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Shashti Devi Mantra – Blessings for Child Protection

षष्ठी देवी मंत्र: संतान सुरक्षा और सुख-समृद्धि का दिव्य उपाय

षष्ठी देवी मंत्र देवी षष्ठी के आह्वान और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाने वाला एक पवित्र मंत्र है। यह मंत्र विशेष रूप से संतान प्राप्ति, संतान की सुरक्षा और संतान के अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रसिद्ध है। माता षष्ठी की आराधना से पारिवारिक सुख-समृद्धि और वंश वृद्धि होती है। इस मंत्र का नियमित जप करने से संतान से जुड़े कष्टों से मुक्ति मिलती है।

विनियोग मंत्र

षष्ठी देवी मंत्र का जप आरंभ करने से पहले विनियोग मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। यह मंत्र जप से देवी को समर्पण और साधक के उद्देश्य को प्रकट करता है।

विनियोग मंत्र:

ॐ अस्य श्री षष्ठी देवी मंत्रस्य, वसिष्ठ ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, षष्ठी देवी देवता, मम संतानं रक्षार्थे जपे विनियोगः।

इस मंत्र द्वारा हम देवी षष्ठी की कृपा से संतान की रक्षा के लिए इस जप का संकल्प लेते हैं।

दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र

दिग्बंधन मंत्र जपने से साधक अपनी रक्षा और सभी दिशाओं से आने वाली बाधाओं को दूर करता है।

दिग्बंधन मंत्र:

ॐ पूर्वायां रक्षतु इन्द्रः। दक्षिणायां यमः। पश्चिमायां वरुणः। उत्तरायां कुबेरः। ऊर्ध्वायां ब्रह्मा। अधोयां अनन्तः। आग्नेयायां अग्निः। नैऋत्यां निऋतः। वायव्यां वायु। ईशानायां रुद्रः। सर्वतो मां पान्तु पान्तु सर्वदेवताः।

अर्थ: इस मंत्र में दस दिशाओं के देवताओं से रक्षा की प्रार्थना की जाती है। पूर्व में इन्द्र, दक्षिण में यम, पश्चिम में वरुण, उत्तर में कुबेर, ऊपर ब्रह्मा, नीचे अनंत, और अन्य दिशाओं में अन्य देवताओं से रक्षण की याचना की जाती है।

षष्ठी देवी मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ

षष्ठी देवी मंत्र:

ॐ ह्रीं षष्ठी देव्ये मम संतानं चतुर्दिशां रक्षतु कुरु कुरु नमः।

अर्थ: “हे देवी षष्ठी! आप मेरी संतान की सभी दिशाओं से रक्षा करें। कृपया अपनी दया से मेरी संतान की सुरक्षा करें।”

इस मंत्र के जप से संतान की सुरक्षा और उनके कल्याण की प्राप्ति होती है। देवी षष्ठी की कृपा से संतान के जीवन में आने वाले सभी प्रकार के संकट टल जाते हैं।

मंत्र जप के लाभ

  1. संतान की सुरक्षा होती है।
  2. संतान के स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  3. संतान की पढ़ाई-लिखाई में मन लगता है।
  4. संतान का मानसिक विकास होता है।
  5. संतान दीर्घायु होती है।
  6. परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
  7. संतान का भविष्य उज्जवल होता है।
  8. संतान के कष्टों का नाश होता है।
  9. देवी की कृपा से परिवार की समृद्धि होती है।
  10. जीवन में खुशहाली आती है।
  11. परिवार में प्रेम और एकता बढ़ती है।
  12. नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है।
  13. देवी षष्ठी की कृपा से जन्म-जन्मांतर का पुण्य मिलता है।
  14. माता-पिता और संतान के बीच का संबंध मजबूत होता है।
  15. देवी षष्ठी की कृपा से संकटों से छुटकारा मिलता है।
  16. जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  17. संतान के चरित्र का निर्माण होता है।

