न: माता मंगला चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
    उत्तर: चालीसा का पाठ प्रतिदिन कम से कम एक बार अवश्य करना चाहिए।
  3. प्रश्न: क्या माता मंगला चालीसा का पाठ किसी विशेष समस्या के समाधान के लिए किया जा सकता है?
    उत्तर: हाँ, चालीसा का पाठ किसी भी समस्या के समाधान के लिए किया जा सकता है।
  4. प्रश्न: क्या माता मंगला चालीसा का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है?
    उत्तर: हाँ, लेकिन प्रातःकाल या संध्याकाल का समय सर्वोत्तम होता है।
  5. प्रश्न: माता मंगला चालीसा का पाठ करने के लिए कौन-सा मंत्र उच्चारण करना चाहिए?
    उत्तर: “ॐ मंगला नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए।
  6. प्रश्न: क्या माता मंगला चालीसा का पाठ केवल महिलाओं के लिए है?
    उत्तर: नहीं, इसे स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं।
  7. प्रश्न: माता मंगला चालीसा का पाठ कितने दिनों तक करना चाहिए?
    उत्तर: कम से कम 7 दिन तक लगातार करें। अगर अधिक लाभ चाहते हैं तो 21 दिन तक करें।
  8. प्रश्न: क्या माता मंगला चालीसा के पाठ के दौरान कोई विशेष सावधानी बरतनी चाहिए?
    उत्तर: हाँ, मन और शरीर की पवित्रता का विशेष ध्यान रखें।
  9. प्रश्न: क्या माता मंगला चालीसा का पाठ करने के बाद आरती करना आवश्यक है?
    उत्तर: हाँ, पाठ के बाद आरती करना और प्रसाद बांटना शुभ माना जाता है।
  10. प्रश्न: माता मंगला चालीसा के पाठ से क्या लाभ होता है?
    उत्तर: माता मंगला चालीसा का पाठ करने से जीवन की समस्याओं का समाधान और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
  11. प्रश्न: क्या माता मंगला चालीसा का पाठ परिवार के साथ मिलकर किया जा सकता है?
    उत्तर: हाँ, इसे परिवार के सभी सदस्य मिलकर कर सकते हैं।

BOOK HOLIKA PUJAN ON 13 MARCH 2025 (ONLINE/ OFFLINE)

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