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Pushya Nakshatra Mystery – for success

पुष्य नक्षत्र: सफलता, समृद्धि और दान की शक्ति को समझें

पुष्य नक्षत्र भारतीय ज्योतिष में सबसे शुभ और शक्तिशाली नक्षत्रों में से एक माना जाता है। इसे “राजनक्षत्र” भी कहा जाता है, जो समृद्धि, शांति और सफलता का प्रतीक है। जब पुष्य नक्षत्र विभिन्न दिनों में आता है, तो यह अलग-अलग लाभ और विशेषताओं को दर्शाता है। आइए समझते हैं सोम पुष्य से लेकर रवि पुष्य तक की महत्ता और इन दिनों में की जाने वाली उपासना।

सोम पुष्य (सोमवार + पुष्य नक्षत्र)

सोमवार को पुष्य नक्षत्र का योग चंद्रमा की ऊर्जा को बढ़ाता है। इस दिन स्वास्थ्य, मन की शांति और मानसिक शक्ति के लिए शिवलिंग पर जल चढ़ाकर पूजा करें।

भौम पुष्य (मंगलवार + पुष्य नक्षत्र)

मंगलवार को पुष्य नक्षत्र का प्रभाव साहस और शक्ति को बढ़ाता है। हनुमानजी की पूजा और रामचरितमानस का पाठ लाभदायक होता है।

बुध पुष्य (बुधवार + पुष्य नक्षत्र)

बुधवार को पुष्य नक्षत्र व्यापार और शिक्षा में लाभ देता है। गणेशजी की पूजा करें और बुध मंत्र का जाप करें।

गुरु पुष्य (गुरुवार + पुष्य नक्षत्र)

गुरुवार को पुष्य नक्षत्र गुरु ग्रह की कृपा को सक्रिय करता है। विष्णु भगवान की पूजा और दान करने से आशीर्वाद मिलता है।

शुक्र पुष्य (शुक्रवार + पुष्य नक्षत्र)

शुक्रवार को पुष्य नक्षत्र सुख-सौंदर्य और वैवाहिक जीवन को बेहतर बनाता है। देवी लक्ष्मी की पूजा करें और कमल के फूल अर्पित करें।

शनि पुष्य (शनिवार + पुष्य नक्षत्र)

शनिवार को पुष्य नक्षत्र कर्म और न्याय को प्रेरित करता है। शनिदेव की पूजा करें और जरूरतमंदों को दान करें।

रवि पुष्य (रविवार + पुष्य नक्षत्र)

रविवार को पुष्य नक्षत्र आत्मविश्वास और नेतृत्व गुणों को बढ़ावा देता है। सूर्यदेव की पूजा करें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।


पुष्य नक्षत्र के दौरान कौन सी पूजा करें?

धन, सफलता, और शांति के लिए गुरु, लक्ष्मी या शिव की पूजा करें। यह समय शुभ कार्यों जैसे खरीदारी, नया व्यवसाय शुरू करने और दान के लिए उपयुक्त होता है।

पुष्य नक्षत्र में दान का महत्व और उपाय

पुष्य नक्षत्र को दान और पुण्य कर्मों के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन किए गए दान का फल कई गुना बढ़कर मिलता है। विभिन्न समस्याओं और ग्रह दोषों के निवारण के लिए पुष्य नक्षत्र में दान का महत्व और सुझाव नीचे दिए गए हैं:

दान करने के लाभ

  1. शनि दोष निवारण: शनि पुष्य में काले तिल, सरसों का तेल और लोहे का दान करने से शनि की कृपा प्राप्त होती है।
  2. धन प्राप्ति: गुरु पुष्य में पीली वस्तुओं का दान जैसे चने की दाल, हल्दी और पीले कपड़े से धन वृद्धि होती है।
  3. सुख-शांति: सोम पुष्य में दूध, चावल और सफेद वस्त्र दान करने से घर में शांति और समृद्धि बढ़ती है।
  4. पापों का नाश: रवि पुष्य में गेहूं, गुड़ और तांबे का दान करने से पापों का क्षय होता है।