मंत्र जप विधि

मंत्र जप के दिन: इस मंत्र का जप किसी भी शुभ दिन से प्रारंभ कर सकते हैं, विशेषकर शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को प्रारंभ करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
अवधि: कम से कम ११ से २१ दिन तक जप किया जाना चाहिए।
मुहूर्त: सूर्योदय के समय या ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) में मंत्र जप करना सर्वोत्तम होता है।

मंत्र जप सामग्री

  1. साफ कपड़ा
  2. देवी षष्ठी की मूर्ति या चित्र
  3. घी का दीपक
  4. ताजे फूल
  5. चंदन या अक्षत
  6. शुद्ध जल से भरा कलश
  7. पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर)

मंत्र जप संख्या

मंत्र का जप प्रतिदिन ११ माला (1188 मंत्र) करना चाहिए। माला १०८ मोतियों वाली होनी चाहिए और एकाग्रता से मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।

मंत्र जप के नियम

  1. उम्र 20 वर्ष के ऊपर होनी चाहिए।
  2. स्त्री-पुरुष दोनों इस मंत्र का जप कर सकते हैं।
  3. जप के समय नीले या काले कपड़े न पहनें।
  4. धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से दूर रहें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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जप सावधानी

मंत्र जप के दौरान मन को भटकने न दें। अगर किसी दिन जप न हो पाए तो अगले दिन उसकी पूर्ति करें।

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षष्ठी देवी मंत्र से संबंधित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न 1: मंत्र जप कब शुरू करना चाहिए?

उत्तर: शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को या किसी शुभ दिन से जप प्रारंभ करना चाहिए।

प्रश्न 2: मंत्र जप कितने दिन तक करना चाहिए?

उत्तर: कम से कम ११ से २१ दिन तक नियमित रूप से जप करना चाहिए।

प्रश्न 3: जप के दौरान कौन-से वस्त्र पहनने चाहिए?

उत्तर: सफेद, पीले या लाल रंग के वस्त्र पहनना चाहिए। नीले या काले रंग के वस्त्र न पहनें।

प्रश्न 4: मंत्र जप के लिए कौन-सी सामग्री आवश्यक है?

उत्तर: साफ कपड़ा, देवी षष्ठी की मूर्ति या चित्र, घी का दीपक, ताजे फूल, चंदन या अक्षत।

प्रश्न 5: मंत्र जप का उचित समय कौन-सा है?

उत्तर: सूर्योदय के समय या ब्रह्म मुहूर्त में मंत्र जप करना सर्वोत्तम है।

प्रश्न 6: क्या महिलाएं भी यह मंत्र जप कर सकती हैं?

उत्तर: हां, महिलाएं भी इस मंत्र का जप कर सकती हैं।

प्रश्न 7: क्या जप के दौरान मांसाहार का सेवन कर सकते हैं?

उत्तर: नहीं, मंत्र जप के दौरान मांसाहार, धूम्रपान और मद्यपान से बचना चाहिए।

प्रश्न 8: क्या जप के दौरान किसी विशेष दिशा की ओर मुख करना चाहिए?

उत्तर: हां, पूर्व दिशा की ओर मुख करके जप करना शुभ माना जाता है।

प्रश्न 9: क्या छोटे बच्चे के लिए यह मंत्र जप कर सकते हैं?

उत्तर: हां, माता-पिता अपनी संतान के लिए यह मंत्र जप सकते हैं।

प्रश्न 10: क्या मंत्र जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक है?

उत्तर: हां, मंत्र जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य है।

प्रश्न 11: मंत्र जप में कितनी माला का जप करना चाहिए?

उत्तर: प्रतिदिन 11 माला यानी 1188 मंत्रों का जप करना चाहिए।

प्रश्न 12: अगर किसी दिन मंत्र जप न हो पाए तो क्या करें?

उत्तर: अगर किसी कारणवश जप न हो पाए तो अगले दिन उसकी पूर्ति कर लें।

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