Aghor lakshmi sadhana shivir

पुष्य नक्षत्र में दान के प्रकार

  1. अनाज दान: चावल, गेहूं, दालें और अन्य अनाज।
  2. वस्त्र दान: सर्दियों में गर्म कपड़े और जरूरतमंदों को पुराने या नए वस्त्र दान करें।
  3. धातु दान: सोना, चांदी, तांबा, लोहे जैसी धातुओं का दान।
  4. वस्त्र और जूते: शनि दोष निवारण के लिए जूते और चप्पलों का दान।
  5. भोजन दान: जरूरतमंदों को भोजन कराना सबसे बड़ा पुण्य कार्य है।

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विशेष दान के उपाय

  • गुरु दोष के लिए: पीली मिठाई, चने की दाल और किताबों का दान करें।
  • चंद्रमा की शांति के लिए: दूध, चीनी और मोती।
  • मंगल दोष के लिए: मसूर दाल, गुड़ और लाल कपड़े।
  • राहु-केतु दोष के लिए: नारियल, काले तिल और सफेद चंदन।

पुष्य नक्षत्र में दान करना न केवल आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है, बल्कि यह समाज और धर्म के प्रति आपकी जिम्मेदारी को भी पूरा करता है।

Rati sundari yogini sadhana with diksha


सामान्य प्रश्नों के उत्तर

  1. सोम पुष्य में क्या लाभ होता है?
    सोम पुष्य में स्वास्थ्य, मानसिक शांति और चंद्रमा की ऊर्जा बढ़ाने के लिए शिवजी की पूजा करना लाभदायक है।
  2. गुरु पुष्य का महत्व क्या है?
    गुरु पुष्य में धन, समृद्धि और शिक्षा से संबंधित कार्य करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  3. पुष्य नक्षत्र में क्या खरीदें?
    धन, गहने, संपत्ति और वाहन खरीदना शुभ होता है। यह नए व्यवसाय के लिए भी उपयुक्त है।
  4. क्या पुष्य नक्षत्र विवाह के लिए शुभ है?
    नहीं, पुष्य नक्षत्र विवाह के लिए शुभ नहीं है। यह व्यापार और खरीदारी के लिए ज्यादा उपयुक्त है।
  5. भौम पुष्य में कौन सी पूजा करें?
    भौम पुष्य में हनुमानजी की पूजा करें और संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ करें।
  6. क्या शनि पुष्य में दान करना जरूरी है?
    हां, शनि पुष्य में गरीबों और जरूरतमंदों को दान करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।
  7. शुक्र पुष्य में क्या उपाय करें?
    शुक्र पुष्य में देवी लक्ष्मी की पूजा करें और घर में शांति व सौंदर्य के लिए सफेद वस्त्र या चावल दान करें।
  8. बुध पुष्य का विशेष महत्व क्या है?
    बुध पुष्य शिक्षा, बुद्धिमत्ता और व्यापार के लिए विशेष रूप से शुभ है। गणेशजी की पूजा करें।
  9. रवि पुष्य में कौन-से मंत्र का जाप करें?
    रवि पुष्य में “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
  10. पुष्य नक्षत्र में संपत्ति खरीदना शुभ है?
    हां, पुष्य नक्षत्र में जमीन, घर या अन्य संपत्ति खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  11. इस दिन कौन-से रत्न पहनने चाहिए?
    पुष्य नक्षत्र में पुखराज, हीरा, मोती या नीलम रत्न ज्योतिषीय परामर्श के अनुसार धारण करें।
  12. पुष्य नक्षत्र का सबसे शुभ समय कौन-सा है?
    पुष्य नक्षत्र का समय सूर्योदय से लेकर प्रदोष काल तक विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

BOOK RUDRABHISHEK PUJAN ON MAHA SHIVRATRI

